मिट्टी के छोटे छोटे बर्तन कैसे बनाते हैं? - mittee ke chhote chhote bartan kaise banaate hain?

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हालांकि आपके पास आपकी पसंदीदा प्लेट्स, कटोरियाँ और प्याले हैं--परंतु स्वयं मिट्टी के बर्तन बनाने की विधि (pottery) से अपने लिए ये वस्तुएँ बनाना और भी अच्छा होगा। किसी दुकान से लुभावने सामान लेना ठीक है, पर प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में अपना हाथ होना अमूल्य होगा- और आपकी सोच से अधिक सरल भी!

  1. मिट्टी के छोटे छोटे बर्तन कैसे बनाते हैं? - mittee ke chhote chhote bartan kaise banaate hain?

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    आप व्यवहारिक या अव्यवहारिक मिट्टी का सामान बनाना चाहते हैं?: आपकी आवश्यकता के अनुसार, मिट्टी के बर्तन बनाने की चाक (pottery wheel) पर एक कटोरा बनाना सर्वोत्तम होगा, परंतु सजावटी मिट्टी का सामान संभवतः हाथ से बनाना सर्वश्रेष्ठ होगा। आप अधिकांशतः भीतर से खोखली मिट्टी की प्रतिमा भी बना सकते हैं जिसे आग में पकाते समय हवा निकलने के लिए एक छिद्र भी बनाया हो।

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    आप उस वस्तु को बनाने के उद्देश्य, नाप, आकार, और रंग की कल्पना करें: "पॉटरी" एक बहुत ही भ्रामक परिभाषा है --किसी भी एक कृति की रचना की दर्जनों विधियाँ हो सकती हैं। प्रत्येक वस्तु की रचना के लिए, कला के विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखना होगा। किसी मिट्टी की वस्तुओं की बिक्री करने वाली पॉटरी गैलरी में जाकर पता करें कि वो कैसे बनी हैं। आप कलात्मक वस्तुओं के लिए आपूर्ति की दुकान में जाकर सर्वश्रेष्ठ सामग्रियों, मूल्य, जलावन, रोगन, या नौसिखियों की कक्षा के विषय में विचार विमर्श कर सकते हैं जिनसे मनचाहा परिणाम प्राप्त हो। आप अपनी कृति के चयन के लिए उपलब्ध संसाधनों का पता करें।

    • विचार करना आरंभ करें। यदि आप बीड्स, साबुनदानियाँ और ऐसी अन्य छोटी वस्तुएँ ही बनाना चाहते हैं, तो तख्ते की विधियाँ सर्वोत्तम होंगी। सजावटी बक्सा बनाना कठिन होगा क्योंकि मिट्टी को बक्से के आकार में खड़ा करने के लिए उसके सूखने का अनुमान आपको होना चाहिए। 50% पानी और मिट्टी के मिश्रण, स्लिप (slip), को आप गोंद के समान प्रयुक्त कर सकते हैं। एक बेंत से मिट्टी के खुरदुरेपन को समतल करके स्लिप लगानी चाहिए और फिर उँगलियों से उसे सील कर देना चाहिए। पशु बनाना मज़ेदार होता है, पर उनके पैर बनाने में समस्या उठती है। बैठे हुये पशु बनाने के विषय में सोचें। फूलदान, प्लेटें, बर्तन, डिनर के बर्तन, दीवार सजाने की वस्तुएँ आदि बनाने की सीमा अंतहीन है।

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    मिट्टी का चयन करें: कुछ बनाने का निश्चय करने के बाद आप अपनी सामग्री का चयन कर सकेंगे। हवा से सूखने वाली मिट्टी को आग में पकाना भी नहीं होगा। किन्तु ये कुछ अधिक महंगा होगा, अतः आप छोटी कृतियों तक ही स्वयं को सीमित रखना चाहेंगे। फ़ीमो (Fimo) मिट्टी को सामान्य ओवेन में पकाया जाता है और ये कई रंगों में उपलब्ध भी है जिन्हें आपस में मिलाया जा सकता है। अन्यथा, भिन्न परिणाम देने वाली, धीमी और तीव्र आंच की मिट्टियाँ भी मिलती हैं।

    • धीमी आंच की मिट्टी चटकीले रंगों और महीन सजावट के लिए बहुत अच्छी होती है। परंतु पानी में ये बहुत अच्छी नहीं होती हैं, इसलिए जब आप इस मिट्टी का प्रयोग कर रहे हों, तो उसपर रोगन का प्रयोग करें जो इसको सील कर दे।
    • तीव्र आंच की मिट्टियाँ चटक रंगों के लिए बहुत अच्छी नहीं होतीं, परंतु वे दृढ़ और जलरोधक होने के साथ साथ सुगमता से आकार में ढाली जा सकती हैं। आग में रोगन बह सकता है, जिससे सूक्ष्म चित्रकारी धूमिल हो सकती है।[१]

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    अपनी परियोजना के लिए सर्वोत्तम विधि का निर्णय करें: चयन करने के लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं:

    • चाक(potter’s wheel): कटोरों, प्लेट्स, फूलदानों या वे वस्तुएँ जिनके आकार को समरूपता और गोलाई चाहिए, के लिए सर्वश्रेष्ठ है। इसमें पारंगत होने के लिए अत्यधिक अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसमें भट्ठी के साथ साथ आंच तथा रोगन के ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यह छोटी और बड़ी वस्तुओं के लिए अच्छा होता है, परंतु आरंभ में त्रुटि होने पर उसका पुनर्निर्माण कठिन होता है।
    • हाथ की चुटकी से: छोटी वस्तुओं के लिए सर्वोत्तम। ये विधि बहुत सरल है: कम मात्रा में मिट्टी लें जिसे अपनी हथेली पर रखकर काम कर सकें। यदि आप इसको सम और गोल आकार का बनाना चाहते हैं तो अपने अंगूठे और तर्जनी से दबाव डालते हुये इसे दूसरी हथेली पर पलटते रहें। इसकी सतह को चिकना करने के लिए गीले स्पंज का प्रयोग करें।
    • कुंडलीकरण (coiling): खोखली और बेडौल कृतियों के लिए सर्वश्रेष्ठ: आप अनेक पर्तों वाली एक रोचक आकृति बना सकते हैं। मिट्टी के केवल एक पिंड (block) के स्थान पर, कई पिंड एक के ऊपर एक रखकर आकार दें। वे स्लिप से एक दूसरे से चिपक कर एक ढेर बना लेंगे।
    • पटिया (slab) बनाना: चिपटी रचनाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ। आप मिट्टी के किनारों को एक आकार पर रख दें। उस आकार पर हल्का खाना पकाने वाले तेल का लेप लगा दें या एक प्लास्टिक थैली का प्रयोग करें जिससे ये सतह पर चिपक न जाये। सूखने पर इसे ढांचे से उठा लें, ये सिकुड़ हुआ होगा और संभवतः बर्तन के ऊपर ढंका हुआ छोड़ने से इसमें दरारें पड़ी होंगी परंतु इसका आकार बना रहेगा।

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    आकार दें: ये आपके और आपकी निपुणता के ऊपर है। यदि आपके पास चक्का है, तो अति उत्तम। किन्तु यदि नहीं है, तो आपके पास कार्य करने के अनेकों मार्ग हैं। यदि आप पॉटरी के लिए नए हैं, तो किसी अनुभवी व्यक्ति से या ऑनलाइन वीडिओज़ से सीख सकते हैं; यह एक कला है, जिसके लिए निपुणता अत्यावश्यक है।

    • कुछ मिट्टियाँ आकार में सरलता से नहीं ढलती हैं, इनको पुनः एक गेंद जैसा बनाकर, फिर आकार दिया जाता है। मिट्टी का चयन करते समय सावधानी बरतें – किंचित मिट्टी आपको दूसरा अवसर न दे।

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    पॉटरी को विद्युतीय भट्ठी में रखें: 12 घंटे के लिए भट्ठी का तापमान 850 डिग्री तक बढ़ाएँ। इससे “बिस्क” (“Bisque”) या “अनग्लेज़्ड़ पॉटरी” (“Unglazed Pottery”) प्राप्त होगी। आपकी कृति का भौतिक और रासायनिक जल, तपाने की प्रारम्भिक क्रिया से सूख जाएगा जिससे उसपर रोगन करते समय वह टूटेगा नहीं और न ही कीचड़ में बदलेगा। सिरेमिक्स (Ceramics) जगत में तापमान श्रेणी को “कोन्स” (“Cones”) कहा जाता है।[२]

    • तापमान को कम होने दें और 48 घंटे बाद जब तापमान एकदम ठंढा हो जाये तो पॉटरी को भट्ठी से निकाल लें।

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    अपनी रचना को चमकीले रोगन (Glaze) से रंगें: ये ध्यान रखें की रोगन बह जाता है। अपनी रचना की पेंदी पर मोम की पर्त लगा दें जिससे वह भट्ठी की ताक से चिपके नहीं। यदि आप अधिक सूक्ष्म रेखाएँ बनाना चाहते हैं, तो “बिस्क स्टेन” (“Bisque Stain”) से रंग करें और उसपर पारदर्शी रोगन लगाएँ।

    • यदि आपकी कृति की सतह खुरदुरी है, तो 100 ग्रिट रेगमाल या रसोई के छीलन वाले चाकू के किनारे से उसे चिकना कर लें। फिर स्पंज से उसकी धूल को हटा दें जिससे रोगन भलीभाँति चिपक सके।[२]
    • रोगन अनेक विधियों से किया जाता है: डुबाकर, ब्रश से, स्पंज से, या उकेरकर –- सूचि लंबी है। पॉटरी की पेंदी को रोगन से बचाने के लिए मोम का लेप करें। आप सूखा या तरल रोगन ख़रीद भी सकते हैं। एक दिन आप अपना रोगन स्वयं बना सकेंगे।

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    रोगन को पिघलाकर सील करने के लिए पॉटरी को पुनः गरम करें: आपकी रचना की मिट्टी, उसकी नाप, और रोगन पर निर्भर करते हुये आपको 25000 फ़ारेनहाइट (11480 C) ताप वाली भट्ठी चाहिए।

    • बहुत मंद ऊष्मा से रात भर भट्ठी को गरम करें। मंद ऊष्मा पर दो घंटे (2000 F प्रति घंटा से अधिक ताप वृद्धि न हो) और फिर दो घंटे मध्यम ऊष्मा पर (3000 F प्रति घंटा से अधिक ताप वृद्धि न हो)। अंततः, तेज़ ऊष्मा (300 से 4000 F प्रति घंटा ताप वृद्धि) पर, मनोवांछित तापमान होने पर कार्य पूर्ण करें।

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    अपनी रचना की पेंदी को चिकना कीजिये: भट्ठी में अनुपयुक्त ढंग से रखे होने के कारण, संभवतः उसका आधार समतल न रह गया हो। उसे बराबर कर लें जिससे ताक या मेज़ पर बिना लुढ़के टिक सके।

    • आप चाहें तो रचना के आधार पर नमदा चिपकाएँ। और अब अपनी तैयार कलाकृति को सराहें!

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अच्छे अच्छे मिट्टी के बर्तन कैसे बनाएं?

आप मिट्टी के किनारों को एक आकार पर रख दें। उस आकार पर हल्का खाना पकाने वाले तेल का लेप लगा दें या एक प्लास्टिक थैली का प्रयोग करें जिससे ये सतह पर चिपक न जाये। सूखने पर इसे ढांचे से उठा लें, ये सिकुड़ हुआ होगा और संभवतः बर्तन के ऊपर ढंका हुआ छोड़ने से इसमें दरारें पड़ी होंगी परंतु इसका आकार बना रहेगा।

कुम्हार मिट्टी के बर्तन कैसे बनाते हैं?

पहले बांस के एक औजार से मिट्टी की पर्ते काट कर मिट्टी के कंकड निकाले जाते हैं, यह क्रिया मिट्टी चलाना कहलाती है। इसके बाद मिट्टी में रेत मिलाकर उसे पैरों से खूँदते हैं, इस प्रकार तैयार की गई मिट्टी, निबड़ला मिट्टी कहलाती है । बस्तर के कुम्हार चाक लकड़ी का बनाते हैं, यह चाक बैलगाड़ी के पहिये जैसा होता है।

मिट्टी के कौन कौन से बर्तन होते हैं?

पुराने समय में और आज भी कहीं कहीं गांवों में मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है इन बर्तनों के नाम इस प्रकार है मटका, परात, तवा , सुराही, गुल्लक, ढकणी या ढाकणी, बिलौना, दीपक, कुल्हड़, तावणी, कुंडा, कटोरा, पारी, सिकोरा। इसके अलावा आजकल बहुत से सजावटी आईटम और खिलौने भी मिट्टी से बनाए जाते हैं

चीनी मिट्टी के बर्तन कैसे होते हैं?

चीनी मिट्टी के बर्तन को बनाने के लिए गीली मिट्टी को एक आवश्यक आकार दिया जाता है। फिर उन्हें एक भट्ठी में उच्च तापमान तक गर्म कर दिया जाता है जो मिट्टी से सभी पानी सोख लेती है। पानी सूख जाने से आकार सख्त हो जाता है और विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है।