सबसे गन्दा राज्य कौन सा है? - sabase ganda raajy kaun sa hai?

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सबसे गन्दा राज्य कौन सा है? - sabase ganda raajy kaun sa hai?

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प्रदेश के 10 सबसे गंदे शहरों में भरतपुर का 7वां नंबर, देश में आई 371वीं रेंक

तीनमहीने तक नगर निगम की तैयारी, विशेष सफाई अभियान, एक दर्जन बैठकों के बाद भी इस बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भरतपुर का स्थान देश में 371वां आया है। जबकि दो हजार में से 619 अंक मिले हैं। जबकि वर्ष 2015 में भरतपुर का स्थान 466वां रहा था। भरतपुर ने एक साल के अंदर महज पांच शहरों को ही पीछे छोड़ा है। दैनिक भास्कर ने 3 जनवरी के अंक में स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले ही शहर में 100 लोगों से बात कर दो हजार में से 700 अंक दिए थे। अमृत स्मार्ट सिटी योजना के तहत 4 जनवरी से देशभर के 500 शहरों में केंद्र सरकार ने अलग-अलग टीमों से स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था। इसमें भरतपुर सहित 29 शहरों को शामिल किया था। केंद्र से आई टीम ने 28 जनवरी को सर्वे किया था।

प्रदेश के 29 शहरों की रिपोर्ट के आधार पर बात करें तो भरतपुर का प्रदेश में 23वां स्थान रहा है। जबकि धौलपुर को देश में 387वीं रैंकिंग दो हजार में से 591 अंक प्राप्त हुए हैं। जबकि केंद्र सरकार की टीम के आने से पहले वेबसाइट के माध्यम से शहर की सफाई व्यवस्था के संबंध में सर्वे कराया गया था। इसके अंक भी मूल में शामिल हुए। लेकिन शहर में से मात्र 43 लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया। क्योंकि यहां नगर निगम प्रशासन की ओर से सर्वे को लेकर कोई प्रचार-प्रसार ही नहीं किया गया। सर्वे में पिछड़ने का कारण दिसंबर में चली सफाई कर्मचारियों की हड़ताल है।

अमृत स्मार्ट सिटी योजना पर संकट

भरतपुरके रैंकिंग में पीछे रहने के कारण अब अमृत स्मार्ट सिटी योजना पर संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से प्रावधान किया गया था कि जो स्वच्छता सर्वेक्षण में इन मापदंडों को पूरा करेगा, उस शहर को योजना के प्रथम चरण में रखते हुए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। क्योंकि भरतपुर अभी भी अमृत योजना के तहत पूरा बजट नहीं मिल पाया है। ऐसे में अमृत योजना के तहत करीब 20 करोड़ रुपए के बजट पर संकट खड़ा हुआ है।

किस विषय के कितने अंक थे निर्धारित

खुलेमें शौच मुक्त, सड़क नाली की सफाई पर 900 अंक, लोगों के फीडबैक के आधार पर 600 अंक केंद्र के दल की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 500 अंक निर्धारित थे। लेकिन हकीकत यह है कि नगर निगम जिस समय सर्वे कराया गया, उस एक हजार शौचालयों का निर्माण भी पूरा नहीं करा सका। जबकि 6440 शौचालयों के निर्माण के लिए आज तक भी दूसरी किस्त जारी नहीं की जा सकी है। नौंह कचरा घर में कचरे से खाद बनाने के लिए प्लांट चालू नहीं हो सका है। मुख्य बाजार में प्रस्तावित सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण तक पूरा नहीं हो सका। हालांकि इस बार लोगों के फीड बैक के आधार पर मिलने वाले 600 अंक नगर निगम के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे, लेकिन नगर निगम लोगों को इसके बारे में अवगत ही नहीं कराया। इससे कुल दो हजार में से नगर निगम को सात अंक भी पूरे नहीं मिल पाए।

मेयर बोले: कोशिश तो की पर हम अभी हारे नहीं

जबभास्कर ने नगर निगम मेयर शिवसिंह भोंट को इस बारे में जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि पांच महीने तक कोशिश तो खूब ही की पर कोई बात नहीं है। अब फिर हम आगे आकर बताएंगे। अभी हारे नहीं है।

भास्कर ने जनवरी में ही बता दिया था कि दो हजार में से 700 अंक

दैनिकभास्कर ने दो जनवरी को स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले 100 लोगों से बात कर सर्वे किया था। इसमें नगर निगम को दो हजार में से 700 अंक खुद उन 100 लोगों ने ही दिए थे। इनमें खुद नगर निगम के 38 पार्षद भी शामिल थे। अब नगर निगम प्रशासन का दावा है कि अगले साल स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भरतपुर को अच्छी रैंकिंग का प्रयास किया जाएगा।

शहर रेंक

किशनगढ़419

चुरू 405

भिवाड़ी 403

झालावाड़ 402

धौलपुर 387

नागौर 384

भरतपुर 371

इंदौर 367

अलवर 364

श्री गंगानगर 359

भरतपुर. शहर में जमा गंदगी के बीच विचरण करती आवारा गाय अन्य पशु।

Anurag Mishra |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 21 Aug 2020, 12:08 am

top 10 dirtiest cities in india : इंदौर, सूरत समेत देश के कई शहर खूब चर्चा में हैं। वहां रहने वाले लोग साफ-सफाई को लेकर अपने शहर पर गर्व कर रहे हैं। हालांकि कुछ ऐसे भी शहर हैं, जिनका नाम सबसे गंदे शहरों में आया है। आइए जानते हैं देश के वे शहर कौन से हैं।

सबसे गन्दा राज्य कौन सा है? - sabase ganda raajy kaun sa hai?
पटना में सड़क के बीच में पड़ा कूड़े का ढेर।

हाइलाइट्स

  • इंदौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है
  • बिहार के कई शहरों ने गंदे शहरों की सूची में स्थान बनाया है
  • पटना को देश का सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है

नई दिल्ली
इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। गुरुवार को घोषित स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 में दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं। हालांकि पांचवें वार्षिक सर्वेक्षण में बिहार के लिए कुछ भी अच्छा नहीं कहा जा सकता। राज्य के कई शहर सबसे गंदे शहरों की सूची में हैं।

छोटे शहरों की श्रेणी में गया सबसे गंदा है जबकि बड़े शहरों की श्रेणी में पटना सबसे गंदा शहर पाया गया है। आइए दो श्रेणियों में देखते हैं 10 सबसे गंदे शहर कौन से रहे।

सबसे गंदे शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी)
1- पटना (बिहार)
2- पूर्वी दिल्ली (ईडीएमसी)
3- चेन्नै (तमिलनाडु)
4- कोटा (राजस्थान)
5- उत्तरी दिल्ली
6- मदुरै (तमिलनाडु)
7- मेरठ (उत्तर प्रदेश)
8- कोयंबटूर (तमिलनाडु)
9- अमृतसर (पंजाब)
10- फरीदाबाद (हरियाणा)

10 लाख से कम आबादी वाले सबसे गंदे शहर

1- गया (बिहार)
2- बक्सर (बिहार)
3- अबोहर (पंजाब)
4- भागलपुर (बिहार)
5- परसा बाजार (बिहार)
6- शिलॉन्ग (मेघालय)
7- ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
8- दीमापुर एमसी (नगालैंड)
9- बिहारशरीफ (बिहार)
10- सहरसा (बिहार)

यह सर्वे देश के 4,242 शहरों में किया गया जिसमें 1.9 करोड़ लोगों ने अपनी राय रखी। वहीं 100 से अधिक शहरी निकाय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को ‘सर्वाधिक स्वच्छ राज्य’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को स्थान मिला है। वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक समारोह में की, जहां विभिन्न श्रेणी में 129 पुरस्कार दिए गए।

पढ़ें- देखिए स्वच्छता की लिस्ट में आपका शहर कहां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजों में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले शहरों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि अन्य शहर इससे प्रेरणा लेकर स्वच्छता के अपने प्रयासों में तेजी लाएंगे। मोदी ने स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे घोषित होने के बाद ट्वीट किया, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले सभी शहरों को बधाई। उम्मीद करता हूं कि स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्य इससे प्रेरणा लेंगे और अपने प्रयासों में तेजी लाएंगे। ऐसी प्रतिस्पर्धा स्वच्छ भारत अभियान को बल देती है और लाखों लोगों का लाभ पहुंचाती है।’

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भारत का सबसे गन्दा राज्य कौन सा है?

इस साल स्वच्छता सिटी सर्वे 2020 में 100 से कम लोकल अर्बन बॉडीज वाले राज्यों में स्वच्छता के मामले में देश का सबसे गंदा राज्य केरल रहा. यह वही केरल राज्य है जो कभी दुनिया में भारत का टूरिज्म आइकन माना जाता था.

सबसे सफाई वाला राज्य कौन सा है?

सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश सबसे आगे रहते हुए देश का सबसे स्वच्छ राज्य बन गया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है। वहीं सबसे साफ शहरों की बात करें तो इंदौर एक बार फिर से नंबर वन का रिकॉर्ड कायम किए हुए है।

भारत का सबसे गंदा शहर कौनसा है?

ज्ञात हो कि उक्त श्रेणी में ही सासाराम शहर 2021 की रैंकिंग में देश का सबसे गंदा शहर था। गत साल 1 लाख से 10 लाख जनसंख्या वाले श्रेणी में 372 शहर शामिल थे, जिनमें सासाराम 372वें नंबर पर था।

भारत का सबसे गंदा गांव कौन सा है?

भारत का सबसे गंदा गांव धार जिले का Gardawad गांव है।.
“हिवरे बाजार”, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित भारत का आदर्श गाँव है।.
यह देश में सबसे अधिक जीडीपी वाला गाँव है|.