क्या पिंपल्स की वजह से आपकी खूबसूरती छिन सी गई है? न केवल पिंपल्स, बल्कि इनसे होने वाले दाग भी चेहरे की खूबसूरती छीन लेते हैं. Show
वैसे तो बाजार में मौजूद ढेरों उत्पाद पिंपल्स और इनके दाग हमेशा के लिए दूर करने का दावा करते हैं लेकिन स्ट्राॅन्ग होने की वजह से इनकी वजह से त्वचा पर अक्सर रिएक्शन हो जाता है. हमारी त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है. ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि हम जो भी उत्पाद इस्तेमाल करें वह पूरी तरह सुरक्षित हो. यहां कुछ ऐसे उपाय बताए जा रहे हैं जो मिनटों में हो जाएंगे और कुछ दिन तक इनको लगातार करते रहने से न केवल आपके पिंपल्स कम हो जाएंगे बल्कि उनके दाग भी हल्के होंगे. अच्छी बात ये है कि ये उपाय कुछ वक्त के इस्तेमाल के बाद पिंपल्स को पूरी तरह ठीक कर देते हैं. हालांकि इनमें से कोई भी चीज सीधे त्वचा पर इस्तेमाल करने से पहले उसका पैच टेस्ट कर लेना अच्छा रहेगा. पिंपल ऐसी समस्या है जिससे न सिर्फ स्किन बल्कि लुक भी बिगड़ जाता है। खासतौर से अगर किसी फंक्शन में जाना हो तब तो इसे छिपाने के लिए न जाने कितना सारा फाउंडेशन लगाना पड़ता है, लेकिन अगर आप कुछ तरीके अपनाएं तो रातभर में भी पिंपल गायब हो सकता है।टूथपेस्ट कॉटन स्वैब पर थोड़ा सा वाइट टूथपेस्ट लें और उसे पिंपल (Pimple) पर लगाएं। अप्लाई करते समय ज्यादा दबाव न डालें। इसे रातभर पिंपल पर लगा छोड़ दें, सुबह इसका असर साफ दिखाई देगा। टी-ट्री ऑइल टी ट्री ऑइल की कुछ बूंदों के साथ एक टी स्पून ऑलिव ऑइल और जोजोबा ऑइल मिक्स करें। फेस अच्छे से धोने के बाद इसे लगाएं। इससे पिंपल के साइज में कमी आने के साथ ही उसकी रेडनेस में भी कमी होगी। pimples on face removal tips: न लें पिंपल की टेंशन, अपनाएं ये उपाय ऐपल साइडर विनिगर ऐपल साइडर विनिगर के साथ पानी को अनुपात में मिक्स करें। कॉटन से इसे पिंपल प्रभावित एरिया पर लगाएं। करीब दस मिनट बाद फेस को ठंडे पानी से धो लें। बेकिंग सोडा एक टीस्पून बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे पिंपल पर लगाएं और करीब पांच मिनट बाद हल्के गर्म पानी से फेस धो लें। इसके बाद फेस पर टोनर लगाएं। ध्यान रहे कि अगर आपको बेकिंग सोडा लगाने के बाद परेशानी महसूस होती है तो तुरंत चेहरा धोएं। लहसुन लहसुन की 3-4 कलियां लें और उन्हें पीस लें। इसे पानी के साथ मिक्स कर पेस्ट बनाएं और पिंपल पर लगाएं। करीब दस मिनट रखने के बाद फेस को धो लें। यदि आपको इस पेस्ट के लगाने पर खुजली, ज्यादा जलन या स्किन में रेडनेस फील होती है तो बेहतर होगा कि तुरंत अपना चेहरा साफ कर लें। पिंपल निकलने की समस्या बेहद आम हो गई है। खासकर जिनकी त्वचा ऑयली यानी तैलीय है, उन्हें पिंपल ज्यादा परेशान करते हैं। पिंपल न सिर्फ चेहरे की खूबसूरती को कम करता है, बल्कि कई बार असहनीय दर्द भी देते हैं। ऐसे में लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर पिम्पल कैसे हटाएं। इस सवाल का जवाब हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में देंगे। यहां हम पिंपल होने के कारण के साथ ही मुंहासे हटाने के उपाय के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही पिंपल हटाने के घरेलू उपाय की भी जानकारी देंगे। पाठक ध्यान दें कि लेख में शामिल मुंहासों के लिए घरेलू उपाय पिंपल का ट्रिटमेंट नहीं हैं, ये केवल इनसे बचाव और इनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने का एक तरीका जरूर हो सकता है। पढ़ते रहें लेख मुंहासे हटाने के उपाय से पहले पिंपल्स के प्रकार के बारे में हम बता रहे हैं। विषय सूची
पिम्पल कितने प्रकार के होते हैं?मुंहासों व पिम्पल के मुख्य तीन प्रकार हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं (1) (2)। कॉमेडोनिका (Comedonica) : यह माइल्ड मुंहासे होते हैं। इसमें ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स शामिल हैं। इसमें त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और त्वचा में जितना तेल जमा होता है, उतना बैक्टीरिया बढ़ने लगता है। इसी वजह से इंफ्लामेटरी एक्ने बनने लगते हैं। पेपुलर–पुस्टुल्स (Papular-Pustules) : यह मॉडरेट यानी मध्यम मुंहासे होते हैं। इस दौरान पिंपल थोड़े सूज जाते हैं। साथ ही मुंहासों में पीले रंग का पस जम जाता है, जिसे पुस्टुल्स कहा जाता है। नोड्यूल्स (Nodules): नोड्यूल्स मुंहासों के दौरान पिंपल में सूजन होने के साथ ही इसमें पीले रंग का पस भी जम जाता है। यह सिवियर यानी गंभीर किस्म के मुंहासे होते हैं। आगे है और जानकारी पिम्पल्स को कैसे रोके, यह जानने के लिए इसके कारण के बारे में पता होना जरूरी है। नीचे पढ़ें मुंहासे होने के कारण क्या-क्या होते हैं। पिम्पल/मुंहासे होने के कारण – What Causes Pimple in Hindi
आगे पढ़ें लेख मुंहासों के लक्षण – Symptoms And Signs Of Acneनिम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम मुंहासों के लक्षणों को जान सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (5):
बने रहें हमारे साथ पिम्पल्स को कैसे रोके, इस सवाल के जवाब के लिये नीचे पढ़ें पिंपल हटाने के घरेलू उपाय। पिंपल हटाने के घरेलू उपाय – Pimple Home Remedies in Hindi1. टी ट्री ऑयलटी ट्री ऑयल को आमतौर पर पिंपल के इलाज के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसका इस्तेमाल मुंहासों पर एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण की वजह से किया जाता है (8)। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में भी इस बात का जिक्र किया गया है (9)। इन्हीं गुणों को देखते हुए मुंहासे की दवा यानी क्रीम व जेल में भी टी-ट्री ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से माना जाता है कि टी-ट्री ऑयल को पिंपल हटाने के घरेलू नुस्खे की तरह इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इस्तेमाल कैसे करें:
2. एलोवेरापिंपल हटाने का घरेलू उपाय एलोवेरा जेल हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेट्री गुण बैक्टीरिया की वजह से होने वाले पिंपल को पनपने से रोकने के साथ ही इससे संबंधित सूजन को कम कर सकते हैं। साथ ही एलोवेरा में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण भी बैक्टीरिया को त्वचा पर पनपने से रोक सकता है। एलोवेरा को लेकर एनसीबीआई में मौजूद एक शोध में यह भी कहा गया है कि इसमें एंटी-एक्ने गुण भी होते हैं, जो मुंहासों से बचाव कर सकते हैं (10)। इस्तेमाल कैसे करें:
3. ग्रीन टीबार-बार मन में उठने वाले सवाल पिम्पल कैसे हटाएं का जवाब ग्रीन टी हो सकता है। जी हां, इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स मुंहासे के घरेलू उपचार में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह पॉलीफेनोल्स सीबम (त्वचा ग्रंथियों से निकलने वाला तैलीय पदार्थ) के स्राव को कम कर सकता है। इससे मुंहासे ठीक हो सकते हैं या इनसे कुछ हद तक राहत मिल सकती है (11)। इसके अलावा, ग्रीन टी में एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मुंहासे से लड़ने में सहायता कर सकते हैं (12)। इसी वजह से ग्रीन टी को पिम्पल हटाने का तरीका माना जाता है। इस्तेमाल कैसे करें:
4. नारियल का तेलनारियल के तेल में जीवाणुरोधी यौगिक के साथ ही विटामिन-ई होता है। इसी वजह से नारियल के तेल का इस्तेमाल पिम्पल हटाने के उपाय और इसकी वजह से चेहरे में पड़ने वाले धब्बों के उपचार के रूप में किया जा सकता है (13)। इसके अलावा, नारियल तेल त्वचा को मॉस्चराइज करके नरम रखने के साथ ही स्किन इंफेक्शन से बचाने में भी मदद कर सकता है (14)। इस्तेमाल कैसे करें:
5. शहद और दालचीनीशहद और दालचीनी के पाउडर भी पिंपल हटाने का घरेलू उपाय हो सकता है। कहा जाता है कि यह पिंपल को कम कर सकता है (15)। दरअसल, दालचीनी और शहद एक्ने के बैक्टीरिया से लड़कर पिम्पल ट्रीटमेंट में मदद कर सकते हैं। दोनों शहद और दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। साथ ही दालचीनी में मौजूद सिनामलडिहाइड केमिकल कंपाउंड में एंटीइंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं, जो पिंपल का उपचार करने में लाभदायक हो सकता है। वहीं, एनसीबीआई के एक शोध में जिक्र है कि शहद का एसिडिक नेचर और एंटीबायोटिक गुण मुंहासे के बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ ही इसे पनपने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, एंटीइंफ्लामेटरी गुण एक्ने की वजह से चेहरे में आने वाली रेडनेस को कम करने का काम कर सकता है (16)। इस्तेमाल कैसे करें:
Subscribe 6. जोजोबा ऑयलमुंहासे हटाने के घरेलू नुस्खे के रूप में जोजोबा ऑयल का लंबे समय से इस्तेमाल होता आ रहा है। शोध भी इस बात का समर्थन करते हैं कि जोजोबा ऑयल एक्ने के लिए लाभदायक हो सकता है। एक शोध में पाया गया कि त्वचा के हल्के मुंहासों को ठीक करने में जोजोबा ऑयल फेशियल मास्क प्रभावी हो सकता है। शोध में प्रति सप्ताह दो से तीन बार जोजोबा ऑयल मास्क लगाने वाले प्रतिभागियों के मुंहासों में कमी देखी गई है (17)। दरअसल, जोजोबा ऑयल में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल जैसे अनेक गुण होते हैं। इन्हीं की वजह से यह मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है (18)। जोजोबा ऑयल को पिंपल हटाने के घरेलू नुस्खे के रूप में और एक्ने के लक्षण कम करने के हर्बल तरीके की तरह जाना जाता है (19)। इस्तेमाल कैसे करें:
पढ़ते रहें घरेलू उपाय 7. लहसुनलहसुन को भी पिम्पल हटाने का तरीका माना जाता है। इसमें एलिसिन (Allicin) होता है, जो एंटीबैक्टीरियल की तरह काम करता है। यह त्वचा को बैक्टीरिया से मुक्त रखने के साथ ही इन्हें पनपने से रोकने का काम कर सकता है (20)। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। ये गुण मिलकर मुंहासे को कम करने में लाभदायक हो सकते है। इसके हाइड्रोक्लोरिक अर्क से एंटी-एक्ने जेल भी बनाया जाता है (21)। इस्तेमाल कैसे करें:
8. आर्गन ऑयलआर्गन ऑयल का इस्तेमाल भी एक्ने से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। प्राचीन समय से हर तरह एक्ने व पिम्पल हटाने के उपाय के रूप में इसे इस्तेमाल में लाया जाता रहा है (22)। रिसर्च के मुताबिक आर्गन ऑयल चेहरे के सीबम (ऑयल) को कम करके एक्ने से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (23)। इस्तेमाल कैसे करें:
9. अरंडी का तेलकैस्टर ऑयल यानी अरंडी का तेल त्वचा की गंदगी को साफ करने का काम कर सकता है (24)। साथ ही कैस्टर ऑयल में त्वचा संबंधी समस्याओं से लड़कर स्किन को स्वस्थ और मुलायम बनाने का काम भी कर सकता है (25) (26)। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं। इसी वजह से कहा जा सकता है कि अरंडी का तेल मुंहासों से बचाव में भी मदद कर सकता है (27)। हालांकि, इसको लेकर किसी तरह का प्रत्यक्ष प्रमाण या शोध मौजूद नहीं है। इस्तेमाल कैसे करें:
10. हल्दीहल्दी का उपयोग भी पिम्पल हटाने का तरीका हो सकता है। इसके एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और हीलिंग गुण की वजह से इसे पिंपल के लक्षण कम करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है (28)। साथ ही हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ ही एंटीमाइक्रोबियल गुण प्रदर्शित करता है। ये गुण मिलकर पिंपल व मुंहासों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (29)। इस्तेमाल कैसे करें:
11. सेंधा नमकपिंपल हटाने का आसान तरीका सेंधा नमक भी है। इसमें मौजूद मैग्निशियम हार्मोन्स को बैलेंस करके एक्ने के लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह स्किन में मौजूद डेड सेल्स को साफ करके त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाने में मदद कर सकता है (30)। इस्तेमाल कैसे करें:
12. फिश ऑयलमछली के तेल का सेवन भी मुंहासे हटाने के उपाय के रूप में किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले एक्ने से राहत पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई में मौजूद एक शोध में भी इस बात का उल्लेख है कि रोजाना फिश ऑयल का सेवन 12 हफ्ते तक करने से एक्ने में सुधार हो सकता है (31)। इस्तेमाल कैसे करें:
13. नींबूपिम्पल ट्रीटमेंट के लिए कई अन्य घरेलू पदार्थों की तरह ही नींबू का उपयोग भी किया जा सकता है (32)। दरअसल, इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड जीवाणुरोधी गतिविधि को प्रदर्शित करते हैं। यही वजह है कि ये त्वचा में बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते, जिससे एक्ने में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, नींबू में मौजूद सिट्रस एसिड भी प्रोपिओनी बैक्टीरियम एक्ने (Propionibacteriumacnes) को बढ़ने नहीं देता (33)। इसी वजह से नींबू को पिंपल के घरेलू उपाय के रूप में जाना जाता है। इस्तेमाल कैसे करें:
14. नीमपिंपल हटाने के घरेलू नुस्खे के तौर पर नीम का इस्तेमाल काफी प्रचलित है। नीम की पत्तियों में एंटीइंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं (34)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में बताया है कि नीम के इथेनॉल अर्क से एंटी-एक्ने पैक तैयार किया जा सकता है। यह पैक बनाते समय नीम के साथ तुलसी, ग्रीन टी और कई अन्य सामग्रियों का भी इस्तेमाल किया गया। इस रिसर्च में पाया गया कि इन सामग्रियों की मदद से बनाया गया एंटी-एक्ने फॉर्मूला प्रोपियोबैक्टीरियम के साथ ही स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिस (एक्ने और मुंहासे की वजह बनने वाले जीवाणु) के खिलाफ काम कर सकता है (35)। इन्हीं खूबियों की वजह से नीम की पत्तियों को पिंपल के उपचार के लिए औषधि माना जाता है। इस्तेमाल कैसे करें:
15. मुल्तानी मिट्टीमुल्तानी मिट्टी भी मुंहासे हटाने के घरेलू नुस्खे में से एक है। दरअसल, एक्ने त्वचा की तेल ग्रंथियों द्वारा सीबम (तैलीय पदार्थ) बनने की वजह से होते हैं (4)। मुल्तानी मिट्टी त्वचा में बनने वाले इस प्राकृतिक तेल को सोखकर चेहरे पर जमी गंदगी को साफ कर सकती है। इसी वजह से माना जाता है कि मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करने से चेहरे पर मुंहासे कम हो सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी चेहरे के दाग-धब्बों को भी कम कर सकती है, क्योंकि यह त्वचा को गहराई से साफ कर सकती है (36)। मुल्तानी मिट्टी में एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो एक्ने बैक्टीरिया को खत्म करने और उन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (37)। इसी वजह से एंटी-एक्ने जेल बनाने के लिए भी मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है (38)। इस्तेमाल कैसे करें:
16. सेब का सिरकापिंपल्स ट्रीटमेंट एट होम में सेब का सिरका भी शामिल है। त्वचा के पीएच लेवल में असंतुलन की वजह से भी मुंहासे हो सकते हैं (39)। इसी वजह से पिम्पल हटाने के उपाय के रूप में सेब के सिरके का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, सेब का सिरका त्वचा के पीएच को संतुलित करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, सेब के सिरके के एंटीबैक्टीरियल गुण एक्ने बैक्टीरिया को खत्म करके मुंहासे को कम कर सकते हैं (40)। इस्तेमाल कैसे करें:
17. विच हेजलमुंहासों की समस्या को कम करने के लिए विच हेजल का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसमें पाया जाने वाला टैनिन (Tannin) तैलिय त्वचा के लिए एस्ट्रिंजेंट की तरह काम कर सकता है। मतलब, एक ऐसे पदार्थ की तरह, जो चेहरे से सीबम (तैलीय पदार्थ) बनने को कम करता हो। इसी वजह से विच हेजल को पिंपल का उपचार करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा, विच हेजल में एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं (26) (41)। इस आधार पर कह सकते हैं कि विच हेजल को पिंपल के घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस्तेमाल कैसे करें:
स्क्रोल करें चलिए, जानते हैं हाउ टू रिमूव पिंपल विद डाइट। पिंपल से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं – Diet for Pimples in Hindiजैसा कि हम लेख में ऊपर भी बता चुके हैं कि गलत खान-पान की वजह से भी मुंहासे होते हैं। इसी वजह से पिम्पल हटाने के उपाय के साथ ही खान-पान की आदतों में सुधार भी मुंहासों से बचाव के लिए जरूरी है। इसी वजह से आगे हम पिंपल से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं बता रहे हैं। क्या खाएं:मुंहासों से बचे रहने के लिए इन खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में जगह दी जा सकती है (4) –
क्या न खाएं:
पढ़ते रहें आगे हम बता रहे हैं कि पिम्पल्स का इलाज किस प्रकार किया जा सकता है। मुंहासे का इलाज – Pimple Treatments in Hindiपिंपल की समस्या अगर घरेलू नुस्खों से दूर न हो पाए, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए। नीचे हम बता रहे हैं कि पिम्पल्स का इलाज क्या-क्या हो सकता है।
जुड़े रहें हमारे साथ अब हम बताएंगे प्रेगनेंसी में पिम्पल होने की वजह क्या है। प्रेगनेंसी के वक्त पिम्पल क्यों होते हैं?गर्भावस्था के समय मुंहासे होने की वजह मेटरनल एण्ड्रोजन हार्मोन और सीबम का उत्पादन होता है। अक्सर, गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर में मुंहासे ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार यह तीसरे ट्राइमेस्टर में बहुत ज्यादा हो जाते हैं (46)। आगे, हम बता रहे हैं कि मुंहासों से बचाव कैसे किया जा सकता है। पिम्पल से बचाव – Pimple Prevention Tips in Hindiपिम्पल्स को कैसे रोके, इस सवाल का जवाब हम ऊपर दे चुके हैं। क्या आपको पता है कि अपनी जीवनशैली में बदलाव करने से भी इससे बचा जा सकता है। लेख में नीचे दिए गए सुझावों को आदत में शामिल करना भी पिम्पल हटाने का तरीका हो सकता है (47) –
पढ़ते रहें चलिए, आगे जानते हैं कि पिम्पल के लिए सबसे अच्छी क्रीम कौन सी होती हैं। पिम्पल के लिए कौन सी क्रीम अच्छी होती हैं?पिंपल के लिए अच्छी क्रीम की लिस्ट में उन्हीं क्रीम का नाम आता है, जो त्वचा के अधिक तेल उत्पादन को कंट्रोल करें। साथ ही त्वचा के छिद्रों को गहराई से साफ भी करें। इसके अलावा, अगर पिंपल दूर करने वाली क्रीम में ही इसके दाग से छुटकारा दिलाने का गुण हो, तो और भी बेहतर है। इसलिए, बाजार जाएं तो इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर पिंपल के लिए बेस्ट क्रीम का चुनाव करें। पिंपल के बार-बार आने से त्वचा की चमक और खूबसूरती पर कहीं-न-कहीं असर जरूर पड़ता है। याद रखें कि हर कोई अपने आप में बेहद खुबसूरत है, पिंपल और मुंहासे मन और व्यक्तित्व की खूबसूरती को कम नहीं कर सकते। इसी वजह से बे-झिझक बिना किसी शर्मिंदगी के कहीं भी बाहर आइए और जाइए। पिंपल आज नहीं तो कल ठीक जरूर हो जाएंगे। हल्के से मध्यम मुंहासों के लिए लेख में दिए गए एक्ने हटाने के घरेलू उपाय अपना सकते हैं। वहीं, अगर मुंहासे गंभीर हो जाएं, तो हिचकिचाने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते एक्ने ट्रिटमेंट करने से इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या रातों-रात पिंपल्स से छुटकारा पाना संभव है? जी नहीं, रातों-रात पिंपल्स से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है। पिंपल्स को छूने से क्यों बचना चाहिए? पिंपल्स को बार-बार छूने से उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। साथ ही पिंपल की स्थिति जटिल हो सकती है (48)। मुंहासे और एक्ने के बीच अंतर क्या है? एक्ने एक आम त्वचा विकार है और पिंपल इस स्थिति का एक लक्षण है। क्या पिंपल को दबाना और नोचना चाहिए? नहीं, पिंपल दबाने और नोचने से और बढ़ सकते हैं। साथ ही चेहरे पर दाग पड़ सकते हैं। इसी वजह से न तो पिंपल को छूना चाहिए और न ही दबाना और नोचना चाहिए। पिंपल में सफेद तरल पदार्थ क्या है? पिंपल में मौजूद सफेद पदार्थ मवाद यानी पस होता है। क्या टूथपेस्ट पिंपल्स के लिए अच्छा है? नहीं, लोग इसका इस्तेमाल जरूर करते हैं, लेकिन इसके प्रयोग से जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। क्या बर्फ पिंपल्स के लिए अच्छा होता है? हां, बर्फ एक्ने और पिंपल्स से राहत पहुंचाने में कुछ हद तक मदद कर सकता है (49)। हालांकि, यह कितना कारगर होगा, इससे जुड़ा सटीक वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। कुछ फुंसियां व मुंहासे कठोर क्यों होते हैं? ऑयल, बैक्टीरिया और गंदगी की वजह से मुंहासे कठोर हो सकते हैं। फिलहाल, इससे जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। पिम्पल्स के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? पिम्पल्स जब ज्यादा बढ़ने लगें और घरेलू उपचार काम न करें तो तुरंत मुंहासे के ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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