गेहूं को कैसे सुरक्षित रखा जाए? - gehoon ko kaise surakshit rakha jae?

Kitchen Tips: कई बार खाने-पीने की कई चीजें लंबे समय तक रखने से खराब होने लगती है, तो दाल, चावल (Rice) आदि में कई बार कीड़े और घुन (Mite) भी लग जाते हैं. कई बार डिब्‍बों के ढक्‍कन ठीक से बंद नहीं हो पाते. या फिर इन पर लगने वाले गीले हाथों की वजह से भी अनाज में नमी पहुंचती है और इनमें घुन आदि लगने लगते हैं. ऐसे में घुन लगे अनाज (Grain) का सेवन करना कई बार गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है. इसलिए अनाज को सुरक्षित रखना जरूरी होता है.

अक्सर लोग महीने भर का राशन एक साथ खरीदकर रख लेते हैं, यदि राशन को सही ढंग से ना रखा जाए तो उसमें से दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है। साथ ही इनमें कीटाणु पनपने लगते हैं जिससे वह खाने योग्य नहीं रहते और ऐसे में साफ सफाई पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

स्टोर करके रखे गए अनाज के सबसे बड़े दुश्मन

सुंडी : सुंडी एक तरह का कीट है जो अनाज के दाने में सूक्ष्म छेद करके उसे खोखला बना देता है।

खपरा बीटल : यह स्टोर में रखे अनाज का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसके बच्चे दाने के अंदर के हिस्से को खाकर नुकसान पहुंचाते हैं और प्रभावित अनाज से पाउडर निकलना शुरू हो जाता है।

स्टोर रूम तक कीटों को ना पहुंचने दें :
• कुछ कीट अनाज, दालों या उनकी फलियों पर दिए अंडों के माध्यम से घरों में पहुंचते हैं। अनाज ढोने के वाहन में भी स्टोर रूम तक पहुंच सकते हैं। कई बार पुरानी बोरियों के प्रयोग और स्टोर रूम की दीवारों की दरारों और छिद्रों में घुसने से भी ये कीट अनाज तक पहुंच जाते हैं।

अनाज को स्टोर में रखने से पहले धूप में अच्छी तरह से सुखाकर साफ कर लें। ध्यान रखें कि नमी वाले स्थान पर राशन को कभी ना रखें और नये अनाज को पुराने अनाज में मिक्स ना करें।

• अनाज को स्टील के कंटेनर में रखें। यदि कंटेनर में जंग लगा हो तो उसमें अनाज रखने से पहले उसे पेंट कर दें। इससे सामान पर नमी नहीं आएगी।
• मौजूदा समय में प्लास्टिक का कंटेनर अनाज रखने के लिए उपयुक्त है। जिस किसी स्थान पर कंटेनर रखें वहां पर चारकोल बिछा दें।
• स्टोर रूम में सेल्फास, डीलोसिया या फिर फॉसरोक्सीन का धुंआ कर लें ताकि कीट पहले ही भाग जाएं।
• यदि आप पुरानी बोरियों का प्रयोग कर रहे हैं तो इन्हें मैलाथियोन के घोल में 10 मिनट तक डुबोएं और फिर सुखाकर प्रयोग करें। अनाज की बोरी को हमेशा दीवारों से दूर रखना चाहिए।
• स्टोर रूम को बार-बार ना खोलें लेकिन इसमें रखे अनाज की हर 15 दिन बाद जांच करें।
• स्टोर रूम के पास गंदगी ना जमा होने दें। स्टोर रूम के खिड़की दरवाजे अच्छी तरह से बंद रखें ताकि चूहे आदि अंदर ना जा सकें।

अनाज को सुरक्षित रखना महिलाओं के लिए एक चुनौती बन जाता है लेकिन आप चिंता ना करें। आप अपने घर में रखे अनाज को घर में ही रखी चीज़ों के द्वारा सुरक्षित रख सकते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं घर में रखें अनाज को सुरक्षित रखने के लिए घरेलु नुस्खे :

नीम की पत्तियां : चावल को स्टोर करने के लिए पहले नीम की पत्तियों को छांव में सुखाएं। फिर कंटेनर में पहले पत्तियां रखें, उसके बाद उनके ऊपर चावल भर दें और चावलों के ऊपर नीम की पत्तियां। इससे चावलों में कीड़े होने की संभावना कम हो जाती है और यदि कीड़े होते भी हैं तो वे इन पत्तियों का सेवन करके मर जाते हैं।

सरसों का तेल : दाल को 2-3 महीने तक स्टोर करने से पहले उन पर सरसों का तेल लगाना चाहिए। उसके बाद धूप में सुखाकर कंटेनर में भरना चाहिए। राजमा, छोले पर भी सरसों का तेल लगाकर धूप में सुखाने के बाद कंटेनर में भरने से उन पर सुरसुरी जैसे कीट आदि नहीं आते।

प्याज : गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्याज मिलाया जा सकता है। एक क्विंटल गेहूं में आधा किलो अनुपात में प्याज मिलाएं। सबसे पहले प्याज को नीचे रखें और फिर बीच में और इसके बाद सबसे ऊपर। इससे गेहूं को कीड़े नहीं लगेंगे।

नीम की निंबोली : 100 किलोग्राम चने में एक किलोग्राम के अनुपात में नीम की निंबोली मिलाने से चनों को सुरिक्षत रखा जा सकता है। इसके अलावा आटे और चावल को कीटों से बचाने के लिए साबुत लाल मिर्च और साबुत नमक कॉटन के कपड़े में बांधकर कंटेनर में डालें।

गेहूं उत्पादन में भारत एक अग्रणी देश है| गेहूं की अच्छी उपज के साथ इसका सुरक्षित भंडारण एक महत्वपूर्ण विषय है| फसल की कटाई के बाद गेहूं का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है| हालांकि अनाज का भंडारण, भारत का किसान, सदियों से करता चला आ रहा है| किन्तु फिर भी लाखों टन अनाज हर वर्ष खराब हो जाता है| गेहूं भंडारण की प्रक्रिया कटाई के साथ ही शुरू हो जाती है|

क्योंकि कटाई के लिए उपयोग में लाए गए यंत्र, वातावरण की परिस्थितियां (आर्द्रता एवं तापमान), प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गेहूं के सुरक्षित भंडारण में अहम् भूमिका निभाते हैं| भंडारण की सुरक्षा एवं गुणवत्ता को हानि पहुँचाने वाले कारकों में सबसे प्रमुख है, खपरा बीटल, सुंडी और चूहों का प्रकोप| ये कीड़े बीज व मृदा के अतिरिक्त, गहाई या ढलाई में प्रयुक्त यंत्रों द्वारा भी भंडारण तक पहुँच सकते हैं|

आमतौर पर किसान इस पहलू को नजर अंदाज कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है| किसान भंडारण में किसी तरह की लापरवाही न करें| इसीलिए किसान बन्धुओं की जानकारी के लिए इस लेख में गेहूं का सुरक्षित भंडारण कैसे करें का उल्लेख किया गया है| विभिन्न प्रकार के अन्न भंडारण की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- सुरक्षित अन्न भण्डारण कैसे करें

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गेहूं भंडारण में समस्याएं

गेहूं के सुरक्षित भंडारण में बाधक विभिन्न समस्याएं इस प्रकार है, जैसे-

नमी- अन्दर की नमी तथा वातावरण की नमी दोनो की अधिकता गेहूं को खराब कर सकती है| ज्यादा नमी होने से गेहू में कीड़ो का प्रकोप अधिक होता है, क्योंकि नमी में कीट और फफूंद की वृद्धि आसान होती है| नमी से गेहू गल या सड़ जाता हैं, या अंकुरित हो जाता है|

कीट- गेहूं फसल पर पलने वाले कीट खेत में ही अनाज के दानों पर अंडे देना शुरू कर देते है| कुछ समय बाद इन अण्डों से लट या इल्ली निकलकर गेहूं को खाने लगती है| कीड़े गेहूं को धीरे-धीरे अन्दर बाहर से खाकर खोखला कर देते है| ऐसा अनाज बोने तथा खाने लायक नहीं रहता है|

चूहे- ये खड़ी फसल व भंडारित गेहूं को जितना खाते है, उससे दस गुना बर्बाद करते है| चूहों के मल, मूत्र और बाल गेहूं में मिल जाने से अनाज खराब हो जाता है|

पात्र व बोरे- यदि गेहूं भंडारण में प्रयोग होने वाले पात्रों में दरारे हैं, तो उनमें कीड़े अन्डे दे देते है, जिससे नये कीड़ो का प्रकोप हो जाता है| यदि पुराने बोरों को प्रयोग किया जाता हैं, उसमें भी कीड़े या उनके अंडे हो सकते है|

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गेहूं का सुरक्षित भंडारण

सुरक्षित अन्न भंडारण हेतु ध्यान देने योग्य कुछ प्राथमिक कदम इस प्रकार है, जैसे-

1. भंडारण के लिए गेहूं में नमी की मात्रा 8 से 10 प्रतिशत होनी चाहिए, क्योंकि अधिक आर्द्रता वाले बीजों में श्वसन प्रक्रिया बढ़ने के कारण कीटों के साथ साथ फफूंद का आक्रमण भी बढ़ जाता है|

2. गेहूं को सामान्य तापमान पर अच्छी तरह सुखा कर ही भंडारित करें, क्योंकि, अधिक तापमान बीजों की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव डालता है|

3. भंडारित गेहूं को सुंडी, खपरा बीटल, घुन इत्यादि से सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि ये गेहूं को अधिक हानि पहुंचाते हैं|

4. फसल कटाई के लिए संक्रमण मुक्त यंत्रों एवं साधनों का प्रयोग करें|

5. कभी भी पुरानी बोरियों या कुठला इत्यादि को बिना उपचारित किए भंडारण के लिए उपयोग न करें| यदि सम्भव हो तो नई बोरियों का इस्तेमाल करें| यदि भंडारण में पुराने बोरों का प्रयोग करना है तो इन्हें एक प्रतिशत मैलाथियान के घोल में 10 मिनट तक डुबो दें और सुखाकर प्रयोग करें|

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6. गेहूं भंडारण वाले कमरे को डी.डी.वी.पी. (40 मी.ली.), मेलाथिऑन (40 मी.ली.) या डेल्टामेथ्रिन (40 ग्राम) से उपचारित करने के पश्चात ही उपयोग करें|

7. नमी के प्रभाव को खत्म करने के लिए अन्न की बोरियों को लकड़ी के फट्टों या पोलोथिन की चादर पर ही रखें|

8. भंडारण करने से पहले गेहूं की जाँच कर लें ताकि कीड़ों की उपस्थिति का पता लगाया जा सके, यानि पहले ही गेहूं में कीड़ा लगा हो तो एल्यूमिनियम फॉस्फाइड (3 गोली प्रति 10 कुंतल बीज) से प्रधुमित करें|

9. प्रधुमन के समय उच्च गुणवत्ता वाला वायु रोधी कवर, बहुसतही कवर, मल्टी क्रॉस लैमिनेटेड कवर ही इस्तेमाल करें|

10. पुराने गेहूं को नए भंडारित गेहूं के साथ कदापि न रखें|

11. यदि कुठले या बिन में भंडारण करना हो तो नीम की सूखी पत्तियों द्वारा प्रधुमित करना भी एक असरदार युक्ति है| किंतु भंडारण के पश्चात् पात्र का मुंह बंद करके उसे वायु अवरोधी बनाना अत्यंत आवश्यक है|

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12. भंडारण के लिए प्रयोग किए जाने वाले गोदाम, पात्र या वायु रोधी कवर में किसी भी प्रकार की दरार या छेद को भंडारण से पूर्व ही बंद कर लें ताकि संक्रमण से बचा जा सके|

13. चूहों के नियंत्रण के लिए एल्युमिनियम फॉस्फाइड, चूहे दानी या एंटी कगुलेंट्स का प्रयोग करें|

14. भंडारण के बाद दरवाजे तथा खिड़कियों के जोड़ों को भली प्रकार गीली मिंट्टी से बंद कर दें, लेकिन एक वेंटीलेटर जरूर बनायें|

15. गोदामों के आसपास गंदगी न रहने दें, एक गोदाम में एक ही प्रकार का अनाज भंडारित करें|

घरेलू उपयोग हेतु

घरेलू प्रयोग हेतु लोहे की टंकी आदि में गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए यह तरीका भी अपनाया जा सकता है, जैसे-

टंकी में एक क्विंटल गेहूं भंडारित करते समय एक माचिस (तीलियों से भरी) तली में, दूसरी मध्य में तथा तीसरी माचिस सबसे ऊपर रखनी चाहिए| एक किलो नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर भंडार करने से पहली टंकी की तली में बिछाना चाहिए| इससे गेहूं खराब नहीं होगा| यह तरीका कम मात्रा में गेहूं को भंडारित करने का है|

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गेहूं को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

2 नीम की पत्तियों से :- नीम में बहुत ही औषोधीय गुण होते है। नीम की पत्तियो को छाव में सुखाकर उन्हें गेहू के साथ मिलाकर अनाज की पेंटी में रख देते हे तो काफी समय तक वो कीटो और कवक से गेहू को सुरक्षित रखता है। ज्यदातर ग्रामीण इसी विधि का उपयोग करते है।

गेहूं को घुन से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

वहीं अगर गेहूं को घुन आदि से बचाए रखना है तो साबुत नमक को सूती कपड़े में बांध लें और फिर इसे गेहूं में रख दें. दालों को घुन से बचाने के लिए गर्मी के मौसम में आप दालों के कंटेनर या डिब्‍बों में नीम की कुछ पत्तियां डाल दें. इससे दालों में घुन नहीं लगेंगे.

गेहूं खराब ना हो इसके लिए क्या करें?

नीम के पत्ते तोड़ कर गेहूं की टंकी में डाल देने से उसमे घुन या कीड़े नहीं लगते और ये हानिकारक प्रभाव भी नहीं छोड़ता। अगर आज पास नीम के पत्ते नहीं मिलते तो उसकी जगह पर आप माचिस की तिल्लियों का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मार्केट में इसके लिए गोलियां भी आती हैं जिनका नाम पारद टिकिया होता है।

आटे को कीड़ों से बचाने के लिए क्या करें?

नमक का इस्तेमाल करें अगर आप आटे को एक साथ तक स्टोर करना चाहती हैं तो इसमें नमक मिक्स कर दें। अगर आटा 10 केजी है तो उसमें चार से पांच चम्मच नमक मिक्स कर दें और फिर इसे स्टोर करें। इससे कीड़े-मकोड़े नहीं लगेंगे और आटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे।