प्राथमिक चिकित्सा का मतलब क्या है? - praathamik chikitsa ka matalab kya hai?

जब किसी दुर्घटना व्यक्ति को डॉक्टर यहां अस्पताल से पहले जो उसकी  जान बचाने के लिए सहायता या सेवा की जाती है उसे प्राथमिक  चिकित्सा या फर्स्ट ऐड कहते हैं.उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए हम आस पास की किसी भी वस्तु का उपयोग कर सकते है ,जिससे उसे अस्पताल तक ले जाने तक आराम मिल सके .प्राथमिक चिकित्सा करने वाले व्यक्ति को यह जरुर पता होना चाहिए इमरजेंसी के समय उसे क्या नहीं करना चाहिए .क्योंकि गलत प्राथमिक चिकित्सा से उस दुर्घटना व्यक्ति की जान जाने का खतरा बढ़ सकता है.

दुर्घटना आदि होने के बाद कई बार ऐसा भी होता है कि प्राथमिक उपचार मिलने के बावजूद पीड़ित व्यक्ति की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ जाती है. उसकी ऐसी हालत प्राथमिक उपचार करने वाले व्यक्ति से गलत प्राथमिकता होना .प्राथमिक उपचार करने वाले से अनजाने में हुई जरा सी गलती पीड़ित के लिए घातक हो सकती है. उसकी ऐसी हालत प्राथमिक उपचार के बारे में सही जानकारी न होना होता है .

प्राथमिक चिकित्सा निम्नलिखित इमरजेंसी अवस्ता में दी जा सकती है – किसी चीज से टकरा जाना ,इलेक्ट्रिकल शाक लगना ,दम घुटना(पानी में डूबने के कारण, फांसी लगने के कारण या साँस नल्ली में किसी बाहरी चीज का अटक जाना), ह्रदय गति रूकना-हार्ट अटैक, खून बहना, शारीर में जहर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक(अत्यधिक गर्मी के कारण शारीर में पानी की कमी), बेहोश या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर किसी भी चीज से चोट लगना.

Table of Contents

  • प्राथमिकता के साधारण नियम
  • प्राथमिक चिकित्सा नियम ABC
  • प्राथमिक चिकित्सा किट और सामग्री
  • प्राथमिक चिकित्सा के महत्व
      • कपड़ों में आग लग जाने पर
      • सिर में चोट लगने की दुर्घटना होना
      • सांप के काटने पर
      • कुत्ते के काटने पर
      • बिजली से करेंट लगने पर

प्राथमिकता के साधारण नियम
  • दुर्घटना या बीमार व्यक्ति के लिए सही प्राथमिक चिकित्सा का प्रयोग करें
  • किसी को भी डाक्टर या एम्बुलेंस को बुलाने के कहें
  • यदि पीड़ित व्यक्ति को दुर्घटना से खतरा हो तो उसे बताएं नहीं
  • पीड़ित व्यक्ति को अकेला न छोड़े
  • पीड़ित व्यक्ति को होसला दे कि वह ठीक हो जाएगा.क्योंकि दुर्घटना व्यक्ति को होसला देना चाहिए .
प्राथमिक चिकित्सा नियम ABC

 A ( Airway ) :- सबसे पहले यह पता लगाए कि पीड़ित व्यक्ति तक वायु पहुँच रही है या नही.इससे यह मालूम किया जाता है घायल व्यक्ति को साँस कही बंद तो न हो गया हो .श्वासनली में रुकाव खासकर बेहोश लोगों में जीभ के कारण हो सकता है. बेहोशी के बाद मुहँ के मांसपेशियों में ढीला पड़ने के कारण जीभ गले के पिछले भाग में गिर जाता है जिससे श्वासनली रुक जाती है.

( Breathing ) :- जो व्यक्ति पीड़ित अवस्था में होते है तो उसे साँस लेने में ज्यादा दिक्कत आती है .सबसे पहले अपने कान को घायल व्यक्ति के मुह के पास ले जा कर सुनें, देखें और महसूस करें कि घायल व्यक्ति तक साँस ले रहा है या नहीं ,अगर वह साँस  ले रहा है तो उसे उसी समय अपने मुहं से साँस दे. घायल व्यक्ति को पीठ के बल सीधे लेटा कर उसके मुहँ को खोल कर अपने मुहँ से हवा भरे 

C ( Circulation ) :-  अब यह देखे कि घायल व्यक्ति की नाडी चल रही है या नहीं ,अगर घायल व्यक्ति  नाडी रुक गई है तो उसके लिए कार्डियोपल्मोनरी रिसास्किटेशन CPR से चालू करें .इसमें एक बार मुहँ से हवा देने बाद मरीज़ के दिल के ऊपर एक हाँथ के ऊपर दूसरा हाँथ रख कर ज़ोर-ज़ोर से चार बार दबाएँ। जब तक घायल व्यक्ति अपने आप सांस नहीं लेता। यह काम दो व्यक्ति होने पर और भी सही प्रकार से होता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति मुह करता है तो दूसरा Cardiopulmonary Resuscitation(CPR)  करता है.

प्राथमिक चिकित्सा किट और सामग्री

प्राथमिक  चिकित्सा की जानकारी होने के साथ-साथ हम खुद का भी उपचार कर सकते हैं.प्राथमिक  उपचार की सुविधा के लिए हम प्राथमिक चिकित्सा की पेटिका बनाते जिसमें कुछ वस्तुए  एवं औषधियां होती है जिसमें कुछ बाजार की और कुछ घरेलू औषधियां रखी होती है.इस पेटिका का विवरण नीचे पूरी डिटेल में बताया गया है .

  1. एक बॉक्स हो जिसमें घाव को सांप और कवर करने के लिए अलग-अलग पटियां हो
  2. छोटी कैंची
  3. डेटोल / सेवलॉन/ एंटी बैक्टीरियल की शीशी हो
  4. रुई का बंडल
  5. पट्टी के बंडल
  6. 5 से 6 बैंडेज
  7. छोटी चिमटी
  8. तेज धार वाला चाकू सुइयों का पैकेट
  9. मेडिसिन (आई ) ड्रोपर
  10. मलाशयी थर्मामीटर
  11. गर्म पानी की बोतल
  12. बर्फ का बैग
  13. धुप की जलन ,कीड़े -मोकोड़े के काटने आदि के लिए केलाइमन लोशन की बोतल
  14. चिपकने वाली मेडिकल टेप
  15. सर्दी – खांसी, सिर दर्द, बुखार की दवा
  16. ग्लूकोस
  17. विटामिन की गोलियां
  18. नयी बैटरिया के साथ फ्लेशलाइट
प्राथमिक चिकित्सा के महत्व

प्राथमिक चिकित्सा एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बहुत ही जरूरी होती है सामान्य जीवन में ऐसे हम बहुत सारे काम करते हैं जहां पर हमारे साथ दुर्घटना हो सकती है चाहे हम घर में काम करें या फिर किसी कंपनी फैक्ट्री में काम करें हमें दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता लेकिन प्राथमिक चिकित्सा के माध्यम से हम उस दुर्घटना में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं तो नीचे आपको अलग-अलग प्रकार की दुर्घटना में अलग-अलग प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया गया है .

कपड़ों में आग लग जाने पर

  • यदि खाना बनाते समय या किसी भी कारण से व्यक्ति के कपड़ों में आग लग जाती है तो उसे तुरंत कंबल से ढक कर जमीन पर लुडकाना चाहिए और उसके मुंह को नहीं ढकना चाहिए
  • जलते हुए व्यक्ति पर कभी भी पानी नहीं डालना चाहिए क्योंकि इस से जले हुए स्थान पर   घाव और अधिक गंभीर हो जाता है.
  • जले हुए व्यक्ति को किसी दूसरे स्थान पर ले जाए जहां पर कोई ना हो यानी एकांत जगह हो और और उसे पीने के लिए चाय या दूध दे.
  • जले हुए  स्थान पर खाने के सोडे के गोल से पट्टी करनी चाहिए
  • यदि जलते हुए  व्यक्ति के कपड़ा चिप जाता है तो उसे उसके शरीर से उस कपड़े को आराम से उतारे और जले हुए स्थान पर जैतुन या नारियल का तेल लगाए .

सिर में चोट लगने की दुर्घटना होना

यदि किसी कारण से सिर में चोट लग जाती है तो उस व्यक्ति के साथ निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करें .

  • सिर में चोट लगे हुए व्यक्ति को कुर्सी पर सिर ऊपर उठाकर  बिठाए
  • यदि कान से खून बह रहा तो सिर को एक और मोड़ दे.
  • किसी साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर चोट लगे व्यक्ति के सिर पर रखे
  • यदि चोट लगने के कारण व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उस व्यक्ति को होश में लाने का प्रयास करें और जल्दी ही डॉक्टर की सहायता ले.

सांप के काटने पर

प्राथमिक चिकित्सा का मतलब क्या है? - praathamik chikitsa ka matalab kya hai?

 यदि किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है तो उसके लिए निम्न प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा करनी  चाहिए .

  • सांप के काटे हुए व्यक्ति को शांत करने का प्रयास करें उसे आराम करने दें.
  • सांप के काटे हुए स्थान को साबुन से अच्छी प्रकार से धोए
  • सांप के काटे हुए स्थान को उस व्यक्ति के दिल से हमेशा नीचे रखे
  • सांप के काटे हुए स्थान को और उसके आसपास स्थान को बर्फ से पैक कर दे ताकि इस जहर का फैलना कम हो जाए
  • सांप के काटे हुए व्यक्ति को सोने ना दे हमेशा उस पर अपनी नजर रखें
  • और जितना जल्दी हो सके उस व्यक्ति को अस्पताल में ले जाएं

कुत्ते के काटने पर

यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है तो उस व्यक्ति के लिए निम्न प्रकार से प्राथमिक  चिकित्सा करनी चाहिए. क्योंकि कुत्ते के मुंह में कई प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस होते हैं

  • कुत्ते से काटे हुए व्यक्ति के उस स्थान को साबुन और पानी से अच्छी प्रकार से धोए
  • साबुन और पानी से धोते समय ज्यादा ना रगड़े
  • यदि कटे हुए स्थान पर खून बह रहा तो थोड़ा सा खून बहने दे इससे इन्फेक्शन साफ हो जाता है
  • और कुत्ते से कटे हुए व्यक्ति को जितना जल्दी हो सके अस्पताल में जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका लगवाए

बिजली से करेंट लगने पर

यदि किसी व्यक्ति को करंट लग जाता है तो उसके लिए निम्न प्रकार  से प्राथमिक चिकित्सा करनी चाहिए .

  • यदि किसी व्यक्ति को करेंट लगा है तो सबसे पहले बिजली के मेन स्विच को बंद करें
  • यदि बिजली सर्विस बंद ना कर सके तो उस व्यक्ति को सुखी लकड़ी या किसी पलास्टिक वस्तु से उस व्यक्ति को दूर करें.
  • यदि करंट लगा हुआ व्यक्ति होश में ना तो उसे ABC रुल से होश में लाए
  • यदि करंट लगे हुए व्यक्ति जल जाता तो जले हुए स्थान को साफ कपड़े से ढके
  • और जितना जल्दी हो सके उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं

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प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ क्या है?

किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।

प्राथमिक चिकित्सा कितने प्रकार के होते हैं?

उन्नत प्राथमिक चिकित्सा किट में निम्न वस्तुएं भी शामिल हो सकती हैं:.
मुख-ग्रसनी संबंधी वायु-मार्ग.
नाक-ग्रसनी संबंधी वायु-मार्ग.
बैग वाल्व मास्क.
हस्तचालित चूषित्र या चूषण इकाई.

प्राथमिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

प्राथमिक चिकित्सा का उद्देश्य जीवन की रक्षा करना, इसका प्रशिक्षण स्कूलों में दिया जाए फर्स्ट-एड के 3 मुख्य उद्देश्य होते हैं, पहला जीवन संरक्षण। दूसरा स्थिति को अधिक खराब होने से बचाना और तीसरा घायल व बीमारी व्यक्ति को रोग मुक्त होने में सहायता करना।

प्राथमिक चिकित्सा के जनक कौन हैं?

लेकिन सही मायने में प्राथमिक चिकित्सा की अवधारणा की नींव रखने का श्रेय प्रशा (जर्मन साम्राज्य) के सैन्य सर्जन, फ्रेड्रिक वॉन एस्मार्च को जाता है, जिन्होंने सन 1870 में औपचारिक रूप से फ्रांसिसि-जर्मन युद्ध के लिए सैनिकों को प्राथमिक चिकित्सा (erste hilfe एर्स्ट हिल्फ के नाम से जिसका अर्थ First Aid होता है) प्रशिक्षण ...