जो नक्शा बनाते हैं वह कौन सा कोर्स है - jo naksha banaate hain vah kaun sa kors hai

नंद राम Updated Mon, 04 Dec 2017 09:46 AM IST

जो नक्शा बनाते हैं वह कौन सा कोर्स है - jo naksha banaate hain vah kaun sa kors hai

देश-विदेश कहीं भी घूमने जाना हो, तो सबसे पहले हम नक्शा (मैप) देखकर उसके लोकेशन, दूरी आदि की जानकारी लेते हैं। कार में कहीं जाते समय रास्ता भटक गए, तो रोड मैप की मदद लेते हैं। पृथ्वी पर मौजूद स्थानों, नगरों, देशों, पर्वत, नदियों, झीलों, मैदानों, वनों आदि की जानकारी नक्शे से ही प्राप्त होती है।

जरा सोचिए, यदि नक्शा न होता, तो कहीं भी आना-जाना कितना मुश्किल होता। आखिर कौन बनाता है यह नक्शा? क्या कहते हैं, इस कला को और इसे बनाने वाले उस कलाकार को? दरअसल, पृथ्वी के सतह के किसी भाग के स्थिति को पैमाने की सहायता से कागज पर लघु रूप में बनाना मानचित्रण (कार्टोग्राफी) कहलाता है। कार्टोग्राफी मानचित्र बनाने और उसके इस्तेमाल करने की कला और विज्ञान है। जो लोग तरह-तरह के नक्शे और चार्ट्स की रेखाचित्र बनाने में माहिर होते हैं, उन्हें 'कार्टोग्राफर' या 'मैप मेकर' कहते हैं।

एक कार्टोग्राफर मैप विकसित और निर्माण करने के लिए उसके साइंटिफिक, टेक्नोलॉजिकल और कलात्मक पहलुओं से जुड़ा होता है। ये सर्वे, एरियल फोटोग्राफ्स, सेटेलाइट इमेजेज के साथ-साथ मैप, चार्ट्स और पृथ्वी के सतह के ड्रॉइंग्स से इक्ट्ठे किए गए डाटा का इस्तेमाल कर नक्शा बनाते हैं। यदि आपको देश-दुनिया के नक्शों को समझने, जानने में दिलचस्पी है, किसी खास क्षेत्र के नेवीगेशन को समझते हैं और उस पर एक मानचित्र बना सकते हैं, तब आपको अपने इस गुण को और ज्यादा निखारने की आवश्यकता है। एक करियर के रूप में कार्टोग्राफी आपके इस गुण को और ज्यादा तराश सकता है।

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Cartography Career: कार्टोग्राफी विज्ञान भी है और कला भी. यदि आप इसे करियर बनाना चाहते हैं तो कार्टोग्राफी में डिप्लोमा प्राप्त कर अपने भविष्य को संवार सकते हैं. कमाई भी अच्छी होगी. जानें इसमें कोर्स, संस्थान और करियर स्कोप के बारे में.

जो नक्शा बनाते हैं वह कौन सा कोर्स है - jo naksha banaate hain vah kaun sa kors hai

कार्टोग्राफी में बना सकते हैं बेहतर भविष्य, बढ़ेगी कार्टोग्राफर्स की मांग (फोटो - सांकेतिक)

All about Cartography career in hindi: आजकल पढ़ाई पूरा होते ही झटपट नौकरी दिलाने वाले कोर्स की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ा है. कार्टोग्राफी एक ऐसा ही कोर्स है जिसे पूरा करते ही नौकरी लग जाती है. दरअसल मैप बनाने की कला को कार्टोग्राफी कहा जाता है और इस काम को अंजाम देने वाले को कार्टोग्राफर (Cartographer) कहते हैं. घर बनाने से लेकर बड़े-बड़े बिज़नेस सेंटर के निर्माण के लिए नक्शा तैयार करना या करवाना पड़ता है. ट्रैवल प्लानिंग हो या टाउनशिप प्लानिंग, ऐसे कई काम में मैप की जरूरत पड़ती है. कार्टोग्राफर या मैप मेकर (Map Maker) तरह-तरह के नक्शे और चार्ट्स के जरिए मुश्किल आंकड़ों और जटिल तथ्यों को आसानी से समझा देता है. इससे समय की काफी बचत होती है.

एक कार्टोग्राफर जटिल से जटिल तथ्यों को मानचित्र, चार्ट्स, आरेख के माध्यम से प्रस्तुत करके सरल और सुस्पष्ट बनाता है. मैप बनाने में डिजाइन, लेआउट, स्केचिंग, एडिटिंग, प्रिंटिंग जैसे अनेक पहलुओं पर कार्टोग्राफर को दिमागी कसरत करनी पड़ती है. आजकल हवाई फोटोग्राफी, रिमोट सेंसिंग, इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर आदि का प्रयोग कार्टोग्राफी में होने लगा है.

कार्टोग्राफी का दायरा बहुत बड़ा है. इस क्षेत्र में कई नई शाखाएं विकसित हुई हैं. इनमें प्राकृतिक मानचित्र, सांख्यकीय मानचित्र, वैज्ञानिक मानचित्र, थीमेटिक मानचित्र, राजनीतिक मानचित्र और जलवायु मानचित्र के अलावा वितरण व समाचार पत्र संबंधी मानचित्र कला विशेष महत्त्व के हैं. कार्टोग्राफी का संबंध मुख्य रूप से भूगोल (Geography), इकोनॉमिक्स (Economics) और सांख्यिकी (Statistics) से है. यदि आपकी दिलचस्पी इन विषयों में है और आप नवीन जानकारियां एकत्र करने में रुचि रखते हैं तो कार्टोग्राफी एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है. आप कार्टोग्राफी में डिप्लोमा कोर्स के बाद तुरंत नौकरी पा सकते हैं.

Jobs in Cartography: कहां मिलगी नौकरी?

एक प्रोफेशनल कार्टोग्राफर के लिए नौकरी की ढेर सारी संभावनाएं हैं. तकनीक और सभ्यता के विकास के साथ-साथ कार्टोग्राफर की मांग लगातार बढ़ रही है. एक कार्टोग्राफर पब्लिक सेक्टर के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी काम कर सकता है. सरकारी विभागों के अलावा कई प्राइवेट संस्थाएं मैप्स आदि बनाने का काम करती हैं. आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में कार्टोग्राफर की मांग हमेशा बनी रहती है.

कार्टोग्राफी कोर्स करने के बाद मैपिंग असिस्टेंट, जीआईएस कार्टोग्राफी असिस्टेंट, जीआईएस एनालिस्ट कोऑर्डिनेटर, मैपिंग साइंटिस्ट, प्रोफेसर, टेक्निकल सपोर्ट एनालिस्ट, जीआईएस सेल्स मैनेजर, इंटरनेट प्रोडक्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एप्लीकेशन प्रोग्रामर जैसे पदों पर नौकरी करने का अवसर मिलता है. केंद्र तथा राज्य सरकारों के अंतर्गत जनगणना विभाग, भू-सर्वेक्षण विभाग, टाउन प्लानिंग, टूरिज्म विभाग में भी कार्टोग्राफर को आकर्षक वेतनमान पर नियुक्त किया जाता है.

Cartography Eligibility: कोर्स के लिए अनिवार्य योग्यता

इस पाठ्यक्रम में प्रवेश की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक (कम से कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ) है. ध्यान देने योग्य है कि इकोनॉमिक्स और जियोग्रफी से ग्रेजुएट छात्रों को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है. एमए या एमएससी उत्तीर्ण छात्र भी चाहें तो इस पाठ्यक्रम में प्रवेश पा सकते हैं. अलग-अलग संस्थानों में प्रवेश संबंधी सूचनाएं समय-समय पर समाचार पत्रों या वेबसाइट के माध्यम से प्रकाशित होती रहती हैं.

हाल के दिनों में कुछ संस्थानों ने एक साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की है. यदि आप 12वीं के बाद कार्टोग्राफी करना चाहते हैं, तो किसी संस्थान से कार्टोग्राफी में डिप्लोमा लेकर किसी संस्था से जुड़ सकते हैं. कई शिक्षण संस्थान कार्टोग्राफी या इससे संबंधित क्षेत्र में स्नातक के पाठ्यक्रमों का संचालन करते हैं. इसके अलावा कार्टोग्राफी में मास्टर डिग्री भी होती है.

Salary in Cartography: कितना होगा वेतन

एक साल के डिप्लोमा कोर्स करने वाले कैंडिडेट को शुरुआत में 25,000 से 30,000 रुपये तक का मासिक वेतन मिलता है. एक अनुभवी कार्टोग्राफर को हर महीने 50,000 से एक लाख रुपये या फिर उससे भी अधिक का सैलरी पैकेज मिल जाता है. अगर नौकरी किसी मल्टीनेशनल कंपनी या विदेश में लगती है तो सालाना पैकेज कई गुना अधिक हो सकता है. एक अमेरिकी संस्था ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक वर्ष 2024 तक कार्टोग्राफी के क्षेत्र में 29 फीसदी ग्रोथ की संभावना है.

Top Institutes for Cartography: प्रमुख संस्थान

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई – जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया नगर, दिल्ली – अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश – पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ – उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना – अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई, तमिलनाडु – एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ जियोइंफॉर्मेटिक्स एंड रिमोट सेंसिंग, नोएडा

फिलहाल देश में कार्टोग्राफी में प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की संख्या बहुत अधिक नहीं है. इन संस्थानों में दाखिले के अपने अलग-अलग नियम हैं. इसलिए अच्छा होगा कि आप संबद्ध संस्थान की वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें.

नक्शा बनाने वाले को क्या कहा जाता है?

जो लोग तरह-तरह के नक्शे और चार्ट्स की रेखाचित्र बनाने में माहिर होते हैं, उन्हें 'कार्टोग्राफर' या 'मैप मेकर' कहते हैं

नक्शा कितने प्रकार के होते हैं?

भौगोलिक मानचित्र.
स्थलाकृतिक मानचित्र.
भू-कर तथा राजस्व मानचित्र.
नगर और कस्बों के दर्शक मानचित्र.
छावनी मानचित्र.
विविध मानचित्र.

नक्शा तंत्र विज्ञान क्या है?

मानचित्र तथा विभिन्न संबंधित उपकरणों की रचना, इनके सिद्धांतों और विधियों का ज्ञान एवं अध्ययन मानचित्रकला (Cartography) कहलाता है। मानचित्र के अतिरिक्त तथ्य प्रदर्शन के लिये विविध प्रकार के अन्य उपकरण, जैसे उच्चावचन मॉडल, गोलक, मानारेख (cartograms) आदि भी बनाए जाते हैं।

इंडिया के मैप को क्या कहते हैं?

भारत का मानचित्र (नक्शा) | इंडिया मैप | Bharat ka Naksha in hindi.