पृथ्वी पर मानव कब आए थे? - prthvee par maanav kab aae the?

2300 से 1800 वर्ष पूर्व रहने वाले तीन व्यक्तियों के जीनोम से पता चला कि वे खोए-सान ग्रुप के वंशज हैं।

लंदन, प्रेट्र।  पृथ्वी पर मानव की वर्तमान प्रजाति 3.5 लाख वर्ष पूर्व आई थी। इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने 2300 से 300 वर्ष के बीच दक्षिणी अफ्रीका में रहने वाले सात लोगों के जीनोम (जीवों के जीन का समूह) का अध्ययन किया । शोध में मिली जानकारियों के अनुसार मानव प्रजाति के विकास के इतिहास में दक्षिण अफ्रीका क्षेत्र का अहम योगदान रहा है।

2300 से 1800 वर्ष पूर्व रहने वाले तीन व्यक्तियों के जीनोम से पता चला कि वे खोए-सान ग्रुप (अफ्रीका में रहने वाली मानव की जाति) के वंशज हैं। वहीं 500-300 वर्ष पूर्व रहने वाले चार लोगों के जीनोम अभी दक्षिण अफ्रीका में बांटू बोलने वाली जाति से संबंधित मिले। शोधकर्ताओं ने पाषाण काल के शिकारी मनुष्यों के जीनोम का अध्ययन कर पता लगाया कि मानव में सबसे बड़ा बदलाव 3.5 और 2.6 लाख वर्ष के बीच आया।

दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी तट पर रहने वाले पाषाण काल के शिकारी बच्चे और पश्चिम अफ्रीका के मानडिंका के बीच तुलनात्मक अध्ययन के बाद मालूम हुआ कि मानव प्रजाति में सबसे बड़ा विभाजन 3.5 लाख वर्ष पूर्व हुआ था। इन शोध के परिणाम के अनुसार मनुष्य की आधुनिक प्रजाति हमारे अनुमान से बहुत पहले ही विकसित हो गई थी।

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Edited By: Ravindra Pratap Sing

एक समय में हमारी दुनिया में डायनासोर का राज था. वे चलते थे जहा हम चल रहे है. इसी हवा में सांसे ली इसी धरती पर लड़ाईया लड़ी.लेकिन पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति कब और कैसे हुई ?. manav ka janm kab hua.. ये अपने आप में सोचने की बात है.  बड़े विचित्र डायनासोर ने करीब 14 करोड़ सालो तक इस धरती पर राज किया. डायनासोर की कई हजार प्रजातिया थी इनमे से कई शाकाहारी थे तो कुछ माँसाहारी और कुछ डायनासोर बहुत शांत श्वभाव के थे. और कुछ डायनासोर बहुत ही हिंसक और खतरनाक थे. ये उस समय के सबसे सफल जीव थे. लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हुआ. वह कौन सी घटना थी जिसने इनका नामो निसान ही मिटा दिया. आईये जानते है पृथ्वी पर मानव का जन्म कब हुआ. manav ka janm kab hua.

पृथ्वी पर मानव कब आए थे? - prthvee par maanav kab aae the?

  • धरती पर डायनासोर का अंत और इंसानों की उत्पत्ति कैसे हुई ?
    • मानव का इतिहास कितना पुराना है?
      • पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति कैसे हुई 
        • आदिमानव कितने वर्ष पहले थे? तथा धरती का पहला मानव कौन है?
          • इसे भी अवश्य पढ़े…

धरती पर डायनासोर का अंत और इंसानों की उत्पत्ति कैसे हुई ?

इसे जानने के लिए हमें करोडो साल पीछे जाना होगा. और डायनासोर के उस अंतिम दिन को करीब से देखना होगा. तो आईये चलते है आज से 65 मिलियन साल यानी की 6 करोड़ 50 लाख साल पीछे. 

आज से लगभग 6.5 करोड़ साल पहले धरती पर मौषम समान्य था. चारो ओर सूरज की रोशनी बिखरी हुई थी. लम्बे-लम्बे पेड़ो से टकराती समुन्द्र की ठंडी हवाए और चारो तरफ डायनासोर के चिल्लाने चिघाने की आवाजे जब ये सारी डायनासोर प्रजाति जब ये आराम से धरती पर अपना जीवन बिता रहे थे तब. दस करोड़ साल पहले ही इनकी किस्मत लिखी जा चुकी थी. दस करोड़ साल पहले एक छोटा एस्ट्रोयड का टुकड़ा जो दूर अन्तरिक्ष से आ रहा था. वह पृथ्वी से लगभग 20 करोड़ मिल दूर मंगल और वृहस्पति के बीच छुद्र बेल्ट में घूम रहे एक बड़े एस्ट्रोयड से जा टकराता है.

पृथ्वी पर मानव कब आए थे? - prthvee par maanav kab aae the?

इस टकराव से उस बड़े एस्ट्रोयड की दिशा बदल जाती है. और वह छुद्र गृह बेल्ट से निकलकर सीधे पृथ्वी की ओर 22 हजार मिल प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ने लगता है. जब ये एस्ट्रोयड पृथ्वी से 3 लाख 84 हजार किलोमीटर की दुरी पर था तब शायद धरती से डायनासोर का अंत न होता. यदि यह एस्ट्रोयड पृथ्वी के उपग्रह चाँद से टकराता लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.manav ka janm kab hua.

इसलिए यह बड़ा एस्ट्रोयड चाँद के बहुत नजदीक से गुजर गया. 40 किलोमीटर के व्यास वाला ये ट्रिलियन मैट्रिक टन का ये एस्ट्रोयड प्रत्येक सेकंड के साथ-साथ पृथ्वी के तरफ बढ़ता जा रहा था ये एस्ट्रोयड जब पृथ्वी के वातावरण के संपर्क में आया तो इसकी रफ़्तार एकाएक 70 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा हो गयी. पृथ्वी के वायु मंडल में घुसते ही. घर्सन की वजह से यह एक भयानक आग के गोले में बदल गया.

ये इतनी रफ़्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था. की सिर्फ 4 मिनट में इसने अटलांटिक ओसियो को पार कर लिया. इसमें चमक इतनी अधिक थी की पृथ्वी पर टकराने से पहले ही हजारो जीव आग के इस दहकते गोले को देख कर पूरी तरह अंधे हो चुके थे. ये जीव उस उल्का को देख नहीं पा रहे थे. लेकिन वह उसकी भयानक गर्मी को महसूस कर रहे थे. कुछ ही छड में ये एस्ट्रोयड सीखो की खाड़ी के पास जमींन से टकराता है.

और लगभग यह 35 हजार डिग्री सेल्सियस ऊँचा वाला एक भयंकर विस्फोट होता है. इस टकराव का विस्फोट लगभग दस हैड्रोजन बम के विस्फोट के बराबर था. ये विस्फोट इतना शक्ति शाली था. की इसके टकराते ही धरती की लाखो टन धातु अंतरिक्ष में चली गयी. टकराने वाली जगह पर 180 किलोमीटर चौड़ा 20 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन गया. विस्फोट के कारण इस गड्ढे का सारा मेटल और पत्थर आसमान में धुल के बड़े बादल में बदल गए.manav ka janm kab hua.

16 मिनट 40 सेकंड बाद जमीनी टकराव की वजह से धरती के अन्दर चारो ओर 12.1 तीब्रता की भूकंपीय तरंगे उठने लगी. इस वजह से समुन्द्र में विशाल काय लहरों का निर्माण हुआ और एक के बाद एक सुनामी के लहरे चारो तरफ बढ़ने लगी. भूकंपीय तरंगो ने सभी सक्रीय ज्वाला मुखियों को दहका दिया जिसकी कारण जगह-जगह डायनासोर का विनाश शुरू हो गया. धरती के महा विनाश की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी थी.

मानव का इतिहास कितना पुराना है?

इस भयानक विस्फोट में रेडिएसन की मात्रा इतनी बढ़ गयी की इसके 800 किलोमीटर की दायरे में आने वाले सभी जीव जंतु जल कर पूरी तरह राख के ढेर  में बदल गए थे. इस महा विनाश में उड़ने वाले डायनासोर जमीनी खतरों से तो बच निकले ये तो महा प्रलय की शुरुवात मात्र थी. विस्फोट की वजह से जो लाखो टन मेटल धुल और पत्थर अंतरिक्ष में गया था. ठीक 40 मिनट बाद आग के  गोले के रूप में वे धरती पर बरसने लगे. साथ ही धुल का एक बहुत बड़ा तूफान 6 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी की दूसरी तरफ मौत लेकर आ रहा था. धुल के बादल कई किलोमीटर मोटे थे. जिसके वजह से धरती पर सूरज की रोशनी पहुच पाना असंभव हो गया. गर्म हवाओ का ताप मान 100 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाने के कारण धरती पर लगभग सभी पेड़ पौधों की आबादी जल कर खाक हो गयी थी.manav ka janm kab hua.

विस्फोट के 90 मिनट बाद धरती का तापमान 200 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया. इसकी वजह से जो डायनासोर विस्फोट के इलाके से कोसो मिल दूर थे वे इस गर्मी से बच नहीं पाए. इस महाप्रलय से लगभग कुल 90 % प्रजाति धरती से खत्म हो गयी थी. और जो 10% जीव धरती पर बच गए थे.  उसमे सिर्फ वही जीव जिन्दा रह सके जिसका वजन 30 किलोग्राम से कम था. इसका कारण ये थे की उस महा प्रलय में लाखो की संख्या में जीव मारे जा चुके थे. और पेड़ पौधों की सारी आबादी भी जल कर राख हो गयी थी. जिसके चलते यहाँ जो बड़े और विशाल काय जीव बच गए थे उन्हें भर पुर मात्रा में खाना पीना न मिल सका. ये महा प्रलय किसी अन्य जीव के लिए फायदे मंद साबित होने वाला था. धरती पर डायनासोर का अंत एक छोटी प्रजाति के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया. और वह प्रजाति थी मेम्ल्स की  मेमल्स क्या थे कैसे बच गए महा प्रलय से. 

पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति कैसे हुई 

आज से करीब 40 लाख साल पहले अफ्रीका के पूर्वी इलाके में एक नए पर्वत श्रीन्खला का निर्माण हुआ. ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट वैली ये पर्वत यहाँ आने वाले मौषमी हवाओ के लिए एक अवरोध बन गयी थी. और इस वजह से यहाँ के जंगलो में बारिश आनी  बंद हो गयी. यही इसी जंगल में रहते थे. एप्स ये पेड़ के ऊपर रहते थे. जहा उनको खाने की कोई कमी नहीं थी. इस वजह से ये हमेसा पेड़ो पर ही रहते थे. लेकिन अब यहाँ समय के साथ- साथ सुखा पड़ने लगा. बिना बारिश के जंगल पूरी तरह साफ़ हों गए. एप्स के लिए खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी. खाने की तलाश में इन्होने ने पेड़ो से उतरने का निर्णय लिया. जो थे ardipithecus ramidus ये हमारे पूर्वज थे जिन्होंने बहुत बड़ा निर्णय लिया था. इनका दिमाग एक संतरे जितना बड़ा था और आकार में 4 फिट लम्बे होते थे. कई हजार सालो के विकाश कर्ण के बाद. हमारे पूर्वज अब दो पैरो पर चलने लगे. इससे उर्जा कम खर्च होती थी.manav ka janm kab hua.

पृथ्वी पर मानव कब आए थे? - prthvee par maanav kab aae the?

आदिमानव कितने वर्ष पहले थे? तथा धरती का पहला मानव कौन है?

और ये चलते हुए भी खा सकते थे. अब इनका दिमाग भी तेजी से बढ़ रहा था. ये धीरे- धीरे होसियार बन रहे थे. समय के साथ- साथ विकाश की प्रक्रिया चलती रही. हमारे पूर्वज धीरे-धीरे विकसित होने लगे. और इनका दिमाग भी धीरे-धीरे बड़ा होने लगा. समय के साथ-साथ इन्होने पत्थरों से हथियार बनाना सिख लिया. अब शिकार करना काफी आसान हो गया था. समय के बीतने के साथ-साथ हमारे पूर्वजो ने आग को काबू करना सिख लिया. आग की खोज हमारे पूर्वजो के लिए सबसे बड़ी खोज थी. ये उन्हें गर्मी, रोशनी और अंधेरो में सुरक्षा देती थी. और उसी वजह से अब परिवार भी बनने लगा. हमारे पूर्वज अब साथ-साथ  रहने लगे आग में पका माश चबाने में कम उर्जा खत्म होती थी. और इसी वजह से ये उर्जा अब उनके दिमाग में खर्च होने लगी. हमारे पूर्वजो का दिमाग अब काफी बड़ा हो चूका था. manav ka janm kab hua.

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पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कब हुआ था?

पृथ्वी पर मानव की वर्तमान प्रजाति 3.5 लाख वर्ष पूर्व आई थी। इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने 2300 से 300 वर्ष के बीच दक्षिणी अफ्रीका में रहने वाले सात लोगों के जीनोम (जीवों के जीन का समूह) का अध्ययन किया ।

पृथ्वी पर पहला आदमी कौन था?

* संसार के प्रथम पुरुष स्वायंभुव मनु और प्रथम स्त्री थीं शतरूपा। भगवान ब्रह्मा ने जब 11 प्रजातियों और 11 रुद्रों की रचना की तब अंत में उन्होंने स्वयं को दो भागों में विभक्त कर लिया। पहले भाग का नाम 'का' था और दूसरे भाग का नाम 'या' थापहला भाग मनु के रूप में और दूसरा शतरूपा के रूप में प्रकट हुआ।

दुनिया में इंसान की उत्पत्ति कैसे हुई?

ब्रह्म से ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई और ब्रह्मा ने स्यवं को दो भागों में विभक्त कर लिया। उनका एक रूप पुरुष स्वायंभुव मनु और एक भाग स्त्री यानी शतरूपा था। सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई

पृथ्वी पर मानव का जन्म कैसे हुआ?

आज से दो लाख वर्ष पूर्व आधुनिक मानव (होमो सेपियन्स सेपियन्स) अफ्रीका से आया और पृथ्वी पर मौजूद पूरी मानव जाति के पूर्वज भी यही से आए हैं। अफ्रीका से पूर्व का मानव आधुनिक मानव नहीं माना जाता था और उसको (होमो सेपियन्स) के नाम से जाना जाता है। होमो सेपियन्स को दुनिया के सबसे विकसित जीव माना जाता है।