कैंसरकोई भी हो अक्सर आखिरी स्टेज पर ही पता चलता है। लेकिन ब्रेस्ट कैंसर में गांठें बनने के कारण इसे जल्दी डिटेक्ट किया जा सकता है। चाहिए इतना कि अगर ब्रेस्ट में गांठ जैसा कुछ भी महसूस हो तो इग्नोर करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, क्योंकि हो सकता है यह कैंसर हो। लेकिन ब्रेस्ट कैंसर के आखिरी स्टेज पर पता चलने का एक कारण हिचकिचाहट और शर्म भी है। हैरानी की बात है कि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखने के बाद सिर्फ अनपढ़ और गांव की महिलाएं बल्कि शहरी और पढ़ी-लिखी महिलाएं भी शर्म और हिचकिचाहट के कारण डॉक्टर के पास जल्दी नहीं जातीं। यह बातें गिव टू हील चेरिटेबल सोसायटी से सर्जन डॉ. अमिता सूद ने कहीं। केएमवी में वर्ल्ड कैंसर डे पर सेमिनार में डॉ. सूद ने कहा ब्रेस्ट में कई बार गांठें महसूस होती हैं। महिलाएं और लड़कियां अक्सर इन लक्षणों को नजरअंदाज करती हैं, जो ठीक नहीं। Show बताया कि महिलाएं और लड़कियां अक्सर लक्षणों को नजरअंदाज करती हैं, जो ठीक नहीं। 30 की उम्र के बाद शुरू करें मैमोग्राफी करवाना प्लास्टिकसर्जन डॉ. चनजीव सिंह ने कहा, मेमोग्राफी से गांठ और ब्रेस्ट कैंसर की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवानी शुरू कर देनी चाहिए ताकि कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ लिया जाए। गर्ल्स को करेंगे अवेयर सोसायटीसे डॉ. सर्वदीप कौर ने कहा वह सारे गर्ल्स कॉलेज्स में छात्राओं को ब्रेस्ट कैंसर बारे जानकारी देंगे। सिर्फ छात्राओं को जागरूक करेंगे बल्कि उन्हें ऐसे भी तैयार करेंगे कि वे घर में जाकर अपनी मां के साथ-साथ अपनी रिश्तेदार और अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर सकें। ब्रेस्ट कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। जैसे देर से मां बनना, बच्चों को कम समय तक दूध पिलाना। फैमिली हिस्ट्री भी इसका कारण हो सकता है। घर में पता करने के लिए ब्रेस्ट को ऊपर से नीचे की तरफ लाएं। कोई गांठ होगी तो महसूस होगा। अगर ऐसा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। ब्रेस्ट दबाने से अगर ब्लड या पीला फ्लूइड निकले तो इग्नोर करें डॉ. को दिखाएं। सवाल- अगरकिसी को ब्रेस्ट में हाथ लगाने से पेन होती है तो क्या उसे कैंसर है? जवाब-डॉ.चनजीव सिंह ने कहा ब्रेस्ट में पेन का मतलब कैंसर नहीं है क्योंकि जिसे कैंसर होने की संभावना हो, उसको काफी समय तक दर्द नहीं होता। जब बीमारी लास्ट स्टेज पर हो तब दर्द का अहसास होता है। सवाल:ब्रेस्टकैंसर के इलाज पर कितना खर्च आता है। जवाब:आपकौन से शहर में हैं, वहां कैसे अस्पताल हैं। यह इस पर बहुत हद तक निर्भर करता है। अब तो सरकार की ओर से भी स्कीम चलाई गई है जिसमें डेढ़ लाख तक कैंसर मरीज का इलाज फ्री होगा। सवाल:अगरब्रेस्ट पर स्ट्रेच मार्क हो तो क्या यह कैंसर के लक्षण हैं? जवाब:नहीं,जब आप के शरीर में एक दम से ग्रोथ होती है या शरीर का वजन एक दम से बढ़ता है या घटता है तो इस कारण स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं। कैंसर का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसे भी पढ़ें- 30 की उम्र के बाद महिलाओं के निप्पल में दर्द के हो सकते हैं ये 6 कारण, जानें इसे ठीक करने के उपाय गलत साइज की ब्रा न पहनेंडॉ दीपा ने बताया कि महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहन लेती हैं जिसके कारण स्तन पर दबाव पड़ता है और इस स्थिति में आगे चलकर ब्रेस्ट में गांठ हो सकती है। आपको अपने साइज की ब्रा का चुनाव करना चाहिए। ये गांठ आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले सकती हैं इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए आप अपने वजन को नियंत्रित रखें और रोजाना व्यायाम करें। आपको फैटी चीजों का सेवन कम से कम करना है और ट्रांस फैट या फास्ट फूड से दूर रहना है। ब्रेस्ट में गांठ हो तो क्या करना चाहिए? (Treatment of breast lump)(image source:cdnparenting.com)
इसे भी पढ़ें- टीनएज के दौरान लड़कियों को ब्रेस्ट हेल्दी रखने के लिए अपनानी चाहिए ये 5 आदतें ब्रेस्ट में गांठ होने पर हर केस में सर्जरी नहीं होती(image source:mit.edu) अगर स्तन में गांठ के संकेत हैं तो डॉक्टर बायोप्सी के जरिए स्तन की गांठ का साइज और जगह का पता लगाते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर गांठ होने पर दवा भी देते हैं लेकिन दर्द को कम करने के लिए खुद से दवा लेने की गलती न करें, आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। स्तन में गांठ होने पर डॉक्टर इलाज न हो पाने के कारण सर्जरी करते हैं जिसे लुम्पेक्टोमी के नाम से जाना जाता है। इस सर्जरी की मदद से गांठ को शरीर से अलग किया जाता है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि हर केस में सर्जरी निश्चिंत हो। ब्रेस्ट में गांठ का इलाज करवाते समय आपको कैफीन, एल्कोहॉल, तंबाकू आदि चीजों का सेवन नहीं करना है, इसका बुरा असर स्वास्थ्य और इलाज पर पड़ता है इसलिए इन चीजों को अवॉइड करें। छाती में गांठ होने पर क्या करना चाहिए?पहले इलाज में मरीज का ऑपरेशन कर छाती से गांठ निकाल दी जाती है. दूसरे तरीके में मरीज की कीमोथेरेपी की जाती है जिसमें दवाओं के जरिए कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है. तीसरा इलाज रेडिएशन थेरेपी के जरिए किया जाता है. इसमें हाई एनर्जी एक्स-रे या गामा-रेज रेडिएशन के माध्यम से कैंसर का ट्रीटमेंट किया जाता है.
गांठ का रामबाण इलाज क्या है?अगर शरीर में बहुत अधिक गांठे है तो शिला सिंदूर 4 ग्राम, प्रभाल पिष्टी 10 ग्राम के साथ मोती और गिलोय मिलाकर सात पूड़िया बना लें। इसे सुबह-शाम खिलाएं। इससे 99 प्रतिशत तक गांठ से निजात मिल जाता है। एक से 3 माह में लाभ मिल जाता है।
ब्रेस्ट में गांठ कैसे हटाएं?स्टीरियोटैक्टिक बायोप्सी: बायोप्सी की इस तकनीक में सुई का उपयोग करके टिश्यू या फ्लूइड का एक सैंपल निकाला जाता है और विभिन्न एंगल्स से चित्र लेने के लिए एक ही समय में एक मैमोग्राम का उपयोग किया जाता है। सर्जिकल बायोप्सी: इस बायोप्सी तकनीक में, एक पूर्ण स्तन गांठ को हटा दिया जाता है।
ब्रेस्ट में गांठ होने से क्या होता है?स्तन में गांठ होने की स्थिति में ब्रेस्ट में असामान्य रूप से ऊतकों का विकास होने लगता है। इस गांठ में किसी महिला को दर्द भी महसूस हो सकता है या फिर ये दर्दरहित भी हो सकती है। ये गांठ सख्त, मुलायम, कैंसरकारी या गैर-कैंसरकारी हो सकती है। स्तन में गांठ होने का पता चलने पर आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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