सरकार कुछ निश्चित व्यक्तियों का समूह होती है जो राष्ट्र तथा राज्यों में निश्चित काल के लिए तथा निश्चित पद्धति द्वारा शासन करता है। प्रायः इसके
तीन अंग होते हैं - विधायिका, कार्यपालिका तथा
न्यायपालिका।[1][2] सरकार के
माध्यम से राज्य में राजशासन नीति लागू होती है। सरकार के तंत्र का अभिप्राय उस राजनितिक व्यवस्था से होता है जिसके द्वारा राज्य की सरकार को जाना जाता है। सरकार के विभिन्न स्वरुप[संपादित करें]निरंकुश राज्यशासन[संपादित करें]कुलीनतंत्र[संपादित करें]लोक-तंत्र[संपादित करें]गणतंत्र[संपादित करें]संघवाद[संपादित करें]सन्दर्भ[संपादित करें]
सरकार के तीन अंग कौन से हैं और उनके कार्य?कार्यपालिका का अर्थ व्यक्तियों के उस समूह से है जो कायदे-कानूनों को संगठन में रोजाना लागू करते हैं। करने की जिम्मेदारी निभाती है। सरकार का वह अंग जो इन नियमों-कायदों को लागू करता है और प्रशासन का काम करता है, कार्यपालिका कहलाता है।
सरकार के कितने अंग होते हैं और कौन कौन?सरकार के तीन अंग. कार्यपालिका. न्यायपालिका. व्यवस्थापिका. सरकार के कितने भाग होते हैं?सदस्यता: नगर में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि अनिवार्य रूप से इस समिति के सदस्य होते हैं । उनके वरिष्ठतम अधिकारियों(प्रशासनिक प्रधानों) से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समिति की बैठकों में नियमित रूप से भाग लें ।
सरकार का महत्वपूर्ण अंग क्या है?न्यायपालिका किसी भी लोकतांत्रिक-जनतांत्रिक सरकार का तीसरा महत्वपूर्ण अंग है, अन्य दो महत्वपूर्ण अंग हैं, कार्यपालिका और विधायिका। न्यायपालिका लोकतंत्र के चार प्रमुख स्तंभों में से भी एक स्तंभ है। अन्य तीन स्तंभ है कार्यपालिक, विधायिका और मीडिया।
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