सबसे स्वादिष्ट दाल कौन सी है? - sabase svaadisht daal kaun see hai?

भारत में कई प्रकार की दालें खाई जाती हैं और ये सारी दालें हर भारतीय रसोई का हिस्सा हैं। मूंग  दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, चना दाल, अरहर दाल, सोयाबीन और राजमा आदि दालें भारतीय थाली में मुख्य रूप से देखने को मिलती हैं। भारत में शाकाहारी लोगों के लिए दालें प्रोटीन का मुख्य स्रोत मानी जाती हैं। दालों में प्रोटीन के अलावा भी बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। दालों का उपयोग खिचड़ी, सांभर, डोसा, हलवा, लड्डू आदि बहुत प्रकार के भोजन बनाने के लिए किया जाता है। आइए जान लेते हैं अलग अलग प्रकार की दाल में कितने पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।

क्यों जरूरी है दालों का सेवन?

आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर डाइटिशियन डॉ अनुजा गौर के मुताबिक दालों का सेवन ब्लड को ऑक्सीजिनेट करता है और इसे खाने से एनर्जी रिलीज होती है। हाई प्रोटीन और आयरन के कारण दालों का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दालों में मौजूद घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी सहायक माना जाता है। इसलिए रोजाना कम से कम एक टाइम दालों का सेवन जरूर करना चाहिए। 

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मसूर दाल 

मसूर की दाल प्रोटीन से भरपूर होती है। यह दाल पचने में आसान नहीं होती। मसूर की दाल दो प्रकार की होती है सादी मसूर दाल और साबुत मसूर दाल। साबुत मसूर दाल भूरे से काले रंग की होती है। साबुत मसूर दाल थोड़ी भारी होती है, जबकि सादी मसूर दाल नारंगी रंग की होती है। दोनों दालों में पोषक तत्व समान पाए जाते हैं। बस छिलके वाली साबुत मसूर दाल में फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है।

एक कप साबुत मसूर दाल में 110 ग्राम कैलोरी, 10 ग्राम प्रोटीन और 9.9 ग्राम फाइबर पाया जाता है, जबकि सादी मसूर दाल में 179 ग्राम कैलोरी, 17-18 ग्राम प्रोटीन और 9.5-10 ग्राम फाइबर पाया जाता है। साबुत मसूर दाल को पकाने से पहले कुछ घंटे तक पानी में भिगो कर रख दें।

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मूंग दाल

मूंग दाल में स्वाद के साथ साथ भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। मूंग दाल भारतीय घरों में उपयोग होने वाली आम दाल है। मूंग दाल तीन प्रकार की होती हैं। पीली मूंग दाल, हरी मूंग दाल और साबुत हरी मूंग दाल। मूंग दाल का उपयोग खिचड़ी और हलवा बनाने में भी किया  जा सकता है। इसको बनाने के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती। पांच मिनट भिगो कर इसे रख दें और उसके बाद कुकर में बनाने के लिए रख सकते हैं। मूंग दाल पचने में आसान होती है।

एक कप मूंग दाल में 15 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम फाइबर और  235 कैलोरी होती है। पीली मूंग दाल में 259 कैलोरी, 25 ग्राम प्रोटीन और 26 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

चना दाल

चना दाल में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस दाल का उपयोग खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है। इस दाल से अखरोट जैसा स्वाद आता है। कुछ लोग इस दाल का उपयोग घिया चना दाल बनाने के लिए भी करते हैं। इस दाल का उपयोग मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है। चना दाल पकने में ज्यादा समय लेती है। इसलिए इसको पकाने से 3 से 4 घंटे पहले इसको भिगो कर रख दें।

एक कप चना दाल में  240 ग्राम कैलोरी 12 ग्राम प्रोटीन और 9.0 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

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तुअर या अरहर दाल

अरहर दाल को तूर या तुअर दाल के नाम से भी जाना जाता है। यह दाल खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। अरहर दाल में प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस दाल का उपयोग सांभर, गुजराती दाल और तड़के वाली दाल को बनाने के लिए किया जाता है। इस दाल का उपयोग साउथ इंडिया में मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। अरहर दाल का उपयोग एसिडिटी को कम करने में फायदेमंद माना जाता है।

एक कप अरहर दाल में 200 कैलोरी, 11 ग्राम प्रोटीन और 9-10 ग्राम फाइबर पाया जाता है। अरहर दाल को पकाने से पहले कुछ घंटों तक पानी में भिगो कर रख सकते हैं या सीधे भी बना सकते हैं।

ये सारी दालें सही मात्रा में खाने पर स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं। इसलिए आपको रोजाना किसी न किसी दाल का सेवन जरूर करना चाहिए।

दाल, भारतीय खाने का मुख्य व्यंजन है. किसी न किसी रूप में हर घर में इसका प्रयोग रोजाना किया जाता है. कुछ घरों में दाल को अलग-अलग तरह से बनाकर खाया जाता है. दाल का पराठा, पकौड़े, पैनकेक, चीला और खिचड़ी आदि बनाकर भी खाई जाती है. वहीं, कुछ लोग रोजना लंच या डिनर में किसी न किसी दाल का सेवन करते हैं. फाइबर, लेक्टिन और पॉलीफेनोल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर दालें हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं. डायबिटीज वाले लोग अगर दाल का सेवन करते हैं, तो उनकी ब्लड शुगर भी कम हो जाती है. 

दाल, वजन कम करने और मसल्स गेन के सबसे सस्ते, आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है. इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो कि वजन कम करने और मसल्स गेन में मदद कर सकते हैं. इसलिए इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी दालों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है. 

1. उड़द की दाल या काली दाल (Urad dal or black lentil)

उड़द की दाल जिसे हम आम तौर पर स्वादिष्ट दाल मखनी के रूप में खाते हैं, वह सबसे पौष्टिक दालों में से एक है. फैट और कम कैलोरी वाली यह दाल न्यूट्रिशन से भरपूर होती है. उड़द की दाल पाचन में सुधार करने में मदद करती है, प्रोटीन और विटामिन बी3 का अच्छा सोर्स है, हड्डियों को मजबूत बनाती है, एनर्जी देती है, हृदय की सेहत को सुधारती है. 100 ग्राम उड़द की दाल में लगभग 350 कैलोरी और 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. 

2. चने की दाल या बंगाल चना स्प्लिट (Chana dal or Bengal gram split)

प्रोटीन और फाइबर से भरपूर, चने की दाल का काफी घरों में प्रयोग होता है. बेसन इसी दाल से बनता है, जिसकी विभिन्न डिश बनाई जा सकती हैं. सेहत के लिए इस दाल का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है. एक कप चने की दाल से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम मिल जाता है.

चने की दाल हार्ट और डायबिटीज के लिए काफी अच्छी मानी जाती है. पोषण विशेषज्ञ दावा करते हैं कि यह ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करती है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है. 100 ग्राम चने की दाल में लगभग 250 कैलोरी, 13 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है.

3. तूर की दाल या अरहर की दाल (Tuar Daal or Arhar Dal)

तूर की दाल भी एक वनस्पति प्रोटीन के सबसे अच्छे सोर्स में से एक है. फाइबर, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम से युक्त पीली दाल में अच्छे कार्ब्स होते हैं जो बेवक्त की भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी तूर दाल एक सुपरफूड है. तूर दाल में  मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पौटेशियम, सोडियम, जस्ता के साथ विटामिन सी, ई, के और बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है. इसके साथ ही 110 ग्राम तूर दाल में 12.56 प्रोटीन, 206 कैलोरी, 3.39 ग्राम फैट होता है.

4. मूंग दाल या हरा चना (Moong Dal or Green Gram)

मूंग दाल सबसे फेमस सुपरफूड्स में से एक है. मूंग दाल को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करने से कई फायदे हो सकते हैं. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ-साथ, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है. 

इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है, जो वजन कम करने में भी काफी मदद करता है. पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और मांसपेशियों में ऐंठन से बचाता है. 103 ग्राम मूंग दाल से 8 ग्राम प्रोटीन और 118 कैलोरी मिलती है. 

5. मसूर दाल या लाल दाल (Masoor dal or red lentil)

लाल दाल या मसूर दाल साउथ-इंडियन घरों में काफी प्रयोग में लाई जाती है. मसूर की दाल में मोटापा कम करने में काफी मदद करती है. मसूर दाल में प्रोटीन काफी अच्छी मात्रा में होती है. 100 ग्राम मसूर दाल में 116 कैलोरी और 9 ग्राम प्रोटीन होता है. 

सबसे फायदेमंद दाल कौन सी है?

अरहर की दाल (Arhar Dal) सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाली दाल है। अरहर की दाल में आयरन, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन बी और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसलिए अगर आप अरहर की दाल का सेवन करते हैं, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं दूर होती है।

सबसे ताकतवर दाल कौन सी है?

उड़द दाल प्रोटीन और विटामिन बी के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है. फैट और कैलोरी में कम, उड़द की दाल आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम में भी समृद्ध है.

दुनिया की सबसे अच्छी दाल कौन सी है?

दालों में सबसे पौष्टिक दाल, मूंग की होती है। इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पौटेशियम, आयरन, कैल्शियम की मात्रा भी मूंग में बहुत होती है। इसके सेवन से शरीर में कैलोरी भी बहुत नहीं बढ़ती है।

कौन सी दाल खाने से गैस नहीं बनती?

लेकिन क्या जानते हैं यदि अरहर की दाल का सेवन किया जाए तो यह कब्ज की समस्या और पेट में बनने वाली गैस को भी दूर कर सकती है. जी हां, अरहर की दाल के अंदर प्रोटीन के साथ-साथ सोडियम, विटामिन ए विटामिन B12 जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो न केवल पेट को कई समस्याओं से दूर रख सकते हैं बल्कि पाचन तंत्र को बेहतर बना सकते हैं.