अकाल मृत्यु होने पर क्या होता है? - akaal mrtyu hone par kya hota hai?

अकाल मृत्यु, आत्महत्या, हत्या और कुंवारे, आजीवन संन्यासी लोगों को श्राद्ध अलग तिथियों में होता है। श्राद्ध पक्ष में ऐसी मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों के लिए तिथियां दी गई हैं।   ज्योतिषचार्य...

अकाल मृत्यु होने पर क्या होता है? - akaal mrtyu hone par kya hota hai?

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लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 22 Sep 2016 03:05 AM

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अकाल मृत्यु, आत्महत्या, हत्या और कुंवारे, आजीवन संन्यासी लोगों को श्राद्ध अलग तिथियों में होता है। श्राद्ध पक्ष में ऐसी मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों के लिए तिथियां दी गई हैं।  

ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत बताते हैं कि अचानक मृत्यु, दुघर्टना में मृत्यु, हत्या या आत्महत्या करने वाले लोगों के लिए भी श्राद्ध होता है। इस श्राद्ध को दुर्मरणा श्राद्ध कहते हैं, जिसकी तिथि 29 सितंबर है। इसके अलावा 27 सितंबर को कुंवारेपन में मृत्यु हो जाना, आजीवन संन्यासी रहकर मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों का श्राद्ध किया जा सकता है। परिवार में भतीजा, भांजा, बहन आदि भी श्राद्ध कर सकते हैं। इसे दादशी का श्राद्ध कहा जाता है।  

ज्योतिषाचार्या अनुराधा गोयल के अनुसार ऐसे लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी को किया जाता है। इसके अलावा जो अतृप्त आत्माएं होती हैं, उनके लिए हवन, दान या वो जो वस्तुएं पसंद करते हैं उनका दान कर उनकी आत्मा को शांति प्रदान की जा सकती है। 

इस बार यह तिथि 29 सितंबर गुरुवार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में है। यह तिथि  28 सितंबर की रात्रि दो बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होकर 29 सितंबर की रात्रि तीन बजकर 18 मिनट तक है। पूजन का समय सुबह सात बजकर 20 मिनट से 11 बजकर पांच मिनट तक है। इस समय पर पूजन के रूप में ब्राह्मण द्वारा महामृत्युंजय का जाप व पितृ गायत्री 51 माला या फिर 21 माला का जाप कर हवन कराएं। तीन, पांच या सात ब्राह्मणों को भोजन कराएं। सफेद वस्त्रों का दान करें। दान स्वरूप दक्षिणा दें। ब्राह्मणों को वो भोजन कराएं जो मृतक जातक को पसंद थे।

जीवन का अंतिम सत्य है मृत्यु मृत्यु से हर कोई परिचित ही होता है लेकिन इसके बावजूद भी इस अटल सत्य को इंसान अनदेखा करता है। 

मृत्यु भी कई प्रकार की होती है। कोई व्यक्ति भगवान के समीप आनंद से अपनी देह का त्याग करता है। तो कोई व्यक्ति अत्यंत दुख में इस संसार से विदा हो जाता है। कोई अपने शरीर को स्वयं समाधि में ले जाकर के त्याग करता है। 

तो कोई आत्महत्या करने को विवश हो जाता है। सबसे बुरी मौत होती है अकाल मृत्यु। आत्महत्या भी अकाल मृत्यु के अंतर्गत ही आती है। अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है- इसके विषय में गरुड़ पुराण की हैरान कर देने वाली बातें आपको अवश्य पढ़नी चाहिए। 

भगवान ना करे किसी की अकाल मृत्यु हो लेकिन वर्तमान की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान की मौत का पता भी नहीं चल पाता है। कोई 20 साल की उम्र में ही मौत के मुंह में चला जाता है तो कोई उगते सूरज के समान जवान आदमी ही हार्ट अटैक जैसी विभिन्न बीमारियों से मृत्यु को प्राप्त हो रहा है। 

वर्तमान में हजारों की संख्या में लोग डिप्रेशन और तनाव के कारण भी आत्महत्या जैसी पापा क्रिया करने लग जाते हैं। अकाल मृत्यु में सबसे बुरी मौत है आत्महत्या करना। शास्त्रों में आत्महत्या करना सबसे बड़ा पाप बताया गया है। 

अकाल मृत्यु के बाद बहुत प्रकार की बुरी घटनाएं होती हैं जिनका उल्लेख हम करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है। गरुड़ पुराण एवं शास्त्रों की रहस्यमई बातें। 👇👇


अकाल मृत्यु होने पर क्या होता है? - akaal mrtyu hone par kya hota hai?


अकाल मृत्यु क्या होती है - Akal Mrityu Kya Hoti Hai

अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है- इससे पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि अकाल मृत्यु होती क्या है। अकाल शब्द का अर्थ होता है असम में मृत्यु का हो जाना ही अकाल मृत्यु कहलाता है। 

गरुड़ पुराण में अकाल मृत्यु के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। कौन-कौन सी मौत अकाल मृत्यु के अंतर्गत आती हैं। इसका उल्लेख नीचे दिया गया।

  • भूख से पीड़ित होकर मरना
  • मडर (हत्या) के द्वारा मौत
  • फाँसी वाली मृत्यु
  • विष खाने से मौत
  • आग में जलने से मौत
  • जल में डूबने से मौत
  • साँप काटने से मृत्यु
  • दुर्घटना से मृत्यु हो जाना
  • रोग के कारण मौत
  • आत्महत्या करना 


उपरोक्त दिए गए सभी मृत्यु के प्रकार अकाल मृत्यु के अंतर्गत आते हैं। इन सभी मौत के प्रकारों में आत्महत्या करना सबसे ज्यादा निंदनीय वह भयंकर पाप बताया गया है। आत्महत्या करना परमात्मा का अपमान एवं घोर पाप माना जाता है। 

इन्हें भी देखें 👇👇

  • श्री सूक्त PDF (पैसे का खजाना)
  • पुरुष सूक्त PDF सृष्टि का रहस्य
  • दुर्गा देवी कवच PDF (रहस्यमय)
  • गरुड पुराण PDF (मौत के बाद क्या)
  • भविष्य पुराण PDF 
  • भागवत पुराण PDF


अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है

अब सवाल यह होता है कि अकाल मृत्यु के बाद जीव आत्मा का क्या होता है। इसका सीधा-सीधा जवाब है कि अकाल मृत्यु के बाद जीवात्मा को बहुत तड़पाया जाता है। 

जब तक जीवात्मा की आयु पूरी नहीं होती तब तक उसे नरक की घोर यातनाएं दी जाती है। आत्मा भटकती रहती है। अकाल मृत्यु के बाद उस व्यक्ति की जीवात्मा तब तक भटकती रहती है जब तक की उसका जीवन चक्र पूरा नहीं हो जाता। 

शास्त्रों में इस अवस्था को अगति अथवा दुर्गति के रूप में भी संबोधित किया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार अकाल मृत्यु में आत्महत्या करना सबसे भयंकर घोर अपराध माना गया है। 

इसके पश्चात इंसान की बहुत बड़ी दुर्गति होती है। उसके सद्गति के सारे मार्ग बंद हो जाते हैं। 


अकाल मृत्यु क्यों होती है / अकाल मृत्यु के कारण

अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है। यह तो आपने जान लिया लेकिन अकाल मृत्यु क्यों होती है इसके विषय में भी गरुड़ पुराण में तमाम बातें लिखी गई है। 

अकाल मृत्यु के बहुत सारे कारण हैं जिनमें से पाप करना, दुराचार, भ्रष्टाचार, स्त्रियों में आसक्त रहना, झूठ बोलना आदि कुकर्म अकाल मृत्यु के कारण माने जाते हैं। जब व्यक्ति बहुत ही ज्यादा पाप करने लग जाता है तो ऐसी स्थिति में असमय में ही यमलोक (मौत) को प्राप्त हो जाता है। 

यही अकाल मृत्यु के रूप में परिभाषित किया जाता है। वेदों में मानव की उम्र 100 वर्ष तक बताई गई है जो कि एक सामान्य आयु है लेकिन वर्तमान में इंसान 50 वर्ष तक जीना भी मुश्किल समझता है। इसके मूल कारण पाप करना, व्यभिचार, अपवित्रता आदि है। इन्हीं कारणों से व्यक्ति की मौत असमय में हो जाती है।


इन्हें भी देखें 👇👇

  • कालसर्प दोष क्या है ?
  • महामृत्युंजय मंत्र जाप के चमत्कार
  • राधा की मृत्यु का सच ?? राधाकृष्ण रहस्य
  • सपने में मार खाना- शुभ या अशुभ ??
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  • बुद्धि तेज करने का चमत्कारी मंत्र


अकाल मृत्यु होने के बाद आत्मा पर बहुत सारे दोष भी लगते हैं। अब हम मानव को चाहिए कि वह सदैव सत्य मार्ग पर चलें और अकाल मृत्यु से बचने का सर्वदा प्रयास करें।  अकाल मृत्यु होने का कारण क्या है?

इस पुराण के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना में, जल में डूबने से, या सांप के काटने से, या फिर किसी रोग के कारण, या फिर गले में फांसी का फंदा लगने से, या फिर भूख से पीड़ित होकर, या फिर किसी हिंसक प्राणी के द्वारा मारा जाता है तो ऐसा ही व्यक्ति अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है

अकाल मृत्यु हो जाए तो क्या करना चाहिए?

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर कुंडली में अकाल मृत्‍यु का योग हो तो भोलेनाथ का स्‍मरण करना चाह‍िए। श‍िवशंकर जी के बारे में कहा जाता है कि जो महाकाल के भक्त होते हैं उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसल‍िए अकाल मृत्‍यु का भय हो तो उसे टालने के ल‍िए जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए

मृत्यु के 24 घंटे बाद आत्मा अपने घर वापस क्यों आती है?

बता दें कि गरुड़ पुराण में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो यमराज के यमदूत उसे अपने साथ यमलोक ले जाते हैं। यहां उसके अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब होता है और फिर 24 घंटे के अंदर यमदूत उस प्राणी की आत्मा को वापिस घर छोड़ जाते हैं।

अकाल मृत्यु का मतलब क्या होता है?

अकाल-मृत्यु का हिंदी अर्थ बुरे समय में होने वाली मृत्यु। असामयिक मृत्यु; साधारणतः उचित या नियत समय से पहले होने वाली मृत्यु