पिछले अध्याय में हम पढ़ चुके हैं कि जब किसी परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्तित विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न धारा को विस्थापन धारा (displacement current in Hindi) कहते हैं। विस्थापन धारा को id द्वारा निरूपित किया जाता है। एंपीयर के परिपथ नियम के अनुसार, किसी बंद परिपथ के लिए चुंबकीय क्षेत्र का रेखीय समाकल उस परिपथ पर आरोपित कुल धारा का µ0 गुना होता है। एम्पीयर मैक्सवेल के नियम के अनुसार, परिपथ में प्रवाहित कुल धारा सदैव चालन धारा ic तथा विस्थापन धारा id के योग के बराबर होती है। तो पढ़ें…
विद्युत चुंबकीय तरंगे किसे कहते हैं | Physics class 12 chapter 8 notes in Hindi विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव द्वारा ज्ञात होता है कि विद्युत धारा चुंबकीय
क्षेत्र उत्पन्न करती है। तथा इसके विपरीत समय के साथ परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।
विस्थापन धारा क्या होती है , हिंदी में। What is displacement current in Hindi | visthapan dhara kya hoti hai | definition | paribhasha | physics topic | हेलो दोस्तों इस पोस्ट में मैंने विस्थापन धारा को आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है। यदि यह पोस्ट आपको पसंद आए तो कमेंट जरूर करना।
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12 इस पोस्ट को पुरा पढने के बाद आपको यह टोपिक 100% समझ आ जाएगा। LCR श्रेणी परिपथ का व्यवहार परिपथ में जुड़े प्रतिरोध R पर निर्भर करता है। श्रेणी अनुनादी परिपथ में विशेषता गुणांक : जब किसी LCR अनुनादी परिपथ में अर्द्ध शक्ति आवर्ती f 0 के मान में थोडा सा भी परिवर्तन किया जाता है तो इस थोड़े से परिवर्तन से भी परिपथ की धारा में बहुत अधिक परिवर्तन आता है। जब अर्द्ध शक्ति आवृत्ति f 0 के मान में इस प्रकार परिवर्तन किया जाए की धारा का मान अत्यधिक कम हो जाए
अनुनाद (ग्राफ) तीक्ष्ण हो जाता है इसे अनुनाद तीक्ष्ण कहते है। अनुनाद की इस तीक्ष्णता को जिस राशि द्वारा व्यक्त किया जाता है उसे विशेषता गुणांक कहते है इसे Q से दर्शाया जाता है तथा यह एक विमाहीन राशि है। किसी भी LCR अनुनादी परिपथ में प्रतिरोध R की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है , जब परिपथ में R का मान परिवर्तित किया जाता है तो हम पाते है अनुनाद ग्राफ भी बदल जाता है। जब R का मान कम किया जाता है तो ग्राफ तीक्ष्ण हो ज ठोसों में ऊर्जा बैण्ड कैसे बनते हैं । ऊर्जा बैण्ड क्या होते हैं। Thoso me urja band kaise bante hain in Hindi | Band theory of solid in Physics | ठोसों में ऊर्जा बैण्ड , प्रकार , चालन ऊर्जा बैण्ड , संयोजी ऊर्जा बैंड , वर्जित ऊर्जा अन्तराल क्या है , परिभाषा , उदाहरण , चित्र , अंतर | ठोसों में ऊर्जा बैण्ड (energy bands in solids) : किसी भी विलगित परमाणु में उपस्थित कक्षकों की ऊर्जा अलग अलग होती है और उनमें जो इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते है
उनकी ऊर्जा उन कक्षाओं से सम्बद्ध रखती है। अत: किसी विलगित परमाणु में इलेक्ट्रॉन अलग अलग ठोस स्तरों में विद्यमान रहते है। और जैसा हम जानते है कि किसी ठोस में असंख्य परमाणु विद्यमान रहते है या कोई भी ठोस असंख्य परमाणुओं से मिलकर बना होता है। किसी ठोस में उपस्थित परमाणु आस पास अन्य परमाणुओं से घिरे रहते है , प्रत्येक परमाणु के बाह्य कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉन अन्य परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों द्वारा प्रभावित रहते है। जैसे मान लीजिये दो विलगित परमाणु एक दुसरे के पास पास
स्थित है तो इन दोनों परमाणुओं के इलेक्ट्रॉन आपस में अन्योन्य क्रिया करते है अर्थात कभ अनुनाद क्या है ? भौतिक विज्ञान । What is Resonance | Explanation in Hindi | Anunad kya hai ? Full Detail and Examples 1. अनुनाद क्या है ? 2. अनुनाद के उदाहरण । 3. अनुनादी आवृति । हेलो दोस्तो । इस पोस्ट में मैंने अनुनाद को बहुत ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है यदि यह पोस्ट पसंद आए तो एक कमेंट जरूर करना। 1. अनुनाद
क्या है ? अनुनाद एक विशेष अवस्था है जिसमें वस्तु के कणों की प्राकृतिक आवृत्ति तथा लगाए गए बाहरी बल द्वारा वस्तु के कणों में उत्पन्न आवर्ती का मान एक समान हो जाता है। विस्थापन धारा कैसे उत्पन्न होती है?विस्थापन धारा समय के साथ विद्युत अभिवाह (एक संवृत पाश के अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के माध्यम से विद्युत क्षेत्र रेखाओं की संख्या) में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है।
विस्थापन धारा का मान कितना होता है?विस्थापन धारा (I d) : एम्पियर के परिपथ के नियम के अनुसार किसी बंद लूप के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के रेखीय समाकलन का मान उस बंद लूप में प्रवाहित कुल धारा तथा निर्वात की चुम्बकशीलता [u 0] के गुणनफल के बराबर होती है।
विस्थापन धारा से क्या समझते हो स्पष्ट कीजिए?विस्थापन धारा और विद्युत धारा घनत्व का मात्रक समान है। जिस प्रकार विद्युत धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है। किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।
विस्थापन धारा की अवधारणा क्यों पेश की गई थी?चूँकि धाराएं चुंबकीय क्षेत्र का सामान्य स्रोत हैं, एक परिवर्तित होने वाले विद्युतीय क्षेत्र को धारा के साथ संबंधित होना चाहिए। मैक्सवेल ने उस धारा को विस्थापन धारा कहा।
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