शारीरिक पुष्टि के घटक कौन-कौन से हैं - shaareerik pushti ke ghatak kaun-kaun se hain

आज इस आर्टिकल में हम आपको शारीरिक पुष्टि के घटक या अंग के बारे में बताने जा रहे है.

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गति

गति से अभिप्राय मनुष्य के उस योग्यता से है जो किसी भी स्थिति में कम-से-कम समय लेकर अपने कार्य को पूरा करती है. गति दूसरे शारीरिक योग्यता अगों: जैसे शक्ति तथा सहनशीलता से भिन्न है. यह प्रणाली पर आधारित है| गति को साधारणतया लगभग 20 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता,क्योंकि गति बहुत सारी बातों पर आधारित है. भिन्न-भिन्न खेलों में गति भिन्न-भिन्न किस्मों में देखने को मिलती है. सभी खेलें तेज तथा विस्फोटक मूवमैंट पर आधारित होती है.

शक्ति

शक्ति शारीरिक पुष्टि का एक महत्वपूर्ण घटक है. शक्ति हमारे शरीर की मासपेशियोँ द्वारा उत्पन्न की गई वह ऊर्जा है जिसके द्वारा हम कुछ कार्य कर सकते है. शक्ति को मापने के लिए पौड या डाइन का प्रयोग किया जाता है| शक्ति को मुख्यतः दो भगौं में बाटा जाता है-

(1) स्थित शक्ति,
(2) गतिशील शक्ति.

स्थित शक्ति को ‘आइसोमीट्रिक शक्ति’ के नाम से भी जाना जाता है. आमतौर पर यह शक्ति खेलकूद में प्रयोग नही की जाती, परन्त्तु वजन उठाना में इसका प्रयोग थोड़ा मात्रा में किया जाता है.

गतिशील शक्ति को ‘आइसोटोनिक शक्ति’ के नाम से जाना जाता है. खीचने वाली क्रियाओं में इसका अधिक प्रयोग किया जाता है.

सहनशीलता

सहनशीलता शक्ति की तरह शारीरिक पुष्टि का एक महत्वपूर्ण घटक है. दुर्भाग्य की बात यह है की भारत में इस योग्यता की और कम ध्यान दिया जाता है. सहनशीलता एक प्रतिरोध योग्यता के विरुद्ध होती है. साधारण शब्दों में,यह खिलाड़ी की वह योग्यता है, जिसके कारण खिलाड़ी बिना किसी थकावट के क्रिया करता है. सहनशीलता प्रत्येक खेल में अच्छे कुशलता के लिए एक महत्वपूर्ण योग्यता है. एक अच्छे सहनशीलता वाला खिलाड़ी अधिक ट्रेनिग का भार सहन करके अपनी कुशलता बढ़ा सकता है. कूपर और पीटर जैसे विद्वानों का विचार है की सहनशीलता ह्रदय की बीमारियों और सामान्य स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है.

लचकीलापन/लचक

व्यक्ति के शरीर के जोड़ो की गतिक्षमता को लचक कहते है. अधिक लचक वाला व्यक्ति बिना किसी कष्ट के अघिक देर तक कार्य कर सकता है. आधेक लचक वाले व्यक्ति भी व्यक्तित्व भी अच्छा होता है. लचकदार शरीर वाले व्यक्ति जब कोई गतिविधि करते है तो उनकी मांसपेशियां में कम तनाव उत्पन्न होता है जिस कारण ऊर्जा या शक्ति का बचाव होता है.

स्फूर्ति/चुस्ती

खिलाड़ी जब अपने शरीर अथवा शरीर के किसी हिस्से को हवा में तेजी के साथ और सही ढंग से उसकी दिशा को बदलता है, तो उसको स्फूर्ति कहा जाता है. इसमें शरीर की बड़ी तेजी तथा ठीक ढंग से तालमेल करती है. इसको पूरा करने के लिए अनुभव ,तकनीक और हुनर की बहुत आवश्यकता होती है. यह विशेषतौर पर हर्डल्ज,कुश्ती,ऊँची छलांग ,फुटबॉल और बास्केटबाल जैसी खेलों में बहुत महत्वपूर्ण है.

तालमेल

शारीरिक अंगो के आपस में मिलकर कार्य करने की शक्ति को तालमेल कहते है. मानवीय विकास शक्ति और वृद्धि के तालमेल के बिना नहीं हो सकता. तालमेल से शरीर का प्रत्येक अंग मिल-जुलकर कार्य करता है. जब मानवीय शरीर तालमेल से कार्य करता है तो मनुष्य के व्यक्तित्व में वृद्धि होती है. यदि मनुष्य के सारे अंग ठीक ढंग से कार्य करते हो परंतु दिमाग कार्य न करता हो तो शरीर के बाकी सारे अंग बेकार हो जाते है. इसलिए दिमाग,शरीर और स्थिति तालमेल की माँग करते है. तालमेल के बिना शारीरिक पुष्टि विकसित नही हो सकती.

संतुलन

एक ही स्थिति में अधिक समय तक रहने की शक्ति को संतुलन कहते है. यह शरीरिक पुष्टि के लिए बहुत आवश्यक है. उदाहरण के लिए, मनुष्य जब अपने शरीर को एक संतुलन में रखने में समर्थ हो तो उसको यह शारीरिक योग्यता की एक खास विशेषता है अर्थात जब मनुष्य एक टांग के बल पर कुछ समय के लिए खड़ा होने में सक्षम हो तो इसको उसका संतुलन कहेंगे. हैंड स्टैड और शीर्षासन भी ऐसी क्रियाएँ है जो संतुलन की उदाहरण है. शारीरिक शिक्षा में ऐसी बहुत सारी क्रियाएँ है जो संतुलन के लिए काफी लाभदायक है. शारीरिक पुष्टि के लिए संतुलन का होना आवश्यक है.

शारीरिक पुष्टि के घटक कौन कौन से हैं वर्णन कीजिए?

गति गति से अभिप्राय मनुष्य के उस योग्यता से है जो किसी भी स्थिति में कम-से-कम समय लेकर अपने कार्य को पूरा करती है. ... .
शक्ति शक्ति शारीरिक पुष्टि का एक महत्वपूर्ण घटक है. ... .
सहनशीलता सहनशीलता शक्ति की तरह शारीरिक पुष्टि का एक महत्वपूर्ण घटक है. ... .
लचकीलापन/लचक ... .
स्फूर्ति/चुस्ती ... .
तालमेल ... .
संतुलन.

शारीरिक पुष्टि से आप क्या समझते हैं?

शारीरिक पुष्टि का क्या अर्थ है। शारीरिक पुष्टि एक व्यक्ति की बिना किसी थकावट के दैनिक कार्य करने की योग्यता से है। ऐसे व्यक्ति में खेल क्रियाओं में भाग लेने और आकस्मिक घटनाओं का सामना करने के लिए अन्य की तुलना में अधिक ऊर्जा रहती हैं।

शारीरिक पुष्टि का क्या अर्थ है शारीरिक पुष्टि को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?

शारीरिक पुष्टि एवं सुयोग्यता शरीर की विभिन्न प्रणालियों के कार्य करने की गति में सुधार करती है। इनसे व्यक्ति की कार्य कुशलता एवं क्षमता में वृद्धि होती है। शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति पहले की अपेक्षा अधिक कार्य करने में सक्षम हो जाता है। यह रोग निवारक क्षमता को बढ़ाती है और शरीर के सुचारु विकास में मदद करती है।

स्वास्थ्य संबंधी क्षमता के कितने घटक होते हैं *?

व्यक्तिगत स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता, जैरने-आँख, कान, नाक, गला, बाल, दाँत, जीभ, पैर आदि की सफाई व उचित देखभाल स्वच्छ आवश्यक है। पर्याप्त निद्रा: यह भी स्वस्थ जीवन शैली का महत्वपुर्ण हिस्सा है। इसकी कमी से थकान हो सकती है। इसकी कमी से हृदय सम्बन्धी बीमारियाँ हो सकती है।