उबल पड़ने वाले साधारण व्यक्ति का क्या दोष है? - ubal padane vaale saadhaaran vyakti ka kya dosh hai?

यहाँ लेखक का आशय इस बात से है कि साधारण लोग जो की धर्म को ठीक से जानते तक नहीं, परन्तु धर्म के खिलाफ कुछ भी हो तो उबाल पड़ते हैं। चालाक लोग उनकी इस मूर्खता का फायदा उठाकर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए उनसे अपने ढंग से काम करवाते हैं।

प्रश्न 13-12. उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते है, उधर जुत जाता है।

उत्तर 13-12:
लेखक के अनुसार साधारण और अपनी सोच न रखने वाले व्यक्ति को अच्छे -बुरे की पहचान ही नहीं होती वी तो अपने मार्गदर्शक को ही अपना सबकुछ मानता हे उसके कहे अनुसार ही कार्य करता है, उस पर जरा सी आंच नहीं आने देता है चाहे उसकी जान ही क्यों न चली जाए। और दिखाए गए रास्ते पर बिना सोचे-समझे चलने लता है।

प्रश्न 13-13. यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।

उत्तर 13-13:
समाज में अपने आप को धर्म का ठेकेदार मानने वाले लोग साधारण जनता को ईश्वर के नाम पर डराते है फिर अपने आप को ही ईश्वर का प्रतिनिधि बताते हुए अपने अनुसार उनसे कर्म करवाते हैं आपस में एक दूसरे को लड़वाते हैं और भोले-भाले लोग उनकी इन चालों को न समझते हुए अपना और समाज बड़ा नुकसान कर बैठते हैं।

प्रश्न 13-14. अब तो, आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।

उत्तर 13-14:
लेखक के अनुसार चालाक लोगों की चालाकी अब ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी धर्म के नाम पर अब लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकेगा अब तो यह देखा जाएगा कि आप किनते ईश्वर भक्त हैं आपका समाज के प्रति आचरण कैसा है और वास्तव में आप समाज का कितना भला चाहते हैं।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 
उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।

Solution

कुछ लोग धर्म में विशेष आस्था रखते हैं। धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते परन्तु अंधविश्वास रखते हैं जिससे उसके खिलाफ़ कुछ भी होता है तो वह क्रोधित हो जाते हैं और इसका फायदा चालाक लोग, स्वार्थी लोग उठा लेते हैं। उनसे अपना स्वार्थ सिद्ध कराते हैं और वे भी उसमें बिना विचारे जुट जाते हैं।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B)

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(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट किजिए-
उबल पड़ने वाला साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर भी जोत देते हैं, उधर जुत जाता है?


आशय-इस कथन का आशय है कि साधारण आदमी धर्म के बारे में कुछ नहीं जानता। उसमें सोचने विचारने की अधिक शक्ति नहीं होती। वह अपने धर्म-संप्रदाय के प्रति अंधी श्रद्धा रखता है। वह तो धर्म के नाम पर जान लेने और देने को तैयार रहता है। छोटे से संकट की बात सुनकर क्रोधित हो उठता है। ऐसा आदमी दूसरों के हाथ की कठपुतली होता है। उसके मन में यह बात बैठा दी जाती है कि धर्म के हित में जान दे देना पुण्य का काम है। चालाक किस्म के लोग उसे अपना हित साधने के लिए निर्देशित काम में उलझा देते हैं। वह उसमें मन से जुट जाता है। अर्थात् धर्म के नाम पर जिस काम के लिए कहा जाता है वह उसी को करने लगता है। उसमें सोचने-विचारने की शक्ति नहीं होती।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
धर्म के स्पष्ट चिह्न क्या हैं?


धर्म के दो स्पष्ट चिह्न हैं-शुद्ध आचरण और सदाचार।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में क्या बात अच्छी तरह दर कर बैठी हैं?


साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में यह बात अच्छी तरह से घर करके बैठ गई है कि धर्म के सम्मान की रक्षा के लिए प्राण दे देना उचित है। साधारण आदमी धर्म के तत्वों को नहीं समझते पर धर्म के नाम पर भड़क जाते हैं।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का कौन आ दिन सबसे बुरा था?


लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का वह सबसे बुरा दिन था जिस दिन स्वाधीनता के लिए मुल्ला, मौलवियों व धर्माचार्यो को आवश्यकता से अधिक महत्व दिया गया। ऐसा करने पर हमने स्वाधीनता के आंदोलन में अपना एक कदम पीछे कर दिया। उसी पाप का फल हमें आज तक भुगतना पड़ रहा है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
धर्म के व्यापार को रोकने के लिए क्या उद्योग होने चाहिए?


धर्म के नाम पर व्यापार को रोकने के लिए हमें दृढ़ता से धार्मिक उन्माद का विरोध करना होगा। हमें कुछ लोगों की धूर्तता के जाल में नहीं उलझना चाहिए। अपनी बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए। इन धूर्त लोगों का आसन ऊँचा करने से बचना चाहिए।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
आज धर्म के नाम पर क्या-क्या हो रहा हैं?


आज धर्म के नाम पर नेता, आतंकवादी और धूर्त, लोगों का शोषण करते हैं। धर्म के नाम पर दंगे फसाद किए जाते है। ज़िद की जाती है और धर्म के नाम पर उत्पाद किए जाते हैं।

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उबल पड़ने वाले आदमी का क्या दोष है?

उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।

साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में कौन सी बात अच्छी तरह घर कर बैठी है?

Question 4: साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में क्या बात अच्छी तरह घर कर बैठी है? उत्तर: साधारण से साधारण आदमी के दिल में यह बात अच्छी तरह घर कर बैठी है कि धर्म और ईमान की रक्षा के लिए प्राण तक निछावर कर देना वाजिब है।