प्रकृति में कार्बनिक यौगिकों की अत्यधिक संख्या का क्या कारण है उल्लेख करें? - prakrti mein kaarbanik yaugikon kee atyadhik sankhya ka kya kaaran hai ullekh karen?

Solution : कार्बन में दो ऐसे गुण होते हैं जो प्रायः अन्य तत्त्वों में नहीं होते शृंखलन और चतु:संयोजकता । कार्बन परमाणु में परस्पर जुड़कर विभिन्न आकारों की लंबी साखायुक्त या वलय में व्यवस्थित श्रृंखला बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है । ये शृंखलाएँ एकल, द्वि अथवा त्रि आबंध से जुड़ी हो सकती हैं। चतु:संयोजक होने के कारण कार्बन चार अन्य परमाणुओं से बंधन बना सकता है। कार्बन के छोटे आकार के कारण अन्य तत्त्वों, जैसे-H, O, S.N, P. CI, Br आदि से बने बंधन प्रबल होते हैं जिसके कारण इनसे बने यौगिक स्थायी होते हैं।

कार्बनिक यौगिकों की संख्या अत्यधिक होने के क्या कारण है?

परमाणुओं अथवा कुछ अन्य एक संयोजक तत्वों के परमाणुओं के साथ आबंधन की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं, फलस्वरूप ऐसे विशेष गुण वाले यौगिक बनते हैं जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।

कार्बन से बने अधिकतम यौगिक विद्युत के कुचालक क्यों होते हैं?

a) कार्बन यौगिक में सहसंयोजक बंधन है,इसलिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन ना होने के कारण यह बिजली का संचालन करने में सक्षम नहीं हो सकते।

कार्बनिक यौगिक कितने प्रकार के होते हैं?

कार्बनिक यौगिक को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता हैं :.
एलिफैटिक या विवृत श्रृंखला.
कार्बोसाइक्लिक या समचक्रिय.
विषम चक्रिय.

कार्बन और उसके यौगिक का उपयोग ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?

22: कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है? उत्तर : जब कार्बन और इसके यौगिकों को अधिक वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है तो बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा और प्रकाश की उत्पत्ति होती है। इन्हें एक बार जला दिए जाने के बाद ये निरंतर जलते हते हैं।