समस्या समाधान उपागम का अंतिम चरण कौन सा है? - samasya samaadhaan upaagam ka antim charan kaun sa hai?

निम्न में से क्या समस्या-समाधान उपागम का चरण नहीं है?

This question was previously asked in

CTET Dec 2018 Paper 2 Maths & Science (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)

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  1. स्थिति की कल्पना करना 
  2. हल करने का प्रयास 
  3. निष्कर्ष निकालना 
  4. अवलोकन 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अवलोकन 

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Child Development and Pedagogy Mock Test

10 Questions 10 Marks 8 Mins

प्रभावी शिक्षण को सुगम बनाने के लिए विभिन्न शिक्षण-अधिगम उपागम हैं और समस्या-समाधान उनमें से एक है। यह सीखनेवाले पर केन्द्रित उपागम है जो सीखने की प्रक्रिया में सीखनेवाले की सक्रिय भागीदारी पर बल देता है।

इस उपागम में, शिक्षक छात्रों के लिए एक समस्यात्मक स्थिति निर्मित करता है और फिर भयरहित कक्षा-कक्ष के वातावरण में समस्या का अर्थ लगाने, व्याख्या करने और इसे व्यक्त करने में छात्रों की मदद करता है।

समस्या-समाधान विधि में शामिल चरण:

  • समस्या की पहचान करना और इसकी व्याख्या करना।
  • समस्या की कल्पना और इसका विश्लेषण करना।
  • परिणामों का पूर्वानुमान और उपसमूह निर्धारित करना। सर्वश्रेष्ठ हल का चयन करना और उसे लागू करना।
  • परिणाम/नतीजे का मूल्यांकन
  • निष्कर्ष निकालना 

समस्या समाधान उपागम का अंतिम चरण कौन सा है? - samasya samaadhaan upaagam ka antim charan kaun sa hai?
Hint

समस्या समाधान उपागम में छात्रों के पास एक हल नहीं होता बल्कि वे समस्या की छानबीन करके और स्थिति की कल्पना करके हल ज्ञात करते हैं, इसीलिए अवलोकन समस्या समाधान उपागम का एक चरण नहीं है। ​

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि 'अवलोकन' समस्या समाधान उपागम का एक चरण नहीं है। 

समस्या समाधान उपागम का अंतिम चरण कौन सा है? - samasya samaadhaan upaagam ka antim charan kaun sa hai?
Additional Information

समस्या-समाधान के उद्देश्य:

  • छात्रों में भिन्न सोच विकसित करने के लिए
  • छात्रों की अवधारणा की समझ को बढ़ाना।
  • आलोचनात्मक और कल्पनाशील सोच के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए।
  • वैज्ञानिक समस्या-समाधान की क्षमता प्राप्त करने में छात्रों की मदद करने के लिए।
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया में रचनात्मकता का प्रयोग करने में छात्रों को सक्षम बनाने के लिए। 

Last updated on Nov 24, 2022

The HTET Exam Admit Cards Out 26th November 2022. The exam dates for the HTET 2022 have been postponed. Due to the General Elections, the exam dates for the HTET have been revised. The exam will be conducted on the 3rd and 4th of December 2022 instead of the 12th and 13th of November 2022. The exam is conducted by the Board of School Education, Haryana to shortlist eligible candidates for PGT and TGT posts in Government schools across Haryana. The exam is conducted for 150 marks. The HTET Exam Pattern for Level I, Level II, and Level III exams is different. There will be no negative marking in the exam.

समस्या समाधान उपागम का अंतिम चरण कौन सा है? - samasya samaadhaan upaagam ka antim charan kaun sa hai?
समस्या समाधान विधि



    (Problem Solving Method)

इस विधि के अन्तर्गत शिक्षार्थियों को एक समस्या दी जाती है। जिसका समाधान शिक्षार्थी खोजते है और ज्ञान 

करते है।

इस विधि का प्रयोग माध्यमिक व उच्च स्तरीय कक्षाओं में आलोचनात्मक एवं समीक्षात्मक चिंतन क्षमता का विकास करवाने के लिए किया जाता है । इस विधि के मूल प्रतिपादक सुकरात व सेन्ट थॉमस है। लेकिन इसे आधुनिक एवं वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान करने का श्रेय जॉन डी० वी० व किलपैट्रिक, को दिया जाता है।

इस विधि को NCERT द्वारा 1970 में मान्यता प्रदान की गई।

 समस्या समाधान विधि के चरण : 

समस्या समाधान विधि के निम्न चरण हैं।

1. समस्या का चयन। 

समस्या का चयन करना या विद्यार्थियों को समस्या बताना

2. समस्या के कारण। 

समस्या का मूल कारण पता करना या जानना

3. समस्या से संबंधित सूचनाएँ एकत्रित करना। 

समस्या से संबंधित सूगनाओ का लेखा-जोखा रखना

4. समस्या का समाधान 

समस्या का समाधान ढूंढना

5. समाधान का व्यवहारिक प्रयोग 

समस्या समाधान के लिए धरातलीय कार्य करना

जॉन० डी० वी० ने अपनी पुस्तक How We Think पुस्तक में समस्या समाधान विधि के निम्न 11 चरण बताएं है

1. परिस्थिति का निर्माण 

2. समस्या का चयन 

3. समस्या का परिभापिकरण एवं क्षेत्र निर्धारण 

4. परिकल्पना का निर्माण 

5. तथ्यों का संकलन 

6. तथ्यों का विश्लेषण 

7. निष्कर्ष प्राप्त करना 

8. निष्कर्ष एवं कार्य की पुनः जाँच 

9. सिद्धान्त या नियम का निर्माण

10. लेखा तैयार करना 

11. मूल्यांकन्

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गुण:

1. यह मनोवैज्ञानिक विधि है इसमें प्रत्येक विद्यार्थी

योग्यता व क्षमतानुसार समस्या हल करने का अवसर प्राप्त करता है।

2. यह विद्यार्थियों में विभिन्न मानसिक शक्तियों का चिंतन,मनन, तर्क, निर्णय आदि का विकास करती है।

3. यह एक बाल केन्द्रित विधि है। इसमें प्रत्येक विद्यार्थी

सक्रिय रूप से हिस्सा लेता है। 

4. यह विधि विद्यार्थियों को उनके व्यवहारिक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करने का प्रशिक्षण

प्रदान करती है। 

5. यह विधि रटने की बजाय करके सीखने पर आधारित है जिससे विद्यार्थियों के उपलब्धि स्तर में वृद्धि होती है। 

6. यह विधि विद्यार्थियों में पूर्वाग्रह को भंग करने व वैज्ञानिक

दृष्टिकोण विकसित करती है।

 दोष: 

1. यह विधि माध्यमिक व उच्च स्तरीय कक्षाओं के लिए ही उपयोगी है।

2.यह विधि केवल मानसिक सक्रियता पर ही बल देती है। व्यक्तित्व के अन्य पक्षों पर ध्यान नही देती है। 

3. यह विधि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए ही अधिक उपयोगी है। 

4. इस विधि में समय बहुत ज्यादा लगाता है। जिससे विद्यार्थी अन्य विषयों को नहीं पढ़ पाते और पिछड़ जाते हैं।

5.विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त किये गये समाधान इतने विश्वसनीय व वैध नहीं होते कि उन्हें सार्वजनिक जीवन में अपनाया जा सकें।

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अधिगम के समस्या समाधान उपागम का अंतिम चरण कौनसा है?

इस प्रकार चिंतन एक उच्चतर मानसिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम अर्जित अथवा वर्तमान सूचना का प्रहस्तन एवं विश्लेषण करते हैं। इस प्रकार का प्रहस्तन एवं विश्लेषण सार प्रस्तुत करने, तर्क करने, कल्पना करने, समस्या का समाधान करने, समझने एवं निर्णय लेने के माध्यम से उत्पन्न होता है।

समस्या के समाधान के लिए कितने चरण है?

चरण 1: समस्या की पहचान करना। चरण 2: समस्या का विश्लेषण करना। चरण 3: समस्या का वर्णन करना। चरण 4: मूल कारणों की तलाश करना।

समस्या समाधान का प्रथम चरण कौन सा है?

Solution : समस्या समाधान विधि के द्वारा बच्चों में तार्किक रूप से सोचने एवं निर्णय लेकर किसी समस्या का समाधान करने की योग्यता का विकास होता है। समस्या समाधान विधि का प्रथम चरण समस्या की पहचान करना तथा अन्तिम चरण परिणाम का मूल्यांकन करना है।

समस्या समाधान उपागम क्या है?

समस्या-समाधान उपागम विज्ञान और गणित की कक्षाओं के लिए अधिक प्रासंगिक है । यह एक शिक्षार्थी-केन्द्रित उपागम है, जिसमें शिक्षार्थी को अधिगम-प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार होना चाहिए। समस्या समाधान उपागम में शिक्षक द्वारा एक समस्या प्रस्तुत की जाती है।