गैप के बाद ग्रेजुएशन कैसे पूरा करें? - gaip ke baad grejueshan kaise poora karen?

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जगदलपुर2 वर्ष पहले

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  • बीयू के विद्यापरिषद और कार्यपरिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित

बस्तर विवि की ओर से संचालित सभी पाठयक्रमों और कोर्स को पूरा करने के लिए अब समय सीमा तय कर दी गई है। इससे पहले कोर्स को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा नहीं थी विवि की स्थापना के बाद से ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स को कितने समय में पूरा करना है।
ऐसे में दो दिन पहले विद्या परिषद की बैठक में कोर्स को पूरा करने के लिए समय सीमा तय करने का प्रावधान लाया गया। जिसके बाद इस प्रावधान को कार्यपरिषद की बैठक में प्रस्तुत किया गया जहां इस प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। गौरतलब है कि अभी तक यूनिवर्सिटी में कोर्स को पूरा करने के लिए कोई समय का नियम नहीं था ऐसे में कई ऐसे छात्र थे जो 10 साल पहले फर्स्ट ईयर, सेकेंड ईयर पास किए हुए थे। वे अचानक आकर फायनल ईयर की पढ़ाई करने लगे थे।
यूजीसी 5 साल की छूट देता है, यूनिवर्सिटी ने एक साल बढ़ाया: इधर कोर्स को पूरा करने के लिए यूजीसी ने 5 साल का समय दिया हुआ है, लेकिन कार्यपरिषद में प्रस्ताव को पास कर छात्रों को राहत देने के लिए बस्तर यूनिवर्सिटी ने कोर्स को पूरा करने की समय सीमा को 6 साल कर दिया है।

जानिए...बीयू में ऐसा होगा नया नियम
अभी यूनिवर्सिटी ने जो नया नियम लागू किया है उसके अनुसार छात्र को हर कोर्स छह साल में ही पूरा करना होगा। यदि कोई छात्र सेकेंड ईयर दूसरे साल में पूरा कर लेता है और फायनल ईयर छह साल के अंदर पूरा नहीं करता है तो उसे फिर से फर्स्ट इयर और सेकेंड इयर की पढ़ाई पूरी करनी होगी। इस नए नियम का फायदा यह है कि अभी जो छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं और बाद में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने जैसे कामों में लगे होते हैं वे तय समय में ग्रेजुएट हो जाएंगे।

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गैप ईयर हैै तो ऐसे करें एडमिशन की प्‍लानिंग

एक-दो साल के गैप के बाद छात्र यदि ग्रेजुएशन में दाखिला लेना चाहते हैं तो उन्हें एक सटीक रणनीति के साथ कदम बढ़ाना होगा। खासकर अपने विषय में जो भी जानकारी दें, उसका होमवर्क जरूर कर लें। अच्छे अंकों...

गैप के बाद ग्रेजुएशन कैसे पूरा करें? - gaip ke baad grejueshan kaise poora karen?

Pankajसंजीव चन्द,नई दिल्‍लीTue, 09 Jun 2020 06:11 PM

एक-दो साल के गैप के बाद छात्र यदि ग्रेजुएशन में दाखिला लेना चाहते हैं तो उन्हें एक सटीक रणनीति के साथ कदम बढ़ाना होगा। खासकर अपने विषय में जो भी जानकारी दें, उसका होमवर्क जरूर कर लें। अच्छे अंकों के साथ बारहवीं पास होने के बावजूद अधिकतर छात्र किन्हीं कारणों से अपने मनपसंद कोर्स अथवा कॉलेज में दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं। गैप ईयर समाप्त होने के बाद ग्रेजुएशन करने के इच्छुक छात्रों की कोशिश यदि किसी प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला पाने की है तो उन्हें एक पूरी तैयारी और स्पष्ट लक्ष्य के साथ कदम बढ़ाना होता है। 

क्या होता है गैप ईयर ?
यह वह समयावधि है, जब स्टूडेंट अपनी औपचारिक व परंपरागत शिक्षा से एक-दो साल का ब्रेक लेता है और कुछ नया करने का प्रयास करता है। इस गैप का इस्तेमाल वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी से लेकर इंटर्नशिप, नौकरी, यात्रा, कोई नई आर्ट सीखने में कर सकता है। भारत में भी यह चलन पिछले कुछ सालों में लोकप्रिय हुआ है। इस समय का उपयोग छात्र अपने करियर की प्लानिंग और अन्य कई तरह की स्किल हासिल करने में कर रहे हैं।
गैप ईयर के 5 फायदे
-   खुद को जानने का मिलता है मौका
-  कुछ अलग करने का अवसर
-   हासिल होती है अतिरिक्त योग्यता
 करियर की हो सकती है नए सिरे से प्लानिंगआत्मविश्वास मजबूत बनाए रखें
निश्चित रूप से गैप ईयर के बाद दाखिला लेते समय छात्रों के मन में कई तरह की शंकाएं और सवाल होते हैं। कहीं न कहीं उनका आत्मविश्वास भी कई मौकों पर कमजोर होता दिखाई देता है। ऐसे में उन्हें अपना मनोबल बनाए रखते हुए पूरे साल का खाका खींचना होगा। अपने लक्ष्य के प्रति फोकस रहते हुए उन्हें मजबूती से अपनी बात और गैप ईयर की वजहों को सामने रखना होगा। जिसके प्रति उनकी जवावदेही है, उन्हें इस बात से पूरी तरह आश्वस्त कर दें कि उन्होंने गैप ईयर का बेहतर सदुपयोग किया।
छात्रों का नहीं होगा कोई नुकसान
करियर काउंसलर पूजा यादव का कहना है कि सबसे पहले छात्रों को यह बात समझनी होगी कि गैप ईयर से उनको कोई नुकसान नहीं होता है। वह नियमित छात्रों के समान ही आवेदन कर सकते हैं। बस उन्हें दाखिले के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करना होगा। हां, उनके सामने चुनौती इस बात की होती है कि उन्हें हर हाल में अपनी मंजिल तक पहुंचना होता है और वह भी कम समय में। इसके अतिरिक्त गैप ईयर में यदि उन्होंने कोई सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग ली है और उससे संबंधित कोर्स कर रहे हैं तो वह उनके लिए फायदेमंद है। कुछ छात्रों के मन में यह भी शंका होती है कि गैप ईयर के बाद हासिल योग्यता नौकरी पाने में बाधा डालती है, यह बात पूरी तरह से गलत है। इस योग्यता से कोई नुकसान नहीं होता है।  
इन बातों का भी रखें ध्यान-
विद्यार्थी एक साथ दो अलग-अलग कोर्सेज या अलग-अलग कॉलेजों में एक ही कोर्स में दाखिला नहीं ले सकते हैं। यदि किसी तरह से आप दो जगह दाखिला ले लेते हैं तो दोनों जगह से आपका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जोकि एससी, एसटी और ओबीसी कोटे में नहीं आते और जिनके परिवार की आय सालाना आठ लाख से कम है, वे ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ ले सकते हैं। इसमें सभी स्रोतों की आय शामिल होनी चाहिए। 
कटऑफ देखकर करें फैसला
दिल्ली विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध कॉलेजों में कटऑफ के खेल के चलते छात्रों को पहले ही उसका नफा-नुकसान देख लेना चाहिए कि क्या वे कोर्स वाइज कोटे या सीटों के हिसाब से फिट बैठ रहे हैं? यदि वे उस दायरे व आपके हिसाब से फिट बैठ रहे हों, तभी कदम आगे बढ़ाएं अन्यथा किसी अन्य कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने की कोशिश शुरू करें। कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देते हैं तो कुछ इंटरव्यू के आधार पर। कोई भी कॉलेज या विश्वविद्यालय छात्रों को गैप ईयर के बाद दाखिला देने से मना नहीं कर सकता। बस उनकी कुछ कागजी औपचारिकताएं हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी है। 
प्रमाणपत्र तैयार रखें छात्र
गैप ईयर के बाद दाखिला लेने के लिए कॉलेज छात्रों से कई तरह के सर्टिफिकेट मांगते हैं। छात्र ने यदि किसी कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन किया है तो अपने समस्त मूल प्रमाणपत्र मसलन कैरेक्टर सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट व एफिडेविट आदि तैयार रखें। सहूलियत के लिए वे इन प्रमाणपत्रों की दो-दो सेट फोटो कॉपी भी करा लें। छात्र पहले ही इन औपचारिकताओं का पता कर लें। हालांकि कुछ जगहों पर गैप ईयर के बाद आवेदन के फॉर्म में माइग्रेशन और चरित्र प्रमाणपत्र लगाने की जरूरत नहीं है। कॉलेज यह प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन के लिए नहीं लेंगे।
रास्ते कई हैं दाखिला लेने के
करियर काउंसलर गीतांजलि कुमार का कहना है कि गैप ईयर के बाद भी ग्रेजुएशन में दाखिला लेने के कई अन्य रास्ते हो सकते हैं। किन्हीं कारणवश यदि उनका दाखिला रेगुलर कोर्स में नहीं हो सकता तो इससे वे निराश न हों। कॉरेस्पॉन्डेंस, ऑनलाइन, ओपेन स्कूल, सांध्यकालीन स्कूल्स आदि कई ऐसे माध्यम हैं, जिनके जरिये वे आसानी से ग्रेजुएशन में प्रवेश पा सकते हैं। इन सबकी अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं, जो कि समय-समय पर अपडेट भी होती रहती हैं। 

एक्सपर्ट्स की मदद

कोर्स चाहे कोई भी हो, उससे संबंधित विशेषज्ञों से उस पर राय लेनी जरूरी है, क्योंकि उनके पास अनुभव की आंखें होती हैं, साथ ही छात्रों को उनके मुकाम तक पहुंचने के लिए स्पष्ट विजन भी। छात्र उनका लाभ उठाते हुए अपनी जानकारियों को मजबूत बना सकते हैं। लॉकडाउन के चलते यदि छात्र उनसे मिल पाने में असमर्थ हैं तो वे मोबाइल फोन, मेल, फेसबुक, वॉट्सएप और ट्विटर आदि के जरिये भी उनसे संपर्क कर सकते हैं। उनको भी आप अपने प्लानिंग से भलीभांति अवगत कराएं, तभी वे आपको सही राय दे सकेंगे।

प्रमुख संस्थान

  •   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) नई दिल्ली वेबसाइट- www.ignou.ac.in

(यहां पर ग्रेजुएशन के साथ-साथ कई प्रोफेशनल व वोकेशनल कोर्स कराए जाते हैं)

  •   दिल्ली विश्वविद्यालय (स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग), नई दिल्ली  वेबसाइट- www.sol.du.ac.in

(ग्रेजुएशन लेवल जैसे बीए व बीकॉम सहित अन्य सर्टिफिकेट कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं)

  •   इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद  वेबसाइट- www.aaidudec.ac.in

(यहां पर ग्रेजुएशन के साथ-साथ कई प्रोफेशनल एवं वोकेशनल कोर्स भी कराए जाते हैं)


एक्सपर्ट व्यू
एक रिसर्च कहती है कि गैप ईयर लेने वाले 90 प्रतिशत छात्र समय पर और बेहतर ग्रेड्स के साथ ग्रेजुएशन पूरी कर पाते हैं। गैप ईयर में पढ़ाई के बीच ब्रेक लेकर आप करियर के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं। अच्छे ग्रेड्स और प्रतिस्पर्धा का दबाव छात्र को पढ़ाई से हटकर कुछ और करने और अपने असली पैशन को जानने का मौका नहीं देता। वहीं गैप ईयर यह मौका देता है और आपकी परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिविटी को बेहतर बनाता है। छात्र यह ध्यान दें कि 2 अंक प्रतिवर्ष के गैप के हिसाब से कटेंगे। दो साल तक गैप होने पर एफिडेविट से काम चल जाता है और रेगुलर एडमिशन मिलता है जबकि दो साल से अधिक होने पर प्राइवेट मोड में दाखिला मिलता है।
डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, उच्च शिक्षा अधिकारी, मेरठ

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ग्रेजुएशन कितनी बार कर सकते हैं?

आप जितनी बार चाहें ग्रेजुएशन कर सकते हैं, परन्तु विषयों में बदलाव करके। संकाय में बदलाव करके भी आप पुनः ग्रेजुएशन कर सकते हैं

कॉलेज ग्रेजुएशन कैसे करें?

एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए आपके पास आपकी पासपोर्ट साइज की लेटेस्ट रंगीन फोटो और 12वीं क्लास की मार्कशीट होनी चाहिए। फार्म भरने के पश्चात आपको उस फॉर्म को कॉलेज में जाकर के जमा कर देना है। इस प्रकार से डिस्टेंस लर्निंग के जरिए आप ऑनलाइन ग्रेजुएशन हेतु आवेदन कर सकते हैं।