पारितंत्र का क्या अर्थ होता है? - paaritantr ka kya arth hota hai?

नमस्कार दोस्तों हमारा आज का प्रश्न है पारितंत्र की परिभाषा दीजिए इसके जैविक कारकों का वर्णन कीजिए तथा पारितंत्र में ऊर्जा का स्थानांतरण किस प्रकार होता है समझाइए तो देखें दोस्तों सर्वप्रथम हम की पारितंत्र क्या होता है दोस्तों पारितंत्र को हम अंग्रेजी में इको सिस्टम तथा पारिस्थितिक तंत्र के नाम से भी जानते किस नाम से पारिस्थितिक तंत्र के नाम से तो आइए दोस्तों हम इसे विस्तार से जाने तो दोस्तों पारिस्थितिक तंत्र स्वतंत्र होता है जो वातावरण के जैविक व अजैविक जैसे कारकों के मध्य में संबंध दर्शाता है इस प्रकार के तंत्र को पारिस्थितिक तंत्र या परितंत्र के नाम से जानते हैं यानी कि दोस्तों इसमें कहा गया है कि जो वह तंत्र होता है वातावरण का वह तंत्र जिसमें जैविक घटक तथा अजैविक घटक दोनों के संबंध को दर्शाने वाला तंत्र होता है यानी कि दोस्तों इसमें दो प्रकार के घटक होते हैं तो जैविक घटक तथा अजैविक घटक ज्ञानी की

जैविक घटक यानी कि जैविक कारक जिसे हम खा सकते हैं दोस्तों जिस में पेड़ पौधे और सभी जीव जंतु आ जाते हैं और अजैविक घटक ज्ञानी के दोस्तों मृदा जल वायु यह सब इसके अंतर्गत आ जाते हैं तो दोस्तों इंपोर्ट पेड़ पौधे तथा जो अन्य जीवधारी जंतु होते हैं इनके और मृदा वायु यानी कि वातावरण के जो श्रद्धा और वायु यह सब जो होते हैं इन दोनों के बीच का जो संपर्क जो तंत्र दर्शाता है उसे तंत्र को हम पारितंत्र के नाम से जानते हैं तो देखते हैं दोस्तों पारितंत्र में इसके जैविक कारकों का वर्णन दोस्तों पारितंत्र में हमने देखा कि जैविक कार्य क्या होते हैं कि पेड़ जीव धारियों सब जो भी कार्य के अंतर्गत आते हैं इसमें दो प्रकार के कारक पाए जाते हैं जैविक तथा अजैविक तो देखते हैं दोस्तों जैविक कारक को विस्तार से जैविक कारक दोस्तों

चोरी करके होते हैं यह तीन प्रकार के होते हैं कितने प्रकार के तीन प्रकार के पहला हैं उत्पादक दूसरा उपभोक्ता तथा तीसरा अवतार दोस्तों अब घटक दोस्तों हमने देखा कि जो जैविक कारक होता है यानी कि सभी जैविक घटक जिसके अंतर्गत पेड़ पौधे और सभी जीव यानी कि दोस्तों वह तो पादप उपभोक्ता और अब कटे यह सभी क्या होते हैं यह सभी जीव होते हैं जो कि जो भी कार्य के अंतर्गत आते हैं तो देखते हैं दोस्तों इसे हम इस तरह से जाने उत्पादक उपभोक्ता तथा अपघटक क्या होता है तो दोस्तों चित्र में प्रदर्शित हैं कि यह उत्पादक यानी कि यह जो गाजर है यानी कि यह एक पौधा है गाजर का एक पौधा है जो कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपने भोजन का निर्माण कर रहा है जो कि सौर विकिरण को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके

जन बनाता है और दोस्तों यह जो खरगोश है यह खरगोश इस गाजर को खाता है तो यह क्या हुआ यह उपभोक्ता हुआ लेकिन दोस्तों जो उत्पादक को जो उपभोग करेगा उसे हम प्राथमिक उपभोक्ता के नाम से जानेंगे जिसे हम क्या कहेंगे जिसे हम प्राथमिक उपभोक्ता कहेंगे तथा दोस्तों यह जो लोमड़ी है इस खरगोश को खाई जाने कि जहां प्राथमिक उपभोक्ता का उपभोग कर रही है जिसके कारण हम इसे क्या कहेंगे जिसके कारण हम इसे द्वितीयक उपभोक्ता कहेंगे और और दोस्तों यह जो लोमड़ी है यह इस शेयर का भोजन है या निकलो तो यह शेर और लोमड़ी को खाएगा यानी कि यह उपभोक्ता इस लोमड़ी को खाएगा तो यह तृतीयक उपभोक्ता कहलायेगा और दोस्तों जब यह शेर मर जाएगा यानी कि यह मृत अवस्था में होगा तब इसका अब गठन करने के लिए अब गठन करता आएंगे यानी कि जिसे हम कहते हैं अब घटक अपघटन कौन से हो सकते हैं दोस्तों उदाहरण के लिए मान लेते हैं जैसे कि जीवाणु तथा

यह क्या करते हैं जो मृत्यु शरीफ होता है उस मृत शरीर को विघटित करते हैं आप गठन करते हैं उनका तो दोस्तों यह क्या करते हैं कि जो मिट्टी की उर्वरा क्षमता होती है वह भी बनाए रखने का यह जीवाणु और कवर कार्य करते हैं तो दोस्तों हमने देखा कि जो जैविक कारक होते हैं वह तीन प्रकार के होते हैं उत्पादक उपभोक्ता तथा अपघटक उत्पादक का हमने उदाहरण देते हुए देखा कि गाजर तथा उपभोक्ता में यह तीनों आ गए खरगोश लोमड़ी तथा शेर और अब घटा ज्ञानिक दोस्तों जीवाणु और कवक जो कि अब गठन का कार्य करते हैं अब देखते हैं दोस्तों हमें प्रश्न में पूछा था कि पारितंत्र में ऊर्जा प्रवाह का स्थानांतरण किस प्रकार होता है तो दोस्तों देखते हैं हम इसी साइट चित्र की सहायता से समझते हैं कि जो यह पारितंत्र हैं यानी कि हम इसे कौन सा पारितंत्र कहते हैं यह निमिषा स्थल पारितंत्र के नाम से जानेंगे क्योंकि दोस्तों यह स्थल पर हैं इसलिए हम इसे इस थे

परितंत्र के नाम से जानते हैं तो दोस्तों यह क्या है यह सूर्य हैं और सूर्य की जो सौर विकिरण होती हैं यह पौधे उस और विकिरण को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर रहा है किस में परिवर्तित गाना सौर ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर रहा है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपने भोजन का निर्माण कर रहा है यानी कि दोस्तों इसके पास जो ऊर्जा होती है वह सूर्य की लगभग सिर्फ एक या 2% या 2% ऊर्जा लेता है और अपने भोजन का निर्माण करते हैं यानी कि दोस्तों जो इस गाजर के पास जो ऊर्जा रहेगी वह मान लेते हैं कि 10000 किलो किलो रुई 10000 किलो कैलोरी और दोस्तों यह जो खरगोश हैं हमने देखा कि जो प्राथमिक उपभोक्ता होता है वह उत्पादक का उपभोग करता है या ने किया खरगोश इस गाजर को खाएगा तो इसका सिर्फ 10% भागी गाजर में ऊर्जा का स्थानांतरण हुआ क्योंकि दोस्तों जो ऊर्जा का स्तर स्तर होता है वह उत्पादक होता है कौन होता है उत्पादक क्योंकि दोस्तों यह अपना भोजन स्वयं बनाता है जिसके कारण आम आम उत्पादकों

ओसीबी कहते हैं और दोस्तों इसका सिर्फ 10% ऊर्जा का स्थानांतरण होता है तो देखते हैं दोस्तों जो बाकी का 90% भाग होता है वह ऊर्जा का 90% भाग कहां होता है तो देखते हैं जैसे कि ऊर्जा का केवल 10% भाग्य स्थानांतरित आएं और बाकी का तो 90% भाग होता है वह 90% भाग वातावरण में विस्तृत हो जाता है यानी कि दोस्तों जैविक कार्यों में चला जाता है इन खरगोश की जैविक कार्यों में चला जाता है तो दोस्तों इस 10000 किलो कैलोरी का 10% यानी कि 1000 किलो कैलोरी और दोस्तों जब यह लोमड़ी इस खरगोश को खाएगी यानी कि हम इसे क्या कहते हैं हम इसे द्वितीयक उपभोक्ता करते हैं तो यह लोमड़ी और खरगोश को खाएगी तो इसका कितना प्रतिशत जाएगा 10% वापस मध्यप्रदेश कहां जाएगा वापस से 90% वातावरण में विस्तृत हो जाएगा तो 1000 किलो कैलोरी का 10% यानी कि 100 किलो कैलोरी

और दोस्तों यह शेर इस लोमड़ी को खाता है तो इसमें ऊर्जा का कितना प्रतिशत स्थानांतरित होगा 10% और बाकी के 90% वातावरण में विस्तृत हो जाएगी तो 100 किलो कैलोरी का 10% यानी कि 10 किलो कैलोरी और दोस्तों जब यहां शेयर मर जाता है यानी कि मैं तो अवस्था में होता है तो इसके शरीर को विघटित कौन करता है अब घटक कौन करता है दोस्तों अब घटक और अंगूठा क्या होते हैं उदाहरण दोस्तों जैसे कि जीवाणु और कहा कि यह सब क्या है अब घटक है तो इसके शरीर को विघटित करते हैं तो इसमें ऊर्जा का कितना प्रतिशत स्थानांतरित होगा 10% और बाकी का जो 90 पर्ची है तो वह वातावरण में विस्तृत हो जाएगा उसी प्रकार दोस्तों 10 किलो कैलोरी का 1 किलो कैलोरी ऊर्जा का स्थानांतरण होगा जितना 1 किलो कैलोरी ऊर्जा का इस्तेमाल होगा और दोस्तों हमने देखा कि जो 10000 किलो कैलोरी से लेकर 1 किलो कैलोरी तक जो ऊर्जा का स्थानांतरण हो रहा है यानी कि जो ऊर्जा घटती जा रही है तू

उसके साथ सजीव की संख्या भी कम होती जा रही है जैसी कि दोस्तों हमने देखा कि पेड़ पौधों की संख्या अधिक है उसके बाद जो जंतु है इनको खाने वाले उनकी थोड़ी कम है फिर उनसे कम लोमड़ी की फिर उनसे कम शेर की और उनसे कम तादाद अब घटक की है तो उसी प्रकार से दोस्तों हम कर सकते हैं कि जीवो की संख्या भी कम होती जाती हैं जब उठ जा कम होती जाती अनिकोड़ जगह केवल 10% बाकी स्थानांतरित होता है और दोस्तों हमने देखा कि उर्जा का प्रवाह या ऊर्जा किस प्रकार से स्थानांतरित होती है और इसी प्रकार की ऊर्जा स्थानांतरण को हम ऊर्जा का 10% नियम भी कहते हैं क्या करें 10% नियम और दोस्तों इस नियम को वैज्ञानिक लैंड मैंने दिया था जिसके कारण हम इसे वैज्ञानिक लैंडमार्क का लैंडमार्क का 10% नियम भी कहते हैं क्या करें लैंडमार्क का 10% नियम

दोस्तों हमने देखा कि पारितंत्र तथा इसके अतिरिक्त जैविक कारक और इसके अतिरिक्त पारितंत्र में जो ऊर्जा का स्थानांतरण होता है वह किस प्रकार होता है और इसे लिंडमैन का 10% नियम या ऊर्जा का 10% नियम भी कहते हैं तो धन्यवाद दोस्तों आशा करता हूं आपको यह उत्तर जरूर समझ में आया होगा

पारितंत्र का क्या अर्थ है?

पारितंत्र प्रकृति की वह क्रियात्मक इकाई है, जिसमें जीवमंडल के सभी घटकों के समूह, पारस्परिक क्रिया में सम्मिलित होते हैं, परिणामतः सजी व निर्जीव अंशों में विभिन्न तत्त्वों का चक्रण होता रहता है। यह भौगोलिक विशेषताओं पर आधारित विशेष भूदृश्य वाला क्षेत्र होता है। जैविक समुदाय व पर्यावरण के इस अंतसंबंध को ए.

पारितंत्र किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है?

Solution : पारितंत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं- प्राकृतिक, (2) कृत्रिम। इन्हें पुनः जलीय व स्थलीय दो भागों में बौटा जा सकता है।

पारितंत्र का दूसरा नाम क्या है?

पारिस्थितिकी तंत्र परिस्थिति-विज्ञान

पारितंत्र के उदाहरण क्या है?

Video Solution: पारितंत्र के उदाहरण दें। Solution : वन, तालाब, समुद्र आदि।