संस्कृत–पालितुल्यशब्दावली पालि भाषा के अधिकांश शब्दों की संस्कृत शब्दों में बहुत अधिक समानता पायी जाती है। नीचे कुछ प्रमुख शब्दों के तुल्य पालि शब्द दिये गये हैं- संस्कृत — पालि अच्युत — अच्चुत अग्नि — अग्ग अहिंसा — अहिंसा अक्षर — अक्खर अमृत — अमत अनात्मन — अनत्त अप्रमाद — अप्पमाद आर्य — अरिय आत्मन —
अत्त / अत्तन ऋषि — इसि ऋद्धि — इद्धि ऋजु — उजु वृद्ध – वुद्ध कृत — कत स्थविर — थेर औषध — ओसध राज्य — रज्ज ईश्वर — इस्सर तीर्ण — तिण्ण पूर्व — पुब्ब शरण — सरण दोष — दोस भिक्षु — भिक्खु ब्रह्मचारिन् — ब्रह्मचारिन् ब्राह्मण — ब्राह्मण बुद्ध — बुद्ध चक्र — चक्क चन्द्र — चन्द चित्र — चित्त चित्त — चित्त दृढ — दल्ह दण्ड — दण्ड दर्शन — दस्सन देव — देव धर्म — धम्म धर्मस्थ — धर्मत्थ ध्रुव — धुव दुःख — दुक्ख गन्धर्व — गन्धब्ब गुप्त — गुत्त हंस — हंस ध्यान — झान कर्म — कम्म काम — काम स्कन्ध — खन्ध शान्ति — खान्ति / खान्ती क्षत्रिय — खत्तिय क्षेत्र — खेत्त क्रोध — कोध मर्त्य — मच्च मृत्यु — मच्चु मार्ग — मग्ग मैत्र — मेत्र मिथ्यादृष्टि — मिच्छादिट्ठि मोक्ष — मोक्ख मुक्त — मुत्त निर्वाण — निब्बान नित्य — निच्च प्रव्रजित — पब्बजित (a homeless monk) प्रकीर्णक — पकिन्नक (scattered, miscellaneous) प्राण — पान (breath of life) प्रज्ञा — पन्ना (intelligence, wisdom, insight) प्रज्ञाशिला — पन्नासिला (higher intelligence and virtue) परिनिर्वाण — परिनिब्बन प्रतिमोक्ष — पतिमोक्ख प्रिय — पिय (dear, friend, amiable) पुष्प — पुप्फ पुत्र — पुत्त सर्व — सब्ब (all, whole) सत्य — सच्च श्रद्धा — सद्धा स्वर्ग — सग्ग सहस्र — सहस्स (a thousand) श्रमण — समन (religious recluse) सम्योजन — सन्नोजन / संयोजन स्रोतस् — सोत (stream) शुक्ल — सुक्क (light, pure, bright, white) शून्यता — सुन्नता (emptiness (nibbana), the Void) तृष्णा — तन्हा (thirst, craving) त्रिपिटक — तिपिटक सूत्र — सुत्त स्थान – थान (condition, state, stance) वक् / वच् — वच (voice, word, speech) वर्ग — वग्ग (chapter, section; all chapter headings) व्रण — वन (wound, sore) वन — वन (forest, jungle (of desires)) विजान — विजान (understanding, knowing) विज्ञान — विन्नान (cognition, consciousness, one of the five khandhas) वीर्य — विरिय (vigor, energy, exertion) चार आर्य सत्य चत्वारि आर्यसत्यानि — चत्तारि अरियसच्चानि (four noble truths) 1) दुःख — दुक्ख 2) समुदय — समुदय (origin, cause of ill) 3) निरोध — निरोध (destruction of ill, cessation of ill) 4) मार्ग — मग्ग (road, way) आर्याष्टांग मार्ग — अरिय अट्ठांगिक मग्ग (THE NOBLE EIGHTFOLD PATH) 1) सम्यग्दृष्टि — सम्मदिट्ठि (right insight, right understanding, right vision) 2) सम्यक् संकल्प — सम्मसंकप्प (right aspiration, right thoughts [right thoughts in the Theravada terminology denote the thoughts free from ill will, hatred, and jealousy) 3) सम्यग्वाक् — सम्मवाच (right speech) 4) सम्यक् कर्मान्त — सम्मकम्मन्त (right action) 5) सम्यग्जीव — सम्मजीव (right livelihood, right living) 6) सम्यग्व्यायाम — सम्मवयाम (right effort) 7) सम्यक्स्मृति — सम्मसति (right memory, right mindfulness) 8) सम्यक्समाधि — सम्मसमाधि (right concentration) Pali Bhasha In HindiGkExams on 15-02-2019 पालि शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बंध में विद्वानों के नाना मत पाए जाते हैं। किसी ने इसे पाठ शब्द से तथा किसी ने पायड (प्राकृत) से उत्पन्न करने का प्रयत्न किया है। एक जर्मन विद्वान् मैक्स वैलेसर ने पालि को 'पाटलि' का संक्षिप्त रूप बताकर यह मत व्यक्त किया है कि उसका अर्थ पाटलिपुत्र की प्राचीन भाषा से है। इन व्युत्पत्तियों की अपेक्षा जिन दो मतों की ओर विद्वानों का अधिक झुकाव है, उनमें से एक तो है पं॰ विधुशेखर भट्टाचार्य का मत, जिसके अनुसार पालि, पंक्ति शब्द से व्युत्पन्न हुआ है। इस मत का प्रबल समर्थन एक प्राचीन पालि कोश अभिधानप्पदीपिका (12वीं शती ई.) से होता है, क्योंकि उसमें तंति (तंत्र), बुद्धवचन, पंति (पंक्ति) और पालि इन शब्दों मे भी स्पष्ट ही पालि का अर्थ पंक्ति ही है। पूर्वोक्त दो अर्थों में पालि के जो प्रयोग मिलते हैं, उनकी भी इस अर्थ से सार्थकता सिद्ध हो जाती है। बुद्धवचनों की पंक्ति या पाठ की पंक्ति का अर्थ बुद्धघोष के प्रयोगों में बैठ जाता है। तथापि ध्वनिविज्ञान के अनुसार पंक्ति शब्द से पालि की व्युत्पत्ति नहीं बैठाई जा सकती। उसकी अपेक्षा पंक्ति के अर्थ में प्रचलित देशी शब्द पालि, पाठ्ठ, पाडू से ही इस शब्द का सबंध जोड़ना अधिक उपयुक्त प्रतीत होता है। पालि शब्द पीछे संस्कृत में भी प्रचलित हुआ पाया जाता है। अभिधानप्पदीपिका में जो पालि की व्युत्पत्ति "पालेति रक्खतीति पालि", इस प्रकार बतलाई गई है उससे भी इस मत का समर्थन होता है। किंतु "पालि महाव्याकरण" के कर्ता भिक्षु जगदीश कश्यप ने पालि को पंक्ति के अर्थ में लेने के विषय में कुछ आपत्तियाँ उठाई हैं और उसे मूल त्रिपिटक ग्रंथों में अनेक स्थानों पर प्रयुक्त 'परीयाय' (पर्याय) शब्द से व्युत्पन्न बतलाने का प्रयत्न किया है। सम्राट् अशोक के भाब्रू शिलालेख में त्रिपिटक के 'धम्मपरियाय' शब्द स्थान पर मागधी प्रवृत्ति के अनुसार 'धम्म पलियाय' शब्द का प्रयोग पाया जाता है, जिसका अर्थ बुद्ध-उपदेश या वचन होता है। कश्यप जी के अनुसार इसी पलियाय शरण से पालि की व्युत्पत्ति हुई। मूल त्रिपिटक में भाषा का कहीं कोई नाम नहीं मिलता। किंतु बुद्धघोष आदि आचार्यों ने बुद्ध के उपदेशों की भाषा को मागधी कहा है। विसुद्धिमग्ग एवं महावंस में इस मागधी को सब प्राणियों की मूलभाषा कहा गया है। उसके स्थान पर पालि शब्द का प्रयोग प्राय: 14वीं शती ई. के पूर्व नहीं पाया जाता। हाँ, बुद्धघोष ने अपनी अट्ठकथाओं में पालि शब्द का प्रयोग किया है, किंतु यह भाषा के अर्थ में नहीं, बुद्धवचन अथवा मूलत्रिपिटक के पाठ के अर्थ में किया है और वह भी प्राय: उस पाठ को अट्ठकथा से भिन्न दिखलाने के लिए। इस प्रकार कहीं उन्होंने कहा है कि इसकी पालि इस प्रकार है, किंतु अट्ठकथा में ऐसा है, अथवा यह बात न पालि में है और न अट्ठकथा में आई है। बुद्धघोष के समय से कुछ पूर्व लिखे गए दीपवंस में तथा उनके पश्चात्कालीन महावंस आदि रचनाओं में भी पालि शब्द का इन्हीं दो अर्थों में प्रयोग किया गया पाया जाता है। इसी अर्थप्रयोग से क्रमश: पालि शब्द उस साहित्य तथा उसकी भाषा के लिए भी किया जाने लगा सम्बन्धित प्रश्नComments KLAhirwar Q on 16-11-2022 KLAHIRWAR घनश्याम on 27-10-2022 आप Sher singh on 01-09-2022 Pali bhasa ke varn Latif patel on 02-08-2021 Agatchat ka pali bhasha me duevachan kya hota hai Raja kumar on 25-09-2020 पालि भाषा कैसे लिखा जाता है Akansha on 31-08-2020 Akansha ka paali me word पाली में बुधधाम on 01-05-2019 पाली भाषा में बुधधनम Akhilesh Kumar bharti on 19-10-2018 Prasad ko Hindi me Kya khaye h Akhilesh Kumar bharti on 19-10-2018 Prasad ko pili me Kya khate h भदन्त सुदत्त बोधी on 28-08-2018 नहाना पाली में बताईये क on 23-08-2018 क पाली भाषा का दूसरा नाम क्या है?पालि भाषा मूलतः मागधी भाषा ही थी। इसके उदाहरण कच्चायन-व्याकरण में देखने को मिलते हैं। मागधी ही मूल भाषा है, जिसमें प्रथम कल्प के मनुष्य बोलते थे, जो ही अश्रुत वचन वाले शिशुओं की मूल भाषा है और जिसमें ही बुद्ध ने अपने धर्म का, मूल रूप से भाषण किया।
पाली का शाब्दिक अर्थ क्या है?पाली के हिंदी अर्थ
कान के नीचे लटकने वाला कोमल मांस-खंड जिसमें छेद करके बालियाँ आदि पहनी जाती हैं। कान की लौ। किसी चीज का किनारा या कोना।
पाली भाषा में कुल कितने अक्षर हैं?इसलिए, वर्तमान में पालि भाषा की वर्णमाला में कुल 41 वण्ण (वर्ण) है. जिनमें 8 सरा (स्वर) तथा 33 ब्यञ्जन (व्यंजन) शामिल है.
पाली और प्राकृत भाषा में क्या अंतर है?पाली और प्राकृत भाषा में अधिकतर समानताएं ही विद्यमान है। दोनों में बहुत कम अंतर है। जैसे- ऊष्म व्यंजनों के प्रयोग में पाली में केवल 'स' का प्रयोग मिलता है। जबकि प्राकृत अलग-अलग क्षेत्रों में कुल मिलाकर श,ष,से तीनों का प्रयोग मिल जाता है।
|