स्रोत अथवा उत्पत्ति के आधार पर शब्द कितने प्रकार के होते हैं? - srot athava utpatti ke aadhaar par shabd kitane prakaar ke hote hain?

विषयसूची

  • 1 स्रोत के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
  • 2 शब्द क्या है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?
  • 3 शब्द के स्त्रोत कितने प्रकार के होते हैं?
  • 4 भारत इतिहास के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
  • 5 शब्द के भेद कितने होते हैं?
  • 6 भारतीय इतिहास के आधार पर शब्दों के कितने भेद हैं?

स्रोत के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्रोत या इतिहास के आधार पर शब्द के पाँच भेद होते हैं

शब्द क्या है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer : 1)- शब्द – एक या अनेक वर्णों से बने अर्थपूर्ण समूह को शब्द कहते है। जैसे – राम आम खा रहा है।

शब्द के भेद कैसे पहचाने?

अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद

  • सार्थक शब्द: जिन शब्दों का कुछ-न-कुछ अर्थ हो वे शब्द सार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे-रोटी, पानी, ममता, डंडा आदि।
  • निरर्थक शब्द: जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है वे शब्द निरर्थक कहलाते हैं। जैसे-रोटी-वोटी, पानी-वानी, डंडा-वंडा इनमें वोटी, वानी, वंडा आदि निरर्थक शब्द हैं।

उत्पत्ति के आधार पर शब्दों को कितने भागों में बांटा गया है?

इसे सुनेंरोकेंउत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद हैं- 1. तत्सम 2. तद्भव 3. देशज 4.

शब्द के स्त्रोत कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्पत्ति के आधार पर शब्द के 4 भेद है – तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी। प्रयोग के आधार 8 भेद होते है – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया – विशेषण, संबंध बोधक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक। इन 8 प्रकार के शब्दों को विकार की दृष्टि से दो भागों में बंटा गया है – विकारी और अविकारी।

भारत इतिहास के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित भेद हैं- रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़

शब्द पद के रूप में कब बदल जाता है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंजब कोई सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब उसे ‘पद’ कहते हैं। पर जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है, तो इसका रूप भी बदल जाता है, इसलिए वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द को ‘पद’कहा जाता है। राम आम खा रहा है। इस में राम, आम, खा रहा है ये सभी पद है।

तत्सम तथा तद्भव शब्दों में क्या अंतर है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए L?

इसे सुनेंरोकेंतत्सम शब्दों के अंत में ‘क्ष’ वर्ण आता है वहीं उसके तद्भव रूप में ‘क्ष’ स्थान में ‘ख’ या ‘छ’ वर्ण का प्रयोग होता है। तत्सम शब्दों में जहां पर ‘श्र’ का प्रयोग होता है वहीं तद्भव शब्द में ‘श्र’ की जगह ‘स’ का प्रयोग होता है। वहीं तद्भव शब्दों में ‘र’ की मात्रा का प्रयोग किया जाता है।

शब्द के भेद कितने होते हैं?

रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं:

  • रूढ़/मूल शब्द
  • यौगिक शब्द
  • योगरूढ़ शब्द
  • तत्सम
  • तद्भव
  • देशज
  • विदेशज

भारतीय इतिहास के आधार पर शब्दों के कितने भेद हैं?

इसे सुनेंरोकेंव्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित भेद हैं- रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़। जो शब्द किन्हीं अन्य शब्दों के योग से न बने हों और किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हों तथा जिनके टुकड़ों का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढ़ कहलाते हैं

युग्म शब्द कितने प्रकार के होते हैं?

युग्म-शब्द

  • (1) समानार्थी इस प्रकार के युग्म-शब्द समान अर्थ की प्रतीति कराते हैं | जैसे- काम – काज
  • (2) विपरीतार्थी या भिन्नार्थक इस प्रकार के युग्म-शब्द विलोम अर्थ की प्रतीति कराते हैं | जैसे- लेन – देन
  • (3) निरर्थक ये युग्म-शब्द निर्रथकता की प्रतीति कराते हैं | जैसे- अता – पता
  • युग्म-शब्द और उनका अर्थ अनु – पीछे

उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के निम्नलिखित चार भेद हैं-

1. तत्सम- जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी में बिना किसी परिवर्तन के ले लिए गए हैं वे तत्सम कहलाते हैं। जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु, रात्रि, सूर्य आदि।

2. तद्भव- जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी में आए हैं वे तद्भव कहलाते हैं। जैसे-आग (अग्नि), खेत(क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज (सूर्य) आदि।

3. देशज- जो शब्द क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं वे देशज कहलाते हैं। जैसे-पगड़ी, गाड़ी, थैला, पेट, खटखटाना आदि।

4. विदेशी या विदेशज- विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। जैसे-स्कूल, अनार, आम, कैंची,अचार, पुलिस, टेलीफोन, रिक्शा आदि। ऐसे कुछ विदेशी शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है।

अंग्रेजी- कॉलेज, पैंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लैटरबक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइकिल, बोतल आदि।

फारसी- अनार,चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बरफ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, गंदगी, चापलूसी आदि।

अरबी- औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर, रिश्वत, औरत, कैदी, मालिक, गरीब आदि।

तुर्की- कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर आदि।

पुर्तगाली- अचार, आलपीन, कारतूस, गमला, चाबी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन, तंबाकू, कॉफी, कमीज आदि।

फ्रांसीसी- पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।

चीनी- तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।

यूनानी- टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।

जापानी- रिक्शा आदि।

प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद

प्रयोग के आधार पर शब्द के निम्नलिखित आठ भेद है-

1. संज्ञा

2. सर्वनाम

3. विशेषण

4. क्रिया

5. क्रिया-विशेषण

6. संबंधबोधक

7. समुच्चयबोधक

8. विस्मयादिबोधक

इन उपर्युक्त आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है-

1. विकारी

2. अविकारी

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1. विकारी शब्द

जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं।

2. अविकारी शब्द

जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य, और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।

अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद

अर्थ की दृष्टि से शब्द के दो भेद हैं-

1. सार्थक

2. निरर्थक

1. सार्थक शब्द

जिन शब्दों का कुछ-न-कुछ अर्थ हो वे शब्द सार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे-रोटी, पानी, ममता, डंडा आदि।

2. निरर्थक शब्द

जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है वे शब्द निरर्थक कहलाते हैं। जैसे-रोटी-वोटी, पानी-वानी, डंडा-वंडा इनमें वोटी, वानी, वंडा आदि निरर्थक शब्द हैं।

विशेष- निरर्थक शब्दों पर व्याकरण में कोई विचार नहीं किया जाता है।