प्रेगनेंसी में कौन सा पानी पीना चाहिए? - preganensee mein kaun sa paanee peena chaahie?

In this article

  • जलनियोजित रहना इतना जरुरी क्यों है?
  • गर्भावस्था के दौरान मुझे कितना पानी पीना चाहिए?
  • मुझे पानी का स्वाद पसंद नहीं है, मैं कैसे इसकी पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करूँ?
  • क्या कुछ ऐसे पेय हैं जिनका सेवन गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए?
  • मैं कैसे यह सुनिश्चित कर सकती हूँ की मेरे पीने का पानी सुरक्षित है?

जलनियोजित रहना इतना जरुरी क्यों है?

आप गर्भवती हैं या नहीं, पानी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपके शरीर तथा उसके महत्वपूर्ण अंगों को समुचित ढंग से काम करने के लिए पानी सबसे जरुरी है। यह पेशाब, पसीने और मलत्याग के जरिये शरीर से अपशिष्ट और विषैले तत्वों को निकालने में मदद करता है।

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में हो रहे बदलावों की जरुरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है।


गर्भावस्था के दौरान शरीर में पानी की कमी से सिरदर्द, मिचली, मरोड़, हाथ-पैरों में सूजन (इडिमा) और चक्कर आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

तीसरी तिमाही में जलनियोजित रहना और भी ज्यादा जरुरी है, क्योंकि तब पानी की कमी से संकुचन शुरू हो सकते हैं और समय से पहले प्रसव का दर्द उठ सकता है।

कुछ महिलाओं का मानना है कि नियमित पानी पीने से मिचली, सीने में जलन और एसिडिटी और अपचता के लक्षणों में राहत मिलती है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मूत्रमार्ग के संक्रमण से भी बचाव होता है, जो गर्भावस्था के दौरान आम है। यदि आप पर्याप्त पानी पीती हैं, तो आपके मूत्र में पानी की अच्छी मात्रा बनी रहेगी, जिससे संक्रमण का जोखिम कम होगा।

यह आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है और तापमान सामान्य बनाए रखता है, विशेषकर गर्म और आर्द्र महीनों में।

गर्भावस्था के दौरान मुझे कितना पानी पीना चाहिए?

आपको रोजाना करीब तीन लीटर (आठ से 12 गिलास) तरल पदार्थ पीना चाहिए। एक साथ बहुत सारा पानी पीने की बजाय दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीएं। पानी की हर बूंद आपकी स्वस्थ गर्भावस्था में मदद करेगी।

हल्के व्यायाम के हर एक घंटे के लिए इसमें एक गिलास पानी और जोड़ दें। गर्मियों के दौरान पसीना आने के कारण निकल जाने वाले द्रव्य की पूर्ति के लिए आपको और अधिक पानी पीने की आवश्यकता होगी।

शरीर में जल प्रतिधारण के डर से पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से न हिचकें। यह अजीब लग सकता है, मगर जल प्रतिधारण पर्याप्त पानी न पीने पर भी हो सकता है, क्योंकि यदि शरीर को निर्जलीकरण का आभास हो, तो वह अधिक तरल पदार्थ कायम रखता है।

शरीर में पानी की कमी पता करने का सर्वोत्तम तरीका है कि अपने मूत्र का रंग जांचे। यह हल्के पीले रंग का होना चाहिए। यदि यह गहरे रंग का है, तो आपको अधिक पानी पीने की आवश्यकता है।

यदि आपको लगातार चक्कर से महसूस हों और पानी पीने के बावजूद भी पेशाब कम आ रहा हो, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। गर्भावस्था के ऐसे लक्षणों के बारे में जानें जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

मुझे पानी का स्वाद पसंद नहीं है, मैं कैसे इसकी पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करूँ?

खुद को जलनियोजित रखने के लिए पानी सबसे सेहतमंद विकल्प है।यदि आपको पानी पीना पसंद नहीं है, तो इसमें नींबू का एक टुकड़ा डाल दें और इसे कुछ समय तक अपना असर छोड़ने दें।

आप स्वाद बढ़ाने के लिए कुछ अन्य चीजें, जैसे धुले हुए पुदीने के कुछ पत्ते या थोड़ा सा रस भी डाल सकती हैं। यह आपके लिए एक अच्छा बदलाव हो सकता है, विशेषकर तब, जब आपको मिचली महसूस हो रही हो। पानी में यदि आप हरा धनिया, अदरक, सौंफ या इलायची डाल दें, तो इसका स्वाद और भी मजेदार हो जाएगा।

आप सादे पानी के एक गिलास में बर्फ के टुकड़ों की बजाय फ्रिज में जमे (फ्रोजन) संतरे, नींबू, किवी, आड़ू, खुबानी और आलूबुखारा जैसे फल मिलाकर, इसे और अधिक ताजगी भरा बना सकती हैं। ये जमे हुए फल साफ पानी में तैरते हुए रंगीन दिखते हैं और आपके पेय को ठंडा करने के साथ-साथ इसमें फलों का स्वाद भर देते हैं।

आपकी रोजाना तरल के सेवन की मात्रा में पानी के साथ-साथ अन्य पेय भी शामिल होते हैं। आपको भोजन से भी पानी मिलता है। मगर आपको सही विकल्प चुनना होगा, क्योंकि कुछ भोजन और पेयों के नुकसान भी होते हैं।

आपकी दैनिक तरल सेवन की भरपाई अन्य पेयों से भी हो सकती है। कुछ अच्छे विकल्प नीचे दिए गए हैं:
  • कैफीनमुक्त पेय। नारियल पानी, नींबू पानी, घर पर बना जलजीरा, आम पन्ना या सत्तू का पेय आजमाएं। ये पेय प्यास बुझाने के साथ-साथ पौष्टिक, सेहतमंद और ताजगी प्रदान करने वाले हैं।

  • फलों का ताजा जूस। ताजा जूस विटामिनों और ​खनिजों से भरपूर होते हैं, जो आपके गर्भ में पलते शिशु के लिए अच्छे हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि जूस में मीठा ज्यादा होता है और ये काफी अम्लीय भी होते हैं, इसलिए इनसे दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। यदि संभव हो तो जूस भोजन के साथ लें और इनमें पानी मिला लें। बाजार में मिलने वाले जूस ड्रिंक्स में अक्सर विटामिन बहुत कम और मीठा बहुत ज्यादा होता है।

  • दूध और डेयरी आधारित पेय। दूध से कैल्शियम, आयोडीन और विटामिन बी5 मिलता है, और ये सभी आपकी और गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए जरुरी हैं। आप लस्सी, छाछा और मिल्कशेक भी आजमा सकती हैं।

  • स्मूदी। फलों की स्मूदी से आपको एक ही बार में दूध और फलों दोनों के फायदे मिल जाते हैं। सब्जियों से बनी स्मूदी भी ​और ज्यादा विटामिन और ​खनिज पाने का अच्छा तरीका है, क्योंकि इनमें केवल फलों से बने पेयों की तुलना में आमतौर पर कम मीठा और कम कैलोरी होती है।

  • पानी की उच्च मात्रा वाले भोजन। तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाने का एक और अच्छा उपाय है कि ऐसे भोजन खाए जाएं जिनमें काफी ज्यादा मात्रा में पानी होता है, जैसे कि सूप, सलाद, फल और दही। तरबूज, खीरा, सलाद पत्ता, अजमोद में काफी अधिक मात्रा में पानी की मात्रा होती है।
और स्वास्थ्यकर विकल्पों के लिए हमारी गर्भावस्था आहार तालिका देखें!

क्या कुछ ऐसे पेय हैं जिनका सेवन गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए?

कुछ पेय आपके और आपके शिशु के लिए इतने सही नहीं होते। इन पेयों में शामिल हैं:

चाय और कॉफी
हालांकि, चाय या काफी तरल पदार्थ के सेवन का हिस्सा माने जाते हैं, मगर बेहतर है कि गर्भावस्था में इतना ज्यादा कैफीन का सेवन न किया जाए।

कैफीन मूत्रवर्धक होती है और इससे अधिक पेशाब आता है, इसलिए वास्तव में शरीर से पानी ज्यादा निकलता है और आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है। ध्यान रखें कि कैफीन ग्रीन टी में भी होता है। अधिकांश फल और हर्बल चाय का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित होता है, मगर वह भी सीमित मात्रा में।

फ्रूट स्क्वाश और जूस कंसन्ट्रेट
स्क्वाश में उतने विटामिन और खनिज नहीं होते जितने की ताजा फलों में होते हैं और इनमें अक्सर मीठा भी बहुत ज्यादा होता है। हालांकि, यदि आप सादो पानी के अलावा कुछ नया आजमाना चाहें तो ये कई बार काम आ सकते है। आप ऐसे विकल्प चुनें जिनमें अतिरिक्त मीठा न हो या कम मीठा हो, और सुनिश्चित करें कि आप इन्हें पर्याप्त पानी मिलाकर पिएं।

सोडायुक्त पेय
इन पेयों में आपके और शिशु के लिए जरुरी पोषक तत्व नहीं होते और इनमें अक्सर काफी मीठा मिला होता है। ये आपकी एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। सोडायुक्त पेयों को पीने से पहले लेबल पर पढ़ लें कि इनमें कैफीन की कितनी मात्रा है।

एनर्जी ड्रिंक्स
गर्भावस्था में एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन न करें, क्योंकि इनमें आमतौर पर कैफीन का मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनमें कुछ ऐसे उत्तेजक पदार्थ भी हो सकते हैं, जिनका सेवन गर्भावस्था में उचित नहीं है।

शराब
विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्भावस्था के दौरान आपको शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। यह बात पहली तिमाही में और भी ज्यादा जरुरी है, क्योंकि उस दौरान इससे गर्भपात का खतरा ज्यादा रहता है।

शराब आपके दैनिक तरल के सेवन में शामिल नहीं होती, वास्तव में यह आपको निर्जलिकृत बनाती है। यदि आप शराबयुक्त पेयों के विकल्प चाह रही हों, तो मॉकटेल आजमा कर देख सकती हैं।

मैं कैसे यह सुनिश्चित कर सकती हूँ की मेरे पीने का पानी सुरक्षित है?

जलजनित बीमारियों के खतरे से बचने के लिए जरुरी है कि आप केवल फिल्टर किया हुआ, उबाला हुआ या बोतलबंद पानी ही पीएं। बिना फिल्टर किए हुए या बिना उबले पानी में अनेक दूषित पदार्थ, जीवाणु और विषाणु हो सकते हैं। इनसे आपको गंभीर संक्रमण और स्वास्थ्य को हानि हो सकती है।

यदि आप घर से बाहर जा रही हैं, तो पीने का पानी साथ लेकर जाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि आप साफ एवं सुरक्षित पानी पी रही हैं। यदि आप बोतलबंद पानी खरीदती हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि बोतल सीलबंद है। हमेशा बोतल पर ‘पैकिंग की तारीख’ और ‘कब तक इस्तेमाल करना सुरक्षित’ की तारीख अवश्य जांच लें।

कभी ऐसी बोतलें न खरीदें जो क्षतिग्रस्त हों, लीक कर रही हों, जिनका रंग मिटा हुआ हो, जिनकी सील टूटी हो अथवा उनके तले में कुछ जमा हुआ हो।

यदि आप बाहर खाना खा रही हैं, तो हमेशा ब्रांडेड सीलबंद बोतल का पानी ही माँगे और इसे अपने सामने टेबल पर खुलवाएं।

अगर आप ठंडा पानी पीना पसंद करती हैं, तो बर्फ के बजाय पानी की ठंडी सीलबंद बोतल मंगाएं। अगर बर्फ किसी स्थानीय रेहड़ी वाले से मंगाई गई हो, जिसके पास इसे जमाने की स्वच्छ सुविधा नहीं है, तो इसमें संदूषित पदार्थ हो सकते हैं। आप इस बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकतीं कि ये फिल्टर किए पानी से जमाई गई है।

Click here to see the English version of this article!

हमारे लेख पढ़ें:
  • गर्भावस्था में भोजन स्वच्छता
  • गर्भावस्था के दौरान होने वाले संभावित संक्रमण
  • क्या गर्भावस्था में केसर युक्त दूध पीने से मेरे बच्चे का रंग साफ़ होगा?

गर्भवती महिला को कौन सा पानी पीना चाहिए?

गर्भवती महिलाओं के लिए सही मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी होता है. प्रेग्नेंट महिलाओं को एक दिन में 8 ग्लास पानी पीना चाहिए. पानी से बॉवेल मूवमेंट आसानी से काम करती है. अधिकतर महिलाओं को इस अवस्था में कॉन्स्टिपेशन की शिकायत हो जाती है, लेकिन प्रॉपर पानी पीने से इस स्थिति से बचा जा सकता है.

प्रेगनेंसी में नारियल का पानी कब पीना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान नारियल पानी पीने के फायदे ऐसे में उल्टी, अपच की समस्या आदि को दूर करने में फायदेमंद साबित होता है. बता दें, यदि महिलाएं खाली पेट नारियल पानी का सेवन करती हैं तो इससे उनका मोटापा भी नहीं पड़ता है. ऐसा इसीलिए क्योंकि इस पानी में कैलोरी की मात्रा नहीं पाई जाती है.

गर्भवती महिला को सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खाली पेट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं. इससे ना केवल शिशु का शारीरिक विकास हो सकता है बल्कि मानसिक विकास होने में भी मदद मिल सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डेरी उत्पाद चीजें जैसे दूध, दही, छाछ आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.

प्रेगनेंसी में पानी क्या टूटता है?

आपकी पानी की थैली तब फटती है, जब गर्भाशय में शिशु को सुरक्षित रखने वाली एमनियोटिक द्रव की थैली फट जाती है। जब यह फटती है, तो द्रव बाहर रिसना शुरु होता है और आपकी ग्रीवा से होते हुए आपकी योनि से बाहर आता है।