नेशनल डेस्क. भारत में एक ऐसी नदी है जिससे सोना निकलता है। झारखंड में एक जगह है रत्नगर्भा। यहीं पर स्वर्ण रेखा नाम की नदी बहती है। इस नदी की रेत से सालों से सोना निकाला जा रहा है। नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में बहती है। कहीं-कही इसे सुबर्ण रेखा के नाम से भी पुकारते हैं। Show
कहां से आते हैं सोने के कण? स्वर्ण रेखा और उसकी सहायक नदी करकरी की रेत में सोने के कण पाए जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि स्वर्ण रेखा में सोने का कण, करकरी नदी से ही बहकर पहुंचता है। करकरी नदी की लंबाई केवल 37 किमी. है। यह एक छोटी नदी है। आज तक यह रहस्य सुलझ नहीं पाया कि इन दोनों नदियों में आखिर कहां से सोने का कण आता है। माही नदी
सहायक नदियांसोम नदी
SwarnaRekha River: भारत में 400 से भी ज्यादा छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं. देशभर में बहने इन नदियों की कुछ न कुछ खासियत है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सोने की नदी कहा जाता है. जी हां, यहां पानी में सोना मिलता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सैकड़ों सालों बाद भी वैज्ञानिकों को यह पता नहीं चल पाया है कि इस नदी में सोना (Gold river of india) क्यों बहता है. यानी इस नदी का सोना वैज्ञानिकों के लिए अभी भी रहस्य है. https://zeenews.india.com/hindi/india/photo-gallery-swarnarekha-only-river-of-the-country-where-gold-flows-with-water-has-been-the-source-of-income-for-many-years/1103779Updated:Feb 22, 2022, 07:33 AM IST नदी से सोना छानने का काम करते हैं यहां के लोगहम बात कर रहे हैं झारखंड में बहने वाली स्वर्णरेखा (Swarna Rekha River in jharkhand) नदी की. नदी में पानी के साथ सोना बहने की वजह से इसे स्वर्णरेखा नदी के नाम से जाना जाता है. झारखंड में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां स्थानीय आदिवासी इस नदी में सुबह जाते हैं और दिन भर रेत छानकर सोने के कण इकट्ठा करते हैं. इस काम में उनकी कई पीढ़ियां लगी हुई हैं. तमाड़ और सारंडा जैसे इलाके ऐसे हैं जहां पुरुष, महिलाएं और बच्चे सुबह उठकर नदी से सोना इकट्ठा करने जाते हैं. सीधे बंगाल की खाड़ी में गिरती है नदीये नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में बहती है और इसका उद्गम झारखंड के रांची शहर से लगभग 16 किमी दूर है. इस नदी से जुड़ी हुई एक हैरान कर देने वाली बात ये है कि रांची स्थित ये नदी अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद उस क्षेत्र की किसी भी अन्य नदी में जाकर नहीं मिलती, बल्कि यह नदी सीधे बंगाल की खाडी में गिरती है. सोने की सच्चाई का आज तक नहीं लगा पतामीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां रिसर्च कर चुके कई भूवैज्ञानिकों का मानना है कि ये नदी चट्टानों से होकर आगे बढ़ती है और इस वजह से इसमें सोने के कण आ जाते हैं. हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है इस बात का पता आज तक नहीं लग सका है. स्वर्ण रेखा की एक सहायक नदी ‘करकरी’ की रेत में भी सोने के कण मिलते हैं. जबकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि स्वर्ण रेखा नदी में जो सोने के कण पाए जाते हैं, वह करकरी नदी से बहकर ही आते हैं. आसान नहीं है नदी से सोना निकालनानदी की रेत से सोना इकट्ठा करने के लिए लोगों को दिनभर मेहनत करनी पड़ती है. आदिवासी परिवार के लोग दिनभर पानी में सोने के कण ढूंढने का काम करते हैं. दिनभर काम करने के बाद आमतौर पर एक व्यक्ति एक या दो सोने के कण ही निकाल पाता है. एक कण को बेचकर 80 से 100 रुपए कमाते हैं. इस तरह सोने के कण बेचकर एक शख्स औसतन महीने में 5 से 8 हजार रुपये ही कमाता है. स्वर्णरेखा नदी कौन से राज्य में है?भारत के झारखंड राज्य में यह नदी बहती है जिसका नाम स्वर्णरेखा (Swarnrekha Nadi) है। यह नदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी बहती है। झारखंड की राजधानी रांची से 16 किलोमीटर दूर छोटा नागपुर के पठार में स्थित नगड़ी गांव में चुआं से निकलती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किमी है।
भारत के कौन से नदी में सोना पाया जाता है?इस नदी का नाम है स्वर्णरेखा नदी जो झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में बहती है. झारखंड में रत्नगर्भा नाम की जगह है. यहीं पर स्वर्णरेखा नाम की नदी बहती है. इस नदी की रेत से सालों से सोना निकाला जा रहा है.
स्वर्ण रेखा नदी पर कौन सा बांध है?सुवर्णरेखा नदी के पास कई जगह हैं, जैसे कि चांडिल डैम, जो क्षेत्र में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। चांडिल बांध के पास स्थित संग्रहालय में चट्टानों पर लिखी गई लिपियाँ हैं, जो 2,000 वर्ष पुरानी हैं।
स्वर्ण रेखा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?छोटा नागपुर पठारसुबर्णरेखा नदी / स्रोतnull
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