मनोरंजन मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा है। मनोरंजन हमें कुछ नया और किसी कार्य को पूरा करने में मदद करता है। दिन भर की थकान के लिए जैसे कोई दवाई है मनोरंजन। मनोरंजन बिना जीवन ऐसा है जैसे पेट्रोल बिना गाड़ी, इसलिए आगे बढ़ने के लिए मनोरंजन चाहिए ही। मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध में हम आपको देंगे इसके बारे में विस्तार से जानकारी। मुझे मनोरंजन काफी पसंद है, जब भी मैं किसी काम से फ्री होता हूँ तो मैं मनोरंजन के तरीके ढूंढ़ता हूँ। मनोरंजन का अर्थ है ‘मन को खुश रखना’, जब आप किसी काम को पूरा कर थक जाते हो तब आपको मनोरंजन ही ताजगी से भर देता है। मनोरंजन का जीवन में महत्व उतना
ही महत्वपूर्ण है जितना आपके जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना। कोई अपनों से दूर रहता है, तो वो मनोरंजन की शरण लेकर बोरियत से दूर रह सकता है। मनोरंजन का महत्व किसी अनमोल गिफ्ट से कम नहीं है। मनोरंजन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. मनोरंजन एक तरह से संजीवनी बूटी की तरह ही है। मनोरंजन होने से जीवन को जीने में मजा आता है और आप उस समय को बिना किसी परेशानी के काट लेते हैं। आपका मन इससे शांत रहता है जिससे नए-नए विचार उत्पन्न होते हैं। मनुष्य काम या पढ़ाई इ वजह से दिन भर की थकान कम करने के लिए मनोरंजन का सहारा लेता है। मनोरंजन के बिना जीवन बस समय काटने वाली बात है। दिल बहलाने के लिए मनोरंजन ही आखिरी में काम आता है। इससे आपके शरीर मे स्फुर्ति आती है और कार्य करने की
क्षमता बढ़ती है। पहले के समय मे आज जितने मनोरंजन के साधन है, तब नही थे। फिर भी उनके साधन जो थे, उनका प्रयोग आज भी किया जाता है। मनोरंजन के साधन समय के साथ काफी बदले हैं। आज के युग मे मनोरंजन के नए व आधुनिक साधन हैं। रेडियो, टेलीविजन और चित्रपट आज के श्रेष्ठ मनोरंजन के साधन है। लेकिन कुछ मनोरंजन ऐसे हैं जिनके लिए घर से बाहर जाना पड़ता है जैसे क्रिकेट, टेनिस, सर्कस, थियेटर, फुटबॉल आदि. घर बैठे मनोरंजन के लिए आज बहुत तरीके हैं इनमें टीवी, वीडियो, लेखन कार्य, चेस, पेंटिंग जैसे कई तरीके। इंटरनेट ने
सबसे बड़ा रोल निभाया है मनोरंजन के मज़े को आगे बढ़ाने में। जब टीवी नया-नया आया था तब इसने लोगों को मनोरंजन क्या होता है वो बताया था। पिछले कुछ समय से प्रसिद्द हुए, स्मार्ट टीवी ने मनोरंजन को एक नई उचाई दी। लोगों के लिए मनोरंजन के मायने अलग हैं, कुछ को पढ़ना, खेलना, गाना, नाचना आदि मनोरंजन लगते हैं। बड़े-बूढ़ों के लिए धार्मिक ग्रंथ या कोई सीरियल देखना उन्हें मनोरंजन का आनंद देता है। कुछ सेहतमंद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर व्यायाम को मनोरंजन मानते हैं। मनोरंजन आपके जीवन का हिस्सा है, आप उसे
अपने हिसाब से कैसे भी तय कर सकते हैं। आपका जैसा भी मन हो चाहे ख़ुशी, उदासी, उत्सुकता आदि, एक बार आप अपनी पसंद की चीज़ कर लेंगे वो ही आपके लिए मनोरंजन है। मनोरंजन से आपका मन शांत हो रहा है बस यही महत्व रखता है। जब भी मैं कोई काम कर के ऊब या थक जाता हूँ तो खुद को मनोरंजन की शरण में ले जाता हूँ, उसके बाद मेरा हर काम में मन लगता है। मनुष्य को जीवन
में कुछ चीज़ें हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है और मेहनत के बाद थकान होना स्वाभाविक है। मेहनत के अलावा व्यक्ति को अपने करियर या पढ़ाई की भी चिंता रहती है जिससे दूर जाने के लिए वह मनोरंजन का सहारा लेता है। मनोरंजन से थके हुए मन को सुकून और सहारा मिलता है, एक नई स्फूर्ति मिलती है और कुछ पल के लिए व्यक्ति थकान एवं चिंता को भूल जाता है। आदिम काल से ही मनुष्य को मनोरंजन की ज़रूरत पड़ी है। जीवन संघर्ष से थका मानव ऐसा साधन ढूँढ़ना चाहता है जिससे उसका तन-मन दोनों ही थकावट से दूर
हो जाएं और वह नई उर्जा से भर जाए। मनोरंजन के बिना किसी काम में उसका मन नहीं लगता है और न व्यक्ति को कार्य में सफलता मिलती है। ऐसे में मनोरंजन की आवश्यकता ज़रूरी हो जाती है। प्राचीनकाल में न मनुष्य का इतना विकास हुआ था और न मनोरंजन के साधनों का। वह प्रकृति और जानवरों के के पास था। ऐसे में उसके मनोरंजन के साधन भी उन्हीं तक सीमित थे। वह तोता, मैना, तीतर, कुत्ता, भेड़ आदि पशु-पक्षी पालता था और मुर्गे, बकरे, भैंसे आदि को लड़ाकर अपना मनोरंजन किया करता था। वह शिकार करके भी मनोरंजन किया करता था।
इसके अलावा कुश्ती लड़कर, नाटक, नौटंकी, सर्कस आदि के माध्यम से मनोरंजन करता था। त्यौहार तथा अन्य आयोजनों के मौके पर वह गाने-बजाने तथा नाचने के द्वारा खुश होता था। विकास एवं विज्ञान के विस्तार के कारण मनोरंजन भी बदला। लोग थियेटरों में भरपूर मनोरंजन करते हैं। सिनेमा आधुनिक काल का लोकप्रिय मनोरंजन का साधन है। यह सबकी पसंद है। वहीँ स्मार्ट फ़ोन, टीवी ने मनोरंजन को एक नया वरदान दे दिया है. म्यूजिक प्लेयर्स, टेबलेट, कंप्यूटर भी कई वर्षों से मनोरंजन के मज़े बढ़ा रहे हैं। जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है यहाँ मनोरंजन के तरीके और भी निखर के बाहर आ रहे हैं. लेकिन बढ़ती जनसंख्या के कारण ये साधन महँगे हो रहे हैं तथा इनकी उपलब्धता सीमित हो रही है। पहले मनोरंजन के साथ व्यायाम भी हो जाता था मगर पिछले कुछ वर्षों से लोग आराम से बैठ या लेटकर मनोरंजन का लुत्फ़ उठा रहे हैं जिससे उनका शरीर बेडोल हो रहा है। मनोरंजन मानव जीवन के लिए बेहद ज़रूरी है। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मनोरंजन के चक्कर में हम इतने खो जाएँ कि हमारे काम इससे प्रभावित होने लगे और हम आलसी बन जाएं। हमें ऐसी स्थिति से सदा बचना चाहिए। मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध का यह आपको पसंद आया होगा, हमें ऐसी आशा है। ऐसे ही ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Eduपर बने रहिए।
Share this article 15,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today. Essays in Hindi मनोरंजन के साधन क्या है?रेडियो, टेलीविजन और चित्रपट आज के श्रेष्ठ मनोरंजन के साधन है। लेकिन कुछ मनोरंजन ऐसे हैं जिनके लिए घर से बाहर जाना पड़ता है जैसे क्रिकेट, टेनिस, सर्कस, थियेटर, फुटबॉल आदि. घर बैठे मनोरंजन के लिए आज बहुत तरीके हैं इनमें टीवी, वीडियो, लेखन कार्य, चेस, पेंटिंग जैसे कई तरीके।
मनोरंजन के क्या लाभ हैं?अच्छा मनोरंजन हमारी विचार-शक्ति को धार देता है। मनोरंजन के बिना जीवन में कोई भी रंग, ऊर्जा नहीं सकते। जब हम कोई कॉमेडी फिल्म देखते हैं और खुलकर हंसते है तो हमारे शरीर के अंदरूनी तत्व स्वस्थ और मजबूत होते हैं। इसी प्रकार जब हम कोई गम्भीर फिल्म देखते है तो हम भी रोने लगते है जिससे हमारा भी दु:ख व कम कम होता हैं।
मनुष्य मनोरंजन क्यों करता है?मनुष्य का शरीर ऊर्जा का उपयोग विभिन्न मस्तिष्क की क्रियाओं में करता है जिनमें सबसे ज्यादा ऊर्जा का उपयोग तनाव के समय करता है। हमारे शरीर का सबसे ज्यादा ऊर्जा का खपत मस्तिष्क करता है। वह भी तनाव में, तनाव कम करने के लिए अब मनोरंजन का सहारा लेते हैं जिससे हमारा ध्यान बटता है तथा हम आनंदित महसूस करते हैं।
गांव में मनोरंजन का मुख्य साधन क्या है?आज मनोरंजन का मुख्य साधन है- रेडियो । रेडियो पर तरह-तरह के कार्यक्रम तथा मीठी और सुरीली तान सुनकर श्रोता आनंद-विभोर हो उठते हैं । मनोरंजन के साधनों में टेलीविजन का भी प्रमुख स्थान है ।
|