स्वतंत्रता पर प्रतिबंध क्यों होना चाहिए? - svatantrata par pratibandh kyon hona chaahie?

विषयसूची

Show
  • 1 न्यायोचित प्रतिबंध क्या है?
  • 2 नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?
  • 3 हमें स्वतंत्रता पर प्रतिबंध की आवश्यकता क्यों है?
  • 4 नकारात्मक स्वतंत्रता के विचारक कौन है?
  • 5 सामाजिक प्रतिबंधों से क्या आशय है क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्र के लिए आवश्यक है?
  • 6 स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं स्वतंत्रता के नकारात्मक और सकारात्मक रूपों पर चर्चा करें?
  • 7 स्वतंत्रता रिटेलर से आप क्या समझते हैं?
  • 8 सामाजिक प्रतिबंधों से क्या आशय है क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के आवश्यक है?
  • 9 स्वतंत्रता के नकारात्मक पहलू के विचारक कौन थे?
  • 10 क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है?
  • 11 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है आपकी राय में स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध क्या होंगे उदाहरण सहित बताइए?

न्यायोचित प्रतिबंध क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिन्हीं कार्यों (परसंबद्ध) पर कानूनी शक्ति से प्रतिबंध केवल तभी लगाना चाहिए जब वे निश्चित व्यक्तियों को गंभीर नुकसान पहुँचाए अन्यथा समाज को स्वतंत्रता की रक्षा के लिए थोड़ी असुविधा सहनी चाहिए।

नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनकारात्मक स्वतंत्रता का मतलब होता है, ऐसी स्वतंत्रता जो बंधनों के अभाव में दी जाती है । नकारात्मक स्वतंत्रता कहलाती है ।

स्वतंत्रता क्या है परिभाषा?

इसे सुनेंरोकेंswatantra kya hai स्वतंत्रता का अर्थ है नियंत्रणों से मुक्ति, अथवा उनका अभाव। किसी व्यक्ति को मुक्त अथवा कुछ करने में स्वतंत्र माना जा सकता है, जब उसके कार्य अथवा विकल्प दूसरे के कार्यों अथवा विकल्पों द्वारा बाधित अथवा अवरुद्ध न हों।

हमें स्वतंत्रता पर प्रतिबंध की आवश्यकता क्यों है?

इसे सुनेंरोकेंसमाज में हिंसा पर नियंत्रण और विवाद के निबटारे के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं। हमें कुछ विचार या जीवन शैली अस्वीकार्य या अवांछित लग सकती हैं। अत:आपसी विचार, विश्वास और मत के अंतरों को स्वीकार करने के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं।

नकारात्मक स्वतंत्रता के विचारक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंनकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ है – बंधनों का अभाव। * नकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक हॉब्स, लॉक, मिल, एडम स्मिथ, थॉमस पेन, हरबर्ट स्पेंसर और बेंथम है।

स्वतंत्रता के कितने पहलू हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्वतंत्रता आधुनिक काल का प्रमुख राजनैतिक दर्शन है। यह उस दशा का बोध कराती है जिसमें कोई राष्ट्र, देश या राज्य द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने पर किसी दूसरे व्यक्ति/ समाज/ देश का किसी प्रकार का प्रतिबन्ध या मनाही नहीं होती। अर्थात स्वतंत्र देश/ राष्ट्र/ राज्य के सदस्य स्वशासन (सेल्फ-गवर्नमेन्ट) से शासित होते हैं।

सामाजिक प्रतिबंधों से क्या आशय है क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्र के लिए आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक प्रतिबंधों से आशय सामाजिक बंधन एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सकारात्मक नियंत्रण से है। यह नियंत्रण कानून, रिति-रिवाज़, धर्म तथा न्यायिक निर्णयों के आधार पर लागू किए जाते हैं, ताकि समाज में सुख-शांति मौजूद रहें। समाज में हिंसा पर नियंत्रण और विवाद के निबटारे के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं।

स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं स्वतंत्रता के नकारात्मक और सकारात्मक रूपों पर चर्चा करें?

इसे सुनेंरोकेंस्वतंत्रता की नकारात्मक अवधारणा का अर्थ हैं बंधनों का न होना। अर्थात् व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने की छूट। 1. स्वतंत्रता की सकारात्मक अवधारणा का अर्थ बंधनों का आभाव नहीं हैं।

स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं इसके प्रकार?

इसे सुनेंरोकेंswatantrata meaning in hindi;स्वतंत्रता शब्द का अंग्रेजी पर्याय ” लिबर्टी ” लेटिन भाषा का ” लिबर ” शब्द से बना है जिसका अर्थ मुक्त या स्वतंत्र या बन्धनों का अभाव होता है। रूसो के अनुसार ” समाज मे व्यक्ति उस स्वतंत्र होता है जब वह अपने को सामान्य इच्छा के अधीन कर देता है। स्पेन्सर बंधनों के अभाव को स्वतंत्रता मानते है।

स्वतंत्रता रिटेलर से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबार्कर के अनुसार, ” जिस प्रकार बदसूरती का न होना खूबसूरती नहीं है उसी प्रकार बंधनों का अभाव भी स्वतंत्रता नहीं है।” अरस्तु ने दास प्रथा का समर्थन इस आधार पर किया था कि कुछ मनुष्य ‘विवेकशील प्रकृति’ की श्रेणी में नहीं आते ; वे केवल जीते जागते उपकरण (Living Tools) होते हैं, इसलिए वे स्वतंत्रता के अधिकारी नहीं।

इसे सुनेंरोकेंअनुच्छेद-19 (2) के तहत सरकार कानूनी दायरे में न्यायोचित प्रतिबंध लगा सकता है। देश की संप्रभुता की रक्षा, देश की निष्ठा की रक्षा, देश हित को बनाए रखने के लिए, विदेशी रिलेशन को प्रोटेक्ट करने के लिए और पब्लिक ऑर्डर बरकरार रखने के लिए कानून का इस्तेमाल कर अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगा सकता है।

सामाजिक प्रतिबंधों से क्या आशय है क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के आवश्यक है?

स्वतंत्रता की सकारात्मक व नकारात्मक अवधारणा में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकें(1) नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ बंधनों का न होना है, जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ बंधनों का न होना नहीं है। (2) नकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर एक-दूसरे के विरोधी होते हैं जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर सहयोगी हैं।

स्वतंत्रता के नकारात्मक पहलू के विचारक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : स्वतंत्रता के नकारात्मक पहलू के विचारक के समर्थक हॉब्स, लॉक, मिल, एडम स्मिथ, थॉमस पेन, हरबर्ट स्पेंसर और बेंथम आदि है।

क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंये नियंत्रण कानून ,रीति-रिवाज ,धर्म तथा न्यायिक निर्णयों के आधार पर लागू किए जाते हैं, ताकि समाज में शांति एवं सौहार्द बना रहा है सके। परंतु यहां पर यह बात उल्लेखनीय है कि सभी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रा के लिए आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रतिबंध नहीं होने चाहिए।

प्रतिबंध की आवश्यकता क्यों होती है?

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है आपकी राय में स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध क्या होंगे उदाहरण सहित बताइए?

इसे सुनेंरोकेंअभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक को भाषण देने तथा अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्राप्त होती है। कोई भी नागरिक बोलकर या लिखकर अपने विचार प्रकट कर सकता है। उसे लिखने, कार्य करने, चित्रकारी करने, बोलने की आजादी होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिबंधित नहीं होनी चाहिए।

स्वतंत्रता पर प्रतिबंध की आवश्यकता क्यों है?

समाज में हिंसा पर नियंत्रण और विवाद के निबटारे के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं। हमें कुछ विचार या जीवन शैली अस्वीकार्य या अवांछित लग सकती हैं। अत:आपसी विचार, विश्वास और मत के अंतरों को स्वीकार करने के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं।

स्वतंत्रता पर प्रतिबंध क्या होना चाहिए?

व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध प्रभुत्व और बाहरी नियंत्रण से लग सकते हैं। ये प्रतिबंध बलपूर्वक या सरकार द्वारा ऐसे कानून कि मदद से लगाए जा सकते हैं, जो शासकों की ताकत का प्रतिनिधित्व करे। ऐसे प्रतिबंध उपनिवेशवादी शासकों ने या दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की व्यवस्था ने लगाए ।

स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध क्या होगा?

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक को भाषण देने तथा अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता प्राप्त होती है। कोई भी नागरिक बोलकर या लिखकर अपने विचार प्रकट कर सकता है। उसे लिखने, कार्य करने, चित्रकारी करने, बोलने की आजादी होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिबंधित नहीं होनी चाहिए।

क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है?

ये नियंत्रण कानून ,रीति-रिवाज ,धर्म तथा न्यायिक निर्णयों के आधार पर लागू किए जाते हैं, ताकि समाज में शांति एवं सौहार्द बना रहा है सके। परंतु यहां पर यह बात उल्लेखनीय है कि सभी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रा के लिए आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रतिबंध नहीं होने चाहिए।