न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्णय कौन करता है? - nyoonatam samarthan mooly ka nirnay kaun karata hai?

भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है?

  1. कृषि लागत और मूल्य आयोग
  2. कृषि मंत्रालय
  3. वित्त आयोग
  4. नाबार्ड
  5. उपरोक्त में से कोई नहीं / उपरोक्त में से एक से अधिक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कृषि लागत और मूल्य आयोग

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10 Questions 10 Marks 8 Mins

सही उत्तर कृषि लागत और मूल्य आयोग है।

  • कृषि लागत और मूल्य आयोग, कृषि और सहकारिता विभाग, भारत सरकार की सिफारिशों के आधार पर, उनकी बुवाई के मौसम से पहले 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्णय कौन करता है? - nyoonatam samarthan mooly ka nirnay kaun karata hai?
Key Points

  • CACP 1965 में गठित कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है।
  • यह एक वैधानिक निकाय है जो खरीफ और रबी मौसम फसलों के लिए कीमतों की सिफारिश करने वाली अलग-अलग रिपोर्ट पेश करता है

न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्णय कौन करता है? - nyoonatam samarthan mooly ka nirnay kaun karata hai?
Additional Information

  • तीन स्तरों पर खेती की लागत:
    • A2: फसल बनाने के लिए सभी प्रकार के नकद खर्च जैसे बीज, खाद, रसायन, श्रम लागत, ईंधन लागत और सिंचाई लागत।
    • A2 + FL: इसमें A2 के साथ अवैतनिक पारिवारिक श्रम का एक अनुमानित मूल्य शामिल होता है।
    • C2: C2 के तहत, अनुमानित भूमि का किराया और खेती के लिए लिए गए धन पर ब्याज की लागत A2 और FL में जोड़ी जाती है।
  • 18 नवंबर 2004 को, केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन के साथ अपने अध्यक्ष के रूप में किसानों पर राष्ट्रीय आयोग (NCF) का गठन किया।
  • समिति का मुख्य उद्देश्य एक स्थायी कृषि प्रणाली के साथ आना था, जिससे कृषि वस्तुओं को लागत-प्रतिस्पर्धी और अधिक लाभदायक बनाया जा सके।

Last updated on Jan 5, 2023

43 vacancies added to the BPSC 68th CCE for the post of Assistant Disaster Management Officer. The BPSC Mains Exam will be taking place on 30th, 31st December 2022 & 7th January 2023BPSC Exam - 68th BPSC Prelims Application Dates have been extended till 10th January 2023 against a late fee & Exam Pattern for the Prelims & Mains has been revised. The BPSC 68th Exam Notification has been released for 281 posts and candidates can apply for the BPSC 68h Prelims from 25th November 2022 to 30th December 2022. The BPSC Prelims Result for the 67th Schedule released on 17th November 2022 along with this BPSC 67th Prelims Final Answer Key has also been released. The candidates will be selected on the basis of their performance in prelims, mains, and personality tests. A total of 802 candidates will be recruited through the BPSC Exam 67th schedule.

किसी कृषि उपज (जैसे गेहूँ, धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकती। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। उदाहरण के लिए, यदि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य २००० रूपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है तो कोई व्यापारी किसी किसान से २१०० रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद सकता है किन्तु १९७५ रूपए प्रति कुन्तल की दर से नहीं खरीद सकता।

भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है। इस दौरान गेहूं हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है। विगत वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये क्विंटल कर दिया गया था, जबकि ए ग्रेड धान पर 160 रुपये का इजाफा किया गया। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अधिकतम वृद्धि रागी में हुई है जो 1900 रुपये बढ़ाकर 2,897 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मक्के के समर्थन मूल्य को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये किया गया। मूंग की खरीद प्रति क्विंटल 5575 रुपये की दर से हो रही थी अब किसानों को इसके लिए 6975 रुपये मिलेंगे। उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये किया गया। बाजरे के एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया गया।

कपास (मध्यम रेशा) के लिए किसानों को अभी तक 4,020 रुपये प्रति 100 किलोग्राम मिल रहा था अब इसे बढ़ाकर 5,150 रुपये किया गया है। लंबे रेशे वाले कपास का मूल्य 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 हो गया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2023 के रबी सीजन से शुरू होकर, सरकार ने गेहूं, चना, सरसों और अन्य मुख्य रबी फसलों के लिए एक नए, उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। मसूर, सफेद सरसों, जौ, चना, गेहूं और कुसुम सभी के लिए एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा जौ में 100 रुपये प्रति क्विंटल, चना में 105 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं में 110 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम में 209 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। [1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Srivastava, Ananya (31 दिसम्बर 2022). "सरकार ने की MSP की घोषणा, जानिए वर्ष 2023 में क्या रहेगा गेहूं, चना, सरसों सहित अन्य रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य". Hindi Mein Jankari. Hindi Mein Jankari. अभिगमन तिथि 31 दिसम्बर 2022.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • कृषि लागत और मूल्य आयोग

न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। उदाहरण के लिए, यदि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य २००० रूपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है तो कोई व्यापारी किसी किसान से २१०० रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद सकता है किन्तु १९७५ रूपए प्रति कुन्तल की दर से नहीं खरीद सकता।

भारत में एमएसपी कौन तय करता है?

भारत में रबी और खरीफ दो प्राथमिक कृषि मौसम हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक रोपण (बुआई) सीजन की शुरुआत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) (Minimum Support Price in Hindi) की घोषणा की जाती है। भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य या MSP की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा की जाती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी तय करने की जिम्मेदारी किसकी है?

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA), भारत सरकार, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर विभिन्न कृषि जिंसों के बुवाई के मौसम की शुरुआत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कब की जाती है?

क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)? सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले करती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार द्वारा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की संस्तुति पर वर्ष में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में की जाती है।