सिगरेट में कौन सा विषैला रासायनिक तत्व? - sigaret mein kaun sa vishaila raasaayanik tatv?

पटना। एक सिगरेट में कैंसर पैदा करने वाले 40 रासायनिक तत्व होते हैं। खासकर फेफड़े के कैंसर का मुख्य कारण सिगरेट ही है। सिगरेट छोड़ने से फेफड़े के कैंसर से बचा जा सकता है। ये बातें रविवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बोकारो से आए वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.युगल किशोर प्रसाद ने कहीं। डॉ.प्रसाद ईस्ट अंकोलॉजी ग्रुप के तत्वावधान में रविवार को आयोजित ऑनकॉन-2017 में भाग लेने पटना आए थे।

डॉ.प्रसाद ने कहा कि सिगरेट पीने से जो रासायनिक तत्व फेफड़े को प्रभावित करते हैं, वे अत्यंत घातक होते हैं। वे शरीर के डीएनए को खराब करते हैं। डीएनए में खराबी आने पर कैंसर जनित कोशिकाओं का जन्म होता है।

निकोटिन से नहीं होता कैंसर

डॉ.प्रसाद ने कहा कि यह लोगों में भ्रम है कि तंबाकू में पाया जाने वाला तत्व निकोटिन कैंसर पैदा करता है। अब तक के रिसर्च के अनुसार निकोटिन से कैंसर नहीं होता है, बल्कि निकोटिन शरीर में आदत डालने का काम करता है। चाहे वह सिगरेट पीने या पान खाने की आदत हो। कुछ लोगों को खैनी खाने की भी आदत होती है, इसकी मुख्य वजह निकोटिन ही है।

कुपोषण भी बन रहा कैंसर का कारण

दिल्ली से आए डॉक्टर अभिषेक कुमार का कहना है कि बच्चों में कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण कुपोषण है। गर्भ के दौरान मा को संतुलित आहार न मिलने के कारण बच्चों में कैंसर की समस्या पाई जा रही है। इसके अलावा कुछ बच्चों में आनुवांशिक तौर पर कैंसर की बीमारी पाई जा रही है।

20 फीसद लोगों में मुंह का कैंसर

कैंसर विशेषज्ञ डॉ.संजय कुमार ने कहा कि मुंह के कैंसर का मामला 20 फीसद लोगों में पाया जा रहा है। इसका मुख्य कारण गुटखा और तंबाकू का सेवन है। इस तरह की बीमारी से निपटने के लिए जरूरी है कि तंबाकू के सेवन से खुद को रोका जाए और इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

जीवन जीने का हक हर मरीज को

आइजीआइएमएस के कानूनी मामले के जानकार डॉ.अमन कुमार ने कहा कि हर मरीज को जीवन जीने का हक है। उसे कोई डॉक्टर छीन नहीं सकता है। मरीज की इच्छा के अनुसार ही कोई डॉक्टर कैंसर के मरीजों का इलाज कर सकता है। अपनी तरफ से किसी भी डॉक्टर को मरीज का इलाज बंद करने का अधिकार नहीं है। इस अवसर पर आइजीआइएमएस के डॉ.एनआर विश्वास, कैंसर विभाग के अध्यक्ष डॉ.राजेश कुमार सिंह, अधीक्षक डॉ.मनीष मंडल एवं डॉ.रोहित उपाध्याय सहित कई चिकित्सकों ने भाग लिया।

Edited By: Jagran

सिगरेट में कौन सा विषैला रासायनिक तत्व? - sigaret mein kaun sa vishaila raasaayanik tatv?

न्यूयॉर्क:

क्या आपको पता है कि धूम्रपान करते वक्त कौन से रसायन और पदार्थ आपके शरीर तक पहुंच रहे हैं? अगर नहीं तो आप अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं। अमेरिका में अधिकांश लोग तंबाकू उत्पादों के उपयोग और उससे संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जागरूक नहीं होते। एक अध्ययन में यह पता चला है। अमेरिका में लोगों की एक बड़ी बहुमत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों में उपयोग होने वाले रसायनों की जानकारी आसान तरीकों से जानना चाहती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलीना से इस अध्ययन की लेखिका मार्सेला बोयंटन ने बताया, "हमारे परिणामों से पता चला है कि शोध में शामिल पहला समूह मानसिक रूप से धूम्रपान से संबंधित जानकारी के प्रति उत्सुक नहीं दिखा। वहीं अत्यधिक युवा वयस्कों ने कहा कि उन्हें पहले ही इससे संबंधित जानकारी है।"

शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिकी के यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को अपनी संदेश गतिविधियों का विस्तार करना चाहिए, जिससे अमेरिका की आबादी के सभी वर्गों तक धूम्रपान से संबंधित पूर्ण जानकारी पहुंच सके।

इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने 18 और उसके ऊपर आयु वर्ग के 5,014 व्यस्कों का सर्वेक्षण किया था।

यह शोध 'बीएमसी पब्लिक हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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क्या आपको पता है कि सिगरेट में मौजूद तत्वों का इस्तेमाल कीटनाशक से लेकर चूहे मारने की दवा या क्लीनर बनाने के लिए किया जाता है? सिगरेट पीने को आप अपने शौक की तरह देखते हों या फिर अपनी जरूरत की तरह, अगर इसमें मौजूद केमिकल्स के बारे में जानेंगे तो यकीनन इससे तौबा कर ही लेंगे।

आइए जानें, सिगरेट में मौजूद कुछ ऐसे तत्वों के बारे में जिनका इस्तेमाल कहां होता है, यह जानने के बाद तो आप इससे तौबा कर ही लेंगे।

टॉयलेट क्लीनर
सिगरेट या तंबाकू में फ्लेवर के लिए मिलाया जाने वाला तत्व अमोनिया, निकोटिन को गैस में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल टॉयलेट क्लीनर, हेयर डाइ जैसे तत्वों में इस्तेमाल होता है।

कोयला और पेट्रोल
सिगरेट में पाया जाना वाला तत्व बेनजीन दरअसल, कोयला और पेट्रोलियम से निकलता है और इसे ईंधन में मिलाया जाता है। यह एक कार्सिनोजेनिक तत्व है जिससे ल्यूकेमिया और कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है।

शवों का संरक्षण
शवों को कई दिनों तक शवग्रह में सुरक्षित रखने के लिए उन पर फोर्मलडीहाइड नामक लिक्विड का लेप लगाया जाता है जो बहुत जहरीला है। इसका इस्तेमाल भी सिगरेट बनाने में किया जाता है।

नेल पेंट रिमूवर
नेल पेंट रिमूवर में इस्तेमाल होने वाले एसटोन का इस्तेमाल भी सिगरेट में होता है।

कीटनाशक और ड्रग्स
सिगरेट में मौजूद निकोटिन ड्रग्स के अलावा, कीटनाशकों में इस्तेमाल किया जाता है।

जहर
सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले आर्सेनिक का इस्तेमाल चूहों को मारने वाले जहर में किया जाता है जबकि हाइड्रोजन सायनाइड का इस्तेमाल गैस चेंबर में इस्तेमाल होने वाली जहरीली गैस के लिए किया जाता है।

बैटरी
सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले कैडमियम का इस्तेमाल बैटरी बनाने में किया जाता है।

प्लास्टिक
प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल- विनायल क्लोराइड का इस्तेमाल भी फिल्टर्ड सिगरेट में किया जाता है।

इसके अलावा सिगरेट व तंबाकू के भीतर टार, इथाइल फ्लूरेट, कार्बन मोनोऑक्साईड, डीडीटी कई ऐसे तत्वों का इस्तेमाल होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं।

तंबाकू का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है जानने के लिए यहां क्लिक करें।

सिगरेट में कौन सा विषैला रासायनिक तत्व पाया जाता है?

निकोटीन (Nicotine ) एक रासायनिक यौगिक है।

सिगरेट में क्या केमिकल होता है?

सिगरेट-बीड़ी में निकोटिन समेत करीब 7 हजार केमिकल होते हैं। इसमें से 200 तरह के टॉक्सिन होते हैं। 69 केमिकल ऐसे होते हैं, जो कैंसर की वजह बनते हैं। अगर इन्हीं रसायनों को नियंत्रित कर दिया जाए तो लाखों मौतें रोकी जा सकती हैं।

सिगरेट में कौन सा नशीला और हानिकारक रसायन होता है *?

तंबाकू में कार्बन मोनोऑक्साइड, और टार जैसे जहरीले पदार्थ पाये जाते हैं और यह सभी पदार्थ जानलेवा हैं.

तंबाकू में कौन सा विष पाया जाता है?

तंबाकू में निकोटिन समेत 60 तरह के विषैले पदार्थ होते हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के माध्यम से यह खून में फेफड़ों तक पहुंचता है और टार (कार्बनिक रसायन) बनकर उससे चिपक जाता है। इससे फेफड़ों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ग्रहण करने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता कम होती जाती है।