बरगद का पेड़ का दूध खाने से क्या होता है? - baragad ka ped ka doodh khaane se kya hota hai?

Published on: 10 June 2021, 20:15 pm IST

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बरगद को एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसे भारत के राष्ट्रीय वृक्ष के रूप में भी जाना जाता है। भारत में यह कई लोगों द्वारा पूजा जाता है और घरों और मंदिरों के आसपास लगाया जाता है। अनादी काल से भारतीय महिलाएं वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती आ रही हैं। पर क्‍या आप जानती हैं कि पौराणिक महत्व होने के साथ-साथ इसका औषधीय महत्व भी है।

बहुत खास है बरगद का पेड़

इस पेड़ का धार्मिक और सांस्‍कृतिक महत्‍व भारत में काफी ज्‍यादा है। पर बरगद के पेड़ के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण इंसुलिन स्राव को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। बरगद में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह अपने कषाय (कसैले) गुण के कारण दस्त और ल्यूकोरिया जैसी महिला समस्याओं में उपयोगी है।

बरगद के पेड़ का फल, पत्ते, छाल, दूध सभी आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। परंतु आज हम बात करेंगे बरगद के पेड़ के दूध की, जो कि आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

तो आइये जानते हैं बरगद के दूध के फायदे

1. वात , पित और कफ को संतुलित करता है

बरगद का दूध ठंडी प्रकृति का होता है। यह शरीर से अनावश्यक गर्मी को निकालता है। इसका दूध शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों ही दोषों को नष्ट करता है। इसलिए इसके दूध का सेवन करने से वात, पित्त और कफ से उत्पन्न कोई भी समस्याएं आपके शरीर में नहीं रह सकती हैं।

गट हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है बरगद के पेड़ का दूध। चित्र-शटरस्टॉक।

2. हड्डियों को मजबूती देता है

इसके दूध में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है इसलिए यह हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। बरगद के पेड़ का दूध शरीर को सुडौल व शक्तिशाली बनाता है। इसमें एंटीबायोटिक गुण बहुतायत मात्रा में होते हैं जिसकी वजह से यह शरीर को कभी भी रोग ग्रस्त नहीं होने देता।

3. त्वचा को साफ रखने में मददगार

इसे चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और फुंसियां खत्म हो जाती हैं और चेहरे पर कांति आती है। बरगद के पेड़ का दूध खून को साफ करने वाला होता है। यह शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को दूर करता है।

4. चोट से दिलाये राहत

बरगद का दूध त्वचा के कटने और चोटों पर लगाने पर रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी जड़ी बूटी है। इसके दूध में मौजूद कषाय (कसैले) और सीत (ठंडे) गुणों के कारण यह रक्तस्राव को नियंत्रित करने और घाव भरने में तेजी लाने में मदद करता है।

घी के साथ करें बरगद के पेड़ के दूध का सेवन। चित्र: शटरस्‍टॉक

बरगद के पेड़ के दूध को इस्तेमाल करने का तरीका और अन्य सावधानियां:

बरगद के दूध का सेवन आप घी या दूध के साथ कर सकते हैं, बस याद रहे कि इसका सेवन हमेशा किसी चीज़ के साथ मिलाकर करें।

एक बार परेशानी ठीक हो जाने के बाद इसका सेवन तुरंत बंद करे दें।

अगर इसके दूध का सेवन या उपयोग करने के बाद भी समस्या बनी हुई है, तो चिकित्सीय सलाह ज़रूर लें।

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बरगद का पेड़ का दूध खाने से क्या होता है? - baragad ka ped ka doodh khaane se kya hota hai?

दूध पीना सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बरगद के पेड़ के दूध से भी कई फायदे मिल सकते हैं। आयुर्वेद में बरगद के पूरे पेड़ को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। इसके पत्ते, फूल, फल, छाल और दूध सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसे वट वृक्ष (Banyan Tree) के नाम से भी जाना जाता है। बरगद भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है। यह तासीर में ठंडी और गुण में कसैला होता है। आज हम आपको बरगद के दूध में फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। बरगद का दूध सेहत को कई फायदे पहुंचाता है। यह वेदनाशक और व्रणरोपक होता है। आयुर्वेद के अनुसार बरगद का दूध वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मददगार होता है।

वात, पित्त और कफ दोष के बढ़ने पर बरगद के दूध का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से त्रिदोष शांत होते हैं। इसका सेवन वात, पित्त और कफ तीनों प्रकृति के लोग कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके शरीर में तीनों प्रकृति शांत हैं, तो इसके सेवन से बचें। इनके असंतुलन होने पर ही इनका सेवन करना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं बरगद के दूध के फायदे-

बरगद का पेड़ का दूध खाने से क्या होता है? - baragad ka ped ka doodh khaane se kya hota hai?

बदगद के दूध में गुण (Properties in Banyan Tree ilk)

  • कैल्शियम (Calcium)
  • एंटीबायोटिक  (Antibiotic)
  • स्वाद- कसैला (Harsh)
  • तासीर- ठंडी (Cool)

बरगद के दूध की तासीर ठंडी होने की वजह से यह पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी होता है।

1. हड्डियों को मजबूत बनाए बरगद का दूध (Banyan Milk Makes Bones Strong)

जैसे गाय, भैस के दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, वैसे ही बरगद का दूध भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स होता है। अकसर महिलाओं को 40 की उम्र के बाद हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम के सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन आप चाहें तो इस दूध के सेवन से भी अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकती हैं। इसके दूध में कैल्शियम काफी अच्छी मात्रा में होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। हड्डियों या जोड़ों में दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।

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2. शरीर की गर्मी शांत करे बरगद का दूध (Banyan Milk Make Body Cool)

बरगद के दूध की तासीर बेहद ठंडी होती है, ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए इसका सेवन करना बेहद लाभकारी होता है। दरअसल, पित्त प्रकृति वाले लोगों के शरीर में अग्नि की अधिकता यानी गर्मी ज्यादा रहती है। इससे कई रोग पैदा होने लगते हैं, ऐसे में इसे शांत करने के लिए बरगद का दूध फायदेमंद हो सकता है। आप अपने शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए इस दूध का सेवन डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं।

बरगद का पेड़ का दूध खाने से क्या होता है? - baragad ka ped ka doodh khaane se kya hota hai?

3. घाव भरने में सहायक बरगद का दूध (Banyan Milk is Beneficial in Wound Healing)

बरगद के दूध में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो चोट के घाव को भरने में मदद करता है। शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने या कटने पर बरगद का दूध लगा लिया जाए तो इससे काफी आराम मिल सकता है। यह कटने पर होने वाले रक्त स्त्राव को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही इसके घाव को भी धीरे-धीरे ठीक करता है।

4. फोड़े-फुंसियां ठीक करे बरगद का दूध (Banyan Milk Cure Skin Disease)

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त बढ़ने पर त्वचा रोग जन्म लेते हैं। ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोगों को ठंडी और कसैले चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बरगद के दूध की तासीर ठंडी और स्वाद कसैला होता है। ऐसे में अगर इसका सेवन किया जाए, तो आपको त्वचा पर होने वाले फोड़ें-फुंसियों से छुटकारा मिल सकता है। अगर आपको किसी भी तरह का त्वचा रोग है, तो डॉक्टर की सलाह पर बरगद के दूध का सेवन कर सकते हैं। 

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बरगद के दूध का सेवन आपको हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही रोगी व्यक्ति को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए, साथ ही ठीक होते ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। आपको बरगद का दूध का सेवन किसी चीज के साथ मिलाकर करना चाहिए। आपकी बीमारी को जानकर डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं कि आपको इसे किसके साथ लेना चाहिए। बिना डॉक्टर के परामर्श का इसका सेवन बिल्कुल न करें।

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बरगद का दूध कितने दिन पीना चाहिए?

आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों का शरीर कमजोर है और नाइट फॉल की समस्‍या है, उन्‍हें बरगद के दूध का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिये। इसको ठीक इसी विधि से प्रयोग करें, जैसा यहां लिखा गया है। बताशे पर 5-6 बूंद बरगद के दूध को टपकाएं और दिन में 5-7 बार खाएं।

बरगद का दूध बताशे में डालकर खाने से क्या होता है?

सबसे पहले बरगद के दूध की 5 से 6 बूंदे मीठे बताशे पर टपकाएं और फिर इस बताशे को दिन भर में पांच से सात बार खाएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से यौन शक्ति बढ़ने के साथ ही शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।

बड़ का दूध पीने से क्या होता है?

बरगद के पेड़ के दूध के फायदे ये शरीर की गर्मी को निकालने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में हुए वात पित्त कफ के दोष को दूर करने में मदद मिलती है। स्किन का रखें रोगमुक्त (keep skin disease free) - बरगद के पेड़ का दूध शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को दूर करता है। ये चेहरे पर हुई फुंसी और दाग धब्बे को ठीक करता है।

बरगद के दूध की तासीर क्या है?

बरगद के दूध की तासीर बेहद ठंडी होती है, ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए इसका सेवन करना बेहद लाभकारी होता है।