आपने अक्सर मूल्यांकन का नाम सुना होगा, मगर क्या आपको मालूम है, कि मूल्यांकन क्या होता है, मूल्यांकन की परिभाषा क्या होती है ? मूल्यांकन के कितने भेद होते हैं, मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य क्या होता है ? Show अगर आपको यह सब नहीं मालूम है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए, क्योंकि इस लेख में हम मूल्यांकन से जुड़ी हर एक जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो, चलिए शुरू करते हैं। मूल्यांकन क्या है ? | Mulyankan Kya Hai | What is Evaluation in Hindiमूल्यांकन एक प्रकार का खास गतिविधि होता है, जो किसी भी कार्यक्रम की विशेषताओं, प्रक्रिया और परिणामों के बारे में सारी जानकारी को एकत्र करता है और उसके विश्लेषण को दर्शाता है। मूल्यांकन को शैक्षिक प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग भी माना जाता है। मूल्यांकन का उपयोग करके किसी व्यक्ति के अंदर की सभी खूबियों और विशेषताओं का विवरण तैयार किया जा सकता है और उसके आधार पर ही उसको काम दिया जाता है। हालांकि सब लोगों और चीजों का मूल्यांकन अलग-अलग तरह से किया जाता है। कई सारे लोगो का कहना है कि, किसी भी वस्तु अथवा अन्य प्रक्रिया का मूल्य निश्चित करना ही मूल्यांकन होता है। जिस प्रकार से किसी भी चीज को मापा या तोला जाता है, ठीक उसी प्रकार से मूल्यांकन भी होता है। मूल्यांकन का प्रोसेस भी मापने और तोलने की तरह ही होता है, मगर यह इन से काफी अलग होता है और इसका प्रक्रिया भी अलग होता है। मूल्यांकन का अर्थ क्या होता है ? | Mulyankan Ka Arth In Hindiमूल्यांकन का अर्थ ” मूल्यों का आंकन ” होता है। मूल्यांकन शब्द की उतप्ति दो शब्द को मिला के हुवा है, उन दोनों शब्दों मे से पहले शब्द का नाम है – मूल्य और दूसरे शब्द का नाम है – आंकन। मूल्यांकन की आवश्यकता अब पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा हो चुकी है। अब किसी भी चीज का निर्णय मूल्यांकन के हिसाब से ही लिया जा रहा है और इसके साथ मूल्यांकन इस बात का भी निर्णय करता है कि, कौन सी चीज बुरी है और कौन सी चीज अच्छी है। उदाहरण के तौर पर :- मान लीजिए कि कोई बच्चा स्कूल में पढ़ रहा है तब हम उसके पढ़ाई के मूल्यांकन को देखकर निर्णय ले सकते हैं, कि वह लड़का स्कूल में पढ़ने लायक है या नहीं और उस बच्चे को स्कूल में जाने के बाद उसके अंदर किसी चीज की बढ़ोतरी हुई है या नहीं उसके बर्ताव में इज़ाफा हुआ है या नही। मूल्यांकन की परिभाषा | Mulyankan Ki Paribhashaदोस्तों, हमने ऊपर के टॉपिक में जाना कि मूल्यांकन क्या है ( Mulyankan Kya Hai ) और मूल्यांकन का अर्थ क्या होता है ? अब हम इस टॉपिक के मदद से मूल्यांकन की परिभाषा के बारे में जानने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं। मूल्यांकन की परिभाषा को कई बड़े-बड़े विद्वानों ने अपने हिसाब से दिया है हालांकि इसे समझना काफी आसान है हम नीचे में कुछ विद्वानों द्वारा दिए गए परिभाषा को लिखे हैं आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे। डॉ . जी. पी. शेरी के अनुसार ” शिक्षा की प्रक्रिया ने शिक्षा के कई सारे उद्देश्यों की कितनी पूर्ति की हैं, यह पता लगाना और उसके बारे में जानना ही मूल्यांकन हैं।” माइकेलिस के शब्दों में ,” मूल्यांकन किसी भी चीज़ के उद्देश्यों की प्राप्ति की सीमा और उसके अंत का निर्णय करने की एक खास प्रक्रिया हैं।” हन्ना और क्यूलिन के अनुसार,” विद्यालय द्वारा किसी भी बालक के व्यवहार, पढ़ाई, मानसिकता और इत्यादि में हुए परिवर्तन के विषय में साक्षियों का पता लगाना तथा उनकी व्याख्या करना ही मूल्यांकन हैं। मूल्यांकन का भेद | Mulyankan Ke Bhedमूल्यांकन को लगभग दो भागों में विभाजित किया जाता है और यह दोनों भागों को हमने नीचे में स्टेप बाई स्टेप करके लिखा है, तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।
मूल्यांकन का उद्देश्यमूल्यांकन का एक मुख्य उद्देश्य होता है, कि किसी भी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का प्रगति और विकास का पता लगाना। किसी भी बच्चे के अंदर के क्षमता, कुशलता, मानवता, इंसानियत, जैसे चीजों का पता मूल्यांकन द्वारा काफी आसानी से लगाया जा सकता है। किसी भी छात्र या किसी भी व्यक्ति को अपने गोल यानी कि मुकाम पहुंचने की प्रक्रिया और वह उस मुकाम तक पहुचने के लिए कितना मेहनत कर रहा है यह सब मूल्यांकन के द्वारा पता लगाया जा सकता है। जब किसी भी प्रक्रिया या गतिविधि की मूल्यांकन की जांच होती है तब उस गतिविधि पर प्रभाव पड़ता है और वह गतिविधि पहले जैसा काम करने लगता है। मूल्यांकन का उपयोग आप बहुत ज्यादा किया जा रहा है चाहे वह कोई फैक्ट्री का काम हो या किसी बच्चे का मार्कशीट हो इन दोनों में मूल्यांकन बहुत अहम भूमिका निभाता है। FAQ,S Q1. मूल्यांकन को इंग्लिश में क्या कहते हैं ? Ans. मूल्यांकन को इंग्लिश में " Evaluation " कहते है। Q2. मूल्यांकन कितने प्रकार के होते हैं ? Ans. मूल्यांकन दो प्रकार के होते हैं। (i) Formative Evaluation ( संरचनात्मक मूल्यांकन ) (ii) Summative Evaluation ( योगात्मक मूल्यांकन )। Q3. मूल्यांकन की आवश्यकता Ans. मूल्यांकन की आवश्यकता आज के जीवन में बहुत ज्यादा पड़ता है क्योंकि अब लोग हर एक चीजों के गतिविधि के मूल्यांकन की डिमांड करते हैं और उसके अनुसार ही किसी चीज का निर्णय लेते हैं। Q4. Evaluation meaning in Hindi Ans. Evaluation का meaning Hindi में " मूल्यांकन " होता है। ( Conclusion, निष्कर्ष ) उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से मूल्यांकन क्या है ( Mulyankan Kya Hai ) के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे। हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको किस मूल्यांकन से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताने की कोशिश की है। शिक्षण मूल्यांकन के कितने भेद होते हैं?मूल्यांकन की प्रकिया मे छात्रों मे पूर्व प्रभावों तथा नवीन उत्पन प्रभावों के आधार पर जांच की जाती है । मूल्यांकन के दो प्रकार होते है । जो निम्नलिखित है ।. वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न।. अति लघु उत्तरीय प्रश्न।. लघु उत्तरीय प्रश्न।. निबंधात्मक प्रकार के प्रश्न।. मूल्यांकन कितने प्रकार?मूल्यांकन के प्रकार (Types of Evaluation). स्थापन मूल्यांकन (Placement Evaluation),. निर्माणात्मक मूल्यांकन (Formative Evaluation),. निदानात्मक मूल्यांकन (Diagnostic Evaluation),. संकलनात्मक मूल्यांकन (Summative Evaluation)।. हिंदी शिक्षण में मूल्यांकन विधियां कितने प्रकार की हैं?मूल्यांकन की प्रविधियाँ (mulyankan ki vidhiya kya hai). १. निरीक्षण विधि :- ... . २. साक्षात्कार विधि :- ... . ३. प्रश्नवली विधि :- ... . ४. जांच प्रविधि:- ... . ५. छात्रों द्वारा निर्मित वस्तुएं:- ... . ६. अभिलेख विधि :- ... . ७. परीक्षा विधि :- ... . ८. व्यक्तिगत अध्ययन विधि:-. मूल्यांकन क्या है और मूल्यांकन के प्रकार?मुल्यांकन (Mulyankan) : यह दो शब्दों से मिलकर बना हैं- मूल्य-अंकन। यह अंग्रेजी के Evaluation शब्द का हिंदी रूपांतरण हैं। मापन जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति के गुणों को अंक प्रदान करता हैं, वही मुल्यांकन उन अंकों का विश्लेषण करता हैं और उनकी तुलना दूसरों से करके एक सर्वोत्तम वस्तु या व्यक्ति का चयन करता हैं।
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