मनाली (Manali) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू ज़िले में स्थित एक नगर है। यह 1,950 मीटर (6,398 फीट) की ऊँचाई पर ब्यास नदी के किनारे कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। मनाली राज्य की राजधानी, शिमला, से 270 किमी उत्तर में, चंडीगढ़ से 309 किमी पूर्वोत्तर में और दिल्ली से 544 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है। यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र और फिर काराकोरम दर्रे के पार तारिम द्रोणी में यारकन्द और ख़ोतान जाने के प्राचीन व्यापारिक मार्ग का आरम्भ-बिन्दु है। मनाली एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) है और पर्यटकों के लिए लाहौल और स्पीति ज़िले तथा लेह का प्रवेशद्वार भी है।[1][2] मनाली में पाया घरों के महत्व[संपादित करें]मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ "मनु का निवास-स्थान" होता है। पौराणिक कथा के मुताबिक जल-प्रलय से दुनिया की तबाही के बाद मनुष्य जीवन को दुबारा निर्मित करने के लिए साधु मनु अपने जहाज से यही पर उतरे थे। मनाली को "देवताओं की घाटी" के रूप में जाना जाता है। पुराने मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर हैं।[तथ्य वांछित] इतिहास[संपादित करें]मनाली और उसके आस-पास के क्षेत्र भारतीय संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसे सप्तर्षि या सात ऋषियों का घर बताया गया है।[3] ब्रिटिश राज ने सेब के पेड़ और ट्राउट (एक प्रकार की मछली) की शुरुआत की जो मनाली के पेड़-पौधों एवं जीवों में बिल्कुल नहीं पाई जाती थीं। ऐसा कहा जाता है कि जब सेब के पेड़ों का रोपण हुआ तो इतने ज्यादा सेब फलने लगते थे कि उनकी टहनियां वजन को न सह पाने के कारण गिर जाती थी।[तथ्य वांछित] आज भी यहां के अधिकांश निवासियों के लिए बेर और नाशपाती के साथ-साथ सेब भी इनके आय के सबसे बड़े माध्यम हैं। 1980 के शेष दशक में कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद के बाद मनाली के पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिला. जो गांव कभी सुनसान रहा करता था वो अब कई होटलों और रेस्तरों वाले एक भीड़-भाड़ वाले शहर में परिवर्तित हो गया। भूगोल[संपादित करें]मनाली 32°10′N 77°06′E / 32.16°N 77.10°E पर अवस्थित है। यह शहर 1,800 मी॰ (5,900 फीट) से ऊपरी "प्राचीन मनाली" भाग, 2,000 मी॰ (6,600 फीट) की ऊंचाई तक फैला हुआ है।[4] जनसांख्यिकी[संपादित करें]2011 के अनुसार भारतीय जनगणना के अनुसार मनाली की जनसंख्या 6265 थी। आबादी का 64% पुरुष और 36% महिलाएं थीं। मनाली की औसत साक्षरता दर 74% था, जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से ज्यादा था: पुरुष साक्षरता 80% और महिला साक्षरता 63% थीं। मनाली में जनसंख्या का 9% भाग 6 वर्ष की आयु से कम था।[5] मौसम (जलवायु)[संपादित करें]मनाली का मौसम जाड़े में प्रबल रूप से ठंडा और गर्मी के दिनों में हल्का ठंडा रहता है। तापक्रम की सीमा वर्ष भर 4 °से. (39 °फ़ै) से 20 °से. (68 °फ़ै) रहती हैं। गर्मी के दिनों में औसत तापमान 04 °से. (39 °फ़ै) और 15 °से. (59 °फ़ै), तथा जाड़े के दिनों में −15 °से. (5 °फ़ै) से 05 °से. (41 °फ़ै) के बीच रहता है। मासिक वर्षा (बर्फ़बारी/बारिश) नवंबर में 24 मि॰मी॰ (0.079 फीट) से लेकर जुलाई के 415 मि॰मी॰ (1.362 फीट) के बीच बदलती रहती है। औसतन थोड़ी 45 मि॰मी॰ (0.148 फीट) पात (बर्फ़बारी/बारिश) जाड़े और बसंत के मौसम के दौरान प्राप्त होती है, जो मानसून के प्रवेश करते ही गर्मियों में कुछ 115 मि॰मी॰ (0.377 फीट) बढ़ जाती है। औसतन कुल वार्षिक पात (बर्फ़बारी/बारिश) 1,520 मि॰मी॰ (4.99 फीट) है। इस क्षेत्र में हिमपात जो आमतौर पर दिसंबर के महीने में होती थी, पिछले पन्द्रह वर्षों से विलंबित होकर जनवरी या शुरूआती फरवरी में होने लगी है।
चित्रदीर्घा[संपादित करें]
पर्यटन[संपादित करें]मनाली एक लोकप्रिय हिमालय सम्बन्धी पर्यटक स्थल है और यह हिमाचल प्रदेश आने वाले कुल यात्रियों का लगभग एक चौथाई हिस्सा दर्शाता है। [30] मनाली का ठंडा वातावरण भारत की चिलचिलाती गर्मी के मौसम में भी राहत प्रदान करता है। यहां साहसी खेलों जैसे स्कीइंग, हाइकिंग (लंबी पैदल यात्रा), पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायाकिंग और माउन्टेन बाइकिंग का भी पर्यटक आनन्द लेते हैं। यॉक स्कीइंग इस क्षेत्र का एक अनोखा खेल है।[8] अपने "एक्सट्रीम याक स्पोर्ट्स" के कारण मनाली को "एशिया में सर्वश्रेष्ठ" के रूप में टाईम्स मैगजीन में चित्रित किया गया।[8] मनाली इसके अलावा गर्म बसंत, धार्मिक तीर्थ स्थानें और तिब्बती बौद्ध मंदिरें भी प्रदान करता है। पिछले वर्षों में मनाली नवदम्पतियों का एक पसंदीदा स्थान बन गया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि मौसम (मई, जून, दिसंबर, जनवरी) में रोजाना लगभग 550 जोड़े हनीमून के लिए मनाली पहुंचते हैं और शेष समय[तथ्य वांछित] में रोजाना लगभग 350 जोड़े प्रतिदिन मनाली पहुंचते हैं। यह स्थान अपने बौद्ध मठों के लिए जाना जाता हैं। पूरे कुल्लू घाटी में तिब्बती शरणार्थियों की सबसे ज्यादा उपस्थिति के साथ-साथ यह अपने 1969 में निर्मित गदन थेकोकलिंग गोम्पा के लिए भी प्रसिद्ध है। मठों का रख-रखाव स्थानीय चंदों और मंदिर कार्यशाला में हस्त निर्मित कालीनों को बेचकर किया जाता है। सबसे छोटा और अत्याधुनिक हिमालयन न्यिन्गामापा गोम्पा बाज़ार के निकट सूर्यमुखी के लहलहाते बगीचे में स्थित है। दर्शनीय स्थल[संपादित करें]
परिवहन[संपादित करें]सड़क मार्गमनाली, राष्ट्रीय राजमार्ग 3 द्वारा दिल्ली से बहुत अच्छी तरह जुड़ी हुई है, जो लेह तक जाती है और जो दुनिया की सबसे ऊंची वाहनीय सड़क होने का दावा करती है। नई दिल्ली से मनाली तक हरियाणा के पानीपत और अम्बाला, चंडीगढ़ (केंद्र शासित क्षेत्र), पंजाब के रोपर और हिमाचल के बिलासपुर, सुंदरनगर व मंडी शहर आते हैं। रेल मार्गरेल से मनाली पहुंचना इतना आसान नहीं है। सबसे नज़दीकी बड़ी लाइनों के मुख्य रेलवे स्टेशन उना (250 कि॰मी॰ (820,000 फीट)) चंडीगढ़ (315 कि॰मी॰ (1,033,000 फीट)), पठानकोट (325 कि॰मी॰ (1,066,000 फीट)) और कालका (310 कि॰मी॰ (1,020,000 फीट)) में हैं। नज़दीकी छोटी लाइन का मुख्य रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर (135 किलोमीटर (443,000 फीट)) में हैं। [9] वायु मार्गसबसे नज़दीकी वायु सेवाएं, कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र, भुंतर में उपलब्ध हैं, जो मनाली से करीब 50 कि॰मी॰ (160,000 फीट) दूर है। वर्तमान में, किंगफिशर रेड दिल्ली से प्रतिदिन निरंतर सेवाएं संचालित करती है, एयर इंडिया सप्ताह में दो बार निरंतर सेवा प्रदान करती है और MDLR एयरलाइन्स हफ्ते में छ: बार दिल्ली के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
और पढें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
मनाली कौन सा राज्य में पड़ता है?हिमाचल प्रदेशमनाली / राज्यnull
मनाली कौन से महीने में घूमने जाना चाहिए?मार्च से जून में मनाली ट्रिप पर जाने के फायदे और नुकसान-
मनाली जाने का सही समय गर्मी यानी मार्च से जून के बीच का होता है, क्योंकि इस समय मनाली का मौसम काफी सुहावना होता है, खासकर मार्च और अप्रैल में, क्योंकि इस समय मनाली का तापमान 10° सेल्सियस से 30° सेल्सियस के बीच रहता है।
मनाली की प्रसिद्ध चीज क्या है?मुख्य आकर्षण. हिडिम्बा मंदिर. वशिष्ठ कुण्ड. मणिकरण. बौद्ध मठ. रोहतांग दर्रा. व्यास कुंड. ओल्ड मनाली. सोलंग नाला. मनाली में बर्फ कब तक रहती है?मनाली में नवंबर से जनवरी तक काफी बर्फबारी होती है. यहां स्कीइंग, ट्रेकिंग और कई तरह की एक्टिविटीज को आप इंजॉय कर सकते हैं.
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