सबसे ज्यादा सांस कौन रोक सकता है? - sabase jyaada saans kaun rok sakata hai?

पानी के अंदर भी लंबी, गहरी सांसें लेने, देर तक थामे रखकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सकता है। अमेरिका के डेविड ब्लेन 17 मिनट 4 सेकंड तक और आलबोर्ड (डेनमार्क) के स्टिग सिवरइंसिन पानी में 22 मिनट 11 सेकंड तक सांस रोकने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। अब मुंबई के आईटी छात्र चिन्मय प्रभु ने पानी के अंदर नौ खंडों वा

सबसे ज्यादा सांस कौन रोक सकता है? - sabase jyaada saans kaun rok sakata hai?

जिंदगी में सबसे अहम होता है हर सांस का लम्हा-लम्हा। दुनिया में कुछ लोग इन्ही सांसों पर काबू पाकर चौंकाने वाले रिकॉर्ड बना रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही मुंबई के बीस वर्षीय तैराक चिन्मय प्रभु ने पानी के अंदर नौ खंडों वाले रूबिक क्यूब सोल्वे कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज करा लिया है। दो साल पहले प्रभु ने अपने पैरों से मिरर क्यूब को सॉल्व करके लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था।

उन्होंने क्यूबिक और स्वीमिंग को मिलाकर एक नया टाइटल दिया। उन्होंने गिनीज को अंडरवॉटर क्यूबिंग के लिए एक नया शीर्षक बनाने के लिए प्रेरित किया क्योंकि इससे पहले उनकी सूची में ऐसा कोई शीर्षक नहीं था। इस पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड करके गिनीज बुक के लिए बीते साल दिसंबर में भेजा गया था, जिसके बाद उन्हें इस साल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला है। गिनीज बुक में इससे पहले फोर पिरेमिनेक्स का रिकॉर्ड दर्ज था लेकिन प्रभु ने अब नाइन पिरेमिनेक्स का रिकॉर्ड बना दिया है। गौरतलब है कि काफी पहले अमेरिका के डेविड ब्लेन 17 मिनट 4 सेकंड तक पानी में अपनी सांस रोके रख कर विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। उनसे पहले आलबोर्ड (डेनमार्क) के स्टिग सिवरइंसिन ने पानी में 22 मिनट 11 सेकंड सांस रोकने का रिकॉर्ड बनाया था। सबसे लंबी तैराकी का भी रिकॉर्ड सिवरइंसिन के ही नाम है।

कहते हैं कि अगर हम सही तरीके से सांस लेना सीख लें तो जिंदगी की सबसे अहम चीज हमे समझ में आ जाती है। हम जिंदगी में हर चीज पर ध्यान देते हैं, पर सांस पर नहीं क्योंकि हमें लगता है कि सांस अपने आप आ जाएगी। सांस आ भी जाती है लेकिन जो अपने आप आती है, वह पूरी नहीं होती। कोशिश करके सही ढंग से सांस लेने की आदत डालने वाले ही अब विश्व रिकॉर्ड बनाने लगे हैं। शक्ति सिंह दिल्ली की तरफ से रणजी में खेलते थे। एक मैच में उन्होंने तीस ओवर गेंदबाजी की और आठ विकेट अपने नाम कर लिए। शक्ति सिंह का स्टैमिना देखकर उस वक़्त हर कोई हैरान हो उठा क्योंकि आमतौर पर कोई फास्ट बॉलर एक मैच में दस ओवर तक ही बॉलिंग कर पाता है।

पूछने पर शक्ति ने अपनी इस अनोखी परफॉर्मेंस की वजह यौगिक ब्रीदिंग बताई यानी गहरी, लंबी और धीमी सांस लेना। इसी तरह इकसठ वर्ष के नरेश मोहन योग गुरु से सांस लेने का सही तरीका सीखकर आसानी से मंदिर की करीब सौ सीढ़ियां चढ़ने लगे। हमारे शरीर के अरबों सेल्स मेटाबॉलिक ऐक्टिविटी करते रहते हैं। इसके लिए इन्हें ऑक्सिजन की जरूरत होती है। ऑक्सिजन सेल्स की ऐक्टिविटी के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में बदलती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड अगर थोड़ी मात्रा में भी अंदर रह जाए तो सेल्स को नुकसान पहुंचाती है।

अगर हम ढंग से सांस नहीं लेते तो ऐसा ही होता है। हम औसतन हर सांस में करीब आधा लीटर हवा ही लेते हैं। इसका मतलब हुआ कि हम अपने लंग्स की क्षमता का पंद्रह-बीस फीसदी ही इस्तेमाल कर पाते हैं। सांस लेने का सही तरीका सीखकर हम अपने लंग्स की क्षमता के सत्तर-पचहत्तर फीसदी तक सांस ले सकते हैं। सांसें लेने की इसी कला के बूते तैराक चिन्मय प्रभु ने अभी-अभी गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है।

मुंबई के कांदिवली के केईएस कॉलेज में बीएससी (आईटी) के छात्र चिन्मय प्रभु ने पानी के अंदर नौ पिरामिंस (पिरामिड के आकार वाले रूबिक के क्यूब) को हल कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है। अब तो वह अपने हुनर को दूसरे लोगों को भी सिखाने लगे हैं। उन्होंने इसकी कोचिंग देना भी शुरू कर दिया है। वीकेंड पर वह क्लास लगाते हैं। उनका सबसे छोटा शिष्य चार साल का बच्चा है। चिन्मय के पिता प्रदीप प्रभु ने कभी नहीं सोचा था कि चिन्मय ऐसा रिकॉर्ड बना पाएगा। जब उसने क्यूबिंग शुरू की थी तो प्रदीप ने उसकी रुचि को देखकर प्रोत्साहित किया था।

उनका बेटा बचपन से ही रूबिक्स क्यूब को सॉल्व करना पसंद करता है। चिन्मय प्रभु बताते हैं कि उन्हे क्यूबिंग और स्वीमिंग पसंद है। बस यहीं से एक दिन कुछ नया करने का विचार उनके मन में पहली बार आया था। उन्होंने सोचा कि क्यों न इन्हें साथ लाकर कुछ नया बनाया जाए। जब उन्होंने गिनीज बुक प्रबंधन से इस बारे में पूछा कि इस तरह का कोई रिकॉर्ड पहले बना है, पता चला कि नहीं। उनसके बाद उन्होंने आज से पांच साल पहले पानी के अंदर अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी। धीरे-धीरे पानी के अंदर सांस को थामने का मिनट-दर-मिनट वह लगातार बढ़ाते चले गए। वह पहले 30-35 सेकंड तक ही पानी में सांस को रोक पाते थे, लेकिन बाद में एक मिनट पचास सेकंड तक ऐसा करने में कामयाब हो गए।

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सांस रोक कर रखने का अभ्यास करें, अपने फेफड़ों को स्वस्थ बनाएं

सांस रोक कर रखने के समय में होने वाली कमी पूर्व चेतावनी का संकेत

Posted On: 19 MAY 2021 12:52PM by PIB Delhi

कोविड-19 की दूसरी लहर में पूरक ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिली है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने देखा है कि दूसरी लहर में श्वासहीनता सर्वाधिक सामान्य लक्षण है, जिससे ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता पड़ती है।

डॉ. अरविन्द कुमार चेस्ट सर्जरी इन्स्टीट्यूट के अध्यक्ष, मेदांता फाउंडर तथा मैनेजिंग ट्रस्टी लंग केयर फाउंडेशन ने बताया कि कोविड-19 के 90 प्रतिशत मरीज फेफड़े में तकलीफ का अनुभव करते हैं लेकिन क्लिनिकल रूप में यह महत्वपूर्ण नहीं है। 10-12 प्रतिशत लोगों में निमोनिया विकसित हो जाता है, यह फेफड़े का संक्रमण होता है जिसमें फेफड़े की छोटी-छोटी हवा की जगहें, जिन्हें एल्वियोली कहा जाता है, संक्रमित हो जाती हैं। कम अनुपात में कोविड-19 के मरीजों को ऑक्सीजन के सहारे की जरूरत तब पड़ती है जब सांस लेने में कठिनाई गंभीर रूप ले लेती है।  

सांस रोक कर रखेने का अभ्यास एक ऐसी तकनीक है जो मरीज की ऑक्सीजन आवश्यकता को कम कर सकती है और उन्हें अपनी स्थिति की निगरानी करने में मदद दे सकती है।

कैसे सांस रोक कर रखने का अभ्यास सहायक है

डॉ. अरविन्द का कहना है कि यह अभ्यास उन मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी है जिनमें हल्का लक्ष्ण है। यदि ऐसे मरीज सांस रोक कर रखने का अभ्यास करते हैं तो उन्हें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता की संभावना कम रह जाती है। इस अभ्यास को मरीज की स्थिति देखने के लिए जांच के रूप में किया जा सकता है। यदि सांस रोक कर रखने के समय में कमी होने लगती है तो यह पूर्व चेतावनी का संकतेहै और मरीज को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। दूसरी ओर, यदि मरीज सांस रोक कर रखने के समय में धीरे-धीरे वृद्धि करने में सक्षम होता है तो यह सकारात्मक संकेत है।

अस्पताल में दाखिल मरीज और होम ऑक्सीजन पर डिस्चार्ज किए गए मरीज भी डॉक्टर की सलाह से इस अभ्यास को कर सकते हैं। इससे उनकी ऑक्सीजन आवश्यकता कम करने में मदद मिल सकती है।  

स्वस्थ व्यक्ति भी सांस रोक कर रखने का अभ्यास कर सकते हैं। यह अभ्यास उन्हें  अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

सांस रोक कर रखने का अभ्यास कैसे करें

  • सीधा बैठें और अपने हाथों को जांघों पर रखें।
  • अपना मुंह खोलें और सीने में जितना अधिक वायु भर सकते हैं भरें।
  • अपने होठों को कस कर बंद कर लें।
  • अपनी सांस को जितना अधिक समय तक रोक कर रख सकते हैं रोकें।
  • जांचें कि आप कितने समय तक अपनी सांस रोक कर रख सकते हैं।

मरीज एक घंटे में एक बार यह अभ्यास कर सकते हैं और धीरे-धीरे प्रयास करके सांस रोक कर रखने का समय बढ़ा सकते हैं। 25 सेकेंड और उससे अधिक समय तक सांस रोक कर रखने वाले व्यक्ति को सुरक्षित माना जाता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा जोर न लगे और इस प्रक्रिया में थकान न हो जाए।

संक्रमण का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण

हम जानते हैं कि कोविड-19 का सबसे बड़ा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है , इस कारण श्वासहीनता होती है और ऑक्सीजन के स्तर में कमी आ जाती है।

डॉ. अरविन्द बताते हैं कि पहली लहर में सबसे अधिक लक्षण बुखार और कफ था। दूसरी लहर में दूसरे किस्म के लक्षण दिख रहे हैं , जैसे गले में खराश , नाक बहना, आंखों में लाली, सिरदर्द,शरीर में दर्द, चकते, मतली, उल्टी, दस्त; और मरीज को बुखार का अनुभव तीन-चार दिनों के बाद होता है। तब मरीज जांच के लिए जाता है और इसकी पुष्टि में भी समय लगता है। इसलिए कोविड-19 की पुष्टि होने तक संक्रमण पांच से 6 दिन पुराना हो जाता है तथा कुछ विशेष मामलों में फेफड़े पहले ही प्रभावित हो जाते हैं।

डॉ. अरविन्द कहते हैं कि फेफड़ों के चपेट में आने वाले कारकों में आयु, वजन, फेफड़े की वर्तमान स्थिति , मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग ,एचआईवी संक्रमण, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, धूम्रपान की आदत , कैंसर इलाज का इतिहास तथा स्टेरॉयड का इस्तेमाल हैं।

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सबसे अधिक सांस रोकने वाले का नाम क्या है?

क्रोएशिया के एक व्यक्ति बुदिमीर बुडा ओबोट (Budimir Buda Sobat) ने एक नया विश्व रिकॉर्ड (New World Record) बनाया. बुदिमीर 24 मिनट और 37 सेकंड तक सांस रोककर पानी में रहे, जिससे उन्होंने अपने नाम सबसे लंबे समय तक बिना बाहरी ऑक्सीजन के पानी में रहने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज किया है.

सांस रोकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कितने का है?

गिनीज बुक में इससे पहले फोर पिरेमिनेक्स का रिकॉर्ड दर्ज था लेकिन प्रभु ने अब नाइन पिरेमिनेक्स का रिकॉर्ड बना दिया है। गौरतलब है कि काफी पहले अमेरिका के डेविड ब्लेन 17 मिनट 4 सेकंड तक पानी में अपनी सांस रोके रख कर विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। दुनिया में सबसे चैन से कौन सोता है?

ऐसा कौन सा जानवर है जो 6 दिन तक सांस रोक सकता है?

जवाब: विलियम बैंटिक.

एक व्यक्ति कितनी देर तक सांस रोक सकता है?

25 सेकेंड और उससे अधिक समय तक सांस रोक कर रखने वाले व्यक्ति को सुरक्षित माना जाता है।