मृत शरीर भारी क्यों हो जाता है? - mrt shareer bhaaree kyon ho jaata hai?

Updated: | Mon, 07 May 2018 03:31 PM (IST)

नई दिल्ली। इस दुनिया में मौत शाश्वत है। जिस व्यक्ति, जीव ने जन्म लिया है, उसका मरना तय है। मौत के बाद की दुनिया क्या है, इस बारे में कई बार पढ़ने-सुनने को मिलता है लेकिन मौत के तुरंत बाद से मृत शरीर में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, यह जानना भी रोचक है। मौत के तुरंत बाद से शरीर में कई ऐसे बदलाव होते हैं जो जानने योग्य हैं।

मौत किसी भी कारण से हो सकती है किसी की नेचुरल डेथ होती है, कोई एक्सीडेंट से तो कोई हत्या की वजह से दुनिया से असमय अलविदा कह देता है। मौत का तरीका कुछ भी हो लेकिन मौत के वक्त भी शरीर में कई बदलाव होते हैं। मरते समय इंसान का दिल धड़कना बंद कर देता है और इंसान तेजी से सांसें लेना शुरू कर देता है। खून का दौड़ना बंद हो जाता है जिससे कान ठंडे हो जाते हैं। खून में एसिडिटी बढ़ जाती है और गले में कफ जमा हो जाता है जिससे सांस लेते हुए खड़-खड़ जैसी आवाज आने लगती है। फिर फेफड़े और दिमाग भी काम करना बंद कर देते हैं।

सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसके शरीर के रंग में परिवर्तन होने लगता है। रंग तेजी से बदलता है। कारण यही है कि मौत हो जाने पर ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है। ब्लड सर्कुलेशन रुकते ही खून पानी में बदलता है और शरीर का रंग नीला पड़ने लगता है।

मृत शरीर भारी क्यों हो जाता है? - mrt shareer bhaaree kyon ho jaata hai?

मौत के बाद शरीर फूलने भी लगता है। इसका कारण यह है कि शरीर के अंदर ऐसे सूक्ष्म जीव भी होते हैं जो किसी की मौत के बाद भी शरीर में जीवित रहते है। इनमें पैरासाइटिक भी होते है। ये पैरासाइटिक वो हैं जो कि भोजन को पचाने में मदद करते है। मौत के बाद भी ये आंतों में जीवित रहते हैं और अपना काम करते रहते हैं। इस वजह से शरीर में गैस बनती है और मौत के बाद शरीर फूलने भी लगता है।

मौत के बाद बालों और नाखूनों के बढ़ने की भी बातें होती है। कई धर्मों में मौत के बाद शरीर को दफन किया जाता है और ऐसी चर्चाएं भी होती हैं कि शव के बाल पहले से लंबे हो गए है लेकिन ये बात पूरी तरह सच नहीं है। यह कुछ हद तक ही बढ़ सकते लेकिन ऐसा प्रतीत होने का मुख्य कारण त्वचा के खिंच जाने के कारण महसूस होता है कि बाल बढ़ गए हैं। वहीं मौत के बाद नाखूनों के बढ़ने की बातें भी सामने आती हैं। इसका भी यही कारण है कि त्वचा के खिंचाव के कारण नाखून बढ़े हुए दिखाई देते है।

आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि मौत के बाद भी मृत व्यक्ति की त्वचा के कई सेल्स काम करते रहते हैं। कई सेल्स कुछ दिन में मर जाते हैं लेकिन कुछ सेल्स कुछ दिन तक जीवित रह सकते हैं।

आपको यह जानकर भी अचंभा होगा कि मरने के बाद भी मृत शरीर से मूत्र विसर्जन होता है। इसका कारण यह है कि ब्लड सर्कुलेशन रुकने से मांसपेशियों में कड़कपन आ जाता है। इसके कुछ समय के बाद जब वो लचीला पड़ने लगती है तो उस दौरान मूत्र उत्सर्जन की क्रिया होती है। इस प्रक्रिया में इसी तरह से वीर्य का स्त्राव भी होने लगता है।

Posted By:

  • Font Size
  • Close

  • # Death
  • # weird things that happen after you die
  • # Body After Death
  • # india news

Facts About Death: मौत एक ऐसी सच्चाई है, जिसका सामना हर किसी को करना पड़ता है। इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाला कोई भी जीव इससे नहीं बच सकता। कहा जाता है कि जो जन्मा है उसे एक दिन मरना ही है, चाहे वो मनुष्य के रूप में अवतार लेने वाले भगवान ही क्‍यों न हों। यह हो गई मृत्‍यु की बात, अब हम बात करते हैं मृत्‍यु के बाद शरीर के साथ होने वाले क्रियाओं की।

मृत्‍यु के समय होने वाला बदलाव
वैज्ञानिकों के अनुसार मृत्यु का क्षण वो होता है, जब दिमाग काम करना बंद कर दे और दिल की धड़कन और सांस रुक जाएं, डॉक्टर इसे अपनी भाषा में ब्रेन डेड कहते हैं, वहीं आम भाषा में इसे मौत कहा जाता है। ब्रेन डेथ की बारे में यह देखा जाता है कि दिमाग का हिस्सा ब्रेन स्टेम (brainstem) रिस्पांस दे रहा है या नहीं। यह जांच कानूनी रूप से मृत्यु की घोषणा करने से पहले की जाती है। व्यक्ति की मौत की पुष्टि होने के बाद भी शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं।

मृत्‍यु के 1 घंटे के अंदर होने वाला बदलाव
मौत के बाद शरीर की सभी मसल्स रिलैक्स हो जाती हैं जिसे मेडिकल की भाषा में प्राइमरी फ्लेक्सिबिलिटी (primary flexibility) कहा जाता है। इससे पलकें अपना तनाव खो देती हैं, पुतलियां सिकुड़ जाती हैं, जबड़ा खुल जाता है और शरीर के जोड़ और अंग लचीले हो जाते हैं। मांसपेशियों में तनाव के नुकसान से त्वचा ढीली हो जाती है। वहीं हृदय-रुकने के कुछ मिनटों के भीतर पेलोर मोर्टिस (pelor mortis) नामक प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे शरीर गुलाबी पड़ने लगता है क्योंकि इस प्रक्रिया में त्वचा की छोटी नसों की रक्त नालियों में पले 2 बढ़ने लगता है।
इसे भी पढ़ें: Interesting Facts: क्‍यों दिखाई देता है आसमान दोपहर को नीला और सुबह शाम को सुनहरा? जानें तथ्य

शरीर पड़ने लगता ठंडा
शरीर का सामान्य तापमान 37 सेल्सियस (98.6 फारेनहाइट) होता है, मृत्‍यु के बाद यह गिरने लगता है, यह तब तक गिरता है, जब तक यह आसपास के परिवेश के तापमान तक नहीं पहुंच जाता। इसे एल्गार मोर्टिस (Algar Mortis) या 'डेथ चिल' के रूप में जाना जाता है। तापमान पहले घंटे में 3 से 2 डिग्री सेल्सियस और इसके बाद हर घंटे में 1 डिग्री गिरता है। मांसपेशियों के रिलैक्स होने से कई बार शरीर से मल-मूत्र निकल सकता है।

2 से 6 घंटे के बीच होने वाला बदलाव
मृत्‍यु के बाद जब दिल काम करना बंद कर देता है और रक्त पंप नहीं करता, तो भारी लाल रक्त कोशिकाएं गुरुत्वाकर्षण (gravity) की क्रिया से सीरम के माध्यम से डूब जाती हैं। इस प्रक्रिया को लिवर मोर्टिस (liver mortis) कहा जाता है, जो 20-30 मिनट के बाद शुरू हो जाता है। वहीं मृत्यु के 2 घंटे बाद तक मानव आंखों द्वारा देखा जा सकता है। इससे जिससे त्वचा की बैंगनी लाल मलिनकिरण हो जाती है। वहीं मृत्यु के बाद तीसरे घंटे से शरीर की कोशिकाओं के भीतर होने वाले रासायनिक परिवर्तन से सभी मांसपेशियां कठोर होने लगती हैं, जिसे रिगर मोर्टिस (Riger Mortis) कहते है। इसे मृत्यु का तीसरा चरण कहा जाता है। इससे शव के हाथ-पैर अकड़ने लगते है। सबसे पहले प्रभावित होने वाली मांसपेशियों में पलकें, जबड़े और गर्दन शामिल हैं। इसके बाद चेहरे और छाती, पेट, हाथ और पैर प्रभावित होते हैं।
इसे भी पढ़ें: Interesting Facts: ये हैं भारत के 7 अजूबे, क्या आप जानते हैं इनसी जुड़ी रोचक बातें

7 से 12 घंटे में होने वाला बदलाव
रिगर मोर्टिस क्रिया के कारण शरीर की लगभग सभी मांसपेशियां 12 घंटे के अंदर कठोर हो जाती हैं। इस बिंदु पर, मृतक के अंगों को हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में घुटने और कोहनी थोड़े लचीले हो सकते हैं, वहीं हाथ व पैर की उंगलियां असामान्य रूप से टेढ़ी हो सकती हैं।

12 घंटे बाद शरीर में बदलाव
सेल्स और भीतरी टिश्यू के भीतर निरंतर रासायनिक परिवर्तनों के कारण मांसपेशियां पूरी तरह से ढीली हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को सेकंड्री फ्लेसीडिटी के रूप में जाना जाता है। इस बिंदु पर शरीर की त्वचा सिकुड़ने लगती है और यह भ्रम पैदा होता है कि बाल और नाखून बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में सबसे पहले पैर की उंगलियां प्रभावित होना शुरू होती हैं 48 घंटे के भीतर चेहरे तक का हिस्सा प्रभावित होता है। इसके बाद शरीर गलने लगता है।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

मरने के बाद शरीर भारी क्यों हो जाता है?

कारण यही है कि मौत हो जाने पर ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है। ब्लड सर्कुलेशन रुकते ही खून पानी में बदलता है और शरीर का रंग नीला पड़ने लगता है। मौत के बाद शरीर फूलने भी लगता है। इसका कारण यह है कि शरीर के अंदर ऐसे सूक्ष्म जीव भी होते हैं जो किसी की मौत के बाद भी शरीर में जीवित रहते है।

क्या मृत्यु का समय टल सकता है?

मृत्यु सत्य है, मृत्यु अटल है. मौत को कोई भी नहीं टाल सकता. धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य की मौत निश्चित है. जिस तरह गर्भ में पलने वाला एक बच्चा कई स्टेज से गुजरते हुए जन्म लेता है, ठीक इसी तरह मृत्यु को प्राप्त होने से पहले भी एक मनुष्य को कई स्टेज से गुजरना होता है.

मृत्यु के लक्षण क्या है?

मरने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत व्‍यक्ति की जीभ काम करना बंद कर देती है, उसे स्‍वाद आना कम होने लगता है. बोलने में दिक्‍कत होती है. - मौत निकट हो तो व्‍यक्ति को सूर्य-चंद्रमा का प्रकाश दिखना बंद हो जाता है. - मौत से पहले व्‍यक्ति के शरीर में हल्‍का पीलापन या कई बार सफेदी दिखने लगती है.