सूखे कचरे में क्या क्या आता है - sookhe kachare mein kya kya aata hai

गीला कचरा सूखा कचरा लिस्ट : भारत में जब से क्लीन इंडिया मिशन की शुरूआत हुई है, तब से कई लोग Gila Kachra Sukha Kachra List देखना चाहते हैं। वो जानना चाहते हैं कि गीला कचरा सूखा कचरा की लिस्ट में कौन-कौन से कचरे को शामिल किया गया है, ताकि उनका प्रबंधन सही से कर सकें।

आप लोगों के जानकारी के लिए गीला कचरा सूखा कचरा लिस्ट बनाई है, आप उसे देखकर Gila Kachra Sukha Kachra List से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

गीला कचरा सूखा कचरा लिस्ट (Gila Kachra Sukha Kachra List)

गीला कचरासूखा कचरा लिस्टरसोई का सारा कचराप्लास्टिक – बोतलें, कवरसब्जीपुराने कपड़ेबचा भोजनचिप्स और टॉफी के रैपरअंडे के छिलकेदूध और दही के पैकेट, टेट्रा पैकफल और छिलकेधातु के कैनहरी सब्जियाँ और छिलकेप्रसाधन सामग्रीसड़े फललकड़ी और टुकड़ेदाल, रोटी जैसी खाद्य सामग्रीरसायन और इसके समानमांसाहारी खाद्य सामग्रीथर्माकोल और इससे जुड़े समानशाकाहारी खाद्य सामग्रीकागज के समानइत्यादि ऐसा कचरा जो बायोडिग्रेडेबल होकप, प्लेट, पैकेट, पेपर कपअखबारडिब्बे, बॉक्स, गत्ते के बक्सेस्टेशनरी*नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे, जिनको रिसायकल किया जा सके*

Gila Kachra Sukha Kachra List गीला कचरा सूखा कचरा लिस्ट

गीला कचरा :- गीला कचरा में ऐसा कचरा शामिल किया गया है जिसकी कम्पोस्ट खाद बना कर इसका निपटान किया जा जा सकता है, इसमें ऐसे कचरे शामिल किए जाते हैं जो बायोडिग्रेडेबल जैविक कचरा हो। इसे हरे कूड़ेदान में डालना चाहिए। गीला कचरा में शामिल हैं – रसोई का सारा कचरा जैसे – सब्जियों के छिलके, इस्तेमाल की हुई चाय, फल, बचा हुआ भोजन आदि।

सूखे कचरा :- सूखे कचरे के निपटान करने का अलग तरीका होता है, ये बायोडिग्रेडेबल नही होते हैं। इसी वजह से इन्हें एक अलग डस्टबिन (नीला डस्टबिन में) में डाला जाता है। सूखे कचरे में शामिल हैं – कागज, कांच, प्लास्टिक, कार्डबोर्ड, स्टायरोफोम, रबर, धातु, खाद्य पैकेजिंग सामग्री, एल्यूमीनियम foil, टेट्रा पैक, कांच, कागज, प्लास्टिक, धातु, आदि शामिल हैं।

बेकार कचरा :- इसके अलावा सरकार ने एक तीसरी लिस्ट भी बनाई है जो बेकार कचरों के लिए है। बेकार कचरों की श्रेणी में ऐसे कचरे को शामिल किया गया है, जो ना बायोडिग्रेडेबल होते हैं और ना ही इनको रिसायकल करने से कोई आर्थिक लाभ होता है। ये एक तरह से बोझ होते हैं, इनके निपटान का तरीक़ा सबसे अलग होता है। बेकार कचरों की लिस्ट में निम्न शामिल हैं – डायपर, सेनिटरी नैपकिन, मेडिकल पटि्टयां, टिशू पेपर, रेजर, प्रयोग में लाई हुई सीरिंज, ब्लेड, स्लाइन की बोतलें आदि। इस कचरे को लाल डस्टबिन में डाला जाता है।

List of Gila Kachra Sukha Kachra (Government of India)

हमने यह गीला कचरा सूखा कचरा लिस्ट आपकी जानकारी के लिए बनाई है, उम्मीद करते हैं यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी की मदद से आप आसानी से कचरे को सरकार की तरफ़ से परिभाषित गीला कचरा और सूखा कचरा की लिस्ट के बारे में जान सकते हैं और उनका प्रबंधन कर सकते हैं।

नगर में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। गीले कचरा के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा। नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह नगर पालिका की एक अनूठी पहल होगी। इसके लिए पालिका कुछ लोगों को अमृत योजना के तहत डस्टबिन भी वितरित करेगी।

शहर के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के मकसद से अमृत योजना चलाई जा रही है। जिसमें पार्कों का निर्माण, पेयजल, सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम चल रहा है तो बिजली की बचत के लिए भी अधिकारी काम कर रहे हैं। परंतु अब प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ेदान में कचरा रखना होगा। प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले कूड़ादान में तो भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे कूड़ेदान में डलवाएं जाएंगे। जिससे लोगों को इनमें अंतर समझ आ सके और लोग खाने पीने की चीजों को बर्बाद ना करें। क्योंकि खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक, कांच आदि मिल जाता है और फिर पशु इन्हें भी खा लेते हैं। इसलिए इन वस्तुओं से बचाव जरूरी है। इस अभियान में कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए पालिका कुछ परिवारों को कूड़ेदान उपलब्ध कराएगी। इससे लिए अधिकारी भारत सरकार को पत्र भी लिखने जा रहे हैं।

वहीं, पालिका अधिकारियों का मानना है कि लोगों को अभी से ही इस ओर जागरूक करना होगा। इसलिए उपलब्ध स्त्रोत पर ही कूड़े को पृथक करने का प्रारंभिक प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि अभी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना नहीं हो पायी है, ऐसे में लोगों को कूड़े के महत्व और इसकी उपयोगिता को समझाना बेहद जरूरी है।

कूड़े को भी हम किस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह लोगों को बताना होगा। लोगों को जागरूक करने के लिए नगर पालिका सभी कदम उठाएगी।

हरा डस्टबिन में गीला कचरा, जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना है और नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, , बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े आदि को डालना है। इसके अलावा बेकार कचरों की श्रेणी में आने वाले डायपर, सेनिटरी नैपकिन, पटि्टयां, टिशू पेपर, रेजर, प्रयोग में लाई हुई सीरिंज, ब्लेड, स्लाइन की बोतलें आदि को कागज में लपेटकर सूखे कचरा वाले डस्टबिन में डालना है।

थ्री आर का उपयोग : स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ साथ थ्री आर के सिद्धांत पर काम करने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें रिड्यूस, रीयूज एवं रीसाइकल का ध्यान रखा जाएगा। रिड्यूस में प्लास्टिक पर रोक लगाने और उसकी जगह जूट के थैले, पेपर, फोम आदि का प्रयोग, रीयूज के तहत किसी वस्तु को फेंकने से पहले उसके दोबारा प्रयोग कर सकने और रिसाइकल के तहत लोहा, एल्युमीनियम, प्लास्टिक, कांच इत्यादि को इकट्ठा कर कबाड़ी वाले के मार्फत पुन: चक्रित करना।

शहर वासियों को स्वच्छता के विभिन्न आयामों से अवगत कराने के लिए हजारीबाग नगर निगम द्वारा अभियान चलाया जा रहा है, इसके तहत जगह जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को सारी बातों की जानकारी दी जा रही है। निगम ने 57 जगहों पर नुक्कड़ नाटक का शेड्यूल बनाया है। इस अभियान को एनएसएस के कार्यकर्त्ता चला रहे हैं।

01 मई के बाद निगम जुर्माना करेगी

हजारीबाग नगर निगम के सिटी मैनेजर अरविंद कुमार ने कहा कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए नई किरण संस्था ने काम लिया है। वह 12 वार्डों में कार्य कर रही है उसे पूरे निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा संग्रहरण करना है। दो डस्टबिन नहीं रखने वालों से निगम 01 मई के बाद जुर्माना वसूल करेगी।

सूखा कचरा में क्या क्या आता है?

सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक,लकड़ी,धातु,रसायनों से निर्मित पेकिंग सामग्री - थरमकोल आदि के कचरे का निपटान करने का अलग तरीका होता है।

सूखा कचरा कौन से कूड़ेदान में डालना चाहिए?

प्लास्टिक कवर, बोटल, चिप्स पैकेट के रैपर, दूध की खाली थैली, पिज्जा बॉक्स पेपर, मेटल, जार व अन्य प्रकार का हार्ड वेस्ट समेत जो भी घर में सूखा कचरा निकलता है उसे नीले कूड़ेदान में डालना है।

सूखा कचरा और गीला कचरा क्या है?

हरा डस्टबिन में गीला कचरा, जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना है और नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, , बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े आदि को डालना है।

सूखा कूड़ा क्या होता है?

घरमें इकट्ठा होने वाले सूखे कचरे से पैसे कमाए जा सकते हैं। साफ प्लास्टिक, प्लास्टिक कवर, बोतल, बक्सा, चिप्स, बिस्कुट और चॉकलेट के रैपर, कागज, गत्ता, पेपर प्लेट, टेट्रा पैक, कांच, थर्मोकॉल का समान, लोहे के कैन, लकड़ी, नारियल का छिलका जैसे अन्य सूखे कूड़े के पैसे मिलेंगे।