श्वसन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें ग्लूकोज का ऑक्सीकरण तथा विघटन होता है। जिसके फलस्वरूप कार्बनडाई ऑक्साईड (CO2), जल तथा ATP के रूप में ऊर्जा का निर्माण होता है। Show
श्वसन प्रक्रिया/ अभिक्रिया का समीकरण :- C6H12O6 + 6O2 →6CO2 + 12H2O + 36 ATP मानव श्वसन प्रक्रिया के चरण (Step of Human Respiratory Process In Hindi)श्वसन की प्रक्रिया के चार चरण होते है।
परिवहन:- शरीर की 97% ऑक्सीजन का परिवहन हीमोग्लोबिन के रूप में होता है तथा केवल 3% ऑक्सीजन का परिवहन प्लाज्मा के रूप में होता है।
आन्तरिक श्वसन:- रक्त तथा शरीर के अन्य ऊतको के मध्य गैसों का आदान-प्रदान आन्तरिक श्वसन कहलाता है। मानव श्वसन तंत्र (Human Respiratory system In Hindi)इस खंड में मानव श्वसन तंत्र के बारे में पढ़ेंगे Human Respiratory system In Hindi मानव श्वसन तंत्र का चित्रपृथ्वी पर प्रत्येक प्राणी श्वसन क्रिया करता है। मानव में भी श्वसन क्रिया होती हैं। श्वसन क्रिया करने के लिए मानव शरीर में एक श्वसन तंत्र (Swasan Tantra) श्वसन तंत्र के प्रकारमानव में मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को तीन भागों में विभक्त किया गया है- ऊपरी श्वसन तंत्र, निचला श्वसन तंत्र तथा श्वसन मांसपेशिंया Types of Human Respiratory system In Hindi1. ऊपरी श्वसन तंत्र (Upper Respiratory System in Hindi)नासिका :- यह पहला श्वसन (Swasan Tantra) अंग है जो बाहर दिखने वाले एक जोड़ी नासाद्वार से शुरू होता है। यह एक बड़ी गुहा के रूप में होती है जो एक पतली हड्डी व झिल्ली के द्वारा दो भागों में विभक्त होती है । नासिका मुहा का पृष्ठ भाग नासाग्रसनी में खुलता हैं। नासिका गुहा में पाए जाने वाले महीन बाल, पतली झिल्ली में होने वाला रक्त प्रवाह, झाडुनुमा पक्ष्माभ तथा श्लेष्मा आपसी सहयोग से श्वास वायु में धूल कण, पराग कण, फफूँद आदि को दूर कर उसे शुद्ध करते हैं। इस शुद्धि के पश्चात् ही श्वास वायु फेफडों में प्रवेश करती है। मुख :- मुख श्वसन तंत्र Respiratory system) में एक द्वितीयक अंग के तौर पर कार्य करता है । श्वास लेने में मुख्य भूमिका नासिका की होती है परन्तु आवश्यकता होने पर मुख भी श्वास लेने के काम आता है । परन्तु मुख से ली गई श्वास वायु नासिका से ली गई श्वास की भांति शुद्ध नहीं होती । ग्रसनी :- ग्रसनी एक पेशीय चिमनीनुमा संरचना है जो नासिका गुहा के पृष्ठ भाग से आहारनली के ऊपरी भाग तक फैली हुई है।
स्वर यंत्र/लेरिग्स :- यह कंठ ग्रसनी व श्वासनली को जोड़ने वाली एक छोटी सी संरचना है । यह नौ प्रकार की उपास्थि से मिल कर बना है। 2. निचला श्वसन तंत्र (lower respiratory System in Hindi) :-(A) श्वासनली :- यह करीब 5 इंच लंबी नली होती है जो कूटस्तरीय पक्ष्माभी स्तंभाकार उपकला द्वारा रेखित C- आकार के उपास्थि छल्ले से बनी होती है। (B) श्वसनी (ब्रोंकाई) व श्वसनिका (ब्रोन्किओल) :- श्वासनली अंत में दायीं और बायीं ओर की श्वसनी में विभक्त होती है। श्वसनी तथा ब्रोन्किओल मिल कर एक वक्षनुमा संरचना बनाते है जो बहुत सी शाखाओं में विभक्त होती है। (C) फेफड़ें :- फेफड़े (फुफ्फुस) लचीले, कोमल तथा हल्के गुलाबी रंग के होते है। बायां फेफड़ा दो खण्डों में तथा दाहिना तीन खण्डों में विभक्त होता हैं। 3. श्वसन मांसपेशियाँ :-तनुपट या डायफ्राम वक्ष गुहा को उदर गुहा से अलग करता है। इसके संकुचन से वक्ष गुहा का आकार बढ़ता है व वायु नासिका के रास्ते फेफड़ों से बाहर निकल जाती है। अन्त:श्वसन व बहिश्वसन में अंतरअन्त:श्वसनबहिश्वसनअन्त:श्वसन में अन्तरापर्शुक पेशियाँ एवं डायफ्राम में संकुचन होता है।बहिश्वसन में अन्तरापर्शुक पेशियाँ एवं डायफ्राम में शिथिलन होता हैवक्ष गुहा बाहर की तरफ गति करती है।वक्ष गुहा अंदर की तरफ गति करती है।वक्ष गुहा का आयतन बढ़ता है।वक्ष गुहा का आयतन घटता है।वक्ष गुहा का दाब घटता है।वक्ष गुहा का दाब बढ़ता है।सांद्रता घटती है।सांद्रता बढ़ती है।विसरण के कारण गैसे बाहर से शरीर के अंदर प्रवेश करती है।विसरण के कारण गैसे अंदर से शरीर के बाहर उत्सर्जित होती है।इस प्रक्रिया में डायफ्राम चपटा हो जाता है।इस प्रक्रिया में डायफ्राम सीधी हो जाता है।अन्त:श्वसन में 2 सैकण्ड का समय लगता है।बहिश्वसन में 3 सैकण्ड का समय लगता ह श्वसन के प्रकार ( Types of Human Respiratory system In Hindi)वायवीय श्वसन/ऑक्सीश्वसन :-
अवायवीय श्वसन/अनॉक्सीश्वसन/किण्वन :-
श्वसन पथ:-किण्वन-
क्रेब्स चक्र-
ग्लायकोलिसिस-
श्वसन से संबंधित बीमारिया विकार –अस्थमा- यह एक एलर्जी रोग है। एम्फाइसीमा- यह एक Chornic रोग है। सिलीकोसिस- सिलिका की धूल से यह रोग होता है। Black Lung Disease- यह रोग कोयले से होता है। इसमें व्यक्ति के फेंफडे अंदर से काले हो जाते है एवं शरीर का रंग नीला पड़ जाता है। यह रोग ब्लू बेबी सिण्ड्रोम कहलाता है। मेट हीमोग्लोबिन- जब हीमोग्लोबिन में उपस्थित आयरन (fe+2)की ऑक्सीजन अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता तो शरीर में O2 का परिवहन अच्छा होता है। अंतिम शब्द :-यहाँ पर आपको मानव श्वसन तंत्र Human Respiratory system In Hindi के बारे में बतया गया। यदि आपको और भी प्रश्न या डाउट हो तो तो आप कमेंट कर के पूछ सकते हैं। मानव श्वसन तंत्र FAQsमनुष्य के शरीर का प्रमुख श्वसन अंग कौन सा है?नासिका, मुख, ग्रसनी, श्वसनी (ब्रोंकाई) व श्वसनिका (ब्रोन्किओल), फेफड़ें श्वसन क्या है श्वसन कितने प्रकार का होता है?कोशिकाओं में ऑक्सीजन की उपस्थिति में खाद्य पदार्थ का ऑक्सीकरण जिसमें ऊर्जा उत्पन्न होती है, श्वसन कहलाता है। श्वसन तंत्र के कार्यों का वर्णन कीजिए?शरीर में ऊर्जा- श्वसन क्या है श्वसन के प्रकार?श्वसन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें ग्लूकोज का ऑक्सीकरण तथा विघटन होता है। जिसके फलस्वरूप कार्बनडाई ऑक्साईड (CO2), जल तथा ATP के रूप में ऊर्जा का निर्माण होता है। यह भी पढ़े- बायोमास(Biomass) In Hindi PDF Notes|||||यदि यदि आपको यह लेख मानव श्वसन तंत्र क्या है? चित्र, परिभाषा, प्रकार Human Respiratory system In Hindi पसंद आया तो अपने मित्रो के साथ शेयर करे। श्वसन तंत्र के मुख्य अंग कौन से हैं?श्वसन तंत्र (respiratory system) या 'श्वासोच्छ्वास तंत्र' में सांस संबंधी अंग जैसे नाक, स्वरयंत्र (Larynx), श्वासनलिका (Wind Pipe) और फुफ्फुस (Lungs) आदि शामिल हैं। शरीर के सभी भागों में गैसों का आदान-प्रदान (gas exchange) इस तंत्र का मुख्य कार्य है।
श्वसन के कितने अंग होते हैं?Solution : जन्तुओं का श्वसन अंग तीन प्रकार के होते हैं <br> (i)श्वास नली, (ii) पैरोटिड और (iii).
श्वसन तंत्र का पहला भाग क्या है?नासा-द्वार-नासा-द्वार श्वसन तंत्र का पहला भाग है जहाँ से वायु नासा-गुहा में प्रवेश करती है।
श्वसन तंत्र के कितने कार्य होते हैं?शरीर में स्थित वह तंत्र जो वायुमण्डल की आक्सीजन को श्वास (Inspiration) के रूप में ग्रहण कर शरीर की आन्तरिक कोशिकाओं तक पहुंचाने का कार्य करता है तथा शरीर की आन्तरिक कोशिकाओं में स्थित कार्बनडाईआक्साइड को बाºय वायुमण्डल में छोड़ने (Expiration) का महत्वपूर्ण कार्य करता है, श्वसन तंत्र कहलाता है''।
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