अगर पक्षी नहीं होते तो क्या होता? - agar pakshee nahin hote to kya hota?

Yadi Main Pakshi Hota Essay in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको पक्षियों के जीवन के बारे में पक्षियों से जुड़े हर छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं। पक्षियों का जीवन जीना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है, क्योंकि उनको हमेशा एक डर सताता है कि कोई भी मनुष्य उनको पकड़ ना ले और पकड़ कर पिंजरे में बंद ना कर दें। क्योंकि सभी को अपनी आजादी प्यारी होती है चाहे वह इंसान हो या फिर जानवर कोई भी बंधन में बंध के नहीं रहना चाहता।

अगर पक्षी नहीं होते तो क्या होता? - agar pakshee nahin hote to kya hota?
Image: Yadi Main Pakshi Hota Essay in Hindi

इसीलिए आज हम आपको एक पक्षी के रूप में अगर आप खुद हो तो कैसा जीवन आपको जीना पड़ेगा। इस पर हम आज एक निबंध लिख रहे हैं।

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विषय सूची

  • यदि मैं पक्षी होता पर निबंध | Yadi Main Pakshi Hota Essay in Hindi
    • यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (250 शब्दों में)
    • यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (850 शब्दों में)
    • अंतिम शब्द

यदि मैं पक्षी होता पर निबंध | Yadi Main Pakshi Hota Essay in Hindi

यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (250 शब्दों में)

जब मैं आसमान की तरफ देखता हूं, तो वहां पर सभी सुंदर सुंदर पक्षियों को उड़ता हुआ देख मेरे मन में भी ख्याल आता है कि अगर मैं एक पक्षी होता तो क्या करता? मेरा मन करता है कि मैं भी पक्षी बनकर आसमान में ऊंचाइयों तक पहुच जाऊ और बादलों को छू लूँ।

यदि मैं एक पक्षी होता तो आसमान में उड़ कर बादलों के बीच में खेलता और वहां पर ठंडी- ठंडी हवा का भरपूर आनंद लेता, क्योंकि यहां धरती पर हमें आए दिन यातायात के साधनों का उपयोग करना पड़ता है, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए। अगर मैं पक्षी होता तो आसानी से उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर चला जाता।

हर मनुष्य अपने जीवन में कुछ ना कुछ उम्मीद रखता है। वह सोचता है कि पक्षी का जीवन सबसे अच्छा माना जाता है। पक्षियों को किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं होती है, ना उनकी कोई उम्मीद होती है। वह सिर्फ अपनी धुन में मस्त रहते हैं और हमेशा आसमान की ऊंचाइयों पर उड़ते रहते हैं। मेरा मन भी इन सभी पक्षियों की तरह जीवन जीने को करता है।

अगर मैं पक्षी हो जाऊं तो मुझे पूरी आजादी मिल जाएगी मुझे किसी से अपने बाहर घूमने, फिरने, खेलने के लिए किसी से आज्ञा नहीं मांगी पड़ेगी। पक्षियों का जीवन बहुत अच्छा होता है। पूरे दिन भर इधर से उधर उड़ते रहते हैं। भोजन की तलाश में इधर-उधर कीड़े, फसलों को खाकर अपना पेट भर के शाम को वापस अपने घोसले में आकर सो जाते हैं।

सभी पक्षी एकदम आजादी वाला जीवन जीते हैं। मेरा भी ऐसा ही मन करता है कि मैं भी उनकी तरह एकदम आजादी वाली जिंदगी को जी लूँ। आज सभी मनुष्यों की जिंदगी में इतनी परेशानियां है, इसकी वजह से मेरा मन भी एक पक्षी की तरह जिंदगी जीने का करता है।

यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (850 शब्दों में)

प्रस्तावना

आज हर मनुष्य को अपने जीवन में बहुत उम्मीदें होती हैं। इन उम्मीदों के चलते वह अपने जीवन में बहुत परेशान रहता है। वह पक्षियों के जीवन को सबसे अच्छा मानता है, क्योंकि पक्षियों को किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं होती है। वो एकदम स्वतंत्र और आजाद मस्त होकर घूमते रहते हैं। इन पक्षियों को देखकर हर मनुष्य उड़ने के सपने देखता है। अगर मैं भी एक पक्षी होता तो आसमान की ऊंचाइयों को छू लेता और अपनी जिंदगी का बहुत अच्छे तरीके से इन पक्षियों की तरह ही जीता।

आजादी और खुशी से अपने जीवन को जीना

अगर मैं पक्षी होता तो आजादी के साथ उड़ता और इधर से उधर खूब मस्ती में घूमता रहता। पेड़-पौधों पर एक डाल से दूसरी डाल पर उड़कर आसानी से पहुंच जाता। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, जब इंसानों को किसी भी दूसरे स्थान पर चलकर जाने में समय लगता है।

अगर मैं अगर पक्षी होता तो कुछ ही समय में उड़कर आसानी से चला जाता। कभी यहां पर बैठता, कभी वहां पर बैठकर। मैं इस प्रकृति का बहुत खूबसूरती के साथ आनंद उठाता। इसके अलावा में बड़े-बड़े बाग- बगीचों, पौधों और फूलों के साथ भी बहुत खेलता और पूरी आजादी से अपनी जिंदगी को जी लेता।

मेरा पक्षी बनने का सपना

मुझे पक्षी बनने का सपना जब आया, एक बार मैंने खुले आसमान में जब उड़ते हुए पक्षियों को देखा तो मुझे लगा कि मुझे भी इन पक्षियों की तरह आसमान को छूना है तथा खुली हवा में ठंडी ठंडी हवा के साथ बादलों के ऊपर सैर करना है। इस तरह से मैंने पक्षी बनने का सपना देखा।

पक्षियों की सुंदर और मधुर आवाज

सुबह सुबह के समय जब हम अपने बिस्तर से उठ कर बैठते हैं तो हमें पक्षियों की चहचहाहट की आवाज आती है। बहुत तरह के पक्षी सुबह के समय अपनी मधुर आवाज निकालते हैं। इससे हमारे मन को बहुत प्रसन्नता मिलती है। यदि मैं पक्षी होता तो मैं भी पेड़ों की ऊंची डालियों पर बैठकर बहुत मधुर आवाज में गीत गुनगुनाता और मेरी आवाज को सुनकर सभी लोग आवाज़ सुनने के लिए मेरी तरफ खिंचे चले आते ओर मैं अपनी मधुर आवाज से सभी को प्रसन्न कर भाव विभोर भी कर देता।

पिंजरे में कैद पशु व पक्षी

आज सभी को अपनी आजादी बहुत पसंद है किसी को भी घर में कैद रहना या पिंजरे में कैद रहना पसंद नहीं है, चाहे वह इंसान हो या पशु-पक्षी सभी को अपनी जिंदगी से बहुत प्यार है। मनुष्य को यह समझना होगा कि जिन पशु-पक्षियों को हम पिंजरे में बंद रखते हैं, वह उनके लिए कितना गलत होता है।

अगर आप सोच कर देखो कि मनुष्यों को इस तरह किसी पिंजरे में कैद कर लिया जाए तो उनको कैसा लगेगा। आज मनुष्य ने पशु-पक्षियों को अपने व्यापार का साधन बना लिया है, इसीलिए उनको पिंजरे में कैद करके और उनको अच्छी, ऊंची कीमतों पर बेच देते हैं। मनुष्य से पूछा जाए कि इन बिना बोलने वाले जानवरों की आजादी छीनने का हक उनको किसको दिया है।

मेरा तो यह मानना है कि जब हमारा देश लोकतांत्रिक है और यहां पर स्वतंत्र रहने का अधिकार सभी लोगों को है तो पशु पक्षियों के लिए यह नियम क्यों नहीं बनाए गए क्यों उनको अपने मनोरंजन और व्यापार के लिए इस तरह कैद में रखा जाता है।

देवी देवताओं के वाहन के रूप में मेरा पक्षी होना

हमारे हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के पशु-पक्षी वाहन के रूप में होते हैं, जैसे भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ हैं, लक्ष्मी जी के वाहन उल्लू हैं, कार्तिकेय के वाहन मोर है, गणेश जी की सवारी चूहा है। यदि मैं भी पक्षी होता तो मेरी यही तमन्ना होती कि मैं भी किसी भी देवी देवताओं का वाहन बनकर मैं इतना बड़ा सौभाग्य प्राप्त कर लेता। इसके लिए मुझे बहुत प्रसन्नता होती कि मुझे भी किसी देवता का वाहन बनने का सौभाग्य मिला है।

आजादी के साथ बिना रोक-टोक वाली मेरी जिंदगी

मैं यही सोचता हूं कि मेरी जिंदगी अगर एक पक्षी की तरह होती तो मैं अपनी जिंदगी को बहुत अच्छे तरीके से जीता, अपनी इच्छा के अनुसार भोजन ग्रहण करता और बाहर घूमने जाने के लिए मुझे किसी की इजाजत लेने की भी जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि मैं पक्षी होता तो जब मर्जी चाहे अपने घोसले से उड़ कर बाहर घूम लेता और अपनी मर्जी के हिसाब से मैं अपने घोसले में वापस आ जाता, सबसे बड़ी खास बात कि मुझे कहीं पर भी घूमने के लिए टिकट की आवश्यकता भी नहीं पढ़ती।

मैं पक्षी होता तो देश में ही नहीं विदेशों की सीमा में उड़ने में भी मुझे कोई रोक-टोक नहीं होती। मैं अपने देश में भी बहुत अच्छे तरीके से भरपूर मस्ती के साथ खूब घूम लेता।

निष्कर्ष

पक्षियों का जीवन हमारी धरती पर बहुत जरूरी है। इसके साथ ही यहां पर अन्य जानवरों का भी जीवन इंसानों का सभी का जीवन बहुत जरूरी है। अगर मैं पक्षी होता तो मैं अपने आप को बहुत ही सौभाग्यशाली समझता और पूरी कोशिश करता कि मैं अपने अच्छे गीतों से मनुष्यों की परेशानियों को दूर करता तथा हवा में बहुत लंबी उड़ान भरने का मुझे बहुत शौक है, इसीलिए मैं पक्षी बनकर ऐसा काम जरूर करता।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar

इनका नाम राहुल सिंह तंवर है। इनकी रूचि नई चीजों के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहुँचाने में अधिक है। इनको 4 वर्ष से अधिक SEO का अनुभव है और 6 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे है। इनके द्वारा लिखा गया कंटेंट आपको कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आप इनसे नीचे दिए सोशल मीडिया हैंडल पर जरूर जुड़े।

यदि पक्षी नहीं होते तो क्या होता?

अगर पक्षीहोते तो हम प्रकृति का सुंदर रुप न देख पाते। सुबह सुबह उनकी मधुर आवाज ना सुन पाते। अगर पक्षीहोते तो उन्हें हम अपना मित्र नहीं बना पाते। कोयल जैसे सुन्दर आवाज वाले प्राणी को देख व सुन नहीं पाते।

पक्षी कैसे होता है?

पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं। इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग १०,००० प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार २ इंच से ८ फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं।