एक ग्रह या तारे की परिक्रमा करने वाले चंद्रमा, ग्रह या मशीन को उपग्रह कहते हैं। उदाहरण के लिए, पृथ्वी एक उपग्रह है क्योंकि यह सूर्य की परिक्रमा करती है। आमतौर पर, उपग्रह शब्द का प्रयोग एक ऐसी मशीन के लिए किया जाता है जिसे अंतरिक्ष में छोड़ा जाता है और वह पृथ्वी एवं अंतरिक्ष की अन्य वस्तुओं की परिक्रमा करता है। Show एक ग्रह या तारे की परिक्रमा करने वालेचंद्रमा, ग्रह या मशीन को उपग्रह कहते हैं। उहादरण के लिए, पृथ्वी एक उपग्रह है क्योंकि यह सूर्य की परिक्रमा करती है। ऐसे ही, चंद्रमा भी एक उपग्रह है क्योंकि यह पृथ्वी की परिक्रमा करता है। आमतौर पर, "उपग्रह" शब्द का प्रयोग एक ऐसी मशीन के लिए किया जाता है जिसे अंतरिक्ष में छोड़ा जाता है और वह पृथ्वी एवं अंतरिक्ष के अन्य वस्तुओं की परिक्रमा करता है। कई प्रकार के उपग्रह, जैसे– संचार उपग्रह, पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह, नौपरिवहन उपग्रह, वैज्ञानिक एवं अन्वेषण उपग्रह, प्रयोगात्मक उपग्रह, छोटे उपग्रह आदि हैं जिन्हें इसरो ने लॉन्च किया है। क. संचारउपग्रहःगर्भ कक्षा (Geostationary orbit) में काम कर रहे नौ संचार उपग्रहों के साथ एशिया – प्रशांत क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) सबसे बड़े घरेलू संचार उपग्रह प्रणालियों में से एक है। इंसैट– 1बी को शुरु करने के साथ 1983 में स्थापित की जाने वाली इस प्रणाली ने भारत के संचार क्षेत्र में प्रमुख क्रांति की शुरुआत की और बाद में इसे बनाए रखा। वर्तमान में काम कर रहे संचार उपग्रह हैं– इंनसैट– 3ए, इनसैट– 3सी, इनसैट– 3ई, इनसैट– 4ए, 4 सीआर, जीसैट– 8, जीसैट–10 और जीसैट– 12. वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की उपलब्धियां संचारउपग्रहोंकीसूची:
ख. पृथ्वीपर्यवेक्षणउपग्रह (Earth Observation Satellites):1988 में IRS-1A से शुरु करते हुए इसरो ने कई दूरसंवेदी उपग्रहों को लॉन्च किया। आज, भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जिसके पास काम सबसे अधिक दूरसंवेदी उपग्रह हैं। फिलहाल, ग्यारह चालू उपग्रह कक्षा में स्थित हैं– रिसोर्टसैट– 1 और 2, कार्टोसैट– 1, 2, 2ए, 2बी, रीसैट– 1और 2, ओशियनसैट–2, मेघ– ट्रॉपिक्स एवं सरल। देश के अलग– अलग उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने और वैश्विक उपयोग हेतु विविध स्थानिक, व्रणक्रमीय और लौकिक स्थिरता में आवश्यक आंकड़े प्रदान करने के लिए इन उपग्रहों में कई प्रकार के यंत्र लगाए गए हैं। इन उपग्रहों से भेजे जाने वाले आंकड़े कृषि, जल संसाधन, शहरी नियोजन, ग्रामीण विकास, खनिज पूर्वेक्षण, पर्यावरण, वानिकी, सागर संसाधन और आपदा प्रबंधन को कवर करने वाले कई अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किए जाते हैं। अब तक के प्रमुख सौर मिशनों का एक संक्षिप्त परिचय पृथ्वीपर्यवेक्षणउपग्रहोंकीसूची(List of Earth Observation Satellites):-
ग. प्रयोगात्मकउपग्रह (Experimental Satellites):-इसरो ने मुख्य रूप से प्रयोग उद्देश्यों के लिए कई छोटे उपग्रह भी लॉन्च किए हैं। प्रयोगों में शामिल है रिमोट सेंसिंग, वायुमंडलीय अध्ययन, पेलोड विकास, कक्षा नियंत्रण, रिकवरी तकनीक आदि।
घ. नौपरिवहन उपग्रह (Navigation Satellite):- नागरिक उड्डयन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसरो भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ मिलकर जीपीएस सहायता प्राप्त भू संवर्धित नेविगेशन (GAGAN) प्रणाली स्थापित करने के लिए काम कर रहा है। स्वदेशी प्रणाली पर आधारित स्थिति, नेविगेशन और समय पर सेवा प्रदान करने की उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु, इसरो क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली जिसे भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) कहा जाएगा, की स्थापना करने जा रहा है। (i) जीपीएससहायताप्राप्तभूसंवर्धितनेविगेशन (गगन) (GPS Aided GEO Augmented Navigation (GAGAN): यह उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली (एसबीएएस) है जिसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ मिलकर कार्यान्वित किया गया है। गगन का मुख्य उद्देश्य नागरिक उड्डयन के लिए आवश्यक सटीकता एवं प्रमाणिकता के साथ उपग्रह आधारित नेविगेशन सेवा और भारतीय वायुक्षेत्र में बेहतर वायु यातायात प्रबंधन प्रदान करना है। यह प्रणाली अन्य अंतरराष्ट्रीय एसबीएएस प्रणालियों के साथ मिल कर काम कर सकेगी और क्षेत्रीय सीमाओं में अबाध नेविगेशन मुहैया कराएगी। गगन का सिग्नल– इन– स्पेस (एसआईएस) जीसैट–8 और जीसैट–10 के माध्यम से उपलब्ध है। (ii) भारतीय क्षेत्रीय नेविदेशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) (Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS): ) महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अनुप्रयोगों के लिए यह स्वतंत्र भारतीय उपग्रह आधारित स्थिति प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत और उसके पड़ोस के उपर विश्वसनीय स्थिति, नेविगेशन और समय पर सेवा प्रदान करना है। साथ ही उपयोगकर्ता को बेहतर सटीकता भी प्रदान करना इसका उद्देश्य है। आईआरएनएसएस मूल रूप से दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करेगाः
नेविगेशनउपग्रहोंकीसूचीः
ड. वैज्ञानिक एवं अन्वेषण (Scientific & Exploration): भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में खगोलशास्त्र, खगोल–भौतिकी, ग्रहों और पृथ्वी विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान और सैद्धांतिक भौतिक शास्त्र जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान शामिल है। गुब्बारे, आवाज वाले रॉकेट, अंतरिक्ष के प्लेटफॉर्म और भू– स्थित सुविधाएं इन अनुसंधान प्रयासों का समर्थन करती हैं। वायुमंडलीय प्रयोगों के लिए आवाज वाले रॉकेटों की श्रृंखला उपलब्ध है। कई वैज्ञानिक उपकरण इन उपग्रहों पर लगाए जाते हैं खासकर आकाशीय एक्स– रे और गामा– रे विस्फोटों को भेजने के लिए। वैज्ञानिकएवंअन्वेषणअंतरिक्षयानोंकीसूची (List of Scientific and exploration Spacecraft):
स्रोतः www.isro.gov.in भारत के परमाणु अनुसंधान में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी– बार्क) की भूमिका उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं नाम?Solution : दो, प्राकृतिक व कृत्रिम उपग्रह।
भारत के कुल कितने उपग्रह हैं?भारत ने 1975 से अब (30अगस्त 2013) तक (71)कृत्रिम उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। ये उपग्रह विभिन्न प्रक्षेपण यानों द्वारा प्रक्षेपित किये गये हैं जैसे अमेरिकी, रूसी, यूरोपीय तथा स्वदेशी यान। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारतीय उपग्रहों के डिजाइन एवं निर्माण का कार्य करती है।
उपग्रह की परिभाषा क्या है?उपग्रह की परिभाषा क्या है : वे पिण्ड जो गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगाते रहते है या परिक्रमण करते रहते है , ये पिण्ड प्राकृतिक भी हो सकते है या कृत्रिम भी।
भारत के उपग्रह का नाम क्या है?आर्यभट्ट भारत का पहला उपग्रह है, जिसे इसी नाम के महान भारतीय खगोलशास्त्री के नाम पर नामित किया गया है। यह सोवियत संघ द्वारा 19 अप्रैल 1975 को कॉसमॉस-3एम प्रक्षेपण वाहन द्वारा कास्पुतिन यार से प्रक्षेपित किया गया था।
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