तुम कितनी सुंदर लगती हो, जब तुम हो जाती हो उदास !
मुँह पर ढक लेती हो आँचल,
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या दिन भर उड़ कर थकी किरन,
दो भूले-भटके सांध्य विहग
खारे आँसू से धुले गाल, भँवरों की पाँते उतर-उतर
चंपई वक्ष को छू कर क्यों 1 year ago उदास तुम किसकी कविता है?उदास तुम / धर्मवीर भारती
तुम कितनी सुंदर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास यह किस कविता की पंक्ति?धर्मवीर भारती: तुम कितनी सुंदर लगती हो, जब तुम हो जाती हो उदास !
नायिका के उन्मन पलकों की कोरों में क्या दबी ढँकी है?उन्मन पलकों की कोरों में क्यों दबी ढँकी बरसात सखी ? चम्पई वक्ष को छूकर क्यों उड़ जाती केसर की उसाँस ? मदभरी चाँदनी जगती हो ! तुम कितनी सुन्दर लगती हो.
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