पारिजात वृक्ष की पहचान कैसे करें? - paarijaat vrksh kee pahachaan kaise karen?

अगर घर में अच्छी धूप आती है, तो पारिजात का पौधा बिना खाद और देखभाल के ही अच्छा बढ़ेगा और ढेरों फूलों से आपको गार्डन को महका भी देगा। पढ़ें, इसे लगाने और देखभाल से जुड़ी ज़रूरी बातें।

सुगंधित फूलों वाला पारिजात, जिसे हरसिंगार या रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू मान्यताओं में इसे स्वर्ग से आया हुआ पौधा भी कहा जाता है। इसकी खुशबू बहुत ज्यादा पसंद की जाती है और इसका इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है। पारिजात के मात्र एक पौधे से ही ढेरों फूल मिल जाते हैं। 

परिजात के फूल रात के समय खिलते हैं और सुबह ज़मीन पर गिरे मिलते हैं। यानी अगर आपके घर में यह पौधा है और सुबह आपको फूलों की ज़रूरत हो, तो आपको इन्हें तोड़ना नहीं पड़ेगा। सूरत की रहनेवाली मीनल पंड्या, परिजात के पेड़ के नीचे रात को ही एक कपड़ा रख देती हैं, जिससे सारे फूल उस कपड़े में ही गिरते हैं और फिर वह सुबह इन फूलों को इस्तेमाल के लिए इकट्ठा कर लेती हैं। 

वह कहती हैं कि इसके फूल के साथ पत्ते भी बड़े काम के होते हैं। सर्दी, बुखार सहित कई बिमारियों में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। सबसे अच्छी बात है कि यह पौधा आराम से लग जाता है और बिना ज्यादा देखभाल के अच्छे से विकसित भी होता है। 

इसे बस अच्छी धूप चाहिए होती है। इसे बीज और कटिंग के ज़रिए भी लगाया जा सकता है, लेकिन मीनल के अनुसार नर्सरी से एक मदर प्लांट लाकर इसे लगाना सबसे आसान तरीका है।  

कैसे लगाएं पारिजात का पौधा?

पारिजात वृक्ष की पहचान कैसे करें? - paarijaat vrksh kee pahachaan kaise karen?
Parijat Plant

मीनल ने बताया, “मुझे मेरी एक दोस्त ने पारिजात का एक छोटा सा पौधा लाकर दिया था।  उस समय इसमें मात्र दो पत्तियां ही थीं। लेकिन एक साल के अंदर ही यह काफी विकसित हो गया और इसमें अब ढेरों फूल उगते हैं। पारिजात के छोटा पौधा किसी नर्सरी में आराम से 60 से 70 रुपये में मिल जाएगा।”

यूं तो इसे सीधा ज़मीन पर लगाना सबसे बेहतर होता है, इससे यह जल्द ही एक बड़ा पेड़ बन जाएगा।  लेकिन अगर इतनी जगह नहीं है, तो आप इसे 15 से 20 इंच के गमले में भी लगा सकते हैं।  

पौधा लगाने के लिए आप अपने पास की नर्सरी से एक अच्छी क्वालिटी का पौधा चुनकर लाएं।  मीनल कहती हैं कि आप नर्सरी वाले से साल भर फूल उगने वाला पौधा ही मांगे।  

इसके लिए आप मिट्टी, रेत और खाद (कोई भी ऑर्गेनिक खाद) को समान मात्रा में मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार करें।  

पौधा लगाने के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां दिन के चार घंटे धूप आती हो। बोगनवेलिया की तरह इसे भी अच्छी धूप की ज़रूरत होती है। 

अब आप पौधे को  ज़मीन या 20 इंच के गमले में लगा दें। 

इसे ज्यादा पानी देने से बचें। लेकिन नियमित रूप से पानी देते रहें। 

इस पौधे को बढ़ने के लिए ज्यादा खाद आदि की ज़रूरत नहीं होती। 

अगर आपको पौधे को अच्छा घना करना है, तो समय-समय पर कटिंग करते रहें।  

मीनल का कहना है कि यह पौधा बहुत जल्दी बढ़ता है, इसलिए कटिंग करना जरूरी हो जाता है। 

छह महीने में पौधा अच्छा बड़ा हो जाएगा और एक साल के अंदर तो इसमें ढेरों फूल आने लगेंगे।  

बारिश का मौसम किसी भी पौधे को लगाने के लिए बेहतर होता है।  

पारिजात वृक्ष की पहचान कैसे करें? - paarijaat vrksh kee pahachaan kaise karen?
Parijat Flower

मीनल का कहना है कि मानसून के मौसम में इसे बीज से भी लगाना आसान होगा। लेकिन अगर आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना, तो इसका छोटा पौधा खरीदना ही सही होगा। तो अगर आपके घर के गार्डन में पारिजात का पेड़ नहीं है, तो देर किस बात की,  इस मानसून अपने घर में एक पारिजात का पौधा ज़रूर लगाएं। 

हैप्पी गार्डनिंग!

संपादनः अर्चना दुबे

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पारिजात का पेड़ कैसे दिखता है?

इसका फूल बहुत खूबसूरत और सफेद रंग का होता है, और सूखने पर सोने के रंग का हो जाता है। इसके फूल में पांच पंखुड़ी हैं। इस पेड़ पर बेहद कम बार बहुत कम संख्या में फूल खिलता है, लेकिन जब यह होता है, वह 'गंगा दशहरा' के बाद ही होता है, इसकी सुगंध दूर-दूर तक फैलती है। इस पेड़ की आयु 1000 से 5000 वर्ष तक की मानी जाती है।

हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने?

हरसिंगार के पौधे में सफेद रंग के छोटे-छोटे सुगंधित फूल खिलते हैं जिसकी डंडी नारंगी (Orange) रंग की होती है। हरसिंगार का पौधा पारिजात, शेफाली, प्राजक्ता, शिउली नाम से भारत में जाना जाता है।

पारिजात के पेड़ में फूल कब आते हैं?

पारिजात के फूल सर्दियों कें मौसम की शुरूआत में आते हैं। सही समय पर वृक्ष बढ़ जाए इसके लिए इसे सितंबर या अक्टूबर तक लगा देना चाहिए। इसके फूल साल में एक बार ही खिलते हैं

पारिजात का पेड़ घर में लगाने से क्या होता है?

Vastu Tips For Parijat: घर में पारिजात का पौधा लगाने से आती है समृद्धि, धन-धान्य से भर जाता है घर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पारिजात का वृक्ष समुद्र मंथन से निकला है। कहते हैं जिस घर में हरसिंगार का पौधा लगा होता है उस घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है।