द्रव के पृष्ठ ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? - drav ke prshth oorja se aap kya samajhate hain?

दोस्तों के सामने दिया हुआ है जबकि पृष्ठ ऊर्जा की व्याख्या करना ठीक है तो हम बात करते हैं द्रव की दृष्टि हो जाए ठीक है पृष्ठ ऊर्जा क्या होती है इस ऊर्जा की हम बात करें ठीक है तो सबसे पहले हम एक डायग्राम बनाते हैं फिर इसकी व्याख्या करते हैं ठीक है हम मानते हैं कुछ इस तरह से एक समझते हैं कि तार लेते हैं ठीक है एक तरह से उतार लेते हम ठीक है और उसी उसे पता लेते हैं ठीक है इस तरह से मोड़ते हैं और इसमें एक क्या लगाते हैं एक सरकने वाली तार लगाते हैं ठीक है यह कैसी तार होती है सरकने वाली तार होती है ठीक है ठीक है सरकने वाली तार लगा दे ठीक है अब हम क्या करते हैं हम इस बार को इस पूरे तार को हम कितना करते हैं किसी तरल में डूब आते हैं तो इसमें एक फिल्म बन जाती है क्या बन जाती है एक फिल्म आ जाती है ठीक है जिसका क्षेत्रफल हमें मानते हैं और फिल्म बन जाती है ठीक है या तरल की फिल्म

मोतिया ठीक है तरल की फिल्म होती है ठीक है अब हम क्या देखते हैं हम देखते हैं कि लिस्ट तनाव के कारण है अपना क्षेत्रफल न्यूनतम बनाए रखता है ठीक है कुछ इस तरह से स्पष्ट ना लगता है इस चुनाव गारंटी लेते हैं तो यह अपना क्षेत्रफल न्यूनतम बना के रखता है ठीक है हम क्या करते हैं इसके क्षेत्रफल में अगर वृद्धि करते हैं माना कि क्षेत्रफल में भी दिलेले करते हैं ठीक है हमें बाहर से कार्य करना पड़ता है ठीक है ऐसा बोल सकते हैं बाहरी पर लगाते हैं क्या करते हम बाहरी बल लगाते हैं तो हमें क्या कार्य करना पड़ता है बाहरी कार्य करना पड़ता है ठीक है इस वजह से हम क्या देखते हैं जो यह कार्य है ठीक है बाहरी बल के द्वारा यह इसके आंतरिक ऊर्जा में यांत्रिक ऊर्जा के विरुद्ध करना कार्य करना पड़ता है ठीक है तो हम कह सकते हैं उर्जा सर

सर के अनुसार कि ऐसा बोल सकते हैं ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार के अनुसार अब क्या सकते हैं बाहरी बल द्वारा किया गया कार्य बाहरी बल द्वारा किया गया कार्य जो होता है उसके बारे में बात करते हैं किया गया कार्य क्या करते हैं पृष्ठ का क्षेत्रफल में वृद्धि करता है और जो वृद्धि होती है वह क्या होती है उस उस में अतिरिक्त आंतरिक ऊर्जा के रूप में संरक्षित जाती है तो हम बोल सकते हैं किया गया जो कार है वह क्या होता है अतिरिक्त आंतरिक

देखेंगे कि मुझसे कोई अतिरिक्त क्या होता है आंतरिक ऊर्जा के रूप में क्या होती है संरक्षित जाति है ठीक है तो हम लिख सकते हैं जो कार्य होता है कार्य डब्ल्यू आंतरिक ऊर्जा यू में योग के बराबर हो जाता है ठीक है अगर हम कार्य देखें ठीक है अगर हम कर देखें तो कार क्या होगा कार्य होगा बल उड़ा विस्थापन ठीक है अगर हम बात करें कार्य होगा बल घोड़ा विस्थापन डीएक्स लेते ठीक है माना कि इसकी लंबाई एल ठीक है और वृद्धि डीएक्स लेते हैं तो हम लिख सकते हैं क्या लिख सकते हैं हम लिख सकते हैं कि

बल होता है पर इस तरह की वजह से हो क्या होता है पीटना इंटेल ठीक है या होता है किंतु एल ठीक है और बोल सकते हैं लंबाई में वृद्धि अगर डीएक्स है ठीक है तो हम देखेंगे कि डब्लू बराबर हम लिख सकते हैं कि अच्छा देखते हैं एलडीएक्स जो है एलडीएफ क्या-क्या सकते हैं यह क्षेत्रफल वृद्धि क्षेत्रफल है इसे हम लिख सकते हैं क्षेत्रफल में वृद्धि ठीक है तो हम क्या लिख सकते हैं कि पृष्ठ तनाव घोड़ा क्षेत्रफल में वृद्धि एक कार्य होता है अब कार्य किसके बराबर होता है हम देखें ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार कार्य उसके अधिक उर्जा में वृद्धि के रूप में संरक्षित हो जाती है ठीक है अतिरिक्त उर्जा संरक्षित हो जाती है पृष्ठ तनाव और क्षेत्रफल में वृद्धि

ठीक है यही हमें बताना था ठीक है थैंक यू

physics March 9, 2019 October 27, 2018

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(Surface energy in hindi) पृष्ठ ऊर्जा या सतह उर्जा क्या है , परिभाषा , उदाहरण , सूत्र : जैसा की हम जानते है कि किसी द्रव के अन्दर किसी अणु पर अन्य अणु चारों तरफ से आकर्षण बल लगाते है जबकि जो अणु द्रव की पृष्ठ पर उपस्थित होते है उन पर अन्दर उपस्थित कण बल लगाते है अर्थात पृष्ठ पर उपस्थित अणुओं पर अन्दर की तरफ एक बल कार्य करता है जो इनको अन्दर की तरफ आकर्षित करते है।
अत: जब किसी कण को अन्दर से पृष्ठ पर लाया जाता है तो हमें अन्तराण्विक बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है अर्थात जो कण द्रव के पूर्ण रूप से भीतर होते है वे अन्य अणुओं द्वारा आकर्षित बल द्वारा बंधे हुए रहते है यदि हमे इन अणुओं को भीतर से पृष्ठ पर लाना पड़े तो हमें इस आकर्षण बल के विरूद्ध कार्य करना पड़ता है और यह किया गया कार्य अणुओं में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
पृष्ठ ऊर्जा की परिभाषा : किसी द्रव के पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर अणुओं में उपस्थित इस अतिरिक्त स्थितिज ऊर्जा के मान को उस द्रव की पृष्ठ ऊर्जा कहते है।
अर्थात प्रति एकांक क्षेत्रफल पर अणुओं को अन्दर से पृष्ठ तक लाने में किया गया कार्य , जो अणुओं में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है , इस अतिरिक्त स्थितिज ऊर्जा के मान को उस द्रव की पृष्ठ उर्जा कहते है।
पृष्ट ऊर्जा का SI मात्रक “जूल/मीटर2” होता है तथा इसकी विमा [MT-2] होती है।

किसी द्रव के पृष्ठ क्षेत्रफल वृद्धि में किया गया कार्य का मान या सूत्र

माना चित्रानुसार एक ABCD आकृति है जिसकी लम्बाई भुजा CD की लम्बाई l है और CD भुजा को ढीला रखा जाता है और इसकी अन्य भुजाएँ फिक्स कर दी जाती है। अब इस ABCD आकृति को किसी द्रव में डुबोकर निकाल लिया जाता है जिससे इसमें द्रव भर जाता है , यह द्रव पृष्ठ तनाव के कारण AB भुजा की तरफ कार्यरत होता है क्यूंकि तनाव बल के कारण द्रव न्यूनतम आकृति ग्रहण करने की कोशिश करता है जिसके कारण AB भुजा की तरफ एक बल कार्य करता है जिसे तनाव बल कहते है।

द्रव के पृष्ठ ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? - drav ke prshth oorja se aap kya samajhate hain?

इस तनाव बल का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है –

T = F/2l

अत:

F = T.2l

अब मान लीजिये की CD पर इस तनाव बल के विपरीत दिशा में एक बल F आरोपित किया जाता है जिससे CD भुजा खिसकर C’D’ स्थिति पर चली जाती है , यहाँ तनाव बल T और इस बल F का परिमाण समान है।

इस बल F के कारण CD भुजा में हल्की सी स्थिति परिवर्तन से dx दूरी होती है , अर्थात CD में dx दूरी परिवर्तन से इसकी स्थिति C’D’ हो जाती है।

अत: इस dx विस्थापन के लिए बल F द्वारा किया गया कार्य निम्न होगा –

W = Fdx

यहाँ F का मान ऊपर के समीकरण से रखने पर

W = (T.2l)dx

यहाँ 2l.dx = dA

यहाँ dA = क्षेत्रफल में परिवर्तन है।

अत: dA क्षेत्रफल में परिवर्तन में किया गया कार्य

W = T.dA

इसी सूत्र के आधार पर पृष्ठ तनाव की निम्न परिभाषा भी दी जाती है –

द्रव के पृष्ठ क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए किया गया कार्य उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहलाता है , जबकि ताप को स्थित रखा जाए।

द्रव की पृष्ठ ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?

पृष्ठ ऊर्जा की परिभाषा : किसी द्रव के पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर अणुओं में उपस्थित इस अतिरिक्त स्थितिज ऊर्जा के मान को उस द्रव की पृष्ठ ऊर्जा कहते है।

द्रव के पृष्ठ तनाव तथा पृष्ठ ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?

गणितीय रूप में, पृष्ठ के इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल को द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल की वृद्धि के लिये आवश्यक ऊर्जा को उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। इसका मात्रक बल प्रति इकाई लंबाई (जैसे न्यूटन/मीटर), या ऊर्जा प्रति इकाई क्षेत्र (जैसे जूल/वर्ग मीटर) है।

द्रव के पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं दिखाइये कि पृष्ठ ऊर्जा का मान पृष्ठ तनाव के बराबर होता है?

द्रव के पृष्ठ के क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए, किया गया कार्य द्रव के पृष्ठ तनाव के बराबर होता है. इनके अनुसार पृष्ठ तनाव का मात्रक जूल/मीटर^२ होगा. द्रव का ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव कम हो जाता है और क्रांतिक ताप (critical temp) पर यह शून्य हो जाता है.

पृष्ठ तनाव क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

जब पानी की बूंदों को किसी कांच की प्लेट पर फैलाया जाता है तो हम देखते है कि ये बुँदे स्वत: ही गोलाकार रूप ले लेती है , इसका कारण पृष्ठ तनाव है जिसके कारण बुँदे न्यूनतम पृष्ट करने के लिए गोलाकार रूप में ले लेती है , जब बूँद का आकार बढाया जाता है तो यह चपटी गोलाकार रूप लेती है क्यूंकि इसका आकार बढ़ाने के कारण इस पर ...