भोपालः 26 जनवरी को हम 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं. ये बात तो हम सभी जानते हैं कि संविधान का निर्माण बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने किया था. लेकिन संविधान के निर्माण में देश के हर वर्ग ने अपना योगदान दिया था. क्या आप जानते है कि दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान के निर्माण में भारतीय महिलाओं का भी अहम योगदान रहा है. संविधान के निर्माण के लिए 389 सदस्यों की जो कमेटी बनाई गई थी. उस कमेटी में 15 महिलाएं भी शामिल थी. जिनका भारत के संविधान निर्माण में अतुल्नीय योगदान है. Show विजयलक्ष्मी पंडित सरोजिनी नायडू राजकुमारी अमृत कौर सुचेता कृपलानी मालती चौधरी लीला रॉय बेगम एजाज रसूल कमला चौधरी दुर्गाबाई देशमुख अम्मू स्वामीनाथन हंसा मेहता रेनुका रे दकश्यानी वेलयुद्धन पूर्णिमा बनर्जी एनी मसकैरिनी इन 15 महिलाओं ने भारत के संविधान निर्माण में महत्ती भूमिका निभाई थी. खास बात यह थी कि ये सभी महिलाएं देश के अलग-अलग राज्यों से आती थी. जिन्होंने महिलाओं संबंधित सभी मुद्दों को उठाया और कई मौकों मुख्य बदलाव करवाए. ये भी पढ़ेंः संविधान का जबलपुर से है खास नाता, जानिए पूरी कहानी Republic Day 2021: जानिए भारतीय संविधान की वो बातें जो आपको पता ही होनी चाहिए... एक जगह ऐसी भी, यहां 26 जनवरी नहीं 20 फरवरी को मनेगा गणतंत्र दिवस, जानिए क्या है वजह WATCH LIVE TV संविधान सभा में महिला सदस्य कौन कौन थी?1.अम्मू स्वामीनाथन -22 अप्रैल 1894 को केरल के पालघाट में जन्मीं अम्मू स्वामीनाथन 1946 में संविधान सभा की सदस्य बनीं ... . 2.दक्षायनी वेलायुधन ... . 3.बेगम एजाज रसूल ... . 4.दुर्गाबाई देशमुख ... . 5.हंसा जीवराज मेहता ... . 6.कमला चौधरी ... . 7.लीला रॉय ... . 8.मालती चौधरी. संविधान सभा में कितनी महिलाएं हैं?विभाजन के बाद, भारत की संविधान सभा में 299 प्रतिनिधि थे। इनमें प्रांतों के 229 सदस्य और देसी रियासतों के 70 सदस्य शामिल थे। कुल 15 महिला सदस्य थे।
संविधान सभा की पहली महिला कौन थी?विजयलक्ष्मी पंडित
1931 में विजयलक्ष्मी संयुक्त प्रांत सदन के लिए चुनी गई थी, जबकि उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वे ऐसी पहली महिला थी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
संविधान सभा में एकमात्र दलित महिला कौन थी?संविधान सभा की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के कुल 389 सदस्यों में एकमात्र दलित महिला सदस्य थीं दक्षायिणी वेलायुदन.
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