द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन करने का कारण-गांधी इरविन पैक्ट समझौता की शर्तों को ना मानना ब्रिटिश सरकार द्वारा औपनिवेशिक स्वराज्य देने की बात स्वीकार नहीं करना द्वितीय अवज्ञा आंदोलन का प्रथम स्थगन-8 मई 1933 द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन का अंतिम-स्थगन 7 अप्रैल 1934 द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन को बंद करने की घोषणा-18 19 मई 1934 द्वित्तीय सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का कारण द्वितीय गोलमेज सम्मेलन से लौटकर वापस आने पर गांधी जी द्वारा पुन: सविनय अवज्ञा आंदोलन कब प्रारंभ किया गया जो की द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन कहलाया है द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने के दो प्रमुख कारण है 1. प्रथम-इरविन की जगह नियुक्त हुए गवर्नर जनरल वेलिगंटन द्वारा इरविन समझौते को लागू नहीं किया जाना और आंदोलन को कुचलने के लिए दमनात्मक कार्यवाही करना
द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन की असफलता पर विभिन्न विचारकों की प्रतिक्रियाएं द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन के स्थगन और असफलता पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए सुभाष चंद्र बोस और वल्लभभाई पटेल ने वियना से जारी किए गए अपने वक्तव्य में कहा महात्मा गांधी द्वारा द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने का सबसे ताजा काम असफलता की स्वीकृति है गांधीजी की असफलता से वह निष्कर्ष पर पहुंचा की एक राजनीतिक नेता के रुप में श्री गांधीजी असफल हुए हैं और अब समय आ गया है जब गाने स्थान के आधार पर नए तरीके से कांग्रेस का मौलिक पुनर्गठन किया जाए इसके लिए एक नया नेता आवश्यक है
?सविनय अवज्ञा आंदोलन से लक्ष्य की प्राप्ति ना होने पर गांधीजी का जवाब?
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