Pratyavarti Dhara : प्रिय मित्रों आज हम आपको प्रत्यावर्ती धारा के बारे में विस्तार से बताएंगे। आज हमने इस लेख में प्रत्यावर्ती धारा क्या है, प्रत्यावर्ती धारा के प्रकार, प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता का शिखर मान, प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान, प्रत्यावर्ती धारा की विशेषताएं इत्यादी के बारे आपके लिए विस्तार से जानकारी दी है। हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आपको Pratyavarti Dhara की पूर्ण जानकारी के बारे में पता लग जाएगा। Show
हमारा यह लेख कक्षा 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Alternating Current In Hindi लिखा है। Table of Contents
Pratyavarti Dhara Kya Haiप्रत्यावर्ती धारा :- वह धारा जिसका परिमाण तथा दिशा आवर्ती रूप से परिवर्तित होता है। प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है। एक निश्चित समयांतराल पश्चात एक धारा की दिशा विपरीत हो जाती है। प्रत्यावर्ती धारा के प्रकार :- प्रत्यावर्ती धारा के निम्न तीन प्रकार होते हैं।
ज्यावक्रीय धारा ही प्रत्यावर्ती धारा का मूल रूप है। भारत में घरेलू उपयोग के लिए प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50hz तथा अमेरिका में 60hz है। ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता को निम्न समीकरण से व्यक्त करते हैं। V = Vmsinωt …………..1 I = Imsin(ωt+ɸ) ………..2 प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता का शिखर मान :- प्रत्यावर्ती धारा के पूर्ण चक्कर में वोल्टता तथा धारा के अधिकतम मान को शिखर मान कहते हैं। eq.1 तथा eq.2 में वोल्टता तथा धारा के शिखर मान Vm तथा Im है। प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता का औसत मान :- प्रत्यावर्ती धारा व वोल्टता के एक पूर्ण चक्र में इसके माध्य मान औसत मान कहते हैं। एक पूर्ण चक्र के लिए धारा का औसत मान Iav = 0∫TIdt/0∫Tdt Iav = 0∫TImsin(ωt) dt/[t]T0 Iav = Im/T[-cosωt/ω]T0 Iav = -Im/T[cos2π/ω-cos 0/ω] Iav = -Im/T[1/ω-1/ω] Iav = 0 अतः Vav = 0 Pratyavarti Dhara Ka Varg Madhya Mul Man Haiप्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान :- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में एक पूर्ण चक्र के लिए वोल्टता या धाराओं के वर्गों के माध्य का वर्गमूल मान वर्ग माध्य मूल मान कहलाता है। वोल्टता के वर्ग माध्य मूल मान को Vrms तथा धारा के वर्ग माध्य मूल मान को Irms से व्यक्त करते हैं। Irms = √(Iav2) = √(0∫TI2dt/0∫Tdt) अतः Irms= √0∫T(I2msin2ωtdt/T) Irms = Im/√2 = 0.707Im इसी प्रकार Vrms = Vm/√2 = 0.707Vm Note :- किसी भी प्रत्यावर्ती परिपथ या उपकरण में धारा या वोल्टता के व्यक्त किए गए मान इसके वर्ग माध्य मूल मान ही होते हैं। भारत में घरेलू परिपथ में प्रत्यावर्ती वोल्टता का वर्ग माध्य मूल मान 220 वोल्ट है। प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता के वर्ग माध्य मूल मान को आभासी या प्रभावी मान भी कहते हैं। दिष्ट धारा अमीटर या वोल्ट मीटर चुंबकीय प्रभाव पर आधारित होने के कारण यह धारा या वोल्टता का औसत मान मापते हैं। अतः इनके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता का मापन संभव नहीं है। क्योंकि प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता का औसत मान शून्य होता है। प्रत्यावर्ती धारा की विशेषताएंप्रत्यावर्ती धारा की विशेषताएं :- प्रत्यावर्ती धारा के निम्न विशेषताएं हैं।
प्रत्यावर्ती धारा के दोष :- प्रत्यावर्ती धारा के निम्न दोष है।
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प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान तथा शिखर मान में क्या संबंध है?प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान उसके वर्ग माध्य मूल मान का `(1)/(sqrt2)` या 0.707 गुना होता है।
माध्य मूल से क्या तात्पर्य है?माध्य किसी चर के विभिन्न मूल्यों का साधारण अंकगणितीय औसत माध्य कहलाता है। गणित में वर्ग माध्य मूल (root mean square / RMS or rms), किसी चर राशि के परिमाण (magnitude) को व्यक्त करने का एक प्रकार का सांख्यिकीय तरीका है। ... यह उस स्थिति में विशेष रूप से उपयोगी है जब चर राशि धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों मान ग्रहण कर रही हो।
वर्ग माध्य मूल वेग से आप क्या समझते हैं इसका समीकरण लिखिए?Solution : वर्गमाध्य मूल वेग u या `u_(rms)` यदि `u_(1), u_(2), u_(3)"………"u_(n)` आदि गैस के अणुओ के वेग हो, तथा गैस के अणुओ की संख्या n हो तो <br> `u= sqrt((u_(1)^(2)+u_(2)^(2)+u_(3)^(2)+"………"u_(n)^(2))/(n))`.
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