जब किसी दुर्घटना व्यक्ति को डॉक्टर यहां अस्पताल से पहले जो उसकी जान बचाने के लिए सहायता या सेवा की जाती है उसे प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड कहते हैं.उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए हम आस पास की किसी भी वस्तु का उपयोग कर सकते है ,जिससे उसे अस्पताल तक ले जाने तक आराम मिल सके .प्राथमिक चिकित्सा करने वाले व्यक्ति को यह जरुर पता होना चाहिए इमरजेंसी के समय उसे क्या नहीं करना चाहिए .क्योंकि गलत प्राथमिक चिकित्सा से उस दुर्घटना व्यक्ति की जान जाने का खतरा बढ़ सकता है. Show दुर्घटना आदि होने के बाद कई बार ऐसा भी होता है कि प्राथमिक उपचार मिलने के बावजूद पीड़ित व्यक्ति की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ जाती है. उसकी ऐसी हालत प्राथमिक उपचार करने वाले व्यक्ति से गलत प्राथमिकता होना .प्राथमिक उपचार करने वाले से अनजाने में हुई जरा सी गलती पीड़ित के लिए घातक हो सकती है. उसकी ऐसी हालत प्राथमिक उपचार के बारे में सही जानकारी न होना होता है . प्राथमिक चिकित्सा निम्नलिखित इमरजेंसी अवस्ता में दी जा सकती है – किसी चीज से टकरा जाना ,इलेक्ट्रिकल शाक लगना ,दम घुटना(पानी में डूबने के कारण, फांसी लगने के कारण या साँस नल्ली में किसी बाहरी चीज का अटक जाना), ह्रदय गति रूकना-हार्ट अटैक, खून बहना, शारीर में जहर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक(अत्यधिक गर्मी के कारण शारीर में पानी की कमी), बेहोश या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर किसी भी चीज से चोट लगना. Table of Contents
A ( Airway ) :- सबसे पहले यह पता लगाए कि पीड़ित व्यक्ति तक वायु पहुँच रही है या नही.इससे यह मालूम किया जाता है घायल व्यक्ति को साँस कही बंद तो न हो गया हो .श्वासनली में रुकाव खासकर बेहोश लोगों में जीभ के कारण हो सकता है. बेहोशी के बाद मुहँ के मांसपेशियों में ढीला पड़ने के कारण जीभ गले के पिछले भाग में गिर जाता है जिससे श्वासनली रुक जाती है. B ( Breathing ) :- जो व्यक्ति पीड़ित अवस्था में होते है तो उसे साँस लेने में ज्यादा दिक्कत आती है .सबसे पहले अपने कान को घायल व्यक्ति के मुह के पास ले जा कर सुनें, देखें और महसूस करें कि घायल व्यक्ति तक साँस ले रहा है या नहीं ,अगर वह साँस ले रहा है तो उसे उसी समय अपने मुहं से साँस दे. घायल व्यक्ति को पीठ के बल सीधे लेटा कर उसके मुहँ को खोल कर अपने मुहँ से हवा भरे C ( Circulation ) :- अब यह देखे कि घायल व्यक्ति की नाडी चल रही है या नहीं ,अगर घायल व्यक्ति नाडी रुक गई है तो उसके लिए कार्डियोपल्मोनरी रिसास्किटेशन CPR से चालू करें .इसमें एक बार मुहँ से हवा देने बाद मरीज़ के दिल के ऊपर एक हाँथ के ऊपर दूसरा हाँथ रख कर ज़ोर-ज़ोर से चार बार दबाएँ। जब तक घायल व्यक्ति अपने आप सांस नहीं लेता। यह काम दो व्यक्ति होने पर और भी सही प्रकार से होता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति मुह करता है तो दूसरा Cardiopulmonary Resuscitation(CPR) करता है. प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होने के साथ-साथ हम खुद का भी उपचार कर सकते हैं.प्राथमिक उपचार की सुविधा के लिए हम प्राथमिक चिकित्सा की पेटिका बनाते जिसमें कुछ वस्तुए एवं औषधियां होती है जिसमें कुछ बाजार की और कुछ घरेलू औषधियां रखी होती है.इस पेटिका का विवरण नीचे पूरी डिटेल में बताया गया है .
प्राथमिक चिकित्सा एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बहुत ही जरूरी होती है सामान्य जीवन में ऐसे हम बहुत सारे काम करते हैं जहां पर हमारे साथ दुर्घटना हो सकती है चाहे हम घर में काम करें या फिर किसी कंपनी फैक्ट्री में काम करें हमें दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता लेकिन प्राथमिक चिकित्सा के माध्यम से हम उस दुर्घटना में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं तो नीचे आपको अलग-अलग प्रकार की दुर्घटना में अलग-अलग प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया गया है . कपड़ों में आग लग जाने पर
सिर में चोट लगने की दुर्घटना होनायदि किसी कारण से सिर में चोट लग जाती है तो उस व्यक्ति के साथ निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करें .
सांप के काटने परयदि किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है तो उसके लिए निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करनी चाहिए .
कुत्ते के काटने परयदि किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है तो उस व्यक्ति के लिए निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करनी चाहिए. क्योंकि कुत्ते के मुंह में कई प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस होते हैं
बिजली से करेंट लगने परयदि किसी व्यक्ति को करंट लग जाता है तो उसके लिए निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करनी चाहिए .
इस पोस्ट में आपको प्राथमिक चिकित्सा का महत्व प्राथमिक चिकित्सा किट प्राथमिक चिकित्सा केंद्र प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित प्रश्नों प्राथमिक चिकित्सालय प्राथमिक चिकित्सा सवाल और जवाब प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स प्राथमिक चिकित्सा के नियम प्राथमिक चिकित्सा दिवस प्राथमिक चिकित्सा प्राथमिक चिकित्सा के प्रकार प्राथमिक चिकित्सा के गुण आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा प्राथमिक चिकित्सा इन हिंदी प्राथमिक चिकित्सा का इतिहास प्राथमिक चिकित्सा के उद्देश्य प्राथमिक चिकित्सा के लाभ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछो. प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ क्या है?किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।
प्राथमिक चिकित्सा कितने प्रकार के होते हैं?उन्नत प्राथमिक चिकित्सा किट में निम्न वस्तुएं भी शामिल हो सकती हैं:. मुख-ग्रसनी संबंधी वायु-मार्ग. नाक-ग्रसनी संबंधी वायु-मार्ग. बैग वाल्व मास्क. हस्तचालित चूषित्र या चूषण इकाई. प्राथमिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य क्या है?प्राथमिक चिकित्सा का उद्देश्य जीवन की रक्षा करना, इसका प्रशिक्षण स्कूलों में दिया जाए फर्स्ट-एड के 3 मुख्य उद्देश्य होते हैं, पहला जीवन संरक्षण। दूसरा स्थिति को अधिक खराब होने से बचाना और तीसरा घायल व बीमारी व्यक्ति को रोग मुक्त होने में सहायता करना।
प्राथमिक चिकित्सा के जनक कौन हैं?लेकिन सही मायने में प्राथमिक चिकित्सा की अवधारणा की नींव रखने का श्रेय प्रशा (जर्मन साम्राज्य) के सैन्य सर्जन, फ्रेड्रिक वॉन एस्मार्च को जाता है, जिन्होंने सन 1870 में औपचारिक रूप से फ्रांसिसि-जर्मन युद्ध के लिए सैनिकों को प्राथमिक चिकित्सा (erste hilfe एर्स्ट हिल्फ के नाम से जिसका अर्थ First Aid होता है) प्रशिक्षण ...
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