सुखिया के पिता को घर पहुँचने पर सुखिया कहीं क्यों नहीं मिली? - sukhiya ke pita ko ghar pahunchane par sukhiya kaheen kyon nahin milee?

  • myCBSEguide App
  • Practice Test for Class 9 Hindi – B Chapter 10
  • Class 9 Hindi – B Chapter Wise Extra Questions
    • Sprash
    • Sanchayan

सुखिया के पिता को घर पहुँचने पर सुखिया कहीं क्यों नहीं मिली? - sukhiya ke pita ko ghar pahunchane par sukhiya kaheen kyon nahin milee?

myCBSEguide App

CBSE, NCERT, JEE Main, NEET-UG, NDA, Exam Papers, Question Bank, NCERT Solutions, Exemplars, Revision Notes, Free Videos, MCQ Tests & more.

Install Now

Important Questions for Class 9 Hindi – B Ek Phool ki Chah. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 09 Hindi – B. There chapter wise Practice Questions with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These test papers with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 09 Hindi – B syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for class 09.

CBSE Class 9 Hindi Ch – 10 Practice Questions

Download as PDF

Practice Test for Class 9 Hindi – B Chapter 10

Ch-10 एक फूल की चाह (सियाराम शरण गुप्त)


  1. पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

  2. एक फूल की चाह कविता से क्या प्रेरणा मिलती है?

  3. बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

  4. एक फूल की चाह कविता में न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को क्यों दंडित किया गया?

  5. सुखिया के पिता किस सामाजिक बुराई के शिकार हुए? एक फूल की चाह कविता के आधार पर बताइए।

  6. एक फूल की चाह कविता में माता के भक्तों ने सुखिया के पिता के साथ कैसा व्यवहार किया?

  7. पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आईं? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए।

  8. एक फूल की चाह कविता में देवी के भक्तों की दोहरी मानसिकता उजागर होती हैं। स्पष्ट कीजिए।

Ch-10 एक फूल की चाह (सियाराम शरण गुप्त)


Answer

  1. इसमें ढोंगी भक्तों ने सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता नष्ट करने का भीषण आरोप लगाया है। सियारामशरण गुप्त वे कहते हैं-सुखिया का पिता पापी है। यह अछूत है। इसने मंदिर में घुसकर भीषण पाप किया है। इसके अंदर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो गई है।
  2. इस कविता से यह प्रेरणा मिलती है कि सभी प्राणियों को एक समान मानना चाहिए। जन्म का आधार मानकर किसी को अछूत कहना निंदनीय अपराध है।
  3. जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो वह श्मशान में गया। उसने देखा कि वहाँ उसकी बेटी की जगह राख की ढेरी पड़ी थी। उसकी बेटी की चिता ठंडी हो चुकी थी। पर एक पिता के सीने के आग धधक रही थी।
  4. न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि वह अछूत होकर भी देवी के मंदिर में प्रवेश कर गया था। मंदिर को अपवित्र तथा देवी का अपमान करने के कारण सुखिया के पिता को न्यायालय ने सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया।
  5. सुखिया का पिता उस वर्ग से संबंधित था, जिसे समाज के कुछ लोग अछूत कहते हैं, इस कारण वह छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई का शिकार हो गया था। अछूत होने के कारण उसे मंदिर को अपवित्र करने और देवी का अपमान करने का आरोप लगाकर पीटा गया तथा उसे सात दिन की जेल मिली।
  6. माता के भक्त जो माता के गुणगान में लीन थे, उनमें से एक की दृष्टि माता के प्रसाद का फूल लेकर जाते हुए सुखिया के पिता पर पड़ी। उसने आवाज़ दी कि “यह अछूत कैसे अंदर आ गया। इसको पकड़ लो।” फिर क्या था, माता के अन्य भक्तगण पूजा-वंदना छोड़कर उसके पास आए और कोई बात सुने बिना ज़मीन पर गिराकर मारने लगे।
  7. पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में निम्नलिखित कठिनाइयाँ आईं :-
    1. सुखिया के पिता को मंदिर के प्रसाद का एक फूल लाना था, अतः वह निराशा में डूब गया, क्योंकि वह सामाजिक स्थिति को जानता था।
    2. मंदिर में जैसे ही उसने पुजारी से प्रसाद लिया तभी कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया और उन्होंने उसे खूब मारा-पीटा। मंदिर में पुजारी से मिला प्रसाद नीचे बिखर गया।
    3. न्यायालय से दण्ड दिया गया।
    4. वह पुत्री को प्रसाद का फूल न दे सका और उसके घर पहुँचने से पहले ही वह स्वर्ग सिधार गई।
  8. ‘एक फूल की चाह’ कविता में देवी के उच्च जाति के भक्तगण जोर-ज़ोर से गला फाड़कर चिल्ला रहे थे, “पतित-तारिणी पाप-हारिणी माता तेरी जय-जय-जय!” वे माता को भक्तों का उद्धार करने वाली, पापों को नष्ट करने वाली, पापियों का नाश करने वाली मानकर जय-जयकार कर रहे थे। उसी बीच एक अछूत भक्त के मंदिर में आ जाने से वे उस पर मंदिर की पवित्रता और देवी की गरिमा नष्ट होने का आरोप लगा रहे थे। जब देवी पापियों का नाश करने वाली हैं तो एक पापी या अछूत उनकी गरिमा कैसे कम कर रहा था। भक्तों की ऐसी सोच से उनकी दोहरी मानसिकता उजागर होती है।

Class 9 Hindi – B Chapter Wise Extra Questions


सुखिया के पिता को घर पहुँचने पर सुखिया कहीं क्यों नहीं मिली? - sukhiya ke pita ko ghar pahunchane par sukhiya kaheen kyon nahin milee?


सुखिया के पिता को घर पहुँचने पर सुखिया क्यों नहीं मिली?

पिता सुखिया को बाहर जाकर खेलने से मना करता था क्योंकि उसकी बस्ती में महामारी अपने प्रचंड रूप में हाहाकार मचा रही थी। इस महामारी की चपेट में कई बच्चे आ चुके थे। सुखिया अपनी बच्ची से बहुत प्यार करता था। उसे डर था कि कहीं सुखिया महामारी की चपेट में न आ जाए।

सुखिया के पिता ने कैसे परिधान धारण किए हुए थे?

सियारामशरण गुप्त की प्रमुख कृतियाँ हैं : मौर्य विजय, आर्द्रा, पाथेय, मृण्मयी, उन्मुक्त, आत्मोत्सर्ग, दूर्वादल और नकुल । ताप-तप्त मैंने पाया। ज्वर में विह्वल हो बोली वह, क्या जानूँ किस डर से डर, मुझको देवी के प्रसाद का एक फूल ही दो लाकर ।

सुखिया का पिता दुखी क्यों हो गया?

प्रश्न 4 - सुखिया के पिता का हृदय डर के मारे क्यों काँप उठता था? (A) सुखिया की बीमारी के कारण (B) सुखिया कहीं महामारी की चपेट में ना जाए इस कारण (C) छुआछूत की समस्या के कारण

वह चुपचाप क्यों पड़ी थी?

अर्थ-सौंदर्यः अर्थ की सुंदरता यह है कि ज्वर ग्रस्त होने के कारण सुखिया की चंचलता समाप्त हो गई थी और वह शांत भाव से चुपचाप लेटी हुई थी जैसे उसने अटल शांति को धारण कर लिया हो।