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Edited by मिथिलेश धर दुबे| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 12 Dec 2021, 12:18 pm गोवा में अल्कोहल पर सबसे कम टैक्स लगता है,जिसकी वजह से शराब की कीमत देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा कम है। पर्यटन राज्य की होने की वजह से यहां सैलानियों की आवाजाही भी बहुत रहती है।Tomato Price Hike: कहीं थाली से गायब न हो जाए टमाटर, देश के इस इलाके में बिक रहा 140 रुपये किलो देश के दूसरे राज्यों में पिछले महीने टमाटर की कीमत 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गयी थी, हालांकि कीमत अब धीरे-धीरे कम हो रही हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार देश की राजधानी नई दिल्ली में शनिवार 110 दिसंबर को टमाटर की
खुदरा कीमत 52 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि नवंबर महीने में यही कीमत 60 से 80 रुपए तक पहुंच गयी थी। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादगोवा में शराब सस्ती क्यों है?गोआ की इकोनॉमी टूरिज्म पर निर्भर है। इसके अलावा ज्यादातर टूरिस्ट यहां की बनी मशहूर फेनी शराब खरीद कर ले जाते हैं , सरकार ने इन्हीं कारणों से वहां टैक्स कम रखा हैं ताकि बिक्री ज्यादा हो।
शराब पर टैक्स कितना लगता है?ज्यादातर राज्य शराब पर वैट (VAT) या उत्पादन शुल्क या फिर दोनों ही लगाते हैं. इसको ऐसे समझिए अगर कोई व्यक्ति 1 लीटर शराब खरीदता है तो उसको 15 रुपये फिक्स एक्साइज ड्यूटी देनी होती है. वहीं, अगर एक शराब की बोतल की कीमत 100 रुपये है तो राज्य उसपर 10 प्रतिशत वैट लगाता है, तो कीमत बढ़कर 110 रुपये हो जाती है.
गोवा में बियर का रेट क्या है?शराब की कीमतों में इस बढ़ोतरी से गोवा में पर्यटन भी प्रभावित होगा। एंट्री लेवल बीयर पर उत्पाद शुल्क अब 30 रुपये प्रति थोक लीटर से बढ़ाकर 42 रुपये कर दिया गया है।
गोवा शराब कैसे बनता है?गोवा में फेनी का चलन करीब 500 साल पुराना है. फेनी एक तरह की पारंपरिक शराब है, जिसे काजू फल से तैयार किया जाता है. इसमें किसी भी तरह के ऑर्गेनिक या आर्टिफिशियल फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. दूसरे शराब की तरह फेनी पीने से हैंगओवर नहीं होता.
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