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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 9 > Hindi > Chapter > ल्हासा की ओर > तिब्बत में चाय कैसे बनती है?... लिखित उत्तर चाय को कुटकर तथा मक्खन और नमक मिलाकरचाय को पानी में खौलाकरचाय को दूध में खौलाकरइनमें से कोई नहीं Answer : A Comments Add a public comment... Follow Us: Popular Chapters by Class: Class 6 AlgebraBasic Geometrical IdeasData HandlingDecimalsFractions Class 7 Algebraic ExpressionsComparing QuantitiesCongruence of TrianglesData HandlingExponents and Powers Class 8 Algebraic Expressions and IdentitiesComparing QuantitiesCubes and Cube RootsData HandlingDirect and Inverse Proportions Class 9 Areas of Parallelograms and TrianglesCirclesCoordinate GeometryHerons FormulaIntroduction to Euclids Geometry Class 10 Areas Related to CirclesArithmetic ProgressionsCirclesCoordinate GeometryIntroduction to Trigonometry Class 11 Binomial TheoremComplex Numbers and Quadratic EquationsConic SectionsIntroduction to Three Dimensional GeometryLimits and Derivatives Class 12 Application of DerivativesApplication of IntegralsContinuity and DifferentiabilityDeterminantsDifferential Equations Privacy PolicyTerms And Conditions Disclosure PolicyContact Us
काली चाय में मक्खन और नमक मिलाकर तैयार होती है तिब्बत की बटर टी पो-चा
हेल्थ डेस्क. अधिकांश भारतीयों को बटर या मक्खन काफी पसंद होता है। चाहे परांठा हो या कुलछा या पावभाजी, एक्स्ट्रा बटर तो चाहिए ही। लेकिन क्या हम बटर वाली चाय भी पसंद करते हैं? ये \'मलाई मारके वाली चाय\' की बात नहीं हो रही है। मैं यहां \'बटर वाली चाय\' की ही बात कर रहा हूं जो तिब्बतियों की पारंपरिक चाय है। शेफ हरपाल सिंह सोखी से जानिए कैसे बनती है पो चा। 1) एक दिन 30 कप पो चा पी जाते हैं तिब्बत में इसे 'पो चा' के नाम से जाना जाता है। इसे काली चाय में बटर और नमक डालकर बनाया जाता है। 'पो चा' तिब्बतियों की जीवनशैली का वैसा ही अखंड हिस्सा है, जैसी कि साधारण दूध वाली चाय हम सभी की जिंदगी का। नोमाड्स तिब्बती (तिब्बत इलाके में रहने वाले घुमंतू प्रजाति के लोग) तो एक दिन में 30 कप तक बटर टी पी जाते हैं। चूंकि बटर में बहुत ज्यादा गर्मी, फैट और एनर्जी होती है। इसलिए हिमालय के सर्द प्रदेशों में रहने वाले तिब्बतियों के लिए यह चाय ठंडे व शुष्क मौसम से लड़ने में मददगार होती है। इससे होंठों के फटने की समस्या से भी बचाव होता है, जो कि इस क्षेत्र में काफी आम होती है। बटर टी के साथ कई तिब्बती लोग जौ या गेहूं से बना एक खास दलिया भी नाश्ते में खाते हैं जिसे 'साम्पा' कहा जाता है। तिब्बत में बटर टी बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। वहां इसे बनाने के लिए पेमागुल क्षेत्र में पैदा होने वाली एक खास काली चाय का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस चाय को पानी में तब तक उबाला जाता है, जब तक कि यह मिश्रण गाढ़ा और डार्क ब्राउन कलर का न हो जाए। इस मिश्रण को 'चाकू' कहा जाता है। इसे एक जार में रख लिया जाता है। इसका इस्तेमाल कई दिनों तक किया जा सकता है। जब भी बटर टी बनानी होती है, पानी और थोड़े-से दूध वाले मिश्रण में 'चाकू' का एक हिस्सा मिला लिया जाता है। थोड़ी देर उबालने के बाद इस मिश्रण को लकड़ी की खास मथानी में डाल दिया जाता है। फिर इसमें ढेर सारा मक्खन डालकर उसे तब तक मथा जाता है, जब तक कि सबकुछ अच्छे से मिक्स नहीं हो जाए। बस तैयार है तिब्बत की पारंपरिक बटर टी यानी 'पो चा'। पारंपरिक तौर पर तिब्बती लोग मादा याक का ही दूध और बटर का इस्तेमाल करते हैं। तिब्बत के बाहर बटर टी बनाने के लिए सामान्य चाय पाउडर (या टी बैग्स) और साधारण दूध (गाय या भैंस का) भी इस्तेमाल किया जाता है। मथनी के लिए सामान्य मथानी का यूज कर लिया जाता है। पारंपरिक तिब्बतियों में बटर टी यानी 'पो चा' को पीने का भी एक खास तरीका होता है। तिब्बत क्षेत्र में जब भी किसी के यहां मेहमान आता है तो उसे एक बॉउल में बटर टी दी जाती है। बटर टी चुस्की-चुस्की (सिप-सिप कर) पी जाती है। मेहमान के बॉउल में सबसे पहले थोड़ी-सी चाय डाली जाती है। चाय खत्म होते ही मेजबान उस बॉउल को फिर से चाय से भर देता है। अगर मेहमान की चाय पीने की इच्छा नहीं होती है तो वह उस बॉउल को छूता भी नहीं है। मेहमान के जाने के बाद बॉउल की चाय फेंक दी जाती है। इसे मेजबान का अपमान नहीं समझा जाता। तिब्बती चाय कैसे बनती है?तिब्बत में बटर टी बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। वहां इसे बनाने के लिए पेमागुल क्षेत्र में पैदा होने वाली एक खास काली चाय का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस चाय को पानी में तब तक उबाला जाता है, जब तक कि यह मिश्रण गाढ़ा और डार्क ब्राउन कलर का न हो जाए। इस मिश्रण को 'चाकू' कहा जाता है।
तिब्बती चाय में जिन वस्तुओं को डाला जाता है उसके लिए कौन सा समूह उचित है?Answer: तिब्बत में महिलाएं चोड़ी नामक बर्तन में सोडा नमक और मक्खन डालकर उसे मथकर फिर कूटकर चाय तैयार करती थी।
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