मिट्टी का नमूना इकट्ठा करने के पीएच का निर्धारण करना - mittee ka namoona ikattha karane ke peeech ka nirdhaaran karana

मिट्टी के भौतिक गुणों का अध्ययन

हमारा उद्देश्य

हमारा उद्देश्य बनावट, नमी की मात्रा, पीएच और पानी रोकने की क्षमता के लिए मिट्टी इकट्ठा करना और उसका अध्ययन करना है।

सिद्धांत

मिट्टी सड़े हुए कार्बनिक पदार्थ के साथ मिश्रित चट्टानी और खनिज कणों से मिलकर बनी ऊपरी ह्युमस होती है। इसमें मिट्टी की एक परत होती है। मिट्टी पेड़-पौधों को सहारा देती है और इसमें कई जीवित प्राणी होते हैं। हवा और पानी के साथ मिट्टी उन तीन सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से  एक है जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं।  उत्पादक मिट्टी में लगभग 46% खनिज पदार्थ, 4% कार्बनिक पदार्थ, 25% पानी और 25% हवा होती है।

मिट्टी की अनुमानित रचना नीचे दिखायी गयी है।

मिट्टी का नमूना इकट्ठा करने के पीएच का निर्धारण करना - mittee ka namoona ikattha karane ke peeech ka nirdhaaran karana

चलिए मिट्टी की भौतिक विशेषताएं देखते हैं।

मिट्टी की भौतिक विशेषताएं मिट्टी के कणों के आकार के कारण होती हैं। मिट्टी का वर्गीकरण उसके कणों के आकार के अनुसार इस प्रकार किया जाता हैं:

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मिट्टी की बनावट

मिट्टी की बनावट मिट्टी की महत्वपूर्ण भौतिक विशेषता है। इसका इस्तेमाल खेत और प्रयोगशाला दोनों में इसकी भौतिक बनावट के आधार पर मिट्टी की श्रेणियों का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। मिट्टी की बनावट अलग-अलग आकार के घटक ठोस कणों के अनुपात पर निर्भर करती है। रेत, गाद, और चिकनी मिट्टी शब्द कण के आकार को दर्शाते है; रेत के  कण सबसे बड़े होते हैं और चिकनी मिट्टी के सबसे छोटे होते हैं। रेत के कणों का आकार 0.05-2मिमी होता है, गाद के कण का आकार 0.002-.05मिमी होता हैं और चिकनी मिट्टी का 0.002 मिमी से छोटा होता हैं।

दोमट शब्द  रेत, गाद, और चिकनी मिट्टी के कण के आकार के संयोजन वाली मिट्टी को दर्शाता है। हरेक बनावट रेत, गाद, या चिकनी मिट्टी के विशिष्ट प्रतिशत से मेल खाती है।

मिट्टी की बनावट का त्रिकोण (सॉयल टेक्सचर ट्राइएंगल) मिट्टी की बनावट के नामों का अर्थ दर्शाने और समझने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण है। नीचे दी गई आकृति रेत, गाद और चिकनी मिट्टी के प्रतिशत के आधार पर सभी 12 संरचना वर्गों को दिखाती है।

मिट्टी का नमूना इकट्ठा करने के पीएच का निर्धारण करना - mittee ka namoona ikattha karane ke peeech ka nirdhaaran karana

अगर हमें मिट्टी में रेत, गाद और चिकनी मिट्टी के प्रतिशत के बारे में पता है, तो संरचना संबंधी त्रिकोण से संरचना संबंधी वर्ग की पहचान की जा सकती है।  उदाहरण के लिए 12% चिकनी मिट्टी, 55% रेत और 31% गाद से बनी मिट्टी के लिए हम देखेंगे कि मिट्टी के संरचना वर्ग का निर्धारण कैसे करना है।

यहां पर, मिट्टी के नमूने में 12% चिकनी मिट्टी है, इसलिए चिकनी मिट्टी के प्रतिशत के अनुरूप रेखा खींचें। इसी तरह रेत के प्रतिशत (55%) और गाद के प्रतिशत (31%) के लिए भी लाइनें खींचें। एक- दूसरे को काटनेवाली लाइनें हमारे पास जो मिट्टी है उसका संकेत करती हैं। ऊपर दिए गए नमूने में मिट्टी 12% चिकनी मिट्टी, 55% रेत, और 31% से बनी हैं; इसलिए मिट्टी रेतीली दोमट प्रकार की है।

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मिट्टी का पीएच

मिट्टी का रासायनिक गुण अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों और मिट्टी के पीएच की उपस्थिति पर निर्भर करता है। मिट्टी का पीएच मिट्टी की अम्लता (एसिडिटी) या क्षारीयता (एल्केपलिनिटी) का संकेत करता है। मिट्टी का पीएच मिट्टी में खनिजों की उपलब्धता का निर्धारण करने में भी महत्वपूर्ण है। अलग-अलग पौधों के लिए मिट्टी के अलग-अलग अनुकूल पीएच की जरूरत होती है। अधिकांश पौधे लगभग 6 से 7 का पीएच पसंद करते हैं। यह बहुत हल्का अम्लीय (एसिडिक) होता है।

मिट्टी में पानी रोकने की क्षमता

मिट्टी का एक मुख्य कार्य पानी रोके रखना और इसे पौधों की सुलभता के लिए उपलब्ध कराना है। मिट्टी का सारा का सारा पानी पौधों के लिए उपलब्ध नहीं होता है। इसलिए पौधों के लिए उपलब्ध पानी की मात्रा का निर्धारण मिट्टी में रंध्रों के रिक्त स्थान की संख्या और आकार द्वारा किया जाता है। गहरी परतों में गुरुत्वाकर्षण वाले पानी के रिसाव के बाद मिट्टी की केशिका के रिक्त स्थानों (कैपिलरी स्पेकस) द्वारा रोक कर रखी गई पानी की मात्रा मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता होती है। बारीक रेतीली दोमट, तलछट दोमट और तलछट वाली चिकनी मिट्टी का दोमट पानी की सबसे ज्यादा मात्रा रोकता है जबकि रेत, बलुई रेत और रेतीली दोमट की पानी रोकने की क्षमता सीमित होती है।

सीखने के परिणाम:

  • छात्र मिट्टी के भौतिक गुणों को समझते हैं।
  • छात्रों मिट्टी की बनावट, पीएच और पानी रोकने की क्षमता को समझते हैं।
  • छात्र एनीमेशन और सिमुलेशन के माध्यम से गुजरकर वास्तविक प्रयोगशाला में बेहतर प्रयोग करते हैं।

मिट्टी का नमूना इकट्ठा करने के पीएच का निर्धारण करना - mittee ka namoona ikattha karane ke peeech ka nirdhaaran karana

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मृदा नमूनाकरण और मृदा पी एच निर्धारण क्या है?

मृदा नमूनाकरण क्या है? मृदा नमूना करण मिट्टी का एक छोटा सा नमूना लेने की प्रक्रिया है, जिसे बाद में पोषक तत्व निर्धारित करने के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। … मिट्टी का विश्लेषण मिट्टी के नमूने लेकर और प्रयोगशाला परीक्षण करके किया जाता है, जिसके बाद परिणामों की व्याख्या की जाती है।

नमूना लेने का उद्देश्य क्या है?

नमूना लेने के उद्देश्य ऊसर तथा आम्लिक भूमि के सुधार तथा उसे उपजाऊ बनाने के सही ढंग जानने के लिए। बाग़ व पेड़ लगाने में भूमि कि योग्यता निश्चित करने के लिए।

नमूना लेने के तरीके क्या हैं?

मिट्टी का प्रतिनिधि नमूना कैसे लें ?.
जिस खेत का नमूना लेना हो उसके 8 - 10 स्थानों पर निशान लगा लें।.
प्रत्येक निशानदेह स्थान की ऊपरी सतह से घास-फूस, कंकड़-पत्थर आदि साफ कर लें।.
निर्धारित स्थान पर खुरपी या फावड़े से '' ट '' आकार का 15 सैं.मी. ... .
इसी मिट्टी को साफ-सुथरे तसले, ट्रे या बोरी पर रख लें।.

मिर्धा पीएच का निर्धारण कैसे किया जाता है?

मिट्टी का पीएच मान 1-14 के बीच होता है और 7 तटस्थ माना जाता है। कृषि मिट्टी का इष्टतम पीएच मान 5.5 से 7 के बीच होता है।