1.राजा ब्राह्मणों को छोड़कर सबका स्वामी है। यह विचार किसके थे? Show (क) मनु (ख) गौतम (ग) याज्ञवल्क्य (घ) व्यास
(क) मौर्य (ख) गुप्त (ग) सातवाहन (घ) कण्व
(क) ऋषभदेव (ख) अरिष्टनेमि (ग) पार्श्वनाथ (घ) महावीर
(क) राहुल (ख) रोहित (ग) चन्ना (घ) इनमें से कोई नहीं
(क) चार्ल्स बैबेज (ख) आइजैक न्यूटन (ग) जेम्स वाट (घ) जॉर्ज स्टीफेंसन उत्तर 1 ख 2 ग 3 ख 4 क 5 घ Rail Engine Ka Avishkar Kisne Kiya, रेल इंजन का आविष्कार किसने किया था और कब?, Train Ka Avishkar Kisne Kiya, भारत में रेल का आविष्कार कब हुआ था? इस लेख में आपको सबसे पहले रेल इंजन का आविष्कार किसने किया ( Train Ka Avishkar Kisne Kiya) और रेल विभाग में आधुनिक रेलगाड़ियां जैसे;
इन आधुनिक रेल इंजन का आविष्कार किसने किया उनके बारे में आपको जानकारी देने वाला हूं. आप जानते ही होंगे कि रेलवे का इंजन यानी Railgadi Ka Avishkar इसलिए बनाया गया है ताकि कम समय में लंबी या छोटी यात्रा के लिए लोगों की यात्रा को बहुत आसान बनाया जा सके और आजकल लोग ज्यादातर अपने दैनिक यातायात के लिए ट्रेन का उपयोग करते हैं। More: Bharat Ke Rail Mantri Kaun Hai अगर हमें ट्रेन से दिल्ली से मुंबई की यात्रा करनी है, तो औसत समय 22 घंटे लग सकता है क्योंकि ट्रेन तेज गति से चलती है और अन्य वाहनों की तुलना में कम खर्च होती है. जबकि अगर हम किसी अन्य वाहन से यात्रा करते हैं तो औसत समय थोड़ा अलग हो सकता है. इतनी तेज रफ्तार ट्रेन का आविष्कार और खोज किसने की, जिस इंजन को दुनिया के सभी देशों में यातायात के लिए इस्तेमाल किया जाता है, आज हम इनके बारे में जानेंगे। दुनिया की पहली ट्रेन साल 1804 में इंग्लैंड के रिचर्ड ट्रेविथिक (Richard Trevithick) नाम के एक इंजीनियर ने स्टीम इंजन का आविष्कार किया था, जो दुनिया का पहला रेल इंजन है, जिस इंजन को Steam Locomotive इंजन कहा जाता है. Richard Trevithick: रेल गाड़ी के आविष्कारक
पहला रेल गाड़ी: साल 1804 में 21 फरवरी को दुनिया के पहले लोकोमोटिव की यात्रा साउथ वेल्स में मेरथर टाइडफिल के पास शुरू हुई। 1812 में, मैथ्यू मरे नाम के एक व्यक्ति ने सलामांका नामक एक रेलवे इंजन का निर्माण किया, जिसका व्यावसायिक व्यवसाय के लिए सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। More: Bharat Ke Shiksha Mantri Kaun Hai पांच प्रकार की ट्रेन का आविष्कारTrain Ka Avishkar: Richard Trevithick के द्वारा दुनिया की पहली ट्रेन का आविष्कार करने के बाद, उसी अवधारणा के साथ इंजीनियर द्वारा रेल गाड़ी का उपयोगिता को ले कर तब से आज तक 5 प्रकार की ट्रेनों का आविष्कार किया गया, और इन ट्रेनों में विभिन्न इंजन प्रणालियों का उपयोग किया गया जो एक दूसरे से बहुत अलग हैं। जैसे;
इस तरह दुनिया का पहला Rail Engine Ka Avishkar बनने के बाद ट्रेनों में कई तरह के बदलाव लाए गए, जो आज हम इन ट्रेनों को देखते हैं और दुनिया के लोगों की यात्रा को बहुत आसान बना दिया है. Also read;
1. Electric Power TrainElectric Power Train Ka Avishkar Kisne Kiya? वाष्प चलित रेलगाड़ी का आविष्कार के बाद उन गाड़ियों का उपयोग सदियों तक पूरे यूरोप में यातायात और वाणिज्य कारबार के लिए इस्तेमाल किया गया. लेकिन, साल 1837 में दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक रेलगाड़ी/इंजन का अविष्कार किया गया. Electric Power Train – का आविष्कार स्कॉटलैंड का रोबोट डेविडसन नाम के एक व्यक्ति ने बनाए थे. इलेक्ट्रिक रेल गाड़ी को Voltaic Cell यानी बैटरी के द्वारा चलाया गया जो कि दुनिया का पहला बैटरी से चलने वाला इलेक्ट्रिक रेल गाड़ी है. 2. Diesel TrainDiesel Engine Train Ka Avishkar Kisne Kiya? इलेक्ट्रिक इंजन के बाद से डीजल इंजन बनाने का गाना शुरू किया गया. डीजल इंजन का मतलब डीजल से चलाए जाने वाला रेलगाड़ी. इस इंजन को William Dent Priestman के द्वारा पहले बनाया गया. 1888 मैं Sir William Thomson के द्वारा चेक किया गया और उसके बाद इसे डीजल इंजन का नाम दिया गया. दुनिया की पहली डीजल इंजन ट्रेन स्विट्जरलैंड में विंटरथुर-रोमनशोर्न रेलवे लाइन पर वर्ष 1912 में चलाई गई थी। उस समय डीजल इंजन रेलगाड़ी मैक्सिमम प्रति घंटे का 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलती थी. लेकिन यह रेल इंजन बहुत भारी होने के कारण सफल नहीं हो सका लेकिन 1929 में कनाडा के राष्ट्रीय रेलवे पर पहली डीजल इंजन ट्रेन सफलतापूर्वक चलाई गई। 3. High Speed TrainHigh Speed Train Ka Avishkar Kisne Kiya? इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन और डीजल इंजन ट्रेन के आविष्कार के बाद, कई देशों में इन वाहनों का उपयोग बहुत तेजी से किया गया और लोगों के काम आसान होता गया. लेकिन ट्रेन के आविष्कारक/इंजीनियर चुप नहीं रहे, उन्होंने शोध जारी रखा कि उन्नत ट्रेनों का आविष्कार किया जा सकता है। High Speed Train – का मतलब वह ट्रेन है जो दूसरों ट्रेन से काफी तेजी से दौड़ती है जो कि 300 से ज्यादा की प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है. इन ट्रेनों के लिए अलग से रूट होती है. पहला हाई स्पीड ट्रेन जापान में 1964 में शुरुआत किया. हाई स्पीड ट्रेन को यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में चलाएगा. हाई स्पीड ट्रेन को मुख्य रूप से पैसेंजर का यातायात के लिए बनाया गया. 4. Hydrogen Power TrainHydrogen power रेलगाड़ी को सबसे पहले जर्मनी में साल 2018 में शुरुआत किया गया. इस रेलगाड़ी को चलाने के लिए मुख्य रूप से हाइड्रोजन का केमिकल शक्ति को उपयोग किया जाता है. भारत में रेल का आविष्कार कब हुआ था – भारत में सबसे पहला रेल अंग्रेजो के द्वारा साल 13 अप्रैल 1853 मैं मुंबई और ठाणे के बीच पेनिनसुला रेलवे के द्वार पैसेंजर ट्रेन चलाया गया. Related posts;
Final thought: मुझे उम्मीद है कि आप को इस पोस्ट में दुनिया का सबसे पहला ट्रेन: Train Ka Avishkar Kisne Kiya, रेल इंजन का आविष्कार किसने किया था और कब और भारत में रेल का आविष्कार कब हुआ था और कब चलाया गया था? उसके बारे में पूरा इंफॉर्मेशन आपको मिली है. इस पोस्ट में आपको दुनिया का सबसे पहला ट्रेन के बारे में क्या जानकारी मिली और क्या नहीं मिली, कमेंट करके जरूर बताएं… रेल इंजन का आविष्कार किसने किया और कब?पहली बार ट्रेन की परिकल्पना 1604 में इंग्लैण्ड के वोलाटॅन में हुई थी जब लकड़ी से बनायी गई पटरियों पर काठ के डब्बों की शक्ल में तैयार किये गए ट्रेन को घोड़ों ने खींचा था। इसके दो शताब्दी बाद फरवरी 1824 में पेशे से इंजीनियर रिचर्ड ट्रवेथिक को पहली बार भाप के इंजन को चलाने में सफलता मिली। ये पहला आधिकारिक रेलवे इंजन था।
रेलवे इंजन के अविष्कारक कौन है?दुनिया की पहली ट्रेन साल 1804 में इंग्लैंड के रिचर्ड ट्रेविथिक (Richard Trevithick) नाम के एक इंजीनियर ने स्टीम इंजन का आविष्कार किया था, जो दुनिया का पहला रेल इंजन है, जिस इंजन को Steam Locomotive इंजन कहा जाता है.
भारत का पहला रेलवे इंजन कौन है?चितरंजन रेल कारखाने में 68 साल पहले भारत का पहला भाप इंजन तैयार किया गया था 1950- आज ही के दिन चितरंजन रेल कारखाने में भारत का पहला भाप इंजन तैयार किया गया था।
भारत में रेल का आविष्कार कब हुआ?भारत में रेल का आविष्कार कब हुआ था? एशिया और भारत में पहली ट्रेन यात्रा 16 अप्रैल 1853 को दोपहर 3.30 बजे बोरी बंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) से शुरू हुई थी। रेलवे के दस्तावेजों के अनुसार 16 अप्रैल 1853 को जब पहली ट्रेन मुंबई और ठाणे के बीच चली तो उस दिन सार्वजनिक अवकाश था।
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