बिगरी बात बनै नहीं Show
बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय॥ रहीम कहते हैं कि मनुष्य को सोच-समझ कर व्यवहार करना चाहिए। क्योंकि जैसे एक बार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकता उसी प्रकार किसी नासमझी से बात के बिगड़ने पर उसे दुबारा बनाना बड़ा मुश्किल होता है। स्रोत :
Additional information availableClick on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher. Don’t remind me again OKAY rare Unpublished contentThis ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left. Don’t remind me again OKAY रहिमन फाटे दूध को मथे न माखन होय से रहीम ने लोगों को क्या समझाने का प्रयास किया?अर्थात: इस दोहे के माध्यम से रहीम दास जी का कहना है कि मनुष्य को सोच समझ कर व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा.
फटे दूध को मथने से क्या प्राप्त नहीं होता है?फाटे दूध को मथने से क्या नहीं मिलता है? उत्तर: फाटे दूध को मथने से मक्खन नहीं मिलता है।
3 दूध के फटने पर उसका क्या नहीं बनता रहीम के दोहे के अनुसार बताइए?Here is a compilation of Free MCQs of Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 8 Dohe by Rahim.
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Rahim ke Dohe Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 8 MCQs.. बिगरी बात बने नहीं लाख करो किन कोय दोहे के माध्यम से मानव को क्या शिक्षा दी जा रही है?बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय। रहिमन बिगरे दूध को, मथे न माखन होय॥ जब बात बिगड़ जाती है तो किसी के लाख कोशिश करने पर भी बनती नहीं है।
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