तुलसी की माला कैसे बनाया जाता है? - tulasee kee maala kaise banaaya jaata hai?

बाजार से तुलसी की माला खरीदने की जगह आप घर पर ही इसे बना सकती हैं। विधि जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल। 

हिंदू धर्म में कई तरह के मोतियों को शुभ माना गया है और इन मोतियों से बनी मालाओं को पहनना भी शुभ बताया गया है। तुलसी के मोतियों से बनी माला भी बहुत पवित्र और लाभदायक होती है। बाजार में आपको तुलसी के बड़े और छोटे मोतियों से बनी तरह-तरह की मालाएं मिल जाएंगी। मगर जो बात खुद से तुलसी की माला बनाने में आती है, वह बाजार से खरीदी हुई माला में कहां होती है। 

जी हां, आप घर पर तुलसी की माला खुद से बना सकती हैं। आमतौर पर देखा गया है कि तुलसी का पौधा नवंबर से लेकर फरवरी तक के महीने में सूख जाता है। ऐसे में उस पौधे की सूखी टहनियों से आप मोती तैयार कर सकती हैं और घर पर माला बना सकती हैं। 

आज हम आपको घर पर तुलसी की माला बनाने का बहुत ही आसान तरीका स्‍टेप्‍स में बताएंगे। 

इसे जरूर पढ़ें: Astro Tips: तुलसी की माला पहनने का महत्व और वास्‍तु टिप्‍स जानें 

तुलसी की माला कैसे बनाया जाता है? - tulasee kee maala kaise banaaya jaata hai?

स्‍टेप-1 

सबसे पहले तुलसी के सूखे पौधे (तुलसी के पौधे को हरा-भरा बनाने के टिप्‍स) की एक बराबर साइज वाली टहनियों को इकट्ठा कर लें। फिर आप एक हार्ड सैंडपेपर लें। सैंडपेपर की मदद से तुलसी की टहनियों की क्‍लीनिंग करें। यह क्‍लीनिंग बहुत जरूरी होती है क्योंकि इससे टहनियां साफ हो जाती है और यदि उनमें कहीं गांठ है, तो वह भी रिमूव हो जाती है। 

स्‍टेप-2 

जब आप सभी टहनियों की क्‍लीनिंग कर लें तो उसके बाद आपको मोतियों की कटिंग करनी होगी। इस दौरान आप ज्वेलरी कटर का ही इस्तेमाल करें। अगर आपके पास ज्वेलरी कटर नहीं है तो आप धारदार चाकू का भी प्रयोग कर सकते हैं, मगर उससे आपको थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इस बात का भी ध्‍यान रखें कि आपको सारे मोतियों को एक बराबर साइज में कट करना है।  

तुलसी की माला कैसे बनाया जाता है? - tulasee kee maala kaise banaaya jaata hai?

स्‍टेप-3 

कोशिश करें कि 108 मोतियों की माला ही बनाएं। जब मोती तैयार हो जाएं तो आपको उन्हें धागे में पिरोना होगा। धागे में मोती पिरोने के लिए आपको बाजार से नायलॉन का धागा लाना होगा। यह धागा ज्वेलरी मेकिंग में इस्तेमाल होता है। यह इतना मजबूत होता है कि आप इसे हाथ से नहीं तोड़ सकती हैं। इसलिए इसी धागे में आपको तुलसी के मोतियों को पिरो कर माला तैयार करनी चाहिए। 

स्टेप-4 

अब आप सुई में नायलॉन का धागा डालें। धागे में मोती पिरोने से पहले ज्वेलरी लॉक को धागे में डालें। इस माला के लिए आप चूड़ी वाला लॉक इस्तेमाल कर सकती हैं। बाजार में आपको सिल्वर और गोल्डन दो तरह का लॉक मिलेगा आप अपनी पसंद के हिसाब से इसे खरीद सकती हैं। लॉक के इनर और आउटर दो हिस्से होंगे, आपको पहले इनर पार्ट को धागे में डालना है। इसके बाद आप मोतियों को एक-एक कर धागे में पिरोना शुरू करें। 

इसे जरूर पढ़ें: तुलसी की माला पहनने से आपको मिलते हैं ये जबरदस्‍त फायदे

स्‍टेप- 6 

इसके बाद जब सारे मोती धागे में पिरो लिए जाएं तो आपको आउटर लॉक को धागे में डालकर एक मजबूत गांठ लगानी होगी। अंत में जब माला बन कर पूरी तरह तैयार हो जाए, तो उसमें चमक लाने के लिए 24 घंटे के लिए माला को तिल के तेल में डिप करके रख दें। ऐसा करने से मोतियों में चमक और मजबूती दोनों आ जाती है। 

अब आप इस माला को खुद भी पहन सकती हैं और चाहें तो घर के मंदिर में रखी भगवान की मूर्ति (भगवान की मूर्ति गिफ्ट करने के नियम) को अर्पित कर सकती हैं। आपको बता दें कि तुलसी की माला धारण करने के लिए सोमवार, गुरुवार, या बुधवार का दिन सबसे शुभ होता है। यह माला धारण करने से पहले आपको उस पर गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध कर लेना चाहिए।तुलसी की माला आप गले के साथ-साथ हाथों में भी धारण कर सकती हैं। 

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तुलसी की माला कैसे बनाया जाता है? - tulasee kee maala kaise banaaya jaata hai?

सोचिये की सिर्फ एक छोटे से पौधे से आपके जीवन के सारे स्वास्थ्य से जुड़े कष्ट दूर हो जाये तो क्या कहने। एक ऐसा पौधा जो प्राचीन काल से मानव जाती को अपने औषधीय गुण से लम्बी आयु प्रदान करता हुआ आया है। इसे हम तुलसी का पौधा कहते है जो हिंदुओं के घर में अवश्य देखें को मिल जाता है। तुलसी सिर्फ एक पौधा नहीं है। यह एक चमत्कारी बूटी है जिसको माला के रूप में धारण करने से अनेक प्रकार से रोग दूर हो जाते है तथा सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। tulsi mala पहनने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अलग तरह का जोश देखने को मिलता है।

Tulsi Ki Mala Ke Fayde -Astrology in hindi

Tulsi ki mala का हमारी संस्कृति मे एक अलग पवित्र स्थान है। तुलसी की माला तुलसी पौधे के तने से बनायी जाती है। माना जाता है की इसके अंदर देवी निवास करती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप तुलसी की माला को अपने गले मे धारण करते है तो इस से आपकी कुंडली में बुध और गुरु दोनों ग्रहों को बल मिलता है और उनका स्थान मजबूत होता है। इसलिए अगर जातक की कुंडली में बुध और गुरु गृह कमजोर हो तो उन्हें तुलसी की माला धारण करनी चाहिए। तुलसी माला के अनेक लाभ है परन्तु अगर tulsi ki mala का पूजन कर के उसे गले मे पहना जाये तो आपको जीवन मे सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते है। तुलसी माला में असीम ऊर्जा विद्यमान होती है। इसे पहनने से आपके शरीर में एक्वा पंक्चर होता है और गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है। tulsi mala से जाप करने से आप की आत्मा की शुद्धि होती है और इसके द्वारा आप प्रभु की शरण मे आते है।

How to wear tulsi mala (कैसे पहनें तुलसी की माला)

हमारे शास्त्रों मे लिखा है की कोई भी पवित्र चीज धारण करने से पहले उसका विधि-विधान से पूजन करना अवश्यक है जिससे उसका असर बढ़ जाता है। tulsi ki mala को पहनने से पहले उसे दूध और गंगाजल से धो कर पवित्र कर ले फिर किसी भी पास के श्रीकृष्ण मंदिर मे जाकर भगवान विष्णु या प्रभु श्रीकृष्ण की पूजा कर ले और इसके बाद हाथ जोड़ कर मन ही मन भगवान विष्णु का धयान करे और tulsi mala को अपने गले मे पवित्र मन से धारण कर ले।

Tulsi mala wearing rules

ध्यान रहे की tulsi mala को पहनने के भी नियम बनाये गए है और इन tulsi mala rules का अपना एक अलग ही स्थान से जिसे पूरा करना जरूरी होता है। तभी जातक को इस चमत्कारी tulsi ki mala का लाभ मिलता है।

1- वह जातक जो तुलसी की माला पहनते है उन्हें प्याज और लहसुन का त्याग करना चाहिए।

2- तुलसी की माला पहनने वाले जातकों को किसी भी रूप में मांसाहारी भोजन नहीं खाना चाहिए।

3- Tulsi ki mala और रुद्राक्ष की माला को भूल कर भी साथ में नहीं पहनना चाहिए, इसका असर विपरीत होता है।

4- मृत्यु के बाद भी तुलसी माला को देह से दूर नहीं करना चाहिए वरना आत्मा विष्णु लोक में नहीं जा पाती।

How to identify original tulsi mala

How to identify original tulsi mala:तुलसी का तना अंदर से सफ़ेद होता है और इसी वजह से असली तुलसी की माला एकदम सफ़ेद रंग की होती है। अगर आप इसकी पहचान करना चाहते है तो तुलसी की माला को पानी में 30 मिनट तक भिगोकर रख दें। अगर वह अपना रंग छोड़ने लगे तो समझ जाइये की माला नकली है।

Original tulsi mala price

मार्किट मे सभी तरह की tulsi mala उपलब्धद्ध है परन्तु असली tulsi mala for neck मिलना मुश्किल है। यदि आप विधि-विधान से शुद्ध की हुई एकदम असली तुलसी की माला खरीदना चाहते है तो अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट से Tulsi Mala खरीद सकते है। यहाँ आपको एकदम 100% असली तुलसी की माला प्राप्त होंगी।

घर पर तुलसी की माला कैसे बनाई जाती है?

घर पर इस तरह बनाएं तुलसी की माला.
स्‍टेप-1. सबसे पहले तुलसी के सूखे पौधे (तुलसी के पौधे को हरा-भरा बनाने के टिप्‍स) की एक बराबर साइज वाली टहनियों को इकट्ठा कर लें। ... .
स्‍टेप-2. जब आप सभी टहनियों की क्‍लीनिंग कर लें तो उसके बाद आपको मोतियों की कटिंग करनी होगी। ... .
स्‍टेप-3. ... .
स्टेप-4. ... .
स्‍टेप- 6..

तुलसी की माला कौन कौन पहन सकता है?

तुलसी की माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लेना चाहिए और सूखने के बाद धारण करना चाहिए..
इस माला को धारण करने वाले लोग रोजाना जाप करना होता हैं. इससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं..
तुलसी माला पहनने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए. ... .
किसी भी स्थिति परिस्थिति में तुलसी की माला को शरीर से अलग नहीं करना चाहिए.

तुलसी की माला की असली पहचान क्या है?

असली तुलसी माला की पहचान ( tulsi mala ki pahchan ) करने के लिए उसे करीब 30 मिनट तक पानी में रख दें। यदि वह माला अपना रंग न छोड़े तो वह माला असली है। तुलसी माला पहनने के लिए प्रतिबंध कौन-कौन से है? ( Tulsi Mala pehanne ke liye pratibandh kaun-kaun se hai? ) तुलसी की माला पहनने वालों को सात्विक रहना चाहिए।

तुलसी की माला कितने रुपए में आती है?

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