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गुजरात के सौराष्ट्र के अन्तर्गत आने वाले जिले रंगीन दिखाये गये हैं। सौराष्ट्र भारत के गुजरात प्रान्त का एक उपक्षेत्र है जो ज्यादातर अर्धमरुस्थलीय है। सौराष्ट्र, वर्तमान काठियावाड़-प्रदेश, जो प्रायद्वीपीय क्षेत्र है। महाभारत के समय द्वारिकापुरी इसी क्षेत्र में स्थित थी। सुराष्ट्र या सौराष्ट्र को सहदेव ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में विजित किया था। विष्णुपुराण में अपरान्त के साथ सौराष्ट्र का उल्लेख है। विष्णुपुराण में सौराष्ट्र में शूद्रों का राज्य बताया गया है, 'सौराष्ट्र विषयांश्च शूद्राद्याभोक्ष्यन्ति'। इतिहास[संपादित करें]इतिहास प्रसिद्ध सोमनाथ का मन्दिर सौराष्ट्र ही की विभूति था। रैवतकपर्वत गिरनार पर्वतमाला का ही एक भाग था। अशोक, रुद्रदामन तथा गुप्त सम्राट स्कन्दगुप्त के समय के महत्त्वपूर्ण अभिलेख जूनागढ़ के निकट एक चट्टान पर अंकित हैं, जिससे प्राचीन काल में इस प्रदेश के महत्त्व पर प्रकाश पड़ता है। रुद्रदामन के अभिलेख में सुराष्ट्र पर शक क्षत्रपों का प्रभुत्व बताया गया है। जान पड़ता है कि अलक्षेन्द्र के पंजाब पर आक्रमण के समय वहाँ निवास करने वाली जाति 'कठ' जिसने यवन सम्राट के दाँत खट्टे कर दिए थे, कालान्तर में पंजाब छोड़कर दक्षिण की ओर आ गई और सौराष्ट्र में बस गई, जिससे इस देश का नाम काठियावाड़ भी हो गया। इतिहास के अधिकांश काल में सौराष्ट्र पर गुजरात नरेशों का अधिकार रहा और गुजरात के इतिहास के साथ ही इसका भाग्य बंधा रहा। दर्शनीय स्थल[संपादित करें]
पुरास्थल[संपादित करें]गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप में भादर नदी के समीप स्थित रंगपुर की खुदाई 1953-1954 ई. में ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई। यहाँ पर पूर्व हड़प्पा कालीन संस्कृति के अवशेष मिले हैं। यहाँ मिले कच्ची ईंटों के दुर्ग, नालियां, मृदभांड, बांट, पत्थर के फलक आदि महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ धान की भूसी के ढेर मिले हैं। यहाँ उत्तरवर्ती हड़प्पा संस्कृति के भी साक्ष्य पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। सौराष्ट्र के नाम[संपादित करें]सौराष्ट्र के कई भागों के नाम हमें इतिहास में मिलते हैं। हालार (उत्तर-पश्चिमी भाग), सोरठ-काठियावाड़ (पश्चिमी भाग), गोहिलवाड़ (दक्षिण-पूर्वी भाग) आदि। सौराष्ट्र के उपक्षेत्र[संपादित करें]हालार, गोहिलवाड, घेड, बरडा, गिर, प्रभास, सोरठ, झालावाड इत्यादि उपक्षेत्र सौराष्ट्र में कुछ खास विस्तार के स्थानीय नाम है। अधिक[संपादित करें]इसी क्षेत्र में बब्बर शेर या सिंह पाया जाता है। सौराष्ट्र के बारे में एक प्राचीन कहावत प्रसिद्ध है–'सौराष्ट्र पंचरत्नानि नदीनारीतुरंगमाः चतुर्थः सोमनाथश्च पंचमम् हरिदर्शनम्'; इस श्लोक में सौराष्ट्र की मनोहर नदियों–जैसे चन्द्रभागा, भद्रावती, प्राची-सरस्वती, शशिमती, वेत्रवती, पलाशिनी और सुवर्णसिकता; घोघा आदि प्रदेशों की लोक-कथाओं में वर्णित सुन्दर नारियों, सुन्दर अरबी जाति के तेज़ घोड़ों और सोमनाथ और कृष्ण की पुण्यनगरी द्वारिका के मन्दिरों को सौराष्ट्र के रत्न बताया गया है। भारत के प्रस्तावित राज्य तथा क्षेत्र भारत में नए राज्यों और क्षेत्रों के निर्माण का अधिकार पूरी तरह से भारत की संसद के लिए आरक्षित है। संसद नए राज्यों की घोषणा करके, किसी मौजूदा राज्य से एक क्षेत्र को अलग करके, या दो या दो से अधिक राज्यों या उसके हिस्सों में विलय करके ऐसा कर सकती है।[1] मौजूदा अठाईस राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा समय के साथ भारत में कई नए राज्यों और क्षेत्रों को स्थापित करने का प्रस्ताव रखा जाता रहा है। प्रस्तावित राज्य[संपादित करें]
1. मत्स्य प्रदेश जिसमें पूर्वी राजस्थान [अलवर]- [भरतपुर]समाहित होगा। राजधानी [भरतपुर] व उच्च न्यायालय [अलवर] बनाया जाएगा। 2. मरुधरा/ मारवाड़ राज्य मरू प्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है जो राजस्थान के कुछ भूभागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है।[2] प्रस्तावित राज्य में बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर, चुरु, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, जालोर, पाली, सिरोही झुंझुनू, नागौर और सीकर को शामिल हैं।[2] राजधानी - आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती की तरह ही देशनोक को विकसित करने की योजना हैं।
सन्दर्भ[संपादित करें]
कौन सा राज्य अलग सौराष्ट्र राज्य से जुड़ा है?सौराष्ट्र भारत के गुजरात प्रान्त का एक उपक्षेत्र है जो ज्यादातर अर्धमरुस्थलीय है। सौराष्ट्र, वर्तमान काठियावाड़-प्रदेश, जो प्रायद्वीपीय क्षेत्र है। महाभारत के समय द्वारिकापुरी इसी क्षेत्र में स्थित थी।
सौराष्ट्र की राजधानी कौन सी है?राजकोट इसकी राजधानी थी और इसके अन्तर्गत सौराष्ट्र क्षेत्र आता था।
गुजरात का पुराना नाम क्या है?गुजरात नाम, गुर्जरत्रा से आया है। गुर्जरों का साम्राज्य ६ठीं से १२वीं सदी तक गुर्जरत्रा के नाम से जाना जाता था गुर्जर राजाओं के राज्य के कारण इसे गुर्जरत्रा कहा गया हैं।
सौराष्ट्र में कौन कौन से जिले आते हैं?सौराष्ट्र. 1.1 जामनगर जिला. 1.2 राजकोट जिला. 1.3 सुरेंद्रनगर जिला. 1.4 पोरबंदर जिला. 1.5 जूनागढ़ जिला. 1.6 अमरेली जिला. 1.7 भावनगर जिला. 1.8 મોરબી જિલ્લો. |