पहले मैच में धोनी का स्कोर कितना था - pahale maich mein dhonee ka skor kitana tha

नई दिल्ली: टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) क्रिकेट में अपने अच्छे प्रदर्शन से सभी फैंस का दिल जीत लिया। इन्होंने 13 साल पहले बांग्लादेश में आज ही के दिन (23 दिसंबर) वनडे क्रिकेट में अपने इंटरनैशनल करियर का आगाज किया था। आइए जानते है धोनी के क्रिकेट करियर का सफर -

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धोनी के क्रिकेट करियर का ट्रनिंग प्वांइट

धोनी क्रिकेट करियर शुरुआत करते हुए 2003-04 में इंडिया A की तरफ किया था। यह टूर धोनी के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। केन्या दौरे पर केन्या, भारत A और पाकिस्तान A के बीच खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में धोनी ने शानदार रन किए। यहां खेली गईं 6 पारियों में माही ने 2 शतक समेत कुल 362 रन बनाए। धोनी की इस परफॉर्मेंस से टीम इंडिया के उस वक्त के कैप्टन सौरव गांगुली बहुत प्रभावित हुए और इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका मिला।

डेब्यू मैच में धोनी ने बनाया था '0' रन

महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी पहली इंटरनैशनल पारी में 0 रन बनाए थे। इन्होंने अपनी इंटरनैशनल पारी  बांग्लादेश के खिलाफ की और पहले मैच में 7वें नंबर पर खेलने उतरे और वह पहली ही बॉल पर रन आउट हो गए।

धोनी ने 5वें वनडे में ही किया कमाल

विशाखापत्तनम के मैदान पर 2004-05 में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी अपने करियर का 5वां मैच ही खेल रहे थे कि उन्हें नंबर 3 पर बैटिंग करने गए। धोनी ने 148 रन की पारी खेल कर नया कीर्तिमान रच दिया। इस मैच में धोनी ने 15 चौके और 4 छक्के जमाए। इस पारी के बाद धोनी ने क्रिकेट में अपना नया मुकाम बना लिया। 

वनडे के बाद टेस्ट में मौका

वनडे क्रिकेट में एक साल तक शानदार खेल दिखाने के बाद साल 2005 में धोनी को टेस्ट टीम में खेलने का मौका मिल गया। 

वनडे और टैस्ट मैच में मिल गई थी कप्तानी

इसके बाद T20 क्रिकेट शरू हुआ और धोनी को इसका कप्तान चुना गया। धोनी ने अपनी कप्तानी में पहला ही टी20 विश्व कप भारत की झोली में डाल दिया। इसके बाद धोनी को वनडे और फिर टैस्ट टीम की कप्तानी भी मिल गई।

183* है धोनी का सर्वश्रेष्ठ स्कोर

साल 2005 में श्री लंका के खिलाफ जयपुर में खेले गए एक मैच में भारतीय टीम 299 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। इस मैच में धोनी को नंबर 3 पर बैटिंग करने के लिए भेजा गया। धोनी ने यहां ताबड़तोड़ बैटिंग कर 145 गेंदों पर नाबाद 183 रन बनाकर भारत को मैच जिता दिया। यह दुनिया के किसी भी विकेटकीपर बैट्समैन द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। 

टेस्ट में भी शानदार रहे धोनी

धोनी ने 2014 में अपने टैस्ट करियर को अलविदा कह दिया। अपने 9 साल के टेस्ट करियर में धोनी ने 90 टेस्ट मैच खेले और 38 के औसत से रन बनाए। टेस्ट में धोनी का सर्वाधिक स्कोर 224 रन है, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2013 में बनाया था। इसके अलावा उन्होंने विकेट के पीछ 256 कैच लपके और 38 स्टंप अपने नाम किए। 

अब तक धोनी ने वनडे में बनाए 9898 रन 

सीमित ओवर में भारत के कप्तान धोनी अब तक 312 मैच खेल चुके हैं और करीब 51.55 की औसत से खेल रहे धोनी 9898 रन बना चुके हैं, जिसमें 10 शतक और 67 अर्द्धशतक उनके नाम हैं।

महेंद्र सिंह धोनी

पहले मैच में धोनी का स्कोर कितना था - pahale maich mein dhonee ka skor kitana tha

धोनी जनवरी २०१६ में
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम महेंद्र सिंह धोनी
जन्म 7 जुलाई 1981 (आयु 41)
रांची ,झारखंड ,भारत
उपनाम माही,एमएसडी ,एमएस ,कैप्टन कूल, थाला[1]
कद 1.80 मी॰ (5 फीट 11 इंच)
बल्लेबाजी की शैली दाएं हाथ से
गेंदबाजी की शैली दाएं हाथ से मध्यम गति से
भूमिका विकेट-कीपर ,बल्लेबाज
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी
राष्ट्रीय पक्ष

  • भारत

टेस्ट में पदार्पण (कैप 251)2 दिसम्बर 2004 बनाम पाकिस्तान
अंतिम टेस्ट26 दिसम्बर 2014 बनाम ऑस्ट्रेलिया
वनडे पदार्पण (कैप 158)23 दिसम्बर 2004 बनाम बांग्लादेश
अंतिम एक दिवसीय10 जुलाई 2019 बनाम न्यूजीलैंड
एक दिवसीय शर्ट स॰7
टी20ई पदार्पण (कैप 2)1 दिसम्बर 2006 बनाम दक्षिण अफ्रीका
अंतिम टी20ई22 दिसम्बर 2017 बनाम श्री लंका
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
1999/00–2003/04 बिहार
2004/05–वर्तमान झारखंड
2008–2015 चेन्नई सुपर किंग्स (शर्ट नंबर 7)
2016–2017 राइजिंग पुणे सुपरजायंट (शर्ट नंबर 7)
2018-वर्तमान चेन्नई सुपर किंग्स
कैरियर के आँकड़े
प्रतियोगिताटेस्टवनडेटी२० अंटी२०
मैच90 341 98 302
रन बनाये4,876 11231 1,617 6205
औसत बल्लेबाजी38.09 50.72 37.60 38.54
शतक/अर्धशतक6/33 10/71 0/2 0/24
उच्च स्कोर224 183* 56 84*
गेंद किया96 36 12
विकेट1 1 0
औसत गेंदबाजी31.00
एक पारी में ५ विकेट0 0 0
मैच में १० विकेट0 0
श्रेष्ठ गेंदबाजी1/14
कैच/स्टम्प256/38 314/120 159/78 364/57
स्रोत : ईएसपीएन क्रिकइन्फो, 10 मार्च 2019

महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी) रांची,झारखंड, में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित क्रिकेट खिलाड़ी हैं।[2] वे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान रह चुके हैं[3]। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए।[4] धोनी भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, 2007–08 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज , २०११ क्रिकेट विश्व कप, आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी २०१३ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराया। उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई। 02 सितम्बर 2014 को उन्होंने भारत को 14 साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई।

धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और 2009 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही 2009 में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् 2013 में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने 2014 में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। 14 जुलाई 2018 को, एमएस धोनी चौथे भारतीय क्रिकेटर और ओडीआई क्रिकेट में 10,000 रन बनाने के लिए दूसरे विकेटकीपर बने।

धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने 100 वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय टीम की कप्तानी छोड़ी और 15 अगस्त 2020 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषण कर दी। उन्हें टी-20 विश्व कप 2022 के लिए भारतीय टीम का मेंटर  बनाया गया था[5] ।

निजी जिंदगी[संपादित करें]

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म झारखण्ड के रांची में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम पान सिंह व माता श्रीमती देवकी देवी[6] है उनके पैतृ जहां उनके पिताजी श्री पान सिंह मेकोन कंपनी के जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करने लगे। मेकॉन लिमिटेड यह कंपनी केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र मे आनेवाली कंपनी है। रांची मे पान सिंह और उनके परिवार को रहने के लिए सरकारी निवासस्थान मिला था। धोनी की माता श्रीमती देवकी देवी एक साधारण गृहिणी थीं। धोनी की एक बहन है जिनका नाम है जयंती और एक भाई है जिनका नाम नरेन्द्र है। धोनी का बडा भाई नरेंद्रसिंह राजनीति में कार्यरत है और उनकी बहन जयंती गुप्ता एक शिक्षिका है। पहले धोनी के बाल लम्बे हुआ करते थे जो अब उन्होंने कटवा दिए हैं कारण वे अपने पसंदीदा बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम [7] जैसे दिखना चाहते थे। धोनी एडम गिलक्रिस्ट के प्रशंसक है और बचपन से ही उनके आराध्य है उनके क्रिकेट सहयोगी सचिन तेंदुलकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और गायिका लता मंगेशकर है।

धोनी द ए वी जवाहर विद्यालय मंदिर, श्यामली (वर्त्तमान में जे वी एम , श्यामली, रांची के नाम से जाने जाते है) में पढ़ते थे। धोनी को बैडमिंटन और फुटबॉल इन दोनों खेलों मे विशेष रुचि थी। इंटर-स्कूल प्रतियोगिता में, धोनी ने इन दोनों खेलों में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था जहां उन्होंने बैडमिंटन व फुटबॉल में अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाया जिस कारण वे जिला व क्लब लेवल में चुने गए थे। धोनी अपने फुटबॉल टीम के गोलकीपर भी रहे चुके हैं। उन्हें लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए उनके फुटबॉल कोच ने भेजा था। हालांकि उसने कभी क्रिकेट नहीं खेला था, फ़िर भी धोनी ने अपने विकेट-कीपिंग के कौशल से सबको प्रभावित किया और कमांडो क्रिकेट क्लब के (१९९५—१९९८) में नियमित विकेटकीपर बने। क्रिकेट क्लब में उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें १९९७/९८ सीज़न के वीनू मांकड़ ट्राफी अंडर सिक्सटीन चैंपियनशिप में चुने गए जहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। दसवीं कक्षा के बाद ही धोनी ने क्रिकेट की ओर विशेष ध्यान दिया और बाद में वे एक अच्छे क्रिकेटर बनकर उभरे।

खेल शैली[संपादित करें]

धोनी एक आक्रामक सीधे हाथ के बल्लेबाज और विकेट-कीपर है। धोनी उन विकेटकीपरों में से एक है जिन्होंने जूनियर व भारत के ए क्रिकेट टीम से चलकर राष्ट्रीय दल में प्रतिनिधित्व किया। पार्थिव पटेल,अजय रातरा और दिनेश कार्तिक उन्हीं के दिखाए हुए रास्ते पे चले। धोनी जो अपने दोस्तों में माही के नाम से जाने जाते है। बिहार क्रिकेट टीम में १९९८/९९ के दौरान अपना योगदान दिया और भारत-ए टीम के लिए २००४ में हुए केन्या दौरे का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित हुए। त्रिदेशीय श्रृंखला में पाकिस्तान-ए टीम के खिलाफ धोनी ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर कई शतक बनाये और उस साल के अंत में भारतीय राष्ट्रीय टीम में चयनित हुए।

धोनी ज्यादातर बैकफ़ुट में खेलने के लिए और मज़बूत बॉटम हैण्ड ग्रिप होने के वजह से जाने जाते है, वे बहुत तेज़ गति से बल्ला चलाते है, जिसके कारण गेंद अक्सर मैदान छोड़ जाती है। उनके प्रारम्भिक मुद्रा में ज्यादा संचार नहीं दिखती जैसे गेंद का पीछा करना ,उनके शैली में गेंद का पिच में न आना और इनसाइड एजिंग ज्यादा दिखती है।

२००५ में अपने पाँचवे एक दिवसीय मैचमें पाकिस्‍तान के खिलाफ धोनी ने १४८ रनों की जबर्दस्त पारी खेली थी। ये किसी भारतीय विकेट-कीपर के द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। उस साल के अंत में श्रीलंका के खिलाफ नाबाद १८३* रन बनाकर उसने ना सिर्फ़ ख़ुद का बनाया रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि एक दिवसीय मैचों की दूसरी पारी में बनने वाला अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड भी कायम किया था। सीमित ओवरों के प्रारूप में धोनी की सफलता ने उनका स्थान भारतीय टेस्ट टीम में पक्‍का कर दिया और २००५/०६ के अंत में हुए एक दिवसीय क्रिकेट में अपने अनुकूल प्रदर्शन से धोनी को आईसीसी एक दिवसीय रेटिंग में नम्बर १ बल्लेबाज के रूप में स्‍थापित किया।

इसके बाद धोनी का फॉर्म गिरता रहा जब २००६ में भारत आईसीसी चैम्पियन ट्राफी, डीएलऍफ़ कप और द्विपक्षीय श्रृंखला में वेस्ट इंडीज एवं दक्षिणी अफ्रीका के खिलाफ मैच हार गया। २००७ की शुरुआत में दक्षिणी अफ्रीका एवं वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ धोनी के फॉर्म में वापस आने की बात तब ग़लत साबित हो गई जब भारत २००७ क्रिकेट विश्व कप में पहले ही राउंड में बाहर हो गया। वर्ल्ड कप के बाद धोनी ने द्विपक्षीय एकदिवसीय टूर्नामेंट में बंगलादेश के खिलाफ मैन ऑफ़ द सीरीज़ का खिताब जीता। फिर २००७ में इंग्लैंड दौरे के लिए धोनी को एक दिवसीय टीम का उप-कप्तान बनाया गया।

अच्छे बल्लेबाज़ के रूप में धोनी ने अपनी लड़ाकू शैली को नियंत्रण करने की समझदारी दिखाई और जिम्मेदार पारियां खेली। अपनी चिरपरिचित शैली को छोड़ धोनी ने दो अनोखे और असरदार क्रिकेट स्ट्रोक अपनाए। भारतीय क्रिकेट टीम में अपने प्रवेश से आज तक, धोनी की आक्रामक बल्लेबाजी की शैली, क्षेत्र पर सफलता, व्यक्तित्व और लंबे बालों ने उसे भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खिलाड़ी बना दिया।

घरेलू कैरियर[संपादित करें]

जूनियर क्रिकेट[संपादित करें]

धोनी को १९९८/९९ में बिहार अंडर-१९ में शामिल किया गया था जिसमें इन्होंने ५ मैचों (७ पारियों) में कुल १७६ रन बनाये, पर टीम छह के समूह में चौथे स्थान पर आई थी इसलिए क्वार्टर फाइनल तक नहीं आ पाई। धोनी को पूर्वी क्षेत्र अंडर-१९ दस्ते (सीके नायडू ट्रॉफी) और बाकी भारतीय दस्ते (एम ए चिदम्बरम ट्रॉफी और वीनू मांकड़ ट्रॉफी) के लिए नहीं चुना गया था। बिहार अंडर-१९ क्रिकेट टीम १९९९—२००० के फाइनल में पहुँची जहां धोनी ने बिहार के लिए ८४ रन बनाए थे जबकि टीम ने कुल ३५७ रन बनाए थे। जबकि पंजाब अंडर-१९ टीम ने कुल ८३९ रन बनाए जिसमें युवराज सिंह ने ३५८ रन बनाए थे युवराज सिंह आगे चलकर धोनी के राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी बने। यूवी के ३५८ रनों के सामने धोनी का स्कोर छोटा पड़ गया। पूरे टूर्नामेंट में धोनी ने ९ मैचों में १२ पारियों में कुल ५ अर्द्धशतक ,१७ कैच और ७ स्टम्पिंग भी किये। उन्होंने 1999 -2000 सीज़न के दौरान बिहार क्रिकेट टीम के लिए रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की और दूसरी पारी में नाबाद 68 रन बनाये। उन्होंने अगले सीजन में बंगाल के खिलाफ एक खेल के दौरान अपनी पहली प्रथम श्रेणी की शताब्दी बनाई, लेकिन उनकी टीम ने खेल खो दिया।[8]

इसके बाद सी के नायडू ट्रॉफी के लिए खेले गए ईस्ट जॉन अंडर-१९ मुकाबले में हिस्सा लिया लेकिन वे चार मैचों में केवल ९७ रन ही बना पाए थे जिसके कारण ईस्ट जॉन ने चारों मैचों में हार का सामना करके टूर्नामेंट में अंतिम स्थान प्राप्त किया।

बिहार टीम[संपादित करें]

धोनी जब १८ साल के थे तब १९९९/२००० में इन्होंने बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। वह अपनी पहली मैच में असम टीम के खिलाफ दूसरी पारी में ६८ रनों की लाजवाब पारी खेली थी।[9] धोनी ने ५ मैचों में २८३ रनों के साथ वो सीजन खत्म किया था। बाद में धोनी ने २०००/०१ के सीजन में बंगाल के खिलाफ अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक लगाया। इसके आलावा २०००/०१ सीज़न में धोनी किसी भी मैच में अर्द्धशतक नहीं बना पाये थे।

इसके बाद २००२/०३ के सीज़न में धोनी ने चार रणजी मैच में पांच अर्धशतक बनाए और देवधर ट्रॉफी के अर्न्तगत दो अर्धशतक बनाए, तत्पश्चात उन्हें निचले क्रम के योगदान में अच्छी छवि बनने लगी।

२००३/०४ के सीज़न में असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के पहला एक दिवसीय ट्रॉफी में धोनी ने नाबाद १२८ रन बनाए। वे ईस्ट ज़ोन के अर्न्तगत खेले और उस साल की देवधर ट्रॉफी में उन्होंने चार मैचों में कुल २४४ रन बनाए। दिलीप ट्रॉफी के फाइनल मैच में धोनी को क्रिकेटर दीप दास गुप्ता के जगह ईस्ट जॉन[10] का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया और उन्होंने [11] उस मैच के दूसरी पारी में में एक आक्रामक अर्द्धशतक लगाया था।

भारतीय टीम[संपादित करें]

२००३/०४ के सीज़न में उनके कड़े प्रयास के कारण धोनी को पहचान मिली, खास कर वनडे मैच में उन्हें जिम्बाब्वे व केन्या के लिए भारत ए टीम में चुने गए। हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे इलेवन के खिलाफ धोनी ने ७ कैच और ४ स्टमपिंग किये और अपने विकेट-कीपर होने का हुनर दिखाया। त्रिकोणीय टूर्नामेंट के अर्न्तगत केन्या, भारत ए और पाकिस्तान ए ने भाग लिया जिसमें धोनी ने पाकिस्तान के २२३ रनों का पीछा कर उस मैच में अर्धशतक बनाया और भारत को जीत प्राप्त करने में सहायता की। अपने प्रदर्शन को और मज़बूत करते हुए इन्होंने इसी टूर्नामेंट में १२० व ११९ रन बना कर दो शतक पूरे किए। धोनी ने कुल ७ मैचों में ३६२ रन बनाए जिसमें उनका औसत ७२.४० रहा और इस श्रृंखला में दूसरों के बीच उसके प्रदर्शन पर उस समय के कप्तान सौरव गांगुली का ध्यान गया। तथापि, भारत 'ए' टीम के कोच संदीप मधुसूदन पाटिल ने विकेट-कीपर और बल्लेबाज[12] के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम में जगह के लिए धोनी की सिफारिश की।

एकदिवसीय कैरियर[संपादित करें]

२००४ ०५ में भारतीय क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश का दौरा किया उस दौरे पर राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर में रखा गया ताकि बल्लेबाजी में कोई कमी न आए। भारतीय क्रिकेट में उस समय पार्थिव पटेल व दिनेश कार्तिक जैसे प्रतिभाशाली विकेटकीपर और बल्लेबाज थे जो कि जूनियरों की श्रेणी में आते थे। यह दोनों ही टेस्ट अंडर १९ कप्तान रह चुके थे। हालांकि धोनी ने तब तक अपनी पहचान भारत ए टीम में बना ली थी या कारण उन्हें २००४-०५ में बांग्लादेश दौरे के लिए वनडे टीम में चुन लिया था।

धोनी की एक दिवसीय कैरियर कई शुरुआत कुछ ख़ास नहीं रही और अपने पहले ही मैच में बिना खाता खोले रन आउट हो गए थे। बांग्लादेश के खिलाफ उनका प्रदर्शन अच्छा न होने के बावजूद भी वे पाकिस्तान के खिलाफ वनडे टीम के लिए चुने गए थे। उस श्रृंखला के दुसरे मैच में जो कि धोनी का पाँचवा वनडे मैच था और वह मैच विशाखापत्तनम में खेला गया था में धोनी ने १२३ गेंदों पर शानदार १४८ रनों की पारी खेली थी।[13] १४८ रन बनाकर धोनी ने विकेटकीपर होते हुए एक मैच में सर्वाधिक रन बनाए।[14]

श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला (अक्टूबर-नवम्बर 2005) में धोनी को पहले दो मैचों में बल्लेबाजी के कुछ ही अवसर मिले और सवाई मानसिंह स्टेडियम (जयपुर) में हुए तीसरे एकदिवसीय मैच में तीसरे नम्बर पर उतरने के लिए प्रोत्साहित किया गया था और इस वन डे मैच में महेन्द्र सिंह धोनी ने भारत के लिऐ तिसरे नम्बर पर बल्लेबाजी करते हुऐ 183* रनों की एक शानदार मैैच जिताऊ पारी खेेेली थी||

2007 विश्व कप[संपादित करें]

पहले मैच में धोनी का स्कोर कितना था - pahale maich mein dhonee ka skor kitana tha

2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज मैच के दौरान धोनी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए।

२००७ क्रिकेट विश्व कप मैच पहली बार वेस्ट इंडीज मे होने जा रहा था। २००७ क्रिकेट विश्व कप मैच मे राहुल द्रविड को कप्तान के रूप मे चुना गया था और राहुल द्रविड़ के नेतृत्व मे भारतीय क्रिकेट टीम क्रिकेट के मैदान मे उतरी थी। इस मैच में विश्व की १६ टीमों ने हिस्सा लिया था और इन १६ टीमों को ४ समूहों में विभाजित किया गया था। हर एक टीम बाकी की ३ टीमों के साथ मैच खेलने वाला था। भारत के समूह में श्रीलंका, बांग्लादेश और बर्म्युडा यह देश थे। २००७ क्रिकेट विश्व कप ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश और श्रीलंका के नुकसान के बाद भारत विश्व कप से अप्रत्याशित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। धोनी इन दोनों मैचों में एक वक्त के लिए बाहर था और टूर्नामेंट में केवल 29 रन बनाए। 2007 विश्व कप में बांग्लादेश के नुकसान के बाद, वह घर जो धोनी अपने घर-शहर रांची में निर्माण कर रहा था वह जेएमएम के राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा बर्बाद और क्षतिग्रस्त हो गया था। स्थानीय पुलिस ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की व्यवस्था की क्योंकि भारत पहले दौर में विश्व कप से बाहर निकला था।

धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ 91 * रन बनाकर विश्वकप में अपने निराशाजनक प्रदर्शन किए, भारत को रन-चेस में पहले कड़े स्थान पर छोड़ दिया गया था। धोनी ने अपने प्रदर्शन, वनडे क्रिकेट में अपने चौथे के लिए मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। श्रृंखला के तीसरे गेम को धोने के बाद में उन्हें मैन ऑफ द सीरीज़ भी चुना गया। धोनी के पास एक अच्छा एफ्रो-एशिया कप था, जिसने 39 मैचों में 87 रनों की औसत से 174 रन बनाये, जिसमें तीसरे एक दिवसीय मैच में मैन ऑफ द मैच पारी में 97 गेंदों में नाबाद 139 रन बनाये।

2011 विश्व कप[संपादित करें]

२०११ क्रिकेट विश्व कप में भारत ने बांग्लादेश को हराकर टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत की थी। धोनी ने ग्रुप स्टेज में नीदरलैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत हासिल की। जबकि वे दक्षिण अफ्रीका से हार गए और इंग्लैंड से मैच ड्रा रहा था । भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराया था। फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को हरा कर वर्ल्ड कप अपने नाम किया था[15] | मुंबई में श्रीलंका के साथ अंतिम संघर्ष में धोनी ने भारत को कप उठाने में मदद के लिए 91 * का दस्तक दिया। उन्हें मैन ऑफ द मैच पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कप्तानी छोड़ना और टी 20 आई टीम से बाहर[संपादित करें]

जनवरी 2017 में सीमित ओवरों में धोनी भारत के कप्तान के रूप में नीचे उतरे, इंग्लैंड के खिलाफ घर पर ओडीआई श्रृंखला से ठीक पहले। श्रृंखला के दूसरे गेम में, उन्होंने 122 गेंदों पर 134 रन बनाए, जिसमें युवराज सिंह के साथ चौथे विकेट के लिए 256 रन की साझेदारी शामिल थी। शतक, ओडीआई में उनका दसवां, तीन साल से पहले उनका पहला था।

8 फरवरी 2018 को, धोनी ओडीआई क्रिकेट में 400 शिकार को प्रभावित करने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने, उन्होंने एडेन मार्क्राम के स्टंपिंग के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान इस उपलब्धि को हासिल किया।

२०१८ एशिया कप में धोनी के खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन के बाद, उन्हें वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए भारत टी 20 आई टीम से बाहर कर दिया गया।[16][17][18] दोनों सीरीज के लिए बतौर विकेटकीपर ऋषभ पंत चुने गए।[19]

टेस्ट करियर[संपादित करें]

पहले मैच में धोनी का स्कोर कितना था - pahale maich mein dhonee ka skor kitana tha

श्रीलंका के खिलाफ अपने अच्छे एक दिवसीय प्रदर्शन के बाद, धोनी ने दिसंबर 2005 में दिनेश कार्तिक को भारतीय टीमों के टेस्ट विकेट-कीपर के रूप में बदल दिया। धोनी ने अपने पहले मैच में 30 रन बनाए, जो बारिश से मारा गया था। धोनी क्रीज पर पहुंचे जब टीम 109/5 पर संघर्ष कर रही थी और विकेट उसके चारों ओर गिरते रहे, उन्होंने एक आक्रामक पारी खेली जिसमें वह आखिरी व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया। धोनी ने दूसरे टेस्ट में अपना पहला अर्धशतक बनाया और उनकी तेज स्कोरिंग दर (अर्धशतक 51 गेंदों से बाहर हो गया) ने भारत को 436 का लक्ष्य निर्धारित करने में मदद की और श्रीलंकाई को 247 रनों पर आउट किया गया।

भारत ने जनवरी-फरवरी 2006 में पाकिस्तान का दौरा किया और धोनी ने फैसलाबाद में दूसरे टेस्ट में अपना पहला शतक बनाया। भारत एक कड़े स्थान पर था जब धोनी ने इरफान पठान के साथ जहाज को स्थिर करने की कोशिश की, टीम को अभी भी 107 रनों की जरूरत है ताकि फॉलो-ऑन से बच सके। धोनी ने अपनी स्वाभाविक रूप से आक्रामक शैली में खेला क्योंकि उन्होंने केवल 34 गेंदों में पहले पचास रन बनाने के बाद सिर्फ 93 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया।

टी 20 आई करियर[संपादित करें]

धोनी भारत के पहले ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय मैच का हिस्सा थे। उन्होंने दिसंबर 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआत की। उस मैच में धोनी ने एक रन आउट और विकेट के पीछे एक कैच पकड़ा पर उस मैच में वह एक भी रन नहीं बना सके और लेगबेक्ट का शिकार बने पर भारत वो मैच 6 विकेट से जीत गया था।

18 फरवरी 2018 को, धोनी ने रीज़ा हेन्ड्रिक्स का कैच पकड़ने के बाद पहले टी 20 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 275 टी 20 में 134 कैच लेने का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया; यह रिकॉर्ड पहले कुमार संगकारा के नाम था।

२००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०[संपादित करें]

2007 में पहली बार विश्व टी -20 में भारत का नेतृत्व करने के लिए धोनी को चुना गया था। उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ अपनी कप्तानी की शुरुआत की लेकिन मैच धुल गया। इसके बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 वर्ल्ड कप मे भारत का नेतृत्व किया, जिसमें 24 सितंबर 2007 को भारत ने तीव्र रूप से लड़ाकू फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल की और कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय कप्तान बने, जिन्होंने किसी भी रूप में विश्वकप क्रिकेट जीता[20]।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास[संपादित करें]

महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 15 अगस्त 2020 को संन्यास ले लिया।[21]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी
  • सचिन तेंदुलकर
  • वीरेन्द्र सहवाग
  • विराट कोहली
  • ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Happy Birthday MS Dhoni: 'Captain Cool turns 35 on Thursday". द इंडियन एक्सप्रेस. मूल से 4 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जनवरी २०१७.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अप्रैल 2018.
  3. "MS Dhoni Latest News, Updates in Hindi | महेंद्र सिंह धोनी के समाचार और अपडेट - AajTak". आज तक (hindi में). अभिगमन तिथि 2022-06-24.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "Why M.S. Dhoni's 300 is a rare feat". मूल से 31 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2017.
  5. "महेंद्र सिंह धोनी होंगे T20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के मेंटर, BCCI ने किया ऐलान". आज तक (hindi में). 2021-09-08. अभिगमन तिथि 2022-06-24.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  6. "'Players and Officials". http://content-usa.cricinfo.com/india/content/player/28081.html.
  7. "Besides mane matters..." द हिन्दू. 5 अगस्त 2005. मूल से 26 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2007.
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 सितंबर 2018.
  9. "Scorecard: Assam v/s Bihar 1999/2000 Ranji Trophy Season". Cricinfo. मूल से 13 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2017.
  10. "Pitching it right, and some old familiar faces". Cricinfo. 4 मार्च 2004. मूल से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2007.
  11. "Scorecard: Duleep Trophy Final 2003/2004 Season". Cricinfo. मूल से 13 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2007.
  12. "Sandeep-`I recommended Karthik to the selectors'". क्रिकइंफो. 6 सितंबर 2004. मूल से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2017.
  13. "Highest scores by wicketkeepers". रीडिफ. 6 अप्रैल 2005. मूल से 11 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २६ जनवरी २०१७.
  14. "महेंद्र सिंह धोनी को बिहारी कहकर चिढ़ाते थे साथी खिलाड़ी/". मूल से 28 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2018.
  15. "वर्ल्ड कप 2011: जब 28 साल बाद भारत बना चैम्पियन, धोनी ने दिलाया खिताब". आज तक (hindi में). 2019-06-04. अभिगमन तिथि 2022-06-24.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  16. "MS Dhoni dropped from T20I series against West Indies, Australia". मूल से 27 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2018.
  17. "Dhoni not part of T20I squad to face West Indies and Australia". मूल से 29 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2018.
  18. "अभी भी टी20 क्रिकेट के 'किंग' हैं महेंद्र सिंह धोनी, ये है वजह". मूल से 27 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2018.
  19. "क्रिकेट / धोनी वनडे टीम का अहम हिस्सा, वे ही चाहते थे कि पंत को टी-20 में मौका मिले : कोहली". मूल से 2 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2018.
  20. "जब धोनी की यंग ब्रिगेड ने इतिहास रचा... PAK को धूल चटा T20 वर्ल्ड कप पर किया था कब्जा". आज तक (hindi में). 2021-09-24. अभिगमन तिथि 2022-06-24.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  21. "MS Dhoni retires from all international cricket". www.icc-cricket.com (अंग्रेज़ी में).

बाहरी कड़ियां[संपादित करें]

  • धोनी की आधिकारिक वेबसाइट
  • सीआरआईसीइन्फो वेबसाइट - प्लेयर प्रोफ़ाइल
  • 2005 में धोनी का विशेष साक्षात्कार
  • खिलाड़ी की प्रोफ़ाइल: महेंद्र सिंह धोनी  क्रिकइन्फ़ो से
  • खिलाड़ी की प्रोफ़ाइल: महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट आर्काइव से

धोनी का हाईएस्ट स्कोर कितना है?

धोनी द्वारा बनाया नाबाद 183 रन का स्कोर श्रीलंका के खिलाफ बेस्ट इंडियन स्कोर है। धोनी से पहले यह रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम था, जो कि मई 1999 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में 183 रन बनाकर आउट हो गए थे। धोनी ने नाबाद रहकर यह कीर्तिमान अपने नाम कर लिया।

धोनी ने अपने पहले मैच में कितने रन बनाए?

धोनी ने अपना पहला टेस्ट मैच 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ चेन्नई में किया था। धोनी ने अपनी डेब्यू टेस्ट पारी में 30 रन बनाए थे।

धोनी ने 183 रन कब बनाए?

दरअसल, 2006 में श्रीलंका की टीम भारत दौरे पर आई थी और इसी दौरान सात मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले के समय भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धौनी के बल्ले से उनके वनडे इंटरनेशनल करियर की सबसे बड़ी पारी निकली थी। एमएस धौनी ने इस मैच में 145 गेंदों में 15 चौके और 10 छक्कों के दम पर नाबाद 183 रन की पारी खेली थी।

धोनी की कप्तानी में कितने मैच जीते?

एमएस धोनी ने टी20 वर्ल्ड कप में बतौर कप्तान सबसे अधिक मैच भी जीते हैं. उन्होंने 33 मैच में कप्तानी की और 20 में जीत दर्ज की.